आपका-अख्तर खान

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18 अप्रैल 2010

कोटा के रेन बसेरे तोड़ डाले

कोटा में न्यायालय के आदेशों के बाद बनाये गये रेन बसेरों की हालत खराब हे यहाँ रेन बसेरों में आम आदमी को ठहराया नहीं जा रहा हे कोटा में हमन रिलीफ सोसाइटी के एक मुकदमे में अदालत ने जनसंख्या के आधार पर रेन बसेरे बनाने का हुक्म दिया हे जिसमें पंखे कूलर चिकित्सा सुविधा ठेले रिक्शा खड़ा रखने का मैदान होना अनिवार्य हे लेकिन नगर निगम कोटा और जिला प्रशासन यह सुविधा रेंबसेरों में देने के बदले उलटे बने बनाए रेन्बसेरे तोड़ रहे हें इन दिनों इस मामले में न्यायालय में कोटा कलेक्टर और कोटा नगरनिगम के अधिकारियों को जेल भेजने की याचिका भी सुनवाई के लियें रखी गयी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के अखबार फिर गंदगी खाने लगे

जी हाँ देश भर में सिधान्तों की बात करने वाले सभी को सिख देने वाले अखबार अब विधिविरुद्ध विज्ञापन अखबारों में चाप कर रूपया कमाने से नहीं चूक रहे हें उनके इन विज्ञापनों से हजारों लाखों पाठक रज्म्र्रा लाखों करोड़ों की ठगी के शिकार हो रहे हें कानून हे के चमत्कारिक इलाज , तन्त्र मन्त्र ,सेक्स की दवाओं का विज्ञापन छापने पर सजा मिलेगी मेने इस कानून की पालना करने के लियें कोटा के अखबारों से प्रार्थना की वोह नहीं माने सरकार से शिकायत की भला हो कोटा कलेक्टर जनाब टी रविकांत जी का जिन्होंने इसे गम्भीरता से लिया और कोटा एसपी को ऐसे विज्ञापन बंद करवाने या ऐसे विज्ञापन छापने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए मेरी यह कार्यवाही सिध्धांतो की बड़ी बड़ी बातें करने वाले अखबार और उनके सम्पादकों को बुरी लगी वोह मेरे कट्टर दुश्मन हो गये लेकिन अल्लाह का फजल यह रहा के इन अखबारों में सेक्स,ठगी,तन्त्र,मन्त्र के विज्ञापनों को रोक दिया गया अब फिर यही अखबार अपने सभी कायदे कानून तोडकर फिर से लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले विज्ञापन छापने लगे हें इसकी शिकायत मेने फिर एसपी कोटा शहर प्रफुल्ल कुमार जी से की हे अब देखना हे के वोह इन अखबारों के खिलाफ किया कार्यवाही करते हें वेसे इसमामले में अखबारों का रजिस्ट्रेशन केंसिल होना चाहिए। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चिकित्सा सम्मेलन में अनावश्यक जांच पर फटकार

कोटा में आयोजित चिकित्सकों की एक सेमीनार में पहली बार चिकित्सकों को वरिष्ट वक्ता चिकित्सकों से मरीजों की अनावश्यक जांच नहीं कराने की सीख मिली हे चिकित्सकों का कहना हे के इलाज के लियें जांचे जरूरी नहीं यह सब जानते हें की आजकल हर चिकित्सक निजी चिकित्सालय अपनी खुद की या रिश्तेदार की जांच लेब लगा कर बेठा हें और वोह इसीलियें मरीज़ के आते ही उसे लम्बी चोडी जांचों की एक लिस्ट थमा कर कहते हें की अमुक लेबोरेट्री से यह जांच करा लेना निजी चिकित्सालय तो सभी अनावश्यक जांचें मनमाने तोर पर कर मरीजों से मनमाना पैसा बटर रहे हें ऐसे में कोटा के आई एम् ऐ होल में चिकित्सकों की कोंफ्रेंस में चिकित्सकों को दी गयी सलाह जनहित में मानी जा रही हे काश चिकित्सक इस सलाह पर अम्ल करें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

साहित्य में देह राजनीति पर चर्चा

कोटा में आयोजित राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन में साहित्य क्षेत्र में देह की राजनीति पर गम्भीरता से चर्चा हुई यह बात सही हे की राजनीति की तरह अब साहित्य क्षेत्र में भी महिलाओं के लियें देह शोषण के किस्से आम हो गये हें और इसीलियें अनेक कविसम्मेलन मुशायरों में इसी महिला साहित्यकार आती हें जो सुंदर तो होती हें लेकिन उनके बोल सुंदर नहीं होते हालात यहाँ तक हें के सुंदर महिलाओं को बड़े साहित्यकारों द्वारा खुद लिख क्र अपना साहित्य दिए जाने की आम शिकायतें हें इसे में कोटा सम्मेलन में साहित्य में देह राजनीति पर बहस कोई नई बात नहीं हे। अब देखना हे के साहित्यकार इसे किस रूप में लेकर साहित्य क्षेत्र को इस गंदगी से बचाते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के पूर्व उपमहापोर शराब पीनें के मामले में गिरफ्तार

राजस्थान राज्य के कोटा में पूर्व उपमहापोर और भा ज पा नेता रविन्द्र सिंह निर्भय को कोटा पुलिस ने शराब पीकर मोटर सिकल चलाने और फिर पुलिस कर्मियों की वर्दी फाडकर राज कार्य के आरोप में बंद किया हे उन्हें रेलवे कोलोनी पुलिस ने गिरफ्तार क्र जेल भेज दिया हे लेकिन उनके बचाव में सारी भा ज पा सडक पर आ गयी हे और वोह इसे राजनितिक षड्यंत्र बता रही हे .यह वही रविन्द्र सिंह निर्भय हें जिन्होंने ६ वर्ष पूर्व वर्तमान ग्रह मंत्री जी की कोटा स्थित होटल में घुस कर तोड़ फोड़ की थी और उनके विरुद्ध जो मुकदमा दर्ज हुआ था वोह भा ज पा सरकार नें जनहित में वापस ले लिया था अब रविन्द्र निर्भय जेल में हें और भा ज पा इस मामले में एक जूट होकर आरोप प्रत्यारोप लगा रही हे लेकिन देखना हे के अब वोह बाहर आ कर किया रंग दिखाते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रोता हुआ नर्गिस का फूल

किसी शायर ने खा हे के ; हजारों साल नर्गिस अपनी बेनुरी पे रोती हे , बड़ी मुश्किल से होता हे चमन में दीदावर पैदा कहने को तो यह शेर करोड़ों करोड़ बार पढ़ा जाता रहा हे लेकिन इसका अर्थ सभी अपने अपने नजरिये से निकालते हें तो दोस्तों इसकी सच्चाई आज यह हे के अब नर्गिस रोती नहीं और उसके दीदावर बड़ी मुश्किल से पैदा नहीं हो रहे हें बलके अब उसके दिदाव्रों की लाइन लगी हुई हे। जी हाँ यह सच हे नर्गिस एक खुबसुरत फूल का नाम हे जिसे देकने के लियें लोग तो तरसते हें लेकिन देख नहीं सकते थे यह फूल दक्षिणी अफ्रीका में मिलता हे वहा यह फूल अर्ध रात्री यानी आधी रात के बाद खिलता हे और कुछ वक्त के बाद ही मुरझा क्र गिर जाता हे इसलियें आधी रात को फूल खिलने के कारण उसकी खूबसूरती कोई देख नहीं पाटा था और इसीलियें शायर ने उसे रोना और बड़ी मुश्किल में उसका चमन में दीदावर पैदा होना खा हे लेकिन आजकल यह बात नहीं हें दक्षिणी अफ्रीका में हालात बदल गये हें अब वहां पर्यटकों को लुभाने के लियें अर्ध रात्री तक जगाया जाता हे और जहां नर्गिस के पोधे हें वहां उन्हें लेजाकर वक्त से पहले ही बिठा दिया जाता हे जिस नर्गिस के फूल को खिलने के बाद दीदावर नहीं मिलता था आज उसी फोल को खिलता हुआ देखने के लियें हजारों लोग बेताबी से इन्तिज़ार करते हें और जब यह नर्गिस का फूल खिलता हे तो इसकी खूबसूरती और खुशबु से देखने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हें और जब कुछ पल में यह खुबसूरत फूल मुरझाता हे तब वोह एक डीएम सदमे में डूब जाते हें तो दोस्तों यह हे नर्गिस के खुबसुरत फूल के दीदावर की कहानी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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