आपका-अख्तर खान

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05 अप्रैल 2010

कोटा एसपी को जाना पढ़ा

कोटा एसपी भूपेन्द्र साहू अपनी कार्यप्रणाली से बे खबर थे उन्होंने थानों का निरिक्षण कर खुद की उपस्थिति का एहसास क्या दिलाया उनको कोटा से चलता कर दिया गया यहाँ उनकी जगह प्रफुल्ल कुमार जी को लगाया हे अब एक एस पि को क्या इस तरह से हटाया जाता हे क्या सुनते हें की एक इजेराज सांसद के भक्त कोंग्रेसी की तुछ मामले में हुई गिरफ्तारी के बाद विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह जी ने भी इसे गम्भीरता से लिया था। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में सात करोड़ का होस्टल बेकार

राजस्थान के पंचायत मंत्री भरत सिंह के इलाके में सांगोद पंचायत समिति कोटा जिले में जर्मन सरकार की मदद स हिंगि गाँव में सात करोड़ की लागत से महिला होस्टल बन कर तय्यार हे यहाँ विदेश की मदद से भवन तो त्य्याए हो गया लेकिन राजस्थान के केबिनेट मंत्री के इलाके में इस होस्टल को चलाने के लियें सरकारी स्टाफ और मदद नहीं मिल रही हे अब इ लापरवाह सरकार का क्या करे कोई जबकि कोटा में कलेक्टर ने इस मामले में काफी फोशिशों की हें । अख्तर खान अक्ल कोटा राजस्थान

वसुंधरा जी का राज गया तो सुरक्षा हटाई

राजस्थान सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री का राज जाने और फिर उन्हें विधानसभा में विपक्ष के पद से हटाने के बाद जब महासचिव बनने पर राजस्थान में उनका स्वागत हुआ तो कोंग्रेस सरकार ने उनको दी गई जेड सुरक्षा चीन कर मामूली वाई सुरक्षा दिलवाई हे ताज्जुब इस बात का हे के जब वसुंधरा से सुरक्षा चीनी जा रही थी तब राजस्थान स्र्ज्कार का दूसरा विभाग पूर्व मुख्यमंत्रियों को केबिनेट मंत्री का दर्जा देकर सुविधाएं मुहय्या करा रही थी अब सरकार ने उधर तो उनके सुविधाएं चीन लीं लेकिन मजबूरीवश पूर्व मुख्यमंत्री की सुविधाएं तो उन्हें देना ही होंगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में शुद्ध के लिए युद्ध का उड़ा मजाक

जी हाँ जो सरकार राजस्थान के जनता को शुद्ध के लियें युद्ध का अभियान चलाकर जनता को मिलावटी खाध्य पदार्थ खिलाने से रोकने के अभियान के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही हो उस सरकार के कार्यकाल में पहले सस्ती शक्कर केंद्र से नहीं उठाने पर मजाक उढ़ा फिर उसी सरकार के कार्यकाल में सरकारी गोदामों में गेहूं तो बाहर पढ़ा सड़ता रहा और शराब सरकारी गोदामों में रखी गयी इतना तो ठीक था लेकिन झालावार जिले में सरकारी दूध डेरी में मिलावटी सिंथेटिक खतरनाक ज़हरीला दूध बना कर लोगों को बेच कर पैसा कमाने की शर्मनाक काण्ड हो रहा था इतना ही नहीं कोटा में भी कुछ इस तरह का मिलावटी दूध मिलने की शिकायतें हें अब आप ही बताइए जब राजस्थान सरकार ही शुद्ध के लियें युद्ध अभियान का दिखावा कर ज़हरीला दूध बेच रही हो तो इसी सरकार से एनी मिलावटी खाद्य पधार्थ की रोकथाम की क्या उम्मीद कर सकते हें हे ना हमारी अनूठी सरकार फिर भी मंत्री जी से इस्तीफा नहीं लिया गया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान का जयपुर देश के आपराधिक शहरों में

जी हाँ राजस्थान का पर्यटन शहर देश के आधा दर्जन आपराधिक शहरों में शामिल हो गया हे इधर टीवी पर जयपुर के बड़े आपराधिक शहरों में इन्दोर डेल्ही के साथ गिनाया जा रहा था और उधर राजस्थान के मुख्यमंत्री ग्रहमंत्री के साथ बैठकर एस पी,आई जी की ट्रांसफ़र लिस्ट तैयार कर रहे थे जी हाँ हमारा राजस्थान जहां सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद सबसे पहले पुलिस कानून बनाया था नये पुलिस नियम बनाए थे आज उसी राजस्थान में दो दो मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी पुलिस कंट्रोल और निगरानी के लियें नियमों में बनाए गये कमेटियों का गठन नहीं किया गया हे नतीजन पुलिस निरंकुश हे उसपर यह हे के जयपुर में अब कमिश्नर प्रणाली लागू हो रही हे जनाब राजस्थान में इन दिनों सिकल चोरी ,लडकियाँ भागने, छोटी मोटी चोरी सहित काई एनी मामलों की रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती हे गुमशुदगी का एक अलग रजिस्टर हे खतरनाक शिकायतों को भी परिवाद दर्ज कर तरका दिया जाता हे लेकिन निरोधात्मक कार्यवाही शान्ति भंग ,चाकू पिस्तोल के साथ आर्म्स एक्ट में लोगों को पकड़ने की कार्यवाही सट्टा जुआं

स्कूलों में बच्चों और माँ बाप का आर्थिक शोषण

जी हाँ स्कूलों में बच्चों और उनके माता पिता के लुटने और अपमानित होने का वक्त आ गया हे । पहले स्कूलों में एडमिशन के नाम पर बच्चों के लियें लाइन में लगो फिर मनचाही फ़ीस दो और कमिशन की किताबें लाओ, फिर कमिशन की युनिफोर्म लाओ स्लूल के मालिक या प्रिंसिपल से डाट खाओ और फिर सरकारी निरंकुश सिस्टम को कोसते हुए घर आ जाओ। यह सब इस देश में जब हो रहा हे जब यहा शिक्षा सरकार की संवेधानिक गारंटी हे, यहाँ निजी स्कूलों के दबाव में आ कर हाल ही में बनाया कानून लागू करने के बाद भी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया हे यहा सुप्रीम कोर्ट ने बसते का बोझ कम करने फीसें नियंत्रित करने बच्चों के एडमिशन के वक्त साक्षात्कार नहीं लेने का हुक्म दिया हे सरकार ने पच्चीस प्रतिशत बच्चों को मुफ्त पढाने का कानून बनाया हे फिर भी सभी निजी स्कूल कानून सरकार सुप्रीमकोर्ट पर भारी हें अब बताओ इसी कमजोर सरकार का क्या करे कोई। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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