तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 अप्रैल 2010
भारत की जनगणना नई निति या मजाक
दोस्तों हमारे देश में एक अप्रेल से नयी जनगणना निति के नाम पर लोगों की गिनती हो रही हे इस नई निति के तहत १५ साल से ज्यादा वालों की दस उगलियाँ कागज़ पर छापी जायेंगी फोटो लिया जाएगा और ख़ास कार्ड बनाया जाएगा । हमारे देश में जहां आज भी ५० प्रतिशत लोग अनपढ़ हें उन्हें इस जनगणना के प्रति उत्साह नहीं हे । ख़ास कर दलितों और मुस्लिम बस्तियों में तो इसकी जानकारी ही नहीं हे वेसे कानून हे के देश में जनगणना धर्म के नाम पर नहीं होगी और इस खुलासा भी नहीं किया जाएगा लेकिन अब वक्त आ गया हे के जाती,उपजाती,धर्म,पढ़ाई ,रहन सेहन स्तर,भाषा, बस्तियों की सुख सुविधाएं ,भविष्य की आवश्यकताएं ,आस्था , प्रति व्यक्ति आय और अन्य मामलों में जानकारियाँ लेकर इसे दस्तावेज बनाएं , भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लियें योजनाएं बनाएं । लेकिन अभी यह सब देश के लियें नहीं केवल रस्मन जेसा लग रहा हे अबगर्मियों कीछुट्टियों में जनगणना कर्मचारियों खासकर मास्टरों के लियें औरउनके परिवार के लियें मुसीबत बन जायेगी क्योंके उनसे सरकार जबरदस्ती काम करवाएगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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