आपका-अख्तर खान "अकेला"
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 नवंबर 2025
कोंग्रेस की हर महफ़िल की रूह ऐ रवाँ, रौनक़ रहने वाले भाई आबिद कुरेशी को सालगिराह पुरखुलूस दुआओं के साथ मुबारक, बधाई,
अगर हम चाहें तो उन लोगों पर आसमान से कोई ऐसा मौजिज़ा नाजि़ल करें कि उन लोगों की गर्दनें उसके सामने झुक जाएँ
ख़ुदा के नाम से (शुरु करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
ता सीन मीम (1)
ये वाज़ेए व रौशन किताब की आयतें हैं (2)
(ऐ रसूल) शायद तुम (इस फिक्र में)अपनी जान हलाक कर डालोगे कि ये (कुफ्फार) मोमिन क्यो नहीं हो जाते (3)
अगर हम चाहें तो उन लोगों पर आसमान से कोई ऐसा मौजिज़ा नाजि़ल करें कि उन लोगों की गर्दनें उसके सामने झुक जाएँ (4)
और (लोगों का क़ायदा है कि) जब उनके पास कोई कोई नसीहत की बात ख़ुदा की तरफ़ से आयी तो ये लोग उससे मुँह फेरे बगै़र नहीं रहे (5)
उन लोगों ने झुठलाया ज़रुर तो अनक़रीब ही (उन्हें) इस (अज़ाब) की हक़ीकत मालूम हो जाएगी जिसकी ये लोग हँसी उड़ाया करते थे (6)
क्या इन लोगों ने ज़मीन की तरफ़ भी (ग़ौर से) नहीं देखा कि हमने हर रंग की उम्दा उम्दा चीजे़ं उसमें किस कसरत से उगायी हैं (7)
यक़ीनन इसमें (भी क़ुदरत) ख़ुदा की एक बड़ी निशानी है मगर उनमें से अक्सर इमान लाने वाले ही नहीं (8)
और इसमें शक नहीं कि तेरा परवरदिगार यक़ीनन (हर चीज़ पर) ग़ालिब (और) मेहरबान है (9)
(ऐ रसूल वह वक़्त याद करो) जब तुम्हारे परवरदिगार ने मूसा को आवाज़ दी कि (इन) ज़ालिमों फ़िरऔनयों की क़ौम के पास जाओ (हिदायत करो)(10)
11 नवंबर 2025
संस्था के सहयोग से शहर में दो महिलाओं के नेत्रदान संपन्न
संस्था के सहयोग से शहर में दो महिलाओं के नेत्रदान संपन्न
शाइन
इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र, सागर पिपलानी ने कल सूचना देकर बताया कि,
उनके न्यू कॉलोनी गुमानपुरा निवासी,करीबी मित्र गुंजन कोहली की माताजी
वीना कोहली का हृदयाघात से आकस्मिक निधन हुआ है । सागर की समझाइश पर बेटे
गुंजन ने पिता शक्ति कोहली से माता जी के नेत्रदान करवाने की इच्छा जाहिर
की,जिसके उपरांत शाइन इंडिया के सहयोग से निवास स्थान पर ही नेत्रदान
संपन्न हुआ ।
इसी क्रम में, कल देर रात, संस्था के अन्य ज्योति
मित्र सुरेंद्र सिंघवी ने सूचना दी की उनकी अग्रसेन बाजार निवासी भाभी
राजकुमारी जैन पत्नी एडवोकेट तेजमल जैन का आकस्मिक निधन हुआ है और नेत्रदान
को परिवार में परंपरा बनाते हुए सभी की सहमति से परिजन नेत्रदान करवाना
चाहते हैं ।
पूर्व में संस्था के माध्यम से, राजकुमारी के जेठ
कन्हैया लाल सिंघवी और चाची सास प्रेम बाई का भी मरणोपरांत नेत्रदान संपन्न
हुआ था। बेटे एडवोकेट आशीष की सहमति की बाद संस्था के माध्यम से राजकुमारी
जैन का नेत्रदान भी अग्रसेन बाजार, रामपुरा स्थित निवास स्थान पर संपन्न
हुआ ।
बहुत बाबरकत है वह ख़ुदा जिसने आसमान में बुर्ज बनाए और उन बुर्जों में (आफ़ताब का) चिराग़ और जगमगाता चाँद बनाया
बहुत बाबरकत है वह ख़ुदा जिसने आसमान में बुर्ज बनाए और उन बुर्जों में (आफ़ताब का) चिराग़ और जगमगाता चाँद बनाया (61)
और वही तो वह (ख़ुदा) है जिसने रात और दिन (एक) को (एक का) जानशीन बनाया
(ये) उस के (समझने के) लिए है जो नसीहत हासिल करना चाहे या शुक्र गुज़ारी
का इरादा करें (62)
और (ख़ुदाए) रहमान के ख़ास बन्दे तो वह हैं जो ज़मीन पर फिरौतनी के साथ
चलते हैं और जब जाहिल उनसे (जिहालत) की बात करते हैं तो कहते हैं कि सलाम
(तुम सलामत रहो) (63)
और वह लोग जो अपने परवरदिगार के वास्ते सज़दे और क़याम में रात काट देते हैं (64)
और वह लोग जो दुआ करते हैं कि परवरदिगारा हम से जहन्नुम का अज़ाब फेरे रहना क्योंकि उसका अज़ाब बहुत (सख़्त और पाएदार होगा) (65)
बेशक वह बहुत बुरा ठिकाना और बुरा मक़ाम है (66)
और वह लोग कि जब खर्च करते हैं तो न फुज़ूल ख़र्ची करते हैं और न तंगी
करते हैं और उनका ख़र्च उसके दरमेयान औसत दर्जे का रहता है (67)
और वह लोग जो ख़ुदा के साथ दूसरे माबूदों की परसतिश नही करते और जिस जान
के मारने को ख़ुदा ने हराम कर दिया है उसे नाहक़ क़त्ल नहीं करते और न
जि़ना करते हैं और जो शख़्स ऐसा करेगा वह आप अपने गुनाह की सज़ा भुगतेगा
(68)
कि क़यामत के दिन उसके लिए अज़ाब दूना कर दिया जाएगा और उसमें हमेशा ज़लील व ख़वार रहेगा (69)
मगर (हाँ) जिस शख़्स ने तौबा की और इमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम
किए तो (अलबत्ता) उन लोगों की बुराइयों को ख़ुदा नेकियों से बदल देगा और
ख़ुदा तो बड़ा बख़शने वाला मेहरबान है (70)
और जिस शख़्स ने तौबा कर ली और अच्छे अच्छे काम किए तो बेशक उसने ख़ुदा की तरफ़ (सच्चे दिल से) हक़ीकक़तन रुजु की (71)
और वह लोग जो फ़रेब के पास ही नही खड़े होते और वह लोग जब किसी बेहूदा काम
के पास से गुज़रते हैं तो बुज़ुर्गाना अन्दाज़ से गुज़र जाते हैं (72)
और वह लोग कि जब उन्हें उनके परवरदिगार की आयतें याद दिलाई जाती हैं तो
बहरे अन्धें होकर गिर नहीं पड़ते बल्कि जी लगाकर सुनते हैं (73)
और वह लोग जो (हमसे) अर्ज़ करते हैं कि परवरदिगार हमें हमारी बीबियों और
औलादों की तरफ़ से आँखों की ठन्डक अता फरमा और हमको परहेज़गारों का पेशवा
बना (74)
ये वह लोग हैं जिन्हें उनकी जज़ा में (बेहष्त के) बाला ख़ाने अता किए
जाएँगें और वहाँ उन्हें ताज़ीम व सलाम (का बदला) पेश किया जाएगा (75)
ये लोग उसी में हमेशा रहेंगें और वह रहने और ठहरने की अच्छी जगह है (76)
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि अगर दुआ नही किया करते तो मेरा परवरदिगार भी
तुम्हारी कुछ परवाह नही करता तुमने तो (उसके रसूल को) झुठलाया तो अन क़रीब
ही (उसका वबाल) तुम्हारे सर पडे़गा (77)
10 नवंबर 2025
मुझे डॉ.सिंघल को संयोजक बनाने पर स्नेहलता शर्मा जी का आभार
