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10 अप्रैल 2010

कोटा के वकील मुख्य मंत्री की वादाखिलाफी के मामले में चेतावनी दिवस मनाएंगे

राजस्थान राज्य के कोटा जिले के वकील इन दिनों मुख्य मंत्री की वादा खिलाफी से काफी नाराज़ हें और अब वोह स्श्निवार को चेतावनी दिवस बना क्र फिर से आन्दोलन हडताल की राह पर खड़े हें । पिछले दिनों कोटा के वकीलों ने कोटा में राजस्थान हाई कोर्ट खोलने,कोटा में रेवेनु डबल बेंच खोलने, कोटा के वकीलों को सस्ते दामों में प्लाट देने और कोटा में उपभोक्ता मामलों की राज्य सर्किट बेंच खोलने की मांग को लेकर हिन्दुस्तान के इतिहास की अब तक के वकीलों की सबसे लम्बी हडताल क्र गिनीज़ रेकोर्ड बनाया था हडताल के दोरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत नें हाई कोर्ट मामले में तो असमर्थता बताई थी किन्तु रेवेन्यु बोर्ड की डबल बेच कोटा में शीघ्र खोलने, वकीलों को रियायती दर पर भूखंड शीघ्र उपलब्ध कराने और उपभोक्ता की सर्किट बेंच कोटा में खोलने का वादा किया था माननीय मुख्मंत्री जी ने बजट में कोटा में उपभोक्ता मामलों क सर्किट बेंच खोलने का वादा तो निभाया लेकिन वोह अभी तक नहीं कुली , मुक्यमंत्री जी नें अभी कोटा में रेवेन्यु बोर्ड की डबल बेंच खोलने और वकीलों को भूखंड देने के मामले को निभाने के मामले में कोई फल नहीं की हे लगभग चार महीने इन्तिज़ार के बाद अब कोटा के वकील फिर से आन्दोलन के दोराहे पर आकर खड़े हो गये हें और इसी कर्म में पहले मुख्य मंत्री जी को जगाने के लियें अगले शनिवार को कोटा में चेतावनी दिवस मना रहे हें देखो आदरणीय मुख्यमंत्रीजी जिन्होंने आज तक राजस्थान की जनता से जो वायदा किया वोह निभाया हे वोह इस मामले में क्या फल करते हें यह तो वक्त ही बताएगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के मंत्री और डेरी महाप्रबंधक के बीच ठनी

राजस्थान में शुद्ध के लियें युद्ध का नारा देने वाले राजस्थान सरकार में मंत्री बाबूलाल जी झालावाड जिले की सरकारी डेयरी में मिलावटी लोगों के स्वास्थ्य के लियें हानिकारक दूध पकड़े जाने के बाद मुसीबत में हें कोटा डेयरी म्हाप्र्न्धक एस एन सिंह का खुला आरोप हे के वोह झालावाड़ और कोटा में मिलावटी दूध बिकने नहीं दे रहे हें इसलियें राजस्थान के खाध्य आपूर्ति मंत्री उनसे जबर्दस्त नाराज़ हें और वोह उन्हें फोन पर धमकियां दे रहे हें उनका तो यहाँ तक आरोप हे के मंत्री और उनके समर्थकों से उनकी जान का खतरा बना हुआ हे इस मामले में डेयरी संचालक सिंह नें राजस्थान के मुक्यमंत्री को सभी आरोप लगाते हुए लिखित में शिकायत की हे अब देखो राजस्थान सरकार में एक अधिकारी का आरोप के मिलावटी दूध पकड़ने और मिलावटी दूध नहीं बीकनेर देने से खुद मंत्री नाराज़ हें तो इसकी जांच तो अब जरूरी हो गई हे लेकिन अब हमारी राजस्थान की सरकार क्या करती हे देखने की बात हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यातना विरोधी संधि का कानून

१९७५ में यातना विरोधी संधि पर हस्ताक्षर करने और फिर अन्तराष्ट्रीय स्तर पर इसे भारत देश में लागू करने की शपथ लेने के बाद अब इस कानून का मस्वदा बनाया जा रहा हे यह क़ानून पुलिस हिरासत में रह रहे लोगों को यातना से बचाने और विधि विरुद्ध यातना देने वालों को दंडित करने के लियें बनाया जा रहा हे आज भारतीय पुलिस की आम जनता से व्यवहार और झुंटे मुकदमे बना कर उन्हें प्रताड़ित करने की आम शिकायतें हें । अभी जयपुर का फर्जी मुठभेड़ दारा सिंह प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने सी बी आई से जांच कराने के निर्देश देकर पुलिस की विश्वसनीयता की पोल खोल दी हे । देश में आतंकवादी घटनाओं में पकड़े गये लोगों के अनुसन्धान कोछोड़ दें तो एनी मामलों में आधी से ज्यादा जांचें और बनाए गये मामले संदिग्ध होते हें इसको रोकने के लियें एक ख़ास उपाय हे यदि पुलिस द्वारा किसी को आपराधिक मुकदमें में खुद गवाह बनकर पकड़ा जाता हे तो फिर वोह जो भी लिख कर लाते हें उसकी परख और अनुसन्धान अधिकारी तथा वरिष्ट अधिकारियों के सच को परखने के लियें इसे सभी सम्बन्धित पुलिस के गवाहों पुलिस अनुसन्धान अधिकारी और पुलिस के वरिष्ट अधिकारियों के नारको टेस्ट करवा कर उनके द्वारा की गयी सच्चाई को परखना चाहिए अगर नारको टेस्ट में वोह स्वयम के द्वारा किये गये अनुसन्धान और घटना की सत्यता की पुष्टि करते हें तो बस फिर अभियुक्त को जमानत का लाभ नहीं दिया जाए और अगर पुलस के गवाह और अनुसन्धान अधिकारी की झुंट पकड़ी जाती हे तो इसे दोषी पुलिस कर्मियों को नोकरी से हटा कर दंडित किया जाना चाहिए ताकि फिर किसी भी भारतीय को झूनते मुकदमे में फंसाने की हिमाकत कोई पुलिस कर्मी नहीं कर सके। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा में नये एस पी प्रफुल्लकुमार

राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा में नये एस पी प्रफुल्ल कुमार जी नें अपना कार्यभार सम्भाल लिया हे , कोटा में उन्हें जमने के लियें जिनका अपराधिक रिकोर्ड हे उन पर निगरानी और जो छुपे रुस्तम होने को वजह से अपराधिक रिकोर्ड से दूर हें उन को खोज करवा क्र उनकी लगाम कसना जरूरी हे, पुराने अपराधिक रिकोर्ड वालों को बुला क्र निरोधात्मक कार्यवाही क्र गिरफ्तार करने या सो कोल्ड मुकदमे बनाकर उन्हें बंद करवाने की प्रक्रिया पर पाबंदी कर पुलिस बीट प्रणाली को मजबूत कर नये पनपने वाले अपराधियों की जानकारियाँ अख्ति कर उन पर लगाम अगर कसी गयी तो कोटा के अपराधों पर लगाम कस सकेगी,सब जानते हें की कोटा में आर्म्स अक्त, एनी दीगर कानून, और डकेती की योजना बनाते पकड़े जाने के मुकदमें बहुत बनाने के बाद भी यहाँ सडकों पर रोजमर्रा चेन टूट रही हें यानी अपराधी जिन्हें संभावनाओं के आधार पर जेल भेजा हे उनको जेल भेजने से महिलाओं की चेन लूटने की घटनाओं पर रोक नहीं लगी हे सो जो अपराधी हो उसे खोजो और पकड़ो जो अपराधी था अब अपराध नहीं कर रहा हे उसे छोड़ो झुनता मत फंसाओ वाली प्रक्रिया रही तो कोटा में नये अपराधी जल्द ही नामजद होकर जेल की सींखचो के पीछे होंगे और फिर छुट पुट अपराधों पर पाबंदी होगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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