आपका-अख्तर खान

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23 मार्च 2010

अपराधी जेल में फिर भी कोटा में अपराध

कोटा में इन दिनों सभी अपराधी सच्चे झुंटे केसों में बंद हें फिर भी यहाँ गुंडागर्दी आम बात हे एसा क्यों एसा इसलियें के जनाब यहाँ आंकड़ों का जाल फेला हुआ हे पुलिस चाकू,पिस्तोल,डकेती,स्मेक के मामले बनाने में लगी हे पुराने लोगों को पकड़ो और मुकदमा बनादो, अब इस कार्यवाही में पुलिस अमला व्यस्त हो जाता हे फिर बेचारा अपनी बीट में अपराधिक गतिविधियों की जानकारी कब लेगा नतीजा साफ हे के सुधरने के प्रयास में लगे अपराधी तो झूटे मामलों में जेल में हे और नये अपराधी चेन तोड़ रहे हें गलियों में महिलाओं को छेड़ रहे हें और उनकी पहचान क्र पाने में कोटा पुलिस बेबस हे तो सुधरो कोटा पुलिस भगवान से डरो हकीकत पहचानो और अपराधियों का न्य सर्वे कर नये अपराधियों पर टूट पड़ो ताकि शहर में शांति स्थापित हो सके

कोंग्रेस का बहुमत फिर भी ज़िला प्रमुख भाजपा का ?

जनाब यह कोई चुटकुला नहीं हकीकत हे कोटा राजस्थान जहाँ कोंग्रेस के संसद ,एम् एल ऐ ,महापोर ,दो केबिनेट मंत्री थे कुल २३ सीटों में से कोंग्रेस के पास १३ एक निर्दलीय का समर्थन कुल १४ सदस्य थे भाजपा के पास केवल ९ सदस्य थे सरकारी लवाजमा साथ था कार्यकर्ताओं में होसला था बस जिला प्रमुख का टिकिट मुसलमान के पास था मुख्यमंत्री,प्रदेश कोंग्रेस अध्यक्ष का टिकिट था लेकिन वाह ऱी कोंग्रेस एक मुसलमान वोह भी जिला प्रमुख के लियें बस फिर क्या था कभी दूसरी पार्टियों में रहे,कभी निर्दलीय भाजपा के दोस्त रहे लोगों ने अपना गिरगिटी रंग दिखाया और बहुमत केबाद भी हर दिया जिला प्रमुख प्रत्याक्षी नईमुद्दीन गुड्डू को कहते हें यहाँ कोंग्रेस नहीं हरी हमने तो गुड्डू को हराया हे फिर भी यह लोग कोंग्रेस सरकार में मंत्री बने बेठे हें हेना मजेदार बात और भी मजेदार बात यह हे के जहाँ कोंग्रेस का जिला प्रमुख उन्ही वोटों पर कोंग्रेस की उप जिलाप्रमुख जीत गई । लेकिन क्या सोनिया जी क्या राहुल जी सब चुप हें अब बताओ कोंग्रेस का भविष्य क्या होगा ?अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा नगर निगम डॉक्टरों के हवाले

जी हाँ दोस्तों यह सच हे कोटा में एक दिन की कोंग्रेसी के महापोर बनने के बाद वहन कोंग्रेसी कार्यकर्ता या पार्षद की कोई अहमियत नहीं वहन अब केवल डॉक्टरों का राज हे ट्रांसफर हो या कोई भी बड़ा फेसला उसका अंतिम फेसला केवल डॉक्टर महापोर ,डोक्टर महापोर पति ,और दो तिन अन्य डोक्टर मिलकर फेसला करते हें हालत यह हें के पहली बार तीन बार का अनुभव रखने वाले उपमहापोर राकेश सोरल को कोने बिठा दिया हे लेकिन यह ज्यादा दिन चलने वाला नहीं अब इस मामले में विवाद शुरू होने लगा हे अभी महापोर सुरत यात्रा में अपमान सह चुकी हें अब देखे इस कोटा शेहर का क्या होता हे शेहर की सडकें साफ़ सुथरी होती हें या नही आवारा जानवर हटते हें या नहीं अतिक्रमण कितने हटते हें बारुपाल जी के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता हे या नहीं शेहर में प्याऊ लगेंगी या नही देखने की बात हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोंग्रेस खुद को भूल गई

जी हाँ यह सच हे हमारे देश में आज जो अराजकता हे उसकी मूल वजह कोंग्रेस का खुद को भूल जाना हे बात साफ़ हे कोग्रेस का अपना इतिहास ,अपना सविंधान कानून हे लेकिन कितने कोंग्रेसी हें जो उस सविंधान को जानते हें और जो जानते हें वोह मानते नहीं उसकी पलना नहीं करते इसीलियें आम कोंग्रेसी मोकापरस्त मनमोजी मतलबी अराष्ट्रवादी हो गया हे कोंग्रेस का कानून कहता हे कड़ी पहनो आंतरिक लोकतंत्र जीवित रखो साल में एक हफ्ते अपने काम काज से छुट्टी लेकर समाजसेवा और राष्ट्रिय कार्यक्रमों की क्रियाविती में मदद करो यानी सूल में सात दिन सफाई ,नेहर खुदाई ,कुआ खुदाई ,कच्ची बस्तियों में समाज सेवा वगेरा हे हाल ही में राहुल गाँधी कोटा आकर यह सब करने शाहबाद गये थे फिर भी कोंग्रेस्सियों के यह बात समझ में नहीं आई । कोंग्रेसी के लियें जरूरी हे के वोह साल भर की कमाई का ब्योर इन्कमटेक्स की बेलेंस सहित के साथ कोंग्रेस कार्यालय में दे और फिर उसका पांच प्रतिशत कोंग्रेस फंड में जमा कराए तो दोस्तों कोन हे एसा कोंग्रेसी जो यह सब कर रहा हे केवल टिकिट लेना, भाईभतीजावाद फेला कर अपनों को आगे बढ़ाना सिर्फ जितने के लियें गेर्कोंग्रेसी लोगों से समझोता कर उन्हें अपनों की उपेक्षा कर टिकिट देना मंत्री बनने के बाद कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं ,कोंग्रेस कार्यालय को भुला खुद का गुणगान करवाना यहे सब बचा हे और इसीलियें आज कोंग्रेस और देश पिछड़ रहा हे समझे जनाब , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान बीजेपी का भी यही हाल हे उसमें भी सविंधान की पालना नहीं हे ।

कोंग्रेस कोंग्रेस केसे बनेगी

आज देश की कोंग्रेस कहने को तो हैएतेक
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