आपका-अख्तर खान

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13 मार्च 2010

कोटा में इन दिनों पुलिस परिवहन विभाग की मिली भगत निजी बसों की चढ़ बनी हे वोह नाजायज़ रूप से सभी रास्तों पर बिना परमिट के बसें चला रहें हें राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को इसी कानून के खिलाफ चलने वाली बसों को सख्ती से रोकने का हुक्म दिया हे लेकिन सरकार के आला अफसर अवेध चोथवसुली में लगे होने से वोह स्टेज केरिज परमिट और कोंटेक्ट केरिज परमिट की जाँच नहीं करवा रहें हें ये बसें अवेध रूप से लगेज कोरियर खत भी ला ले जा रहे हें सडकों पर अवेध रूप से ट्रेक्टर जीपें वगेरा चल रही हें सरकें टूटी पड़ी हें नियम विरुद्ध स्पीडब्रेकर बनाये गये हें सडकों पर अतिक्रमण हे विज्ञाप्न्बोर्ड लोगों का ध्यान बटा कर दुर्घटना करवा रहे हें मगर हम हमारे नेता अखबार सरकार खामोश हे

मुस्लिम आरक्षण

दोस्तों अगर आप कोंग्रेसी हें तो क्रप्या इए न पड़ें अगर राष्ट्रभक्त कोंग्रेसी हो तो इसे समझें आप जानते हैं १९५०,१९५१ में आरक्षण व्यवस्था अज्जद भारत में लागू की गयी केलकर समिति की रिपोर्ट थी के मांस व्यसायी ,कपडा बुनकर ,कपडे धोने रंगने वाले और काफी दस्तकार पिछड़े हें उन्हें आरक्षण दो कोंग्रेस के जवाहर लाल नेहरु नें मांस व्यसायियों में से खातिकों को आरक्षण दिया मुस्लिम कसाई जो भी मांस को व्यवसाय करते थे उन्हें आरक्षण नहीं दिया इसी तरह कपडे बुनने वाल कोलियों को तो आरक्षण दिया लेकिन जुलाहों को वंचित रखा धोबियों में भी यही किया १९५०.१९५१ के अध्यादेश में ख़ास तोर पर लिखा गया के केवल हिन्दू जातियों के लियें आरक्षण होगा ज़रा सोचो अगर धर्मनिरपेक्ष सविंधान में धर्म के नाम पे पक्षपात ना होता तो आज हमारे एम् एल ऐ ,एम् पी । पञ्च, सरपंच, महापौर , प्रधान प्रमुख होते हमें लोन मिलते और आज हम ऐसे बेचारे nahin hote batao doshi kon he haalaat yh hain ke abhi tak bhul nahin sudhari hai

महिला आरक्षण

साथियों देश मैं कोंग्रेस और भाजपा ने एक राये होकर सभी मान मर्यादाये ताक में रख कर महिला आरक्षण बिल पास करने का मन बनाया हे सभी दल राजनीति कर रहें हें सदन से वोट दिए बगेर भागना देश की जनता के साथ धोखा हे सारा देश जानता हे महिलाओं को आरक्षण का बिल पास होने के बाद मुलिम और दलित महिलाऐं तो घर बठेंगी लकिन राजनीति की कमान गिने चुने नेताओं के हाथों में होगी । गिने चुने नेताओं की बेटी , बहु, माँ रिश्तेदार महिलायें ही ३३ प्रतिशत आरक्षण के नाम पर आगे आएँगी बाक़ी आम महिलायें योग्य होने के बाद भी टिकिट पाने का सपना देखते रहेंगी

यह कैसे कोंग्रेस हे

जी हाँ आप भी कोंग्रेसी में भी कोंग्रेसी लें क्या अब यह वही कोंग्रेस है जिसमे इंदिरा जी ,राजीव जी थे जहां कार्यकर्ताओं की आवाज़ बुलंद थी नेता सविधान पर चलते थे आज एसा नहीं हे क्या आप अपनी बात सोनिया जी , राहुल जी, मनमोहनजी तक लिख कर पहुंचा सकत हैं क्या वोह ख़त उनतक पहुँचने की गारंटी हे क्या उस पर अमल होगा उसका जवाब आएगा क्या कर्येकर्ता को टिकिट मिलेगा क्या लोगों को कोंग्रेस का सविंधान याद है क्या सदस्य साल मैं सात दिन समाज सेवा करते हैं अपनी आमदनी को हिस्सा और बेलेंस शीट कोंगेस कार्यालय में देते हैं नहीं ना तो फिर उठो देश बचाने और कोंग्रेस को बच्चाने के लिए कोंग्रेस शुध्धिकरण मंच बना कर देश व्यापी आन्दोलन करें।

मुस्लिमों के साथ कोंग्रेस राजस्थान सरकार

आप जानते हैं राजस्थान मैं कोंग्रेस का राज हे २०० विधायकों में से यहाँ केवल दो मंत्री एक कबिनेट एक राज्य मंत्री हे विभाग काम चलाऊ हैं राजस्थान सरकार मैं हज कमिटी ,वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड,अल्प संख्यक वित्त विकास निगम, अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक विभाग, पंद्रह सूत्रीय सदस्य सभी खाली हैं यहाँ का मुसलमान लावारिसों की जिंदगी जी रहा हे कोटा मैं पहली बार आदरणीय शांति कुमार धारीवाल ने मुस्लिम जिला प्रमुख बनाने की कोशिश की थी लकिन रामकिशन जी , भरत सिंह जी , इजेराज सिंह जी ने कोंग्रेस के साथ धोका कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया लेकिन धारीवाल अब किसी मुस्लिम को ज़रूर ज़रूर कोई ख़ास पद दिलवाकर नवाज़ेन्गें

कोटा पुलिस ज़मीं जायेदाद दिलवा रही है

कुन्हाड़ी में सुन्दरलाल का उसके रिश्तेदारों से ज़मीन का बटवारे का झगडा चल रहा हे मामला रेवेनु बोर्ड मैं सुनवाई पर है लकिन कुन्हाड़ी पुलिस हे के सुन्दरलाल को रोज़ थाना बुलाकर ज़मीन से क़ब्ज़ा छोड़ने का दबाव बना रहें हैं उनकी हिम्मत देखो के आई जी दासोत साहब के वक़्त वोह यह गुस्ताखी कर रहें हैं उन्हें पता नहीं के दासोत साहेब को पता चलेगा तो वोह पूरा थाना सस्पेंड कर देंगे लेकिन सुन्दरलाल कुन्हारी पुलिस से डरा हुआ है अब आई जी साहेब के पास यह खबर कोन पहुंचाए सुन्दर लाल का तो अब अल्लाह ही मालिक है उसकी लान्खों की ज़मीन पुलिस दल्ला गिरी कर छीनना चाहती हे खुदा करे आई जी साहेब तक यह खबर पहुँच जाए और सुन्दरलाल बच जाये साथ ही कुन्हाड़ी थाणे वाले दण्डित हो जाएँ ।

अखबार मालिक और पत्रकार

इन दिनों पत्रकार सर्कस के शेर हो गएँ हैं और उनके रिंग मास्टर अखबार मालिक हैं मालिक अब नियम कायदे कानून ताक मैं रख कर मनमानी कर रहे हैं गंदे गंदे विज्ञापन छापते है विधि विरुद्ध विज्ञापन छपते हैं घोषणा पात्र का उल्लघन कर कोटा बूंदी बरन झालावार का बिना डेट लाइन का अखबार निकालते हैं काम करने वाले संपादक रिपोर्टर को दबाव मैं रखते है अखबार मालिक अखबार पर कम और मेलों पर ज्यादा ध्यान देते हैं चुनाव मैं खबरें वेग्यापन दर पे छापते हैं रिपोर्टर की कई ख़बरें देने के बाद भी नहीं छपती हैं अब बताओ क्या अखबार अपना फ़र्ज़ निभा रहें हैं अगर नहीं तो महरबानी करके उन्हें सुधारने के लियें बीड़ा उठाओ अगर अखबार सुधरेंगें तो देश सुधरेगा हम और आप सुधरेंगें अखबार मैं मालिक रिंग मास्टर बन कर रिपोर्टरों पर अपना हंटर घुमाता है और उनकी पत्रकारिता दल्लागिरी मैं बदल देता है हे ना शर्म की बात। अख्तर खान अकेला की आप से गुज़ारिश है प्लीज़ इसे सुधारों । सभी अखबार मालिक एक जैसे नहीं लकिन वोह परेशान हैं.

कोटा कलेक्ट्रट

कोटा मैं बड़े बड़े मंत्री , बड़े बड़े नेता , बड़े बड़े अधिकारी , बड़े बड़े अखबार ,बड़े बड़े पत्रकार हैं इन सब के बावुजूद भी कोटा की कलक्ट्री मैं आम लोगों की आवा जाही पर जो पास सिस्टम कर रोक लगायी है वोह हिदुस्तान के किसी भी शहर मैं नहीं है मेरा तो ऐसे मैं डूब मरने का मन करता है आखिरएक कलेक्टर को खुद को किस से खतरा है जो उसने यह बदलाव किया ताज्जुब है के सब इस पर खामोश हैं बड़े बड़े लोगों के लियें है ना शर्म से चुल्लू भर पानी मैं डूब मरने की बात एक कलक्टर आर एस गठ्थाला थे और आज एक कलेक्टर यह हैं जिन्हें मदन दिलावर चिड़िया का बच्चा कहने पर पुलिस की लाठियां खाते है पत्रकार नेता फिर भी चुप हैं क्योंकि उनको विज्ञापन मिलते हैं हेना मेरा देश महान ।
कोटा न्यायलय मैं इन दिनों अपर जिला जज क्रम १,२,३,५, विशिष्ट न्यायधीश अनुसूचित जाती , भ्रष्टाचार न्यायाक्य हाली पड़ें है यहाँ न्यायालय मुंसिफ उत्तर, चार दक्षिण ,पांच दक्षिण, तीन दक्षिण अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम ४ भी खाली है । वकील पक्षकारों के काम रुके पड़े हैं न जाने यह पद कब भरे जायेंगे ।
कोटा नगर निगम में इन दिनों महापौर को लेकर काफी उलझनें चल रहीं हैं उनका वेवहार आम लोगों पार्षदों से ठीक नहीं है वोह काम तो अच्छा करने की कोशिशों मैं लगीं हैं लेकिन कामयाब नहीं हो रहीं हैं उन्हें पहले खुद के वेवहार मैं बदलाव लाना होगा उन्हे कुछ दिन आदरणीय शान्ति कुमार जी धारीवाल के पास जाकर बहुत कुछ सीखना होगा और खासकर अपने पति जनाब अशोक जी से सावधान रहना होगा उनका नगर निगम के मामलों मैं ज्यादा दखल ठीक नहीं है ।

aurat in islaam shariyat

hamaare muslim samaaj m aadmi k haq waale islaamic qanoon to laagu hain laikin aurton k liyen jab bhi qaanoon laagoo hotai hain mulla kathmulla islaam khatrai main hai kaa naara dekar aurat ka haqe cheene laiten hain.aap dekhiye khuda nain holly quraan main hukam diya h k agar tum barabari kaa insaaf kar sako to dusri tisri chotthy shaadi karo aur insaaf nahin kar sakte to ek par hi sabar karo hamare desh main kota main rajasthan main aadmi aurat ko kharchaa nahin deta use chhod detaa h use khana kapda latta nahin detaa mahar adaa nahin kartaa maangne par pareshan kartaa hai talaaq k liyen sodebazi kar mehar maaf karwaane ki koshish karta h kaamyaab bhi ho jaata h.supreme court ise jaayez nahin maanta quraan ise jaayez nahin maanta musalmaan aese logon o baizzat karne e badle izzat dete hai aur mazloom aurton ko insaaf dene ke jagah unhe bura bhala ahaten hai. akhtar khan akela kota rajasthan
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