आपका-अख्तर खान

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30 अप्रैल 2010

चिदम्बरम ने विदेश में नोट छपवाकर विश्वासघात किया

जी हाँ वर्ष १९९७ में पी चिदम्बरम के वित्तमंत्री रहने के दोरान उनकी सहमती से देश के नोटों को विदेश लेजाकर छपवाया गया और देखें उसी वक्त से देश आर्थिक अस्थिरता के डोर से गुजर रहा हे देश में नकली नोट चलाने की आम शिकायतें आ रही हें शायद यह सब सरकार की १९९७ में विदेश में देश के नोटों को छपवाने के कारण हुआ हे । पी चिदम्बरम जी हमेशां किसी ना किसी विवाद में रहे हें उन्होंने चाहे सोनिया जी को खुश करने के लियें राजीव जी के हत्यारों को मूल जड से खत्म करने के लियें लिट्टे को खत्म करने के लियें श्रीलंका सरकार का गुप्त समर्थन किया इसलियें उनके खिलाफ छोटी मोती ग़लती उजागर होने पर कोंग्रेस हाई कमान कोई ख़ास कार्यवाही करने की स्थिति में नहीं हे देखना हे की इस मामले में राष्ट्र हित में सरकार क्या कदम उठाती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश के सुरक्षक ही असुरक्षा का कारण बने

हमारे देश की सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मचारी अधिकारी इन दिनों देश की असुरक्षा का कारण बने हें हालात यह हे के वृष्ट पुलिस अधिकारी आम आदमी को फर्जी मुठभेड़ में मार रहे हें तो वृष्ट अधिकारी हमारे सुरक्षा दस्तावेज लिक क्र हमारे देश को दुश्मनों के सामने कमजोर करने की कोशिशों में लगे हें इतना ही नहीं अब तो हद हो गयी जो सुरक्षा पुलिस कर्मी हमारी जनता की सुरक्षा करने के नाम पर भारी वेतन उठाते हें आज उत्तरप्रदेश,बिहार और एनी स्थानों पर वही पुलिसकर्मी आतंकवादियों से मिलकर देश के दुश्मन बन गये हें वोह खुद पुलिस के अपने अनुभवों के आधार पर नक्सलियों माओवादियों को हिंसा फेलाने आम जनता को मारने और ग्रह युद्ध के लियें हथियार गोलाबारूद बेवह रहे हें । अब आप ही बताएं कसाब,कसाई और इन देश द्रोहियों में क्या फर्क हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पानी के लियें भाजपा कोटा आर पार के मुड में

राजस्थान के कोटा में भाजपा का गढ़ होने के बाद भी जब भाजपा हर मोर्चे और चुनाव में विफल हुई तब पहले तो भाजपा नें अल्पमत में रहने पर भी जिला प्रमुख की कुर्सी पर कब्जा जमा कर अपना सिक्का जमाया और फिर समस्याओं पर चुप बेथ गयी अब कोटा में पानी की मांग पर बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज ने कोटा भाजपा को शर्मसार कर दिया हे और गुटों में बंटे भाजपा के लोग अब एक मंच पर आने की कोशिश कर रहे हें वोह पार्टी में जान फूंकने के लियें अब कोटा में पानी की मांग पर लाठीवार के खिलाफ ६ मई २०१० को कुली लड़ाई का एलान कर बेठे हें और पुलिस लाठीचार्ज को ललकार कर महिलाओं से प्रदर्शन में लाठिया लाने को खा हे लेकिन भाजपा कोटा में ऐसे कई बार एलान कर चुकी हे और मोका आने पर भाजपा बेकफुट पर चली जाती हे शायद इस बार भी लाठी चार्ज के आरोपी भी भाजपा के वफादार रहने के कारण कुछ भाजपाइयों को पटा लें और आन्दोलन रस्म बन कर रह जाए देखना हे की अब ६ मई २०१० को भाजपा हर बार की तरह आन्दोलन में असफल रहती हे या भाजपा का गढ़ कोटा को स्थापित करने के लियें ऐतिहासिक प्रदर्शन करती हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मजदूर दिवस केवल रस्म बन कर रह गया

देश भर के मजदूर एक हो का नारा देने वाले मजदूर नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया हे और देश का संविधान देश के उच्चतम न्यायालय के समस्त दिशा निर्देश इस सिस्टम से हार गये हें और मजदूरों के हितों की समीक्षा के लियें बनाया जाने वाला यह दिन एक रस्म बन कर रह गया हे मजदूरों के काम के घंटे,सुरक्षा, स्थाई रोज़गार बाल मजदूरी प्रतिबन्ध महिला मजदूरों की सुरक्षा यह सब हमारे संविधान ने खुल कर मजदूरों को अधिकार दिए हें सरकार नें इसके लियें कानून बनाये हें और इन कानूनों को लागू करने के लियें सुप्रीमकोर्ट ने कई हजार फेसले देकर केंद्र और राज्य सरकारों को पाबन्द किया हे लेकिन मजदूरों को रखो और शोषण करो हक मांगने पर उनका दमन करो के सिद्धांत पर ही मालिक और सरकार चल रही हे और देश का संवेधानिक हक होने के बाद भी देश का मजदूर सरकार की पूंजीवादी नीतियों के कारण रो रहा हे आजकल तो सरकार ही नरेगा में मजदूरों का हक लुट कर उनका शोसन कर भ्रस्ताचार फेला रही हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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