तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 मार्च 2010
में मुसलमान हूँ
देश मेंकहीं भी आतंकी कार्यवाही हो मुझे लोगों को बताना पढ़ता हे में इनमें शामिल नहीं हूँ, देश में मस्जिद में बम फटे या दरगाह में मेरा भाई मरे या बाप मरे फिर भी मुझे चिल्ला चिल्ला कर कहना पढ़ता हे के मेने बम नहीं फोड़ा हे क्योंकि में मुलमान हूँ में जिस राजनितिक पार्टी का आजीवन वोटर रहा हूँ वहां जब में टिकिट मांगने जाता हूँ तो मुझे बताना पढ़ता हे के में केसे जीतूँगा फिर भी मुझे टिकिट नहीं मिलता हे और अगर गिनती भर्ती के लियें टिकिट मिल भी जाए तो मेरी पार्टी के लोग हे मुझे हरा देते हें क्योंकि में मुसलमान हूँ । में पढ़ा लिखा हूँ लेकिन नोकरी नहीं मिलने के कारण आज पंचर बना रहा हूँ क्योंकि में मुसलमान हूँ , में लोन का फार्म भरता हूँ लेकिन मुझे लोन इसलियें नहीं मिलता क्योंकि में मुसलमान हूँ लेकिन दोस्तों मेरे देशवासियों इसके बाद भी मुझे गर्व हे के में हिन्दुस्तान में हूँ और हिन्दुस्तान का मुसलमान हूँ यहाँ सिस्टम के दुश्मनों छोड़ दें तो आज हमारे आस पास रहने वाले हमारे हिन्दू बाई हमें सुरक्षा दे रहे हें हमारे हिन्दू भाई हमें रोज़गार दे रहे हें यहाँ की कोरतें हमनें इन्साफ दे रहे हें आज हारे हिन्दू भाइयों की वजह से ही हम जिंदा हें मुझे गर्व हे के में हिन्दुस्तान में हूँ और हिन्दुस्तानी मुसलमान हूँ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
में हिन्दुस्तान हूँ
जी हाँ में हिन्दुस्तान हूँ ,मुझे मुगलों राजाओं अंग्रेजों ने लूटा हे मुझे आज नेता ,अफसर , उद्योगपति , गुंडे लूट रहे हें देखो फिर भी में कल की तरह अपनी जगह मुस्कुराता हुआ खड़ा हूँ मेरे पर्वत लोगों की रक्षा में हें , मेरी नदियाँ लोगों की प्यास बुझा रही हें , मेरी जमीन लोगों की भूक मिटा रही हे । जी हाँ में हिन्दुस्तान हूँ मेरे नेता जनता को ठग रहे हें , आतंकवादियों के आगे नतमस्तक हें , अमेरिका और दुसरे देशों के गुलाम बने हें ,पड़ोसी मुट्ठी भर लोगों का कमजोर देश मुझ पे गुर्राता हे मुझ से ग़द्दारीकरता हे फिर भी मेरी एक इंच जमीन भी मेने किसी को नही दी हे क्योंकि में हिन्दुस्तान हूँ । जी हाँ में हिन्दुस्तान हूँ मेरे यहाँ बेईमान , मिलावटखोर, गद्दार , धर्म के नाम पर साम्प्रदायिकता फेलाने वाले ,भ्रष्ट लोग मुंह छुपाए बेठे हें लेकिन देखो में फिर भी अपनी जगह खड़ा हूँ क्योंकि में हिन्दुस्तान हूँ । तो दोस्तों कहदो मेरे हिन्दुस्तान के गद्दारों से अब हम भी हिन्दुस्तान के साथ जाग रहे हें और इसीलिए अब हिन्दुस्तान के अमन चेन के दुश्मन ,भ्रष्ट बेईमान लोगों की खेर नहीं हे सुधर गये तो तुम्हे माफ़ क्र दूंगा क्योंकि जी हाँ में हिन्दुस्तान हूँ।
विशवास का बलात्कार
आज देश अजीब डोर से गुजर रहा हे आदमी होटल पर खाना खता हे खाना सफाई से बना होगा इसका उसे विशवास होता हे , नोकर खाना बना क्र देती हे खाना शुद्ध होगा यह मालिक को विशवास होता हे । पेकिंग सामान होगा जो वजन लिखा हे व्ही होगा जो फार्मूला लिखा हे वही माल उसमें होगा यह खरीददार को विशवास होता हे ,ड्राईवर वाहन चलाता हे वोह ठीक चलाएगा इसका सभी को विशवास होता हे लेकिन इस विशवास के दोर में अधिकतम पति पत्नी के रिश्तों में विशवास नहीं अविश्वास का जहर होता हे भाई भाई पर विशवास नहीं करता हालात यह हें के छद्म अविश्वास के चलते आज परिवार खुद ब खुद नारकीय जीवन की तरफ बढ़ रहे हें हमारे देश के मनोवेग्यानिक, समाजशास्त्री, धर्मशास्त्री इसी अविश्वास को खत्म करने की कोशिश में खुद अविश्वासी हो गयें हें और देश में परिवार के परिवार टूट रहे हें जो बात हे नहीं उसी बात का अविश्वास करके लोग अपना घर परिवार बिगढ़ने में लगे हें ।
लाठी लंगोटी और महात्मा गाँधी का मानवाधिकार
हमारे देश में जब चारों तरफ अंग्रेजों का ज़ुल्म बढ़ चड़ क्र था गोलियों और तोपों के बल पर आज़ादी के आन्दोलन को दबाया जा रहा था तब देश का एक सपूत एसा भी था जो लाठी लंगोटी के बल पर अंग्रेजों से भूक हडताल और अनशन के हथियार से मुकाबला क्र रहा था जरा सोचिये टॉप और गोलियिओं के मुकाबले में अगर कोई लाठी और लंगोटी के साथ खड़ा हो और अँगरेज़ उसके आगे बेबस हों नतमस्तक हों देश विश्व उसके आगे नत मस्तक हों हर ज़ुल्म ज्यादती का जवाब खामोशी हो अनशन हो तो आप क्या कहेंगे अगर महात्मा गाँधी नहीं हते तो यह सच्चाई हो सकती हे किसी को पता नहीं पड़ता हे ना गाँधी जादूगर और देश के प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
मर्यादा पुरुषोत्तम राम और मानवाधिकार
मानवाधिकारों का सबसे बढ़ा दुश्मन अमेरिका आज मानवाधिकार समर्थन का दिखावा करता हे लेकिन हमारे देश में हजारों हजारों साल पहले से ही मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी मानवाधिकार संरक्ष्ण का एतिहासिक उदाहर्ण पेश क्र चुके हें आप कल्पना करो के जब किसी महाबली की पत्नी का कोई अपहरण कर ले और वोह दुश्मन सामने हो तब भी कोई अगर युद्ध निति सेनहीं भटके तो वोह रामजी हें आप देखिये की राम जी के पास समुन्द्र सुखाने वाले तीर बांड थे वोह चाहते तो एक तीर में ही वोह लंका का नाश कर देते लेकिन उन्होंने विकट परिस्थिति में भी संयम नहीं खोया क्योंकि वोह मानवाधिकार अधिकारों के सबसे पहले संरक्षक थे और आज इसीलियें वोह मर्यादा राम कहलाते हें आज राम जी की वजह से ही हम विश्व के सबसे पहले और सबसे बड़े मानवाधिकार कार्यकर्ता देश होने का गोरव रखते हें ।
मेरा गाँव मेरा देश
जय जवान जय किसान ,मेरा गों मेरा देश यह सब हमारे देश के नारे थे लेकिन आज आप सोचिये हमारा रक्षा बजट ६० प्रतिशत हे और यह सब इसलियें के हमारी सीमाएं सुरक्षित रह सकें लेकिन आज आप खुद देखिये की इतना सब कुछ खर्च करने सेनिकों का मनोबल बढ़ाने के बाद भी नतीजा आपके सामने हे हमारा ख़ुफ़िया तन्त्र टूटा हुआ हे सीमा चोकसी में छीजत हे हालत यह हें के मुंबई , देल्जी और आप हम सब देहशत के साए में जी रहे हें क्या हम हमारी चोकसी में कमी कर रहे हें अगर हाँ तो फिर मूल दोषीयों को नामजद कर सज़ा दिलवाएं इसके लियें हम एक बढ़ा अभियान चला कर लोगों को चेताएं यही हमारी शहीदों को सच्ची श्रधान्जली होगी
नगर निगम कोटा का बजट
कोटा नगर निगम का नगर निगम कानून २००९ के प्रावधानों के विपरीत डेढ़ महीने की देरी से बजट पेश किया हे बजट में डेरी लाइसेंस , कचरा प्रबन्धन , पुराना कबाड़ा प्रबन्धन ,नये कानून के तहत दिए गये कर्तव्यों के निर्वहन के लिए एजी अलग बिदुवार प्रावधान नही रखे गये हें विधिविरुद्ध इस बजट में नये कानून का ध्यान नही रखा हे अब बजट २०१० का क्या होगा ।
राजस्थान में गुजर आन्दोलन
राजस्थान में गुजर फिर अपनी आरक्षण की मांग पर सरहदों पर हें वार्ता का डोर जारी हे यहाँ सरकार ने पहले भी एक कानून पास क्या जिसे राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक दिया बात साफ़ हे कानून संविधान को सरकारें मखोल बनाएंगी तो फेसले तो रुकेंगे ही हमारी राजस्थान सरकार ने वसुंधरा मामले की जांच के लियें माथुर समिति बनाई वोह टाँय टाँय फीस होकर रह गया सरकार को बदनामी झेलना पढ़ी हे फिर गुर्जर आरक्षण की बात हुई विधेयक लाया गया वोह फेल हो गया पंचायतों में युवा आरक्षण की घोषणा बेकार साबित हुई अब सरकार नोटेरी वकीलों को कानून की आड़ लेकर हटा रही हे जिसे भी हाईकोर्ट ने विधिविरुद्ध घोषित कर नियमों से काम करने के लियें खा हे तो जनाब देखिये सरकार के हाथ कितने लम्बे हें के हर मोर्चे पर कानूनी हार हो रही हे सरकार को अब भी कानून विदों को बदल कर नये समझदार कानूनविदों को लाना चाहिए ।
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