आपका-अख्तर खान

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16 अप्रैल 2010

कानून जो सरकार बनाती हे खुद ही उसकी पालना नहीं करती

हमारी केंद्र और राज्यों की सरकारें कानून तो खूब बनाती हें लेकिन उसकी पालना खुद ही नहीं करतीं जो कानून देश के सभी सांसद और विधायक लाखों करोड़ों के भत्ते लेकर उस पर विचार विमर्श के बाद देश में लागू किये जाते हें वही कानून सरकार और सरकार के अधिकारियों की लापरवाहियों के चलते देश में लागू नहीं किया जा रहा हे । राजस्थान में हाल ही में नया पुलिस कानून बना लेकिन दो सरकारों ने आज तक भी कानूनी प्रावधानों के तहत प्रदेश और जिला स्तर पर समितियां नहीं बनाई हें यहाँ तक केपुलिस आयोग भी नहीं बनाया हे .इसी तरह महिलाओं को न्याय देने के लियें घरेलू हिंसा कानून बना हे लेकिन आज तक राजस्थान में एक भी परिवाद सर्विस प्रोवैदर या पुलिस आधिकारी नें पेश नहीं किया हे रास्ज्स्थान में तो इसके नियम भी नहीं बने हें और केंद्र के नियम के तहत समितिया भी नहीं बनाई गयी हें । दहेज़ की कू प्रथा रोकने के लियें दहेज़ विरोधी अधिनियम बनाया गया हे लेकिन उसके लियें अधिकारी या समितिया नहीं बनाई गयी हें राजस्थान,केंद्र का विधि विभाग और विधि आयोग इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हें एसा लगता हे के हमारे देश में कानून बनाकर उसकी क्रियान्विति भगवान भरोसे छोड़ दी जाती हे अगर विधि आयोग देश के कानूनों की क्रियान्विति के बारे में समीक्षा करे तो कानून बनाने वाली सरकारें खुद ही शर्मिंदा हो जायेंगी। अख्तर खान अकेला कोटा rajasthan

क्र्क्केट के नाम पर महासंग्राम

देश के भुवन ने क्रिकेट खेलकर देश की इज्जत अंग्रेजों से बचाई थी और फिर सभी भारतीय क्रिकेटरों ने देश का नाम क्रिकेट के मामले में पुरे विश्व में रोशन क्र दिया हे लेकिन राजस्थान में ललित मोदी और केन्द्रीय मंत्री सी पी जोशी और समर्थकों के बिच कुर्सी हडपने की लड़ाई के चलते अब राजस्थान और फिर देश भर में क्रिकेट के नाम पर राजनेताओं का दखल हो जाने के बाद महासंग्राम शुरू हो गया हे हालत यह हे के आरोप प्रत्यारोपों के बीच सरकार की मशीनरी का खुलकर बदले की भावना से दुरूपयोग किया जा रहा हे कहते हें खेल को खेल की भावना से खेलो लेकिन खेल अगर नोट कमाने और राजनीति के भाव से खेला जाने लगेगा तो फिर यह गंदगी तो क्रिकेट में आना ही हे देश के सभी बुध्धिजीवियों,चिंतकों क्रिकेटरों खिलाड़ियों को इस मामले में एक जूट होकर आवाज़ उठाना चाहिए और क्रिकेट को मजाक बना देने वाले लोगों को सडकों पर ही निपटा देना चाहिए तब कहीं भारत इस गंदगी से बच सकेगा और वापस क्रिकेट की खोई हुई शक्ति पा सकेगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में जानवर तो जानवर आदमी भी प्यासे मर रहे हें

जी हाँ यह सच हे चम्बल के किनारे जानवर तो जानवर आदमी भी प्यासे मर रहे हें यहाँ जानवरों और पक्षियों को प्यास से बचाने के लियें जना पानी की टंकियां भर रही हे तो परिंदे बाँध रही हे लेकिन कोटा नगर निगम हे के अब तक सडक पर आने जाने वाले लोगों के लियें सार्वजनिक प्याऊ भी नहीं लगा सकी हे केवल समाज सेवी संस्थाओं ने कुछ प्याऊ लगाए हें जो आस की स्थिति में ना काफी हें अब आप ही बताओ थोड़ी सी कंजूसी और कुप्रबंध के चलते चम्बल के किनारे नगर निगम आम जनता को प्यास बाँट रही हे या नहीं। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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