आपका-अख्तर खान

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20 मई 2010

बिजली पेट्रोल डीजल कीमतों का हमला

हमारे देश के वित्तीय कुप्रबंध के चलते देश में एक बार फिर आर्थिक नाकेबंदी आर्थिक आपातकाल की जरूरत आन पड़ी हे देश के मंत्री प्रधानमन्त्री पूंजीपतियों और अमेरिका के घुलाम बन गये हें और देश को आर्थिक संकट के नर्क में जानबुझकर धकेल रहे हें आये दिन देश में बिजली,डीजल,पेट्रोल की कीमतें बढाई जा रही हें जबकि देश में इन सब कीमतों में व्रद्धी की जरुरुत नहीं हे ऐसी स्थिति में अब देश को पेट्रोल,डीजल,बिजली के प्रबंध आमद खर्च के लियें एक स्थायी समिति का गठन क्र इसकी जांच करवाना जरूरी हो गया हे देश में अगर विश्व बेंक के पूर्व कर्मचारी को प्र्धान्म्न्ति पद से मुक्त नहीं किया तो शायद देश में बढ़ा आर्थिक संकट आने से गढ़ युद्ध की स्थिति बन सकती हे इसलियें दोस्तों वर्ड बेंक के पूर्व कर्मचारी को प्रधानमन्त्री पद से भगाओ देश को बचाओ। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थ्ना

क्रिकेटर सची का मानवतावादी चेहरा

क्रिकेटर सचिन जिन्होंने विश्व स्तर पर बुलंदियों का आसमान छुआ हे काफी लम्बे वक्त से बेट उठा कर बोल दे धना धन पिटा हे और विश्व कीर्तिमान बना कर देश का सर गर्व से उंचा किया हे उसी क्रिकेटर के सिने में एक हिन्दुस्तानी मानवतावादी दिल धडक रहा हे यह जान कर तो में खुद ख़ुशी से फुला नही समा रहा हूँ सचिन के मानवतावादी कृत्य नें मेरी जीने की चाहत बढ़ा दी हे वरना इस देश के बड़े लोगों के सियाह दिल देख कर तो मेरी धडकनें थमती जा रहीं थीं सचिन ने अपने दोस्त के समक्ष जा कर छोटे बढ़े की सभी दुरिया खत्म किन उनके हाल पूंछे तबियत का हाल जाना और फिर दोस्त की बिमारी का इलाज खुद ने अपनी तरफ से करवाने का एलान किया यह सब आजकल फिल्मों में तो देखने को मिलता हे लेकिन असल जिंदगी में एक सपना बन गया हे आज मेरे देश में मेरे देश के गोरव सचिन ने जब यह सब कर दिखाया तो मेरा सीना गर्व से कई इंच चोडा हो गया हे काश देश के सभी आमिर इससे सबक लें तो देश में अमीरी ग़रीबी की खायी खुद ही खत्म हो जायेगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

स्व.राजिव गांधी के सिद्धांतों के साथ यह किया करा

आज देश के ही नहीं विश्व भर के विकासवादी,शान्ति,भ्रस्टाचार विरोधी मुहीम को संचालित करने वाले महा पुरुष की पुन्य तिथि हे स्व राजिव नें देश को विकास संचार क्रान्ति संवेदनशीलता इमानदारी आम जनता तक नेता की सीधी पहुंच की नई शिक्षाएं दीं और भ्रष्टाचार के विरोध के मामले में तो उन्होंने हद ही पार क्र दी विश्व के एक मात्र वोह ऐसे नेता थे जिन्होंने खुद कुर्सी पर रहते देश में चल रहे भ्रष्टाचार को महसूस किया इस पर चिन्तन किया और इसके सफाया करने की घोषणा कर उन्होंने अपनी ही पार्टी के लोगों को दुश्मन बना लिया राजनीति में उन्होंने कभी भी घटिया देश विरोधी या जन विरोधी समझोतों को जगह नहीं दी आज ऐसे महापुरुष जिनको बार बार नमन करने को जी करता हे अगर सरकार सरकारी खर्च पर सरकारी विज्ञापनों के जरिये उन्हें श्रद्धांजली देती हे तो सोचिये उनकी आत्मा को कितने तकलीफ होगी स्व। राजिव जी नें कभी भी सरकारी कोष का दुरूपयोग या निजी उपयोग नहीं किया इन सब के बाद भी देश की कोंग्रेस सरकार ने उनकी भावनाओं के विपरीत बढ़े बढ़े सरकारी विभागों के विज्ञापन सरकारी खर्च पर छपवाकर उनकी आत्मा को आहत किया हे उनके सिद्धांतों का मजाक उड़ाया हे स्व। राजिव किसी के श्रधान्जली के मोहताज नहीं उनके अपने फंड हें कोंग्रेस का अपना फंड हे उनके प्रशंसक हें ऐसे में सरकारी खर्च पर उनको श्रद्धांजली देने वाले विज्ञापनों से विपक्ष शोर शराबा कर सकता हे और यह स्व। राजिव का नाम खराब करने वाला हो सकता हे इसलियें १० जनपथ में बेठे लोगों को इस पर के कदम उठाना चाहिए। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में पुलिस सुधार नहीं

सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के बाद राजस्थान सरकार न वसुंधरा कार्यकाल में दबाव में राजस्थान पुलिस अधिनियम २००६ पारित तो कर दिया लेकिन इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया गया हे हालात यह हें के वसुंधरा के बाद संवेदनशील सरकार का नारा देने वाले अशोक जी गहलोत मुख्यमंत्री बने लेकिन उसके बाद भी राजस्थान की निरंकुश पुलिस को नियंत्रित करने और उससे जनहित में काम करवाने के लियें पुलिस अधिनियम को लागू नहीं किया गया हे कुल मिला कर पुलिस अधिनियम को लागू करने की घोषणा ४ वर्ष बीतने के बाद भी राजस्थान इसे पूरी तरह लागू कर अधिनियम के आवश्यक प्रावधानों के तहत आयोग,समितियों का गठन नहीं किया गया हे आप देखिये सुप्रीम कोर्ट के डर से पुलिस अधिनियम की धारा ५ में महानगर की घोषणा करने का प्राव्हान हे धारा २० में पुलिस कर्तव्यों के उल्न्ग्घंन के लियें दंडात्मक प्रावधान हें जबकि धरा २१ में पुलिस अधिनियम में पुलिस आयोग का प्रावधान हे जिसमें ग्रहमंत्री आयोग के अध्यक्ष होंगे और सदस्य विपक्ष के नेता पुलिस महा निदेशक मुख्य सचिव और तिन गेर्स्र्कारी समाज सेवा से जुड़े सदस्य होंगे जो विधायक,सांसद,राजनितिक सन्गठन से जुड़े सदस्य नहीं होंगें और राजनितिक संगठनों के सदस्यों को नहीं बनानेकी पाबंदी की वजह से यह पद खाली पढ़े हें इसी तरह धारा २२ में आयोग के लियें चयन समिति के गठन का प्रावधान हे । उक्त आयोग राजस्थान के पुलिस के सभी कारनामों की जांच करने के लियें ज़िम्मेदार रहेगा जबकि धारा २८ में पुलिस स्थापना बोर्ड का प्रावधान हे जिसमें सभी पुलिस अधिकारियों और पुलिस कर्मियों से संबंधित कार्य करेंगे.अधिनियम की धारा २९ में पुलिस के कर्तव्य धारा ३० में पुलिस के सामजिक दायित्व धारा ४८ में ग्राम रक्षकों की नियुक्ति धारा ५६,५७ में पुलिस कल्याण के लियें निधि और कष्ट निवारण के प्रावधान हें जबकि धारा ६० में सडकों पर उत्पात मचाने वालों को सबक सिखाने का प्रावधान हे इसी तरह से धारा ६२ में राज्य स्तरीय पुलिस शिकायतों के कारण और निवारण के लियें राज्य स्तरीय पुलिस जवाबदेही के गठन का प्रावधान हे जबकि धारा ६६ में जिला पुलिस जवाबदेही समितियों के गठन का प्रावधान हे अब आप ही बताओ अगर यह समितियां और आयोग गठित हो जाए तो जनता के प्रति पुलिस की जवाबदेही खुद ब खुद हो जायेगी लेकिन सरकार हे के निजी स्वार्थों के चलते मानती ही नहीं और इस समिति गठी के लियें एक सदस्य मानवाधिकार आयोग भी कोई कदम नहीं उठा पा रहा हे देखते हें राजस्थान में पुलिस को कब तक निरंकुश रखा जाता हे लेकिन यह सच हे के अधिनियम की भावना के खिलाफ कई दागी अफसरों को विधि विरुद्ध फिल्ड पोस्टिंग दे रखी हे अब आप भी राजस्थान सरकार को मजबूर करें के वोह पुलिस अधिनियम लागू कर जनता को राहत दे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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