आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

09 मई 2010

नक्सलियों के आगे बेबस चिदम्बरम

केंद्र सरकार और केन्द्रीय मंत्री पी चिदम्बरम नक्सली हमलों के आगे बेबस हें उनकी नाकामयाबी की वजह से रोजमर्रा हमारे जवान बे मोत मर रहे हें और जो लोग जिंदा हें वोह पूरी तरह असुरक्षित हें आप खुद देखिये के चिदम्बरम और केंद्र मानता हे की हमसे छत्तीसगढ़ में ग़लती हुई तो दोषी अधिकारी को ज़िम्मेदारों को क्या दंड दिया गया सार्वजनिक क्यूँ नहीं क्या जा रहा हें बात साफ़ हे के पहले वित्त मंत्री रहते देश का बनता धार हुआ अब गढ़ मंत्री के रहते देश असुरक्षित हो गया हे लेकिन क्या करें भाई आप कितने ही नाकाबिल हों आप तो दस जनपथ के हें आपकी नाकामियों के बाद भी आपका कोन क्या बिगाड़ सकता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा नगर निगम ने दिए पक्षपात पूर्ण नोटिस

अतिक्रमण के नाम पर कोटा नगर निगम नें कोटा में फर्जी नोटिस बाज़ी कर देहशत का माहोल खड़ा कर दिया हे इसके खिलाफ कोटा भाजपा ने आन्दोलन की घोषणा की हे कोटा में शिक्षा नगरी होने से खुद के मालिकाना हक वाले मकानों में लोगों ने होस्टल खोल लिए हें बीएस इसी से नगर निगम लोगों को द्र धमका कर रकम एंठने के प्रयासों में लगी हे नगर निगम ने शेहर की फोश कोलोनियों और अंदर की बस्तियों में इस तरह के नोटिस नहीं दिए हें रिको की जमीन पर बने होस्टलों की तरफ उन्होंने झाँका भी नहीं हे निगम की सी पक्षपात पूर्ण रवय्ये से जनता दुखी हे और भाजपा आंदोलनरत हे जबकि कई बस्तिया आवासन मंडल की हें तो कई यु आई टी की बस्तियां हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में आपदा प्रबन्धन नहीं होने से स्थिति खतरनाक

राजस्थान के कोटा में विभिन्न खतरनाक दुर्घटनाओं के बाद इससे निपटने में आई कठिनाइयों से सरकार ने सीख ली और कोटा में आपदा प्रबन्धन दल के गठन की घोषणा की गयी कोटा में इस घोषणा के बाद छोटी मोटी कई दुर्घटनाएं हो गयीं राजस्थान सरकार द्वारा आपदा प्रबन्धन दल गठन करने की घोषणा पूरी नहीं हो सकी हे ऐसे में जब कोटा में नये पुल का काम होना हे चम्बल पुलिया का दोहरीकरण किया जाना हे और गर्मी में लू अंधड़ फिर मानसून में बरसात की समस्या से निपटना हो तो आपदा प्रबन्धन का दल तो तुरंत गठित होना चाहिये इसकी कोटा को तुरंत जरूरत हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में एस औ जी थाने का इन्तिज़ार

राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा में ग्रहमंत्री महोदय नें गुंडों पर नजर रखने के लियें कोटा में एस औ जी का कार्यालय खोलने की घोषणा की थी यहाँ चार माह गुजरने के बाद भी कोटा में एस औ जी का कार्यालय नहीं खुल पाया हे हालात यह हें के यहाँ तेनात उप अधीक्षक तीन माह की अवधि में कुछ नहीं कर पाए हें कोटा में इस थाने की निगरानी महत्वपूर्ण हे क्योंकि यहाँ आज अपराधियों की बल्ले बल्ले हे इसकारण अब तक इस एस औ जी का कार्यालय कोटा में नहीं खुल पाना एक गम्भीर प्रश्न हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मध्प्रदेश सरकार का पत्रिका अखबार पर हमला

मध्यप्रदेश सरकार नें राजस्थान पत्रिका की लेखनी से तंग आकर अपने मंत्री केलाश विजेय वर्गीय और उसके गुंडों से हमला करवाना शुरू कर दिया हे देश भर में अपनी लेखनी के लियें प्रसिद्ध राजस्थान पत्रिका नें जब मध्यप्रदेश सरकार में बेठे मंत्रियों के भ्रष्टाचार और घोटालों का सच उजागर करना शुरू किया तो बस पत्रिका की लेखनी का गला दाबने के लियें उस पर अपने गुंडों से हमला शुरू कर दिया मध्यप्रदेश सरकार की बेशर्मी देखिये की वोह भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त कर उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दंडित करने के स्थान पर उसे बचाने का प्रयास कर रही हे इतना ही नहीं मध्यप्रदेश सरकार नें पत्रिका की बात ग़लत साबित करने के लियें दुसरे अखबारों को खरीदना शुरू कर दिया हे अब ऐसी स्थिति में जहां अखबार की लेखनी स्वतंत्र ना हो उस पर हमले हों आम जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था का क्या आलम होगा सोचने की बात हे ताज्स्थान पत्रिका पर हमला राजस्थान और देश की लेखनी पर हमला हे इस मामले में केंद्र सरकार को कोई कदम उठाना जरूरी हो गया हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उत्तर प्रदेश पुलिस का नया कारनामा

आप माने या ना माने डंडे के बल पर वर्दी वाले गुंडे सच को झूंट और झूंट सच आसानी से बना सकते हें और इसी लियें उत्तरप्रदेश मुजफ्फरपुर की पुलिस नें जिस प्रेमी प्रेमिका अंशु और अजित ओ मरा हुआ घोषित कर उनकी हत्या के आरोप में कथित म्रतक के भाई को गिरफ्तार कर उससे अजित और उसकी बहन अंशु की हत्या कर देने का कुबुल्नामा करवाया यह सब पुलिस ने अपनी उपलब्धी बताकर मीडिया को उजागर करते हुए अपनी तफ्तीश की तारीफ़ भी की लेकिन आज अचानक पुलिस रेकोर्ड में जिन प्रेमी प्रेमिका की हत्या होना दर्ज कर उसके भाई को गिरफ्तार किया गया था वोह ओग अचानक जीवित अवस्था में थाने जा पहुंच और मिडिया कर्मियों की उपस्थिति में पुलिस उन्हें ज़िंदा देख भोचक्की रह गयी पुलिस द्वारा किसी को भी डंडे का डॉ बता कर झुंटा फंसाने और जुर्म कुबूल करवाने की यह नई घटना नहीं हे खासकर उत्तर प्रदेश पुलिस के लियें तो इलाहबाद हाईकोर्ट ने उन्हें वर्दीवाला गुंडा कह कर संबोधित किया हे ताज्जुब यह हे के ऐसे पुलिस कर्मियों अधिकारियों के विरुद्ध उत्तरप्रदेश सरकार ने अब तक कोई कदा कदम नहीं उठाया इस में कई सवाल हें जो पुलिस की छवि को दागदार करते हें पुलिस नें अंशु के भाई को डरा धमका कर जुर्म क्यों स्वीकार करवाया ,जिसको प्रेमी अजित का शव बताया और जो महिला मरत मिलीहे वोह किसकी लाशें हें और पुलिस ने इस मामलें में बारीकी से जांच क्यों नहीं की लेकिन इस घटना से यह तो साफ हे की भारतीय पुलिस खासकर उत्तरप्रदेश पुलिस जनता के साथ केसा सुलूक कर रही होगी , ऐसे में मानवाधिकार सन्गठन ,और पुलिस निगरानी समितियों पर भी उंगलियाँ उठती हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महाराष्ट्र में हजरत मुहम्मद का कार्टून विवाद

हारे देश में सर्वधर्म मान्यता प्रबल हे और यही वजह हे की सभी लोग सभी धर्मों का समान करते हें लेकिन कुछ सिरफिरे अपने निजी स्वार्थो के लियें धर्म के नाम पर अधर्म फेलाकर दूसरों के धर्म को अपमानित क्र उन्हें उत्पीडित करते हें उकसाते हें और सरकार की गुप्तचर व्यवस्था की खामियों की वजह से इस मामले में दोषी लोगों को सजा नहीं मिलने से इनके होसले बुलंद हो जाते हें महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह एक मुस्लिम धार्मिक स्थल पर किसी सिरफिरे नें हजरत मुहम्मद साहिब की तस्वीर का कार्टून बनाया तो आग लगना स्वाभाविक थी लेकिन दोस्तों हमें अगर असली दोषी को सजा दीवाना हे तो हमें जोश से नहीं होश से काम लेना होगा आपने देखा घटना के विरोध में लोग अख्त्ते हुए गोली चली,लाठियां चलीं और अपने ही लोग घायल असपताल में भर्ती हें या फिर पुलिस गिरफ्त में हें अब आप ही बताएं की क्या यह समझदारी हे क्या इससे कार्टून के नाम पर भावनाएं भडकाने वाले को सजा mइल सकी हे नहीं ना तो दोस्तों मेरे हिन्दुस्तानी भाइयों आज हम मिक्र कसम खाएं के मेरी मस्जिद मजार की हिफाजत तुम करो तुम्हारे मन्दिरों शिवालयों की हिफाजत में देखूंगा और जो कोई भी धर्म के नाम पर अधर्म फेला कर लोगान की भावनाएं भडकाने की गुस्ताखी करे उसे हम मिलकर सजा दिलवाएंगे क्यूंकि हमारे देश में कानून हे यहाँ देर हे अंधेर नहीं। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

झारखंड की अब झाड़ियाँ टूट गयीं

जी हां झारखंड जहां के शिबू सोरेन नें संसद को रिश्वत लेकर वोट डालना सिखाया जहां के शिबू सोरेन राजनितिक सोदेबाज़ी के बाज़ीगर थे और दिल्ली हो चाहे झारखंड अपनी आवाज़ बुलंद रखते थे लेकिन भाजपा से दोस्ती और फिर गद्दारी करने के बाद भाजपा ने उन्हें राजनितिक मात देकर कुर्सी छीन ली हे और सरे आम मुख्यमंत्री का पद छीन कर उन्हें बेबसी की पर चढा दिया हे कहते हें की बुरे काम का अंत बुरा ही होता हे देश की राजनीति में गंदगी फेलाने वाला यह व्यक्ति कानून की खामियों की वजह से चाहे अदालतों से बरी हो जाएँ लोकतंत्र की खामी की वजह से चाहें चुनाव जित कर आजायें लेकिन यह सच हे की ऐसे दिशाहीन,भ्रष्ट,राष्ट्र्विरोधियों की हालत देश देखेगा और बढ़ा सबक लेगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मात्रत्व दिवस के नाम पर कमाई

देश के छोटे बड़े अखबार टी वी चेनल इन दिनों मात्रत्व दिवस के नाम पर कमाई करने में लगे हें सभी अख़बार और टी वी चेनल इस दिन बड़े बड़े विज्ञापन लगा रहे हें और हालात यह हें की टी वी चेनल इस दिन के लियें कार्यक्रम बना कर टी आर पी के नाम पर विज्ञापन कमा रहे हें हे ना मजेदार बात के सिद्धांतों की गुहार लगाने वाला मीडिया अब किसी भी दिन किसी भी वक्त किसी भी ग़म किसी भी ख़ुशी को भुना कर पेट की कमाई का जरिया बना रहे हें अब आप ही बताएं के ऐसे में इस देश का भविष्य क्या होगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

न्याय सुधार के लियें वकीलों में अनुशासन जरूरी

देश में न्याय व्यवस्था एन सुधार के लियें व्किओं और वकालत पढ़ रहे छात्रों में अनुशासन बहुत जरूरी हो गया हे क्योंकि जज,वकील,प्रतिपक्ष वकील या सरकारी वकील जो भी हो कमसे कम उसके लियें वकालत की पढाई तो जरूरी हे ही सही अब कोई वकील तो कोई सरकारी वकील तो कोई जज बन जाता हे इसलियें प्राथमी तोर पर विधि के छात्रों के अनुशासन से ही संम्बन्धित लोगों की कार्यशेली में निखार आ सकेगा अब रही बात अदालतों में पेरवी की तो विधि नियम के तहत न्यायिक अधिकारियन के लियें १० बजे अदालत में आना और १० से १०.३० तक चेम्बर में बेठने के बाद खुली इजलास में बेठना अनिवार्य हे जो ४.३० बजे तक का समय तय हे वकील इसके लियें समय पर अगर आजायें तो न्यायिक अधिकारी भी समय पर बेठने लगेंगे किन्तु वकील ओग अनेक तो उनिफ़ोर्म ही नहीं पहनते बिना कोट के न्यायालयों में जाते हें और वक्त के तो अनेक वकील पाबन्द ही नहीं हे अगर अदालत का वक्त १० बजे का हे तो अनेक वकील १२ बजे तक न्यायालयों में आते हें किताबें,कानून नहीं पढ़ते इसके लियें जरूरी हे के प्रत्येक वकील का उपस्थिति रजिस्टर सम्बन्धित वकील सन्गठन के यहाँ हो जो वकीलों को समय पर आने के लियें पाबन्द करे यह देखे की वकील कोट युनिफोर्म क्यों पहन कर नहीं आया इसक लियें उलंघन पर वकीलों के विरुद्ध दंड का प्रावधान भीहो वकीलों के साथ साथ जजों को भी काम के लियें पाबन्द करने और न्यायालय में कार्यरत कर्मचारियों पर निगरानी के लियें जरूरी हे के प्रत्येक न्यायालयों में सर्किट केमरे लगाये जाएँ जो सुबह १०.३० बजे से ५ बजे तक चालु रखे जाएँ और इसकी निगरानी कंट्रोल रूम निरीक्षक जज के पास मास्टर कम्पुटर पर हो ताकि वोह जब चाहे किसी भी न्यायालय की कार्यवाही देख सके इससे वकील और जज तो अनुशासित रहेंगे ही सही साथ ही फ़सलों और सुनवाई की गुणवत्ता में भी सुधार होगा बाबू रीडर तारीख पेशी के नाम पर रिश्वत नहीं वसूल सकेंगे और आवश्यकता पढने पर शुल्क जमा कराकर किसी भी पक्षकार या वकील द्वारा मांगने पर उसे रेकोर्डिंग की सीडी उपलब्ध कराई जाए ताकि संबंधित उलंघन करता के खिलाफ कार्यवाही हो सके अगर आपको यह सुझाव पसंद हे तो प्लीज़ इसे लागू करवाने के लियें मेरी मदद करें राष्ट्रपति और माननीय उच्चतम न्यायालय, बार कोंसिल ऑफ़ इंडिया को यह सुझाव अभियान के तोप में भेजें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में राज्यसभा क चुनाव को लेकर घमासान

कभी अल्पमत में रही राजस्थान सरकार आज स्पष्ट बहुमत में होने के बाद भी आगामी जून में होने वाले राज्यसभा चुनाव में तनाव में हें राजस्थान में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत सी पी जोशी कोंग्रेस अध्यक्ष पद से हटाये जायेंगे इस पद के लियें उन्हें अपने वफादार की तलाश हे जबकि मुख्यमंत्री इसी पद पर अपना सिपहसालार बिठाने की जुगत में हें ऐसी स्थिति जब किरोड़ी कोंग्रेस से नाराज़ हें निर्दलीय विधायक पद पाने के इन्तिज़ार में बेठे हें तब राजस्थान में चार राज्यसभा सीटों पर चुनाव कोंग्रेस केसे जीत पाएगी असमंजस में हे कोंग्रेस वेसे चार में से तिन राज्य सभा की सीटों पर अपनी दावेदारी कर रही हे इसके लियें उसके पास जातिगत समीकरण हें मुस्लिम उपेक्षा के लियें कुप्रसिद्ध हुई राजस्थान कोंग्रेस अब इस पद पर एक मुसलमान को प्रत्याक्षी बनाना चाहती हे यहाँ माहिर आज़ाद को पहले एम एल ऐ का चुनाव लड़ने के बाद मुसलमान नये आदमी को मोका देने की बात कर रहे हें जबकि भाजपा एक पूंजीपति को खड़ा कर कोंग्रेस में क्रोस वोटिंग की सम्भावनाओं का तनाव पैदा कर रही हे अब चाहे जो भी हो लेकिन राजस्थान में राजनितिक नियुक्तियों और सन्गठन चुनाव , राज्यसभा प्रत्याक्षी चयन के लियें असमंजस हे इसलियें अब तो इस मामले में दिल्ली हाई कमान ही कुछ फेसला लेकर उपर का निन्य थोपेगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...