आपका-अख्तर खान

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24 अप्रैल 2010

रिश्वतखोरी की पोल खोलने गये छात्रों कों मिले डंडे

कोटा में परीक्षा केन्द्रों पर रिश्वत लेकर टिपवाने की शिकायत लेकर गये छात्रों कों कोटा की पुलिस ने डंडे दिए और उन्हें पीट पीट कर घायल कर में डाल दिया कोटा के छात्रों ने इस के विरुद्ध आवाज़ उठाते हुए कोलेज में निजी काम से गये कोंग्रेस विधायक सी एल प्रेमी और प्राचार्य कों घेर लिया कुछ छात्रों नें उनके कमरे का दरवाज़ा लगा दिया बस फिर कोलेज में भी पुलिस ने अपना हुनर दिखाया छात्र शक्ति कोंग्रेस और गेर कोंग्रेस शक्ति में बंट गयी और अब छात्र बेचारे अस्पताल एन और जेल में हे खुद कोलेज प्राचार्य नें पुलिस के दबाव एन आकर रिपोर्ट दर्ज कराई हे। अख्तर खा अकेला कोटा राजस्थान

मेडिकल कोंसिल का चेयरमेन इतना बड़ा चोर तो दुसरे चिकित्सक कोंसे दूध के धुले हें

मेडिकल कोंसिल के चेयरमेन केतन देसाई खली रिश्वत लेट हुए धरे गये उनके पास अकूत सम्पत्ति मिली हे देश के चिकित्सकों के नियंत्रक जब इतने बड़े चार साबित हुए हें तो फिर देश के अन्य सदस्य चिकित्सकों का क्या हाल होगा सोचने की बात हे चिकित्सा परिचालन कानून के तहत सभी चिकित्सकों के लियें यह अनिवार्य हे की वोह निर्धारित फ़ीस से अधिक नहीं लेंगे,कमिशन की दवाएं नहीं लिखेंगे,जेनेरिक दवाएं लिखेंगे , अनावश्यक जाचें नहीं करवाएंगे ,अनावश्यक दवाएं नहीं लिखेंगे , मरीजों और उनके तीमारदारों को लूटेंगे नहीं विज्ञापन नहीं करेंगे सरकारी चिकित्सक निजी अस्पतालों में नहीं जायेंगे निजी चिकित्सक मूंह मांगी लूट नहीं करेंगे हर निजी अस्पतालों में ग़रीबों का अनुपात के आधार पर इलाज होगा लेकिन हमारे चिकित्सक हें के वोह किसी भी कानून की पालना नहीं करते सभी छोटे बड़े चिकित्सक कलेक्टर,एस पी ,आईजी,कमिश्नर,मंत्री,विधायक,सांसद,मुख्यमंत्री,राज्यपाल,बड़े अधिकारियों और अखबार वालों को छोड़ कर आम जनता को कुल्क्र लूटते हें आम जनता की अधिकारी मंत्री मुख्यमंत्री तो इसलियें नहीं सुनते की वोह चिकित्सकों से फील गुड होते हें और अखबार वाले उनकी समस्या या चिकित्सकों के लूट के किस्से इसलियें नहीं छापते क्योंकि वोह इनसे फील गुड के साथ विज्ञापन भी लेते हें मेडिकल कोंसिल इन लुटेरे चिकित्सकों के विरुद्ध शिकायत दर्ज इसलियें नहीं करती के वोह पहले से ही अपनी जेबें भर के बेठे होते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सरकार का फोन टेप का तमाशा

केन्र सरकार पर ज़िम्मेदार लोगों खासकर केंद्र के मंत्रियों के टेलेफोन टेप करने के गम्भीर आरोप लगे हें यह बात सही भी हे लेकिन इससे भी बधा एक सच हे के इस गेर कानूनी असंवेधानिक कार्यवाही के खिलाफ कोई भी सरकार का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता हे क्योंकि जिनके फोन टेप किये गये हें वोह दूध के धुले नहीं हें उनमें सरकार से कानूनी लड़ाई लड़ने का साहस नहीं हें और वोह सरकार के एक मोहरा मात्र हें सरकार के साथ मिलकर वोह भी देश और देश की जनता को लूट रहे हें नेताओं के फोन टेप करना नई बात नहीं हे पहले भी कई बार यह अप्राद किया गया हे और आगे भी होता रहेगा राजस्थान में भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा जी पर फोन टेपिंग और जासूसी का आरोप लगा था , मगर सरकार बेचारी कितनी भोली हे इ वोह जो खुद करती हे उसी पर निगरानी नहीं रख पा रही हे सरकार और उसके कारिंदे जब भी भरोसे की या गेर कानूनी बात करते हें तो वोह खुद के फोन से नहीं किसी गुप्त फोन से यह साड़ी बातें करते हें जब सरकार ऐसा करती हे तो वोह यह उम्मीद केसे क्र सकती हे के उसके मंत्री ऐसी पकड़ में आने वाली बेवकूफी करेंगे। वेसे अब हमारे देश में लोकतंत्र नाम की कोई चीज़ नहीं बची हे यहाँ नेताओं की सोदेबाज़ी ब्लेकमेलिंग के बीच जनता लुट रही हे जनता को इन सब बातों को गम्भीरता से लेना चाहिए और चोर चोर मोसेरे भाई चाहे आपस में समझोता कर लें लेकिन जनहित के माध्यम से इस सच को उजागर करवाना अब जरूरी हो गया हे प्लीज़ आप सब मिलकर देश को इन लुटेरों से बचाने में मेरी और मेरे जेसे उत्साहित लोगों की मदद करें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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