आपका-अख्तर खान

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14 मई 2010

राजस्थान के राजनितिक चाणक्य नहीं रहे

आपात काल के बाद राजस्थान में लोकतंत्र कानून का राज स्थापित कर राजस्थान को नई राजनीति देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री,पूर्व उपराष्ट्रपति भेरो सिंह शेखावत का आज जयपुर में अचानक निधन हो गया उनकी म्रत्यु से राजस्थान के सभी दलों और वर्ग समाजों में शोक की लहर दोड गयी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शिक्षा मंत्री के बाहर अशिक्षित सरकारी प्रदर्शन

राजस्थान के शिक्षा मंत्री भंवर लाल मेघवाल के यहाँ प्रदर्शन कर रहीं बीएसटीसी छात्राओं को पुलिस नें बेरहमी से जिस तरह से खदेड़ा हे उससे तो स्पष्ट हे की राजस्थान के शिक्षा मंत्री की पुलिस एक दम अशिक्षित हे उसने बेरहमी से छात्राओं को पीट पीट कर धक्का मुक्की करते हुए खदेड़ा हे इससे कई छात्राओं की इज्जत भी बिगड़ी हे ताज्जुब हे के सरकार गुर्जरों से तो प्रदर्शन के वक्त डर कर बात करती हे और बाक़ी प्रदर्शन कारियों को लाठी गोली का डर दिखाती हे अगर यही परम्परा सरकार प्रदर्शन कारियों के साथ रही तो सभी प्रदर्शन कारियों को मजबूर होकर गुर्जर पेटर्न पर ही आन्दोलन की रूपरेखा तय्यार करना होगी और फिर यह इस राजस्थान के लियें ठीक नहीं होगा इसलियें अबन सरकार को प्रदर्शनकारियों के साथ लाठी की भाषा के स्थान पर बात चित का रास्ता अपनाना शुरू करना होगा नहीं तो कानून व्यवस्था का भगवान ही मालिक होगा। अख्तर खान अकेला कोटा rajasthan

अनुसूचित आरक्षण खाली हे

राजस्थान और देश में अनुसूचित सहित सभी प्रकार का आरक्षण बेक्लोग उपयुक्त पात्र उम्मीदवार नहीं मिलने से खाली पढ़े हें आह कोटा से प्रकाशित देनिक भास्कर नें इस सम्बन्ध में आंकड़े देकर देश और जनता को चोंका दिया हे देश और राजनेताओं को अब आरक्षण व्यवस्था पर चिन्तन कर इसे बदलने के बारे में कठोर निर्णय लना होगा। आरक्षण मामले में संबंधित जातियों को विशिष्ट पढाई की सुविधाएं भी मिलती हें लेकिन सरकार इस में पुरे तरह विफल साबित हुई हे अब सरकार को आरक्षण व्यवस्था बदल कर सभी आरक्षित जातियों के लोगों का दुबारा सर्वे करा कर उन्हें केसे अच्छी शिक्षा दी जाए और फिर खुद बी खुद वोह खुद को बुलंद कर के प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित हो कर जाएँ इससे देश का भी भला होगा और पिछड़ी दबी कुचली जातियों का उत्थान भी होगा सकार अगर अनुसूचित और अन्य आरक्षित जातियों को सही शिक्षा नहीं दे पाने की ग़लती को समझ लेती हे और कम अपात्र लोगों को बेक लोग भरने के नाम पर नोकरी देकर सेष का सत्यानास करने का सच मान लेती हे उसकी राष्ट्रीयता की भावना जाग्रत हो जाती हे तो बस अब बहुत हो गया आरक्षण व्यवस्था बंद कर केवल शेक्षणिक उत्थान योजना पिछड़ों के लियें चालू की जाए जिसका आधार जातिगत नहीं होकर केवल आर्थिक ही होना चाहिए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा महापोर को सुरत यात्रा महंगी पढ़ी

सरकार की बिना इजाजत कोटा में सफाई व्यवस्था सुधारने के लियें कोटा महापोर और उसके मिलने वाले पार्षदों अधिकारियों को गुज्रात्सुर्ट की यात्रा करना महंगी पढ़ी हे सरकार नें उनके यात्रा बिल पर आपत्ति करते हुए उनसे इस सम्बन्ध में इस्प्श्तिक्र्ण माँगा हे सरकार की समर्थक महापोर सरकार की इस अचानक कार्यवाही से बोखला गयी हे नोर उन्हें निगम कोष से जनहित में किसी भी प्रकार का वेतन भत्ता नहीं लेने की घोषणा अखरने लगी हे सरकार ने जब महापोर से अनावश्यक खर्च का कारण पूंछा तो तो जनता के सामने उनके द्वारा की गयी घोषणा को वो बदलने लगी हें उनका कहना हे के अब वोह यह यात्रा खर्च तो दे देंगी लेकिन नकद जमा कराने के स्थान पर उन्होंने सरकार से खा हे के वोह जो वेतन भत्ते अब तक नहीं ले रही हें सरकार यह खर्च उसमेसे एडजस्ट कर ले अब आप ही बताइए की यह चोरी और सीना जोरी नहीं तो क्या हे पहले तो एकाउंट नियमों के खिलाफ बिना किसी पूर्व सरकारी स्वीक्रति के यात्राओं पर जाया जाता हे और फिर जब सरकार हिसाब मांगती हे तो बोखला कर वेतन भत्ते नही लेने की घोषणा को वापस लेकर एडजस्ट कर लेने की बात कहकर थूक कर चाटने की कार्यवाही की जाती हे यह सब महापोर का दोष नहीं बलके उन्हें जो लोग पट्टी पढाते हें उन सलाहकारों का दोष हे वोह महापोर को खड्डे में धकेल रहे हें महापोर जी को अब तो संभल कर अपने पराये की पहचान करना होगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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