आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

16 मई 2010

राजस्थान में नाबालिगों नें प्रशासन की आँखों में धुल झोंकी

राजस्थान में कल अक्षय त्रतिया आखा तीज के दिन हजारों नाबालिगों के माता पिता ने सरकार और प्रशासन की आँख में धुल झोंक क्र बाल विवा करवा दिए हें कहते हें के बढ़े बालिगों को प्रतीकात्मक रूप से खड़ा क्र पर्दे के पीछे सेकड़ों बालक बालिकाओं के दो नम्बर में विवाह हुए हें और प्रशासनिक छापे के दोरान जो दस्तावेज दिखाए गये हें वोह दुसरे ऐसे लोगों के थे जिनका विवाह हाल में हुआ ही नहीं अब यदि प्रशासन विवाह पंजीयन करवाने की सख्ती कर उन प्रमाणपत्रों आयु प्रमाणपत्रों की जांच करे तो सरकार के साथ इस बड़े आपराधिक धोके से पर्दा उठ सकता हे खेर प्रशासन हे वोह तो इन सब को पहले से ही जानता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में मावा और पेट्रोल में मिलावट

कोटा में इन दिनों पेट्रोल और मावा मिलावट युक्त आने से आम उपभोक्ता दुखी हें पेट्रोल की मिलावट जांच के लियें तो कोटा में सी बी आई ने नमूने लेकर अपनी कमान संभाल ली हे लेकी पिछले दिनों कई टन मावा मिलावटी मिलने के बाद जब कोई ख़ास कार्यवाही नहीं हुई तो फिर से यहाँ मिलावटी मावे का खतरनाक कारोबार होने लगा आज हमारे कोटा में रसद विभाग की दिखावटी जांच तो फिर से शुरू हो गयी हे लेकिन मावा व्यापारी पकड़ में नहीं आ रहे हें उदयपुर से कोटा आते वक्त मावा व्याप्यारी का मिलावट युक्त मावा पकड़े जाने के बाद यह खतरनाक सच लूं के सामने आया हे रसद विभाग और स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ कोटा के प्रशासन और नेताओं की लापरवाही या मिली भगत से ही यह गंम्भीर अपराध खुले आम हो रहा हे अब जनता को ही कोटा में इसके खिलाफ कमान संभालना होगी दखते हें के आगे क्या होता हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में स्वाइन फ्ल्यू से वैज्ञानिक परेशान

राजस्थांन के कोटा शेहर में अचानक स्वाइन फ्ल्यू के पांव पसारने से कोटा के डोक्टर और प्रशासन चिंतित हो चला हे देश भर में जिस बिमारी से हजारों लोगों की मोत हुई हे उस बिमारी सुवाइन फ्ल्यू के कीटाणु ३५ डिग्री सेल्सियस ताम्प्मान में मर जाते हें कोटा में तापमान ४६ डिग्री सेल्सियस हे उसके बाद भी यहाँ उद्योग नगर की एक महिला स्वाइन फ्ल्यू की खतरनाक बिमारी से मर गयी हे उसके परिवार के सदस्यों के भी स्वाइन फ्ल्यू पोसेटिव आया हे बिमारी के अद्ध्य्यन के विरुद्ध नई बात सामने आने के बाद कोटा का प्रशासन चिंतित हे लेकिन प्रशासन नें इसकी सुचना रिसर्च के लियें दिल्ली केंद्र सरकार और एम्स दिल्ली को नहीं दी हे इसलियें इस ब्लॉग के माध्यम से में यह जानकारी पहुंचा रहा हूँ ताकि दिल्ली सरकार और एम्स प्रशासन इस रस्य्मयी बीमारी के मामले में अपनी रिसर्च क्र जनता के सामने सच लाये। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अतिक्रमण सरकार की लापरवाही और लाखों का नुकसान

अतिक्रमण शेहर गाँव और पुरे देश के लियें एक बड़ी समस्या हे सरकार और उसके नेता कर्मचारी अधिकारी पहले तो जनता को उकसा कर अतिक्रमण कानून का उलंघन क्र लोगों को अतिक्रमण करने के लियें उकसाते हें और सरकारी अधिकारी कर्मचारी इसे देख कर नजर अंदाज़ करते हें जब लाखों खर्च कर अतिक्रमण की जमीन पर भवन और कोलोनियाँ बस जाती हें तब यही सरकार अतिक्रमण हटाने के नाम पर जल्लाद बन कर लाखों रूपये के लोगों के सपनों के घरोंदे गिरा देती हे कोई भी सरकार अतिक्रमण की तुरंत सुचना देने के लियें ज़िम्मेदार अधिकारी कर्मचारी को या सम्बन्धित वार्ड पार्षद को इस लापरवाही के लियें दंडित नहीं करती हे और इसीलियें यह अतिक्रमण और फिर भवनों की तोड़फोड़ देश की एक बड़ी समस्या बन गया हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बुरे काम का बुरा नतीजा फिर भी हम नहीं सुधरते

सभी ब्लोगर साथियों को मेरा सलाम,आदाब,जय श्रीकृष्ण,जय श्रीराम, सादर वन्दे,सतश्री अकाल भाइयों दोस्तों बहनों हम सभी जानते हे के बुरे आम का बुरा ही नतीजा होता हे और यह सब जानकर भी हम पाप की दुनिया में धंसते जा रहे हें हम कर्तव्यों,कानून और ईश्वरीय निर्देशों को भुलाकर जानवरों सी जिंदिगी बसर कर रहे हें और फिर पकड़े जाने के बाद अपने अपने भगवान को याद कर मुसीबत स बचाने की दुआएं करते हें लेकिन उस वक्त काफी देर हो जाती हे आज देश में बीएस यही सब हो रहा हे रुतबे वाला हो चाहे बे रुतबे वाला हो कुछ न कुछ ग़लत करने में लगा हे हाल ही में गुजरात राजस्थान पुलिस के अधिकारी सोहराबुद्दीन और तुलसी फर्जी एंकाउन्टर मामले में उलझे पड़े हें इंसान को कीड़े मकोड़े समझने वाले राजस्थान गुजरात के यह अधिकारी जो कभी अपनी नाक पर मक्खी तक बेठने देना पसंद नहीं करते थे आज वोह बुरे काम का नतीजा जेल में सिसक सिसक कर गुज़ार रहे हं राजस्थान और गुजरात के दो दर्जन से भी अधिक अधिकारी पुलिसकर्मी अभियो जेल में हं और इतने ही अभी सीबीआई से भागे भागे फिर रहे हें फर्जी मुठभेड़ बता कर किसी भी निर्दोष की हत्या करना किसी भी निर्दोष को पकड़ कर उसे फर्जी केस में जुर्म स्वीकार करवाना यह पुलिस के लियें आम बात हे और इसीलियें आज सिबिआइ के डर से वोह लोग लुका छिपी का खेल कर रहे हें अभी राजस्थान के आई पी एस और पुलिस कर्मी इस मामले में और फसेंगे कोटा पुलिस महकमे में तेनात एक थानाधिकारी महोदय इस मामले में ज्यादा चिंतित हें सुनते हें उन्होंने तुलसी को गुजरात में जाकर मारा था और फिर अपनी नोकरी उदयपुर में बताई थी लेकिन सी बी आई तो सिबिआइ हे उसने श्रीमान थानाधिकारी महोदय की मोबाईल कोल डिटेल निकाल ली हे जिसमें उनकी नोकरी चाहे उदयपुर के रेकोर्ड में हो लेकिन मोबाइल टावर गुजरात का बोल रहा हे अब आप ही बताओ कोटा आईजी राजिव दासोत के सिबिआइ में बयानों के बाद इन महाशय जी का क्या होगा यह तो श्रीमान जेल में चले जायेंगे लेकिन इनके बीवी बच्चों का क्या होगा तो भाई कहते हें ना बुरे काम का बुरा नतीजा इस लियें आज से ही अभी से ही हम सुधरने की शपथ लें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बुरे काम का बुरा नतीजा फिर भी हम सुधरते क्यूँ नहीं

सभी ब्लोगर साथियों मेरा सलाम कुबूल करें मेरा आदाब , जय श्रीकृष्ण ,राम राम,सतश्री अकाल आप और में सभी जानते हें के कितना ही बढ़ा कितना ही प्रभावशाली व्यक्ति हो उसके लियें और सभी के लियें बुरे काम का बुरा नतीजा होता हे फिर भी हम रोज़ बुरे काम करते हें डरते नहीं और आफत में फंसने पर अपने अपने भगवान को याद करते हें कुछ ऐसा ही इनदिनों आम आदमी को कीड़ा मकोड़ा समझने वाले पुलिस अधिकारियों के साथ

अपराधी ब्लोगर गिरफ्तार

सभी अच्छा लिहने वाले ब्लोगर्स के लियें खुश खबरी और गंदा लिखने वालों के लियें बुरी खबर हे केरल में एक समाज के लियें एक ब्लोगर महाशय नें एक समाज के लियें अपमानकारी बातें लिखी बस फिर किया था विधि विरुद्ध लिखने वाले ब्लोगर महाशय अब पुलिस गिरफ्त में हें दोस्तों हिंदी ब्लॉग में इन दिनों कुछ ब्लोगर्स धर्म जाती को अपमानित करने के लियें विधि विरुद्ध लेखन कर नफरत फेलाने का काम कर रहे हें हाल ही में फिरदोस बहन , स्लिम भाई सहित अनेक ब्लोगर्स के लियें आपत्तिजनक गंदी तिप्प्निया ब्लोगर्स नें की हें वेसे तो इस तरह के ब्लोग्स को प्रकाशित ही नहीं होने देना चाहिए इसके लियें ब्लोगर्स प्रबन्धन खुद ज़िम्मेदार हें और अगर ओई ब्लोगर ऐसी गंदी हरकत कर घेर कानूनी नफरत फेलाने वाला लेखन लिखता हे तो उसको ब्लोगर प्रबन्धन खुद मुकदमा दर्ज कर जेल भिजवाए अन्यथा आप सभी ब्लोगर्स से निवेदन हे की नफरत फेलाने जाती समुदायों को भड़काने धर्म का अपमान करने वाले सभी ब्लोगर्स को सावधान करदें के अब वोह अपनी लेखन शेली बदल लें और और प्यार सदभाव फेलाने वाले रचनात्मक ब्लॉग लिखने के कार्य में जुट जाएँ अब अगर किसी नें विधि विरुद्ध ब्लॉग लिखा तो में कोटा में अपने साथी ब्लोगर्स की मदद से मुकदमा दर्ज करवा कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करवाउंगा क्रप्या मेरी बात को अन्यथा ना लें हो सके तो मुझे सपोर्ट करें क्योंकि ब्लोगर्स की गंदगी साफ़ करने के लियें अब यह जरूरी हो गया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सुप्रीम कोर्ट जज वालिया साहिब से राजस्थान के जज भी कुछ सीखें

राजस्थान में माननीय राजस्थान उच्चन्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालयों में ग्रीष्म कालीन अवकाश खत्म क्र अधीनस्थ जजों को इन दिनों अतिरिक्त पत्रावलियां निपटाने के निर्देश दिए हें लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट के जजों के लियें उनके अवकाश खत्म करने के लियें कोई फरमान जारी नहीं किया हे यानी अब राजस्थान में जिला स्तर पर तो अदालतों में काम होगा लेकिन इस अवधि में हाईकोर्ट के जज पूरी तरह से छुट्टी पर रहेंगे राजस्थान में भेदभाव वाले इस आदेश पर खलबली चल ही रही थी की अचानक सुप्रीम कोर्ट के जज वालिया ने कार्यभार ग्रहण कर पहले दिन से बिना वक्त बिगाड़े न्यायिक काम निपटाया और फिर ग्रीष्म कालीन अवकाश होने पर भी खुद नें ग्रीष्म कालीन अवकाश पर जाने से इनकार करते हुए प्रशासनिक काम निपटाने की कार्यवाही शुरू कर दी अब एक तरफ तो सुप्रीम कोर्ट के वोह मुख्य न्यायधीश हें जो चाहते तो अवकाश के मजे लेते लेकिन उनहोंने अवकाश स ज्यादा काम को अहमियत दी और दूसरी तरफ राजस्थान हाईकोर्ट हे जहां लाखों मुकदमे विचाराधीन हें कुल ४० जजों में से २३ जज कार्य कर रहे हे इतने कम जज होने के बाद भी वहां ग्रीष्म कालीन अवकाश में काम करने के स्थान पर खुद का अवकाश बरकरार रखते हुए निचली अदालतों को काम के निर्देश दिए हें काश मुकदमे निपटाने का काम अधीनस्थ न्यायालयों की तरह हाईकोर्ट में भी होता तो हाईकोर्ट के मुकदमों का बोझ कम होता। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ग्रहमंत्री धारीवाल का निष्पक्ष न्याय

राजस्थान सरकार में ग्रहमंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने कोटा में जनसुनवाई के दोरान त्वरित और निष्पक्ष न्याय का अनूठा उदाहरण पेश किया हे , कोटा के भाजपा के जिला प्रमुख जो अल्पमत में होने के बाद भी भाजपा के टिकिट पर शान्ति कुमार धारीवाल के उम्मीदवार को क्रोस वोटिंग कर हरा कर जीते थे उन जिला प्रमुख महोदय के परिवार के सदस्यों की टोंक जिले में दुर्घटना हो गयी थी और दुर्घटना करने वाली बस शान्ति धारीवाल के निकटतम वफादार कार्यकर्ता की थी इसी कारण उस बस को दुर्घटना होने के बाद भी किसी की सिफारिश पर छोड़ दी गयी जब जिलाप्रमुख को यह पता चला तो वोह आग बबूला होकर कोटा सर्किट हाउस में चल रही जनसुनवाई में पहुंचे और उन्होंने सीधे आरोप लगाते हुए शिकायत करते हुए कहा की मेरे परिवार के सदस्य सडक दुर्घटना में घायल हुए और दुर्घटना करने वाली बस को आपने सिफारिश कर पुलिस से छुड वादी इस पर शान्ति कुमार धारीवाल मुस्कुराए और उन्होंने टोंक एसपी से बात कर कहा की दुर्घटना करने वाली बस उन्होंने बिना कानूनी प्रक्रिया के केसे छोड़ दी धारीवाल की आवाज़ सुन कर टोंक एसपी घबरा गयीं और उन्होंने स्पष्टिक्र्ण दिया की साहब कोटा के आई जी ने मुझ से ऐसा करने के लियें कहा था बस फिर किया था धारीवाल जी ने उन्हें लताड़ पिलाते हुए कहा की दुर्घटना करने वाली बस किसी की भी हो आप तुरंत उसे जब्त करें औरकठोर कानूनी कार्यवाही करें बस मेरे किसी भी निकटतम की हो किस के साथ कोई रियायत नहीं होना चाहिए बस फिर किया था आनन फानन में बस जब्त की गयी और आग बबूला होकर आये भाजपा जिला प्रमुख ग्रहमंत्री धारीवाल के इस निष्पक्ष त्वरित न्याय से गद गद होकर उन्हें टकटकी लगा कर देखते रह गये । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...