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12 नवंबर 2025

कोंग्रेस की हर महफ़िल की रूह ऐ रवाँ, रौनक़ रहने वाले भाई आबिद कुरेशी को सालगिराह पुरखुलूस दुआओं के साथ मुबारक, बधाई,

कोंग्रेस की हर महफ़िल की रूह ऐ रवाँ, रौनक़ रहने वाले भाई आबिद कुरेशी को सालगिराह पुरखुलूस दुआओं के साथ मुबारक, बधाई,
कोटा में कांग्रेस की कोई भी मीटिंग हो , आंदोलन हो , धरना हो , प्रदर्शन हो , कुरैशी समाज क्या, किसी भी समाज का कोई भी कार्य्रकम हो , या कोई भी फंक्शन हो ,अगर उस में भाई आबिद कुरैशी की मौजूदगी नहीं है , तो सब कुछ सूना सूना सा लगता है , ओर बिन आबिद सब सून कहावत चरितार्थ होती है, लेकिन अगर आबिद कुरैशी की मौजूदगी हो , तो हंसी , ठहाके , टोका ,, टाकी , आवश्यकता पढ़ने पर झूमा झपटी भी ज़रूरी हो जाता है और यही आबिद कुरैशी की ,संघर्ष ,, साफ गोई , ज़िंदादिली ,, कांग्रेस और खासकर शांति कुमार धारीवाल के प्रति समर्पण की मिसाल है , उनकी पहचान है, ,आज कांग्रेस के सचिव ,, कुरैशी समाज के कल्याणकारी कमेटियों में महासचिव ,, कई समाज सेवी संस्थाओं में सक्रिय, आबिद कुरैशी की साल गिराह है , आबिद कुरेशी को उनकी सालगिराह पर पुरखुलूस दुआओं के साथ , उन्हें दिली मुबारकबाद , बधाई ,, ,आबिद कुरैशी को कोटा शहर में कौन नहीं जानता , ,कोटा जिला कांग्रेस कमेटी के सक्रिय पदाधिकारी , सचिव पद पर कार्यरत रहकर यह हमेशा कांग्रेस के हर कार्यक्रम , धरना , प्रदर्शन , बैठक की रूह ऐ रवां रहते हैं , हाड़ोती का एक ही लाल , शान्ति धारीवाल का नारा इन्ही की शुरआत के बाद बा आवाज़ बुलंद होता है , पार्षद का चुनाव हो , विधानसभा के चुनाव हों , लोकसभा के चुनाव हों , आबिद कुरैशी कांग्रेस के पक्ष में मतदान को लेकर , चुनाव प्रचार को लेकर , खुलकर् मैदान में होते है , और इनका संघर्ष वोटर्स के लिए मोटिवेशनल भी साबित होता है , विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं से जुड़कर ,, अपने क्षेत्र के लोगों के , विकास , उनकी ज़रूरतों के वक़्त, दुःख दर्द के वक़्त , उनका हमदर्द बनकर उनकी मदद करना इनका स्वभाव है , हँसते खेलते , आबिदकुरैशी अपने नेता शान्ति कुमार धारीवाल हों , पार्टी के पदाधिकारी हों , जिससे भी इन्हे काम करवाना हो , वोह तत्काल उन्हें आम लोगों की परेशानियां बताकर , उनकी समस्याएं बताकर , निराकरण के हर सम्भव प्रयास करते हैं , आबिद कुरैशी गत बीस वर्षों से भी अधिक समय से , शांति कुमार धारीवाल के विकास और सोंदर्यकरण कार्यों की प्रशंसा करते हैं , उनके कोटा शहर के विकास कार्यों के चलते यह शांति धारीवाल के एक नंबर के वफादार ज़िम्मेदार है , चुनाव हों , चुनाव प्रचार हो , रैली हो , धरना हो , प्रदर्शन हो , कोई संघर्ष हो , गुटबाज़ी हो ,कोई भी विवाद हो , आबिद कुरैशी सबसे पहले इन मामलों में इंसाफ के जंगजू सिपाही होते है , जो शांति धारीवाल उनके पुत्र अमित धारीवाल के पक्ष में खुलकर मुक़ाबला करते है , संघर्ष करते है , और अपनी जान की परवाह किये बगैर इनके लियें , कुछ भी कर गुज़रने को तय्यार रहते है , लेकिन एक तरफ वफादारी , एक तरफ अपने लोगों के लिए , अपने समाज के संघर्ष में यह सो टका खरे साबित होते है , इन मामलों में , अगर इनके नेता भी ना नुकुर करें , या टालमटोल करते हुए नज़र आएं , तो आबिद कुरैशी उनसे खुलकर , आँखों में आँखे डालकर , ज़िद करके , उन्हें पीड़ितों की मदद करने , उनकी समस्या के समाधान के क़दम उठाने के लिए राज़ी करते भी नज़र आते हैं , कांग्रेस संगठन में अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी , उनकी उपेक्षा , उनके प्रतिनिधित्व मामले में गड़बड़ी ,, टिकिट मिलने पर भी , समाज के आधार पर , भीतरघात कर, उन्हें हरा देने की साज़िशों के मामले में भी आबिद कुरैशी ने कई बार कांग्रेस संगठन की बैठक में खुलकर सवाल जवाब किये हैं , मुक़ाबला किया है , टकराव के हालातों में इन मुद्दों पर , चड्डी छाप कोंग्रेसियों से संघर्ष भी किया है , वैसे भी अगर कहीं किसी भी मीटिंग में , किसी भी धरने प्रदर्शन में , आबिद कुरैशी अगर किसी समर्पित कोंग्रेसी कार्यर्कता की उपेक्षा देखते हैं , तो खुलकर बा आवाज़ बुलंद इसका विरोध करने से भी नहीं चूकते ,, आबिद कुरैशी ने घंटाघर , मक़बरा , पाटनपोल ,, चंद्रघटा क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के दौरान गली ,, मोहल्लों में जाकर ज़रूरतमंदो की आवश्यकतानुसार मदद की है , आबिद कुरैशी सभी को ,थर्सटी क्रो,, प्यासे कव्वे की कहानी के ज़रिये मोटीवेट करते नज़र आते है , जिसमे कव्वा कम पानी देखकर निराश नहीं होता , वोह मटके में कंकर , पत्थर डालकर पानी को ऊपर कर लेता है और उस पानी से अपनी प्यास बुझाने में कामयाब होता है ,वोह कहते है , आवश्यकता पढ़ने पर इसी तरह दिमाग से सोच समझकर परेशानी से मुक़ाबला करते हुए , नवाचार करना चाहिए , और थर्सटी क्रो यानी प्यासे कव्वे की तरह हर मुश्किल लम्हे में मुक़ाबला कर खुद को ज़िंदाबाद करना चाहिए , आबिद कुरैशी जो हर दिल अज़ीज़ है , लोगों की ज़रूरत , ज़रूरतमंदों के मददगार , रोतों हुओं को हंसाने का हुनर रखने वाले ,, यारों के यार , कांग्रेस खासकर शांति कुमार धारीवाल साहब के एक नंबर वफादार है , उन्हें उनकी सालगिरह पर बधाई , मुबारकबाद , , ज़िंदाबाद ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

 

अगर हम चाहें तो उन लोगों पर आसमान से कोई ऐसा मौजिज़ा नाजि़ल करें कि उन लोगों की गर्दनें उसके सामने झुक जाएँ

 

26 सूरए अश शुअरा
सूरए अश शुअरा मक्के में नाजि़ल हुआ और इसकी दौ सौ सत्ताइस आयतें और ग्यारह रुकुउ हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरु करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
ता सीन मीम (1)
ये वाज़ेए व रौशन किताब की आयतें हैं (2)
(ऐ रसूल) शायद तुम (इस फिक्र में)अपनी जान हलाक कर डालोगे कि ये (कुफ्फार) मोमिन क्यो नहीं हो जाते (3)
अगर हम चाहें तो उन लोगों पर आसमान से कोई ऐसा मौजिज़ा नाजि़ल करें कि उन लोगों की गर्दनें उसके सामने झुक जाएँ (4)
और (लोगों का क़ायदा है कि) जब उनके पास कोई कोई नसीहत की बात ख़ुदा की तरफ़ से आयी तो ये लोग उससे मुँह फेरे बगै़र नहीं रहे (5)
उन लोगों ने झुठलाया ज़रुर तो अनक़रीब ही (उन्हें) इस (अज़ाब) की हक़ीकत मालूम हो जाएगी जिसकी ये लोग हँसी उड़ाया करते थे (6)
क्या इन लोगों ने ज़मीन की तरफ़ भी (ग़ौर से) नहीं देखा कि हमने हर रंग की उम्दा उम्दा चीजे़ं उसमें किस कसरत से उगायी हैं (7)
यक़ीनन इसमें (भी क़ुदरत) ख़ुदा की एक बड़ी निशानी है मगर उनमें से अक्सर इमान लाने वाले ही नहीं (8)
और इसमें शक नहीं कि तेरा परवरदिगार यक़ीनन (हर चीज़ पर) ग़ालिब (और) मेहरबान है (9)
(ऐ रसूल वह वक़्त याद करो) जब तुम्हारे परवरदिगार ने मूसा को आवाज़ दी कि (इन) ज़ालिमों फ़िरऔनयों की क़ौम के पास जाओ (हिदायत करो)(10)

11 नवंबर 2025

संस्था के सहयोग से शहर में दो महिलाओं के नेत्रदान संपन्न

 संस्था के सहयोग से शहर में दो महिलाओं के नेत्रदान संपन्न

शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र, सागर पिपलानी ने कल सूचना देकर बताया कि, उनके न्यू कॉलोनी गुमानपुरा निवासी,करीबी मित्र गुंजन कोहली की माताजी वीना कोहली का हृदयाघात से आकस्मिक निधन हुआ है । सागर की समझाइश पर बेटे गुंजन ने पिता शक्ति कोहली से माता जी के नेत्रदान करवाने की इच्छा जाहिर की,जिसके उपरांत शाइन इंडिया के सहयोग से निवास स्थान पर ही नेत्रदान संपन्न हुआ ।

इसी क्रम में, कल देर रात, संस्था के अन्य ज्योति मित्र सुरेंद्र सिंघवी ने सूचना दी की उनकी अग्रसेन बाजार निवासी भाभी राजकुमारी जैन पत्नी एडवोकेट तेजमल जैन का आकस्मिक निधन हुआ है और नेत्रदान को परिवार में परंपरा बनाते हुए सभी की सहमति से परिजन नेत्रदान करवाना चाहते हैं ।

पूर्व में संस्था के माध्यम से, राजकुमारी के जेठ कन्हैया लाल सिंघवी और चाची सास प्रेम बाई का भी मरणोपरांत नेत्रदान संपन्न हुआ था। बेटे एडवोकेट आशीष की सहमति की बाद संस्था के माध्यम से राजकुमारी जैन का नेत्रदान भी अग्रसेन बाजार, रामपुरा स्थित निवास स्थान पर संपन्न हुआ ।

बहुत बाबरकत है वह ख़ुदा जिसने आसमान में बुर्ज बनाए और उन बुर्जों में (आफ़ताब का) चिराग़ और जगमगाता चाँद बनाया

 बहुत बाबरकत है वह ख़ुदा जिसने आसमान में बुर्ज बनाए और उन बुर्जों में (आफ़ताब का) चिराग़ और जगमगाता चाँद बनाया (61)
और वही तो वह (ख़ुदा) है जिसने रात और दिन (एक) को (एक का) जानशीन बनाया (ये) उस के (समझने के) लिए है जो नसीहत हासिल करना चाहे या शुक्र गुज़ारी का इरादा करें (62)
और (ख़ुदाए) रहमान के ख़ास बन्दे तो वह हैं जो ज़मीन पर फिरौतनी के साथ चलते हैं और जब जाहिल उनसे (जिहालत) की बात करते हैं तो कहते हैं कि सलाम (तुम सलामत रहो) (63)
और वह लोग जो अपने परवरदिगार के वास्ते सज़दे और क़याम में रात काट देते हैं (64)
और वह लोग जो दुआ करते हैं कि परवरदिगारा हम से जहन्नुम का अज़ाब फेरे रहना क्योंकि उसका अज़ाब बहुत (सख़्त और पाएदार होगा) (65)
बेशक वह बहुत बुरा ठिकाना और बुरा मक़ाम है (66)
और वह लोग कि जब खर्च करते हैं तो न फुज़ूल ख़र्ची करते हैं और न तंगी करते हैं और उनका ख़र्च उसके दरमेयान औसत दर्जे का रहता है (67)
और वह लोग जो ख़ुदा के साथ दूसरे माबूदों की परसतिश नही करते और जिस जान के मारने को ख़ुदा ने हराम कर दिया है उसे नाहक़ क़त्ल नहीं करते और न जि़ना करते हैं और जो शख़्स ऐसा करेगा वह आप अपने गुनाह की सज़ा भुगतेगा (68)
कि क़यामत के दिन उसके लिए अज़ाब दूना कर दिया जाएगा और उसमें हमेशा ज़लील व ख़वार रहेगा (69)
मगर (हाँ) जिस शख़्स ने तौबा की और इमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए तो (अलबत्ता) उन लोगों की बुराइयों को ख़ुदा नेकियों से बदल देगा और ख़ुदा तो बड़ा बख़शने वाला मेहरबान है (70)
और जिस शख़्स ने तौबा कर ली और अच्छे अच्छे काम किए तो बेशक उसने ख़ुदा की तरफ़ (सच्चे दिल से) हक़ीकक़तन रुजु की (71)
और वह लोग जो फ़रेब के पास ही नही खड़े होते और वह लोग जब किसी बेहूदा काम के पास से गुज़रते हैं तो बुज़ुर्गाना अन्दाज़ से गुज़र जाते हैं (72)
और वह लोग कि जब उन्हें उनके परवरदिगार की आयतें याद दिलाई जाती हैं तो बहरे अन्धें होकर गिर नहीं पड़ते बल्कि जी लगाकर सुनते हैं (73)
और वह लोग जो (हमसे) अर्ज़ करते हैं कि परवरदिगार हमें हमारी बीबियों और औलादों की तरफ़ से आँखों की ठन्डक अता फरमा और हमको परहेज़गारों का पेशवा बना (74)
ये वह लोग हैं जिन्हें उनकी जज़ा में (बेहष्त के) बाला ख़ाने अता किए जाएँगें और वहाँ उन्हें ताज़ीम व सलाम (का बदला) पेश किया जाएगा (75)
ये लोग उसी में हमेशा रहेंगें और वह रहने और ठहरने की अच्छी जगह है (76)
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि अगर दुआ नही किया करते तो मेरा परवरदिगार भी तुम्हारी कुछ परवाह नही करता तुमने तो (उसके रसूल को) झुठलाया तो अन क़रीब ही (उसका वबाल) तुम्हारे सर पडे़गा (77)

10 नवंबर 2025

मुझे डॉ.सिंघल को संयोजक बनाने पर स्नेहलता शर्मा जी का आभार

 

मिशन बाल मन तक -- 2025
कोटा शहर के शिक्षा ब्लॉक के सभी विद्यालयों में वन्देमातरम प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं............
मुझे डॉ.सिंघल को संयोजक बनाने पर स्नेहलता शर्मा जी का आभार
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मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कोटा स्नेहलता शर्मा द्वारा भारत के राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर बच्चों में स्वदेशी और राष्ट्र प्रेम की भावना उत्पन्न करने के लिए "मिशन बाल मन तक-2025 के अन्तर्गत" कोटा शहर की राष्ट्र प्रेम, साहित्य, कला, संगीत को समर्पित संस्था "रंगीतिका" और संस्कृति, साहित्य को समर्पित संस्था "संस्कृति, साहित्य, मीडिया फोरम, कोटा" के तत्वाधान में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किए जाने के आदेश जारी किए हैं।
** आदेश में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने मार्गदर्शन और सहयोग के लिए राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ० प्रभात कुमार सिंघल, संयोजक नियुक्त किया है।
** आदेश के अनुसार कोटा शहर के विद्यालयों के समस्त संस्थाप्रधानों से अपेक्षा है कि कक्षा 6 से 9 और कक्षा 9 से 12 दो वर्गों में आयोजित इस प्रतियोगिता का आयोजन 15 नवम्बर से पूर्व अपने विद्यालय में करवाना सुनिश्चित करें। यह भी सुनिश्चित करें कि उक्त वर्गों के सभी छात्र-छात्राऐं इसमें आवश्यक रूप से भाग लेवें।

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