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28 मई 2010

फिसड्डियों के चक्कर में प्रतिभाएं मर गयीं

फिसड्डियों के चक्कर में सीबी एस सी में दसवीं की परीक्षा देने वाली प्रतिभाएं दब कर रह गयी हें देश में ऐसा पहली बार हुआ हे के फिसड्डी पढाई के प्रति लापरवाह बच्चों को लाभ देने के लियें अव्वल आकर अपनी प्रतिभा का निखार करने वाले छात्रों को निराश होना पढ़ा हे आप ही बताएं जनाब अगर कोई बच्चा नहीं पढ़ता हे तो इसमें पढने वाले बच्चे का क्या कुसूर हे उसकी खुशिया उसकी तरक्की उसका व्यक्तिगत आंकलन रोकने का सरकार को क्या हक हे किया इससे प्रतिभावान बच्चों के संवेधानिक अधिकारों का हनन नहीं होता हे अगर हां तो ब्लोगर दोस्तों इस मामले में प्लीज़ मिलकर बच्चों को उनका अधिकार दिलाने के लियें अलख जगाएं। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजनीति फिल्म पर राजनीति ?

मुंबई बोलीवुड में प्रकाश झा केटरीना कफ को लेकर कोंग्रेस अध्यक्ष और इस देश की धडकन श्रीमती सोनिया जी की जीवन शेली से मिलती जुलती फिल्म बना चुके हें उसे सेंसर ने ऐ प्रमाणपत्र देकर फिल्म रिलीज़ करने की हरी झंडी दे दी हे जो आगामी ५ जून से प्रदर्शन होना हे लेकिन कोंग्रेस के कुछ लोग इस फिल्म पर बवाल मचा रहे हें बात सही भी हे के उनकी राष्ट्रीय अध्यक्षा की जीवन शेली पर उनकी आवाज़ बोलने के तरीके की अध्यक्षा की स्वीक्रति के बगेर उनकी नकल कर बिना उनकी स्वीक्रति के फिल्म बनाई जाए जिससे पार्टी सन्गठन भी प्रभावित होता हो तो कोंग्रेसियों का एतराज़ वाजिब हे लेकिन दोस्तों देश में कोंग्रेस की सरकार हे महाराष्ट्र में कोंग्रेस की हुकुमत हे फिल्म सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष की नियुक्ति कोंग्रेस नें की हे जिसने इस फिल्म को पास क्या हे फिल्म सिनेमोटोग्राफ़ एक्ट के तहत अधिनियम की धारा ५ में सेंसर से पास फिल्म पर आपत्ति हो तो प्राधिकरण के समक्ष शिकायत की जा सकती हे और फिर भी सुनवाई नहीं हो तो सरकार ऐसी फिल्मों को रोकने के लियें विधि अनुसार स्वतंत्र हे तो दोस्तों एतराज़ करने वाले कोंग्रेसी बन्धुओं से मेरा निवेदन हे के इस फिल्म को अगर सच में रोकना हे या संशोधित कराना हे तो फिल्म प्राधिकरण और केंद्र सरकार के समक्ष आवेदन कर इसे रुकवाए अन्यथा यूँ बेकार चिल्ला कर देश का अमन चेन खराब ना करें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कबूतर जा जा .............?

दोस्तों जो कबूतर अमन चेन दोस्ती का पैगाम लाता था आज उसी कबूतर को पाकिस्तानी आतंकवादी देश नें आतंकवाद की जासूसी के इस्तेमाल में शुरू कर दिया हे नतीजन हमारे देश में जहां पाकिस्तान के आतंकवादियों और दुसरे जासूसों को पकड़ना मुश्किल हे वहीं हमारे देश नें इस कबूतर जासूस को पकढ़ कर पंजाब पुलिस के थाने की बेरक नम्बर दो में केद कर लिया हे , कहते हें के कबूतर जासूस जी के पंखों पर इस्लामाबाद की मुहर लगी हुई हे पेरों में लोहे का छल्ला और पंखों पर कोड वर्ड लिखे गये हें हमारा देश इस कबूतर को पकड़ कर बहुत खुश हे अब आप ही बताएं विश्व के आतंकवादी देश किस तरह से प्यार का पैगाम देने वालों से आतंकवादी कार्यवाही करवा रहे हें.अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कबूतर जा जा ---------'?

दोस्तों शान्ति और अमन का पैगाम देने के लियें प्रसिद्ध रहे कबूतर अब आतकवाद की mdd

जब संय्या भये कोतवाल तो प्रिंट मीडिया को डर काहे का

जी हाँ ब्लोगर दोस्तों बुजुर्गों भाइयों बहनों यह कहावत सच हे के संय्या भये कोतवाल तो डर काहे का कोटा में दो बढ़े अखबार राजस्थान पत्रिका और देनकी भास्कर रोज़ मर्रा विधिविरुद्ध सेक्स और तन्त्र मन्त्र के विज्ञापन छापते रहे हें और इस कारण कोटा संभाग में हजारों हजार पीड़ित इन विज्ञापनों से भ्रमित होकर लाखों रूपये की ठगाई में आ रहे हें यह विज्ञापन गेर कानूनी हें और इसमें सजा का प्रावधान हे इस लियें मीडिया से जुदा होने के कारण मेने अखबार वालों को लिखित में मोखिक रूप से ऐसे विज्ञापन नहीं छापने के लियें चेताया वोह नहीं माने मीडिया हे इस के खिलाफ जंग कोण लदे कलेक्टर एसपी सब चुप थे आखिर मेने जनहित में यह गुस्ताखी की और ड्रग मेजिकएक्ट के प्रावधानों के तहत कार्यवाही पर अध् गया कलेक्टर, एसपी ,आई जी , मुख्यमंत्री के दरवाज़े खटखटाए फरमान आया और ऐसे प्रकाशित विज्ञापनों को अवेध मान कर कार्यवाही करने के लियें कलेक्टर ने खुद प्रेस पुस्तक पन्जिक्र्ण अक्त के तहत कार्यवाही करने के स्थान पर मामला एस पि को कार्यवाही के लियें पत्र लिख कर ताल दिया भला हो पुराने एसपी का जो उन्होंने पत्रिका भास्कर को चेतावनी देकर गंदे और भ्रामक विज्ञापन बंद करवा दिए लेकिन नये एसपी के आगमन से यह विधि विरुद्ध विज्ञापन फिर छपने लगे हें मेने इस मामले में एसपी और कलेक्टर को पत्र लिख कर विरोध जताया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई और ऐसे विज्ञापनों को बंद करने के स्थान पर इनकी तादाद अखबारों में बढ़ा दी गयी दोस्तों मेने सोचा अभी लोकतंत्र ज़िंदा हे नये आई पी एस नये आई ऐ एस कलेक्टर हें इसलियें निर्भीकता से काम करने का जज्बा होगा इसलियें में जाकर फिर इनसे शिकायत करूं तो दोस्तों में तो शिकायत की सोच ही रहा था की आज जब देनिक भास्कर देखा तो उसमें कलेक्टर एसपी का भास्कर अखबार कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में खेंचा गया फोटू था साथ ही दुसरे प्रष्टों पर व्ही अश्लील ठगने वाले विधि विरुद्ध विज्ञापन थे बस दोस्तों मुझे किसी शायर का वोह सेर याद आ गया के , हमने समझा था मुंसिफ से करेंगे फरियाद, वोह भी कमबख्त तेरा चाहने वाला निकला , दोस्तों में हारा नहीं थका नहीं फिर से इस मामले में नई कार्यवाही के लियें तय्यार हूँ बस मुझे आपके सहयोग की जरूरत हे आप सब कोटा कलेक्टर कोटा एसपी और भास्कर पत्रिका को एक एक मेल कर इसे रोकने के लियें कहें मेरी मदद करें फिर से हम होंगे कामयाब नहीं तो मामला फिर अदालत में पहुंचाना मजबूरी होगा और अदालतों से कोई बचा नहीं हे यह इन अखबार वालों को समझ लेना होगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा का चिराग बाबा अमर सिंह नहीं रहे

कोटा में कोमरेड का नाम पैदा करने और फिर उसे ज़िंदा रखने वाले किसान नेता बाबा अमर सिंह नहीं रहे कोटा में उद्योग जगत में मजदूरों के शोषण और किसानों से सरकार का सोतेला व्यवहार देख कर कोमरेड अमरसिंह नें अपने साथियों की मदद से कोटा में अलख जगा कर उन्हें शोषण और ना इंसाफी से मुक्ति दिलवाई थी कोमरेड इस मामले में मरते दम तक संघर्ष शील रहे नाथू राम मिर्धा के प्रशंसक रहे कोमरेड १९७७ में और बाद में गठ्बन्धन सरकारों में काफी महत्वपूर्ण पदों पर रह सकते थे लेकिन उन्होंने यह कहकर पद त्याग दिया के वोह सेवक हें पद के भूके नहीं ऐसे अभूतपूर्व नेत्रत्व को श्रधान्जली । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नक्सलियों से डरने वाले ग्रहमंत्री अब तो गद्दी छोड़ो

पी चिदम्बरम के ग्रहमंत्री बनते ही नक्सलियों के हिंसक हमलों में अचानक व्रद्धी होने से देश सकते में हे हमला होता हे चिदम्बरम आंसू भाते हें ज़्यादा से ज़्यादा इस्तीफे की पेशकश करते हें और फिर दुसरा हमला हो जाता हे खुफ़ियाआ एजेंसियें चीख चीख कर कहती हें के नक्सली हमले फिर होने वाले हें पांच सितारा सुख सुविधाओं में बैठकें होती हें आन्त्य्रिक सुरक्षा और नक्सलियों से निपटने के लियें बैठके खत्म होती हें और फिर नक्सली हमले की खानी सामने आती हे हमारे देश की खुफिया एजेंसियों ने साफ़ तोर पर ट्रेनों पर नक्सली हमले की आशंकाएं जताई थीं देश में रेलवे सुरक्षाबल.जी आर पी, बी एस एफ, लोकल पुलिस अर्ध सेनिक बल, seनेक बल सब सुविधाएँ मोजूद हें लेकिन आंतरिक सुरक्षा मामल में रेल मंत्री और ग्रह मंत्री चिदम्बरम पूर्ण रूप से असफल साबित हुए हें चिदम्बरम को ग़लत फ़हमी हे के लिट्टे का सफाया उनकी रणनीति से हुआ हे अरे भाई लिट्टे तो श्रील्न्कियं लोगों ने मारे थे अब नक्सली मामले में चिदम्बरम के असफल होने पर देश खामोश हे ताज्जुब तो यह हे के इस मामले में देश भक्ति का ढोंग करने वाली भा ज पा भी चुप्पी साधे बेठी हे दोस्तों अब तो जनाब मनमोहन जी और चिद्ब्र्म जी से ख ही दो के वोह लम्बी यात्रा पर छुट्टी लेकर जाएँ और पांच छे महीने के लियें देश की सुरक्षा हमारे हवाले कर दें ताकि देश के इन आतंकवादी क्न्सुरों को हम मिलकर साफ़ कर फिर से देश इनके हाथ में संभला दें भाई राजनीति तो बेशर्म हे इस मामले में भी किसी को श्रम क्या आएगी लेकिन देखना एक दिन घरीब निर्दोषों का लहू सर चढ़ कर बोलेगा और तब इन लापरवाह फर्जी बयानबाजी करने वालों को छुपने के लियें देश कम पढ़ जाएगा मुशर्रफ की तरह यह भी बाहर जाकर आखरी साँसें लेंगे क्योंकि अब निर्दोषों की मोंतो से देश स्तब्ध होने लगा हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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