आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

01 जून 2010

मन्दिर के चोर पकड़े गये

कोटा में मन्दिर से कलश चोरी करने वाले चोर पुलिस और स्थानीय लोगों की सजगता सतर्कता से पकड़ लिया गया हे कोटा के किशोर पूरा थाने में स्थित एक मन्दिर से स्मेक्चियों नें सोने का पानी चढा पीतल का कलश चुरा लिया बीएस फिर किया था पुलिस में मुकदमा दर्ज हुआ और शोर शराबा शुरू हो गया लेकिन कोटा पुलिस और स्थानीय लोगों ने मेंहनत कर स्मेक के आदतन शोकिन लोगों में से एक विशेष समुदाय के लोगों को पकड़वाया जिन्होंने मन्दिर का कर्ष चोरी करना कुबूल कर लिया हे कोटा पुलिस ने चोरों को तत्काल पकड़ कर तरह तरह की अफवाहों के बाज़ार को विराम दे दिया हे लेकिन इससे अब कोटा पुलिस को यह सीख लेना होगा के सभी धार्मिक स्थलों के आस पास पुलिस गश्त और निगरानी में बढ़ोतरी करें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्रिकेट देश के लियें नहीं रुपयों के लियें

क्रिकेट देश के लियें नहीं रुपयों के लियें खेला जा रहा हे यह आरोप खेल संघ के सुरेश कलमाड़ी ने देश के क्रिकेटरों पर लगाया हे जो कुछ हद तक साबित भी हे , हाल ही में होने वाले प्रस्तावित एशियाड खेलों में क्रिकेट को भी शामिल किया गया हे लेकिन क्रिकेट के बी सी सी आई के करताधर्ताओं ने एशियाड में क्रिकेट खेलने इ इनकार किया हे क्योंकि अगर वहां क्रिकेट खेला जाता हे तो केवल नाम और जितने देश को गोरव मिलेगा लेकिन क्रिकेटरों और बिसिसिआइ को रूपये नहीं मिलेंगे इसी लियें एशियाड में क्रिकेटरों ने देश के लियें नहीं खेलने का एलान किया हे ऐसे में सुरेश कलमाड़ी की यह टिप्पणी की क्रिकेटर देश के लियें नहीं रुपयों के लियें खेलते हें एक डीएम वाजिब हे देश को इस बारे में सोच कर बिसिसिआइ और क्रिकेटरों पर अपना दबाव बनाना चाहिए। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महंगा पानी फिर भी हानिकारक

देश में वी आई पी, आम आदमी को बाज़ार से महंगा पानी खरीद कर पीने के बाद भी स्वास्थ्य की कोई गारंटी नही हे पानी बनाने वालों से मिले जिला प्रशासन सरकार और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और पानी निर्माताओं से मिली भगत के चलते महंगे दामों में जनता को मोत बांटी जा रही हे हाल ही में दिल्ली में बोतल में गंदगी मिलने के बाद नये सवाल खड़े हो गये हें हमारे कोटा और राजस्थान में तो पीने के पानी में गंदगी आम बात हे पिछले दिनों एक कोंग्रेसी कार्यकर्ता ने जब एक पानी बनाने वाली कम्पनी के खिलाफ यह आवाज़ उठाई तो उसे अपने कोंग्रेसी नेताओं की लताड़ सुन कर ब्लेक मेलर के खिताब से पुरस्कर्त होना पढ़ा । पानी बोतलों में बंद करते वक्त उसपर पानी और क्या कितनी चीज़ हे उसकी प्रतिशतता अंकित नहीं होती हे और पानी शुद्धिक्र्ण के बाद दवा की श्रेणी में आ जाता हे इसलियें उस पर पानी भरने की तिथि और फार्मूला तथा क्या केमिकल कितनी मात्रा में भरा गया हे अंकित किया जाना जरूरी हे लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा हे और नियम कायदे तोड़ कर नेता मंत्रियों अधिकारियों के यहाँ मुफ्त में पानी पिला कर पानी की कम्पनियां मजे कर रही हें और इनके खिलाफ जनता की आवाज़ दब कर रह गयी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा कोंग्रेस फिर कोंग्रेस से हारी

कोटा के जिला परिषद की समितियों के चुनाओं में एक बार फिर कोंग्रेस हार गयी हे याद रहे यहाँ कोंग्रेस बहुमत में थी फिर भी क्रोस वोटिंग और कोंग्रेस की गद्दारी के कारण भाजपा के जिला प्रमुख ने कोंग्रेस को हरा दिया । कोंग्रेस के दिल्ली हाई कमान ने खूब जांच की लेकिन गद्दार का वोह पता लगा कर उसे सजा देने में नाकामयाब हे नतीजा यह निकला के कल जिला परिषद की समितियों के चुनाओं में एक समिति में जब कोंग्रेस नें मंजू मेहरा को खड़ा किया जिसमें तीन कोंग्रेस और दो भाजपा के वोट थे तो फिर कांग्रेस के ही बागी मन्नालाल गुर्जर इस समिति में खड़े हो गये बीएस किया था एक मन्ना लाल और दो भाजपा के मिल गये और कोंग्रेस की उम्मीदवार एक बार फिर हार गयीं कोंग्रेस में क्रोसवोटिंग की अनुशासन हीनता अगर सख्त कार्यवाही कर नहीं रोकी गयी तो आने वाले कल में कोंग्रेस को कोटा में भाजपा के सामने कोंग्रेस के कार्यकर्ता ढूंढते ही रह जायेंगे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ब्लोग्स की गिनती थ्री नोट थ्री

ब्लोगर भाइयों बहनों बुजुर्गों दोस्तों और दुश्मनों में ब्लॉग की दुनिया में ७० दिन पहले आया और मेने हिंदी की टैप नही आने पर भी हिंदी में ब्लॉग लिखने का फेसला किया मेने मेरे बच्चे से ब्लॉग बनवाया इस ओपरेट करना सिखने की कोशिश की यकीन मानिए मुझे अभी भी ब्लॉग खोलने और कन्वर्टर पर टैप करने के लावा कुछ नहीं आता हे लेकिन आप लोगों के आशीर्वाद और प्यार से मेरा होसला बधा मामूली से नोसिखिये ब्लोगर के रूप में मी खुद को स्थापित किया और मजे की बात यह हे के नोसिखिये ब्लोगर्स की साख अभी भी मेने बना रखी हे उसमें कोई परिवर्तन में नहीं लाया हूँ भाइयों और बहनों मेने इन ७० दिनों में ३०० से अधिक यानी ३०३ ब्लॉग लिख डाले शभी ब्लॉग एक से एक बोरिंग कंदम थे इसी लियें में गिस्द्दी का फिसड्डी रहा लेकिन ब्लोगिंग दुनिया में मुझे जो सिखने को मिला वोह में आप लोगों से शेयर करना चाहता हूँ आप लोगों को मेरे विचार अच्छे लगें तो मेरी पीठ मत थपथपाना लेकिन अगर बुरी लगे तो लताड़ जरुर पिलाना प्लीज़ इसमें कंजूसी ना करना, मेने ब्लॉग की दुनिया में छोटे बढ़े स्त्री पुरुष देशी विदेशी सभी के ब्लॉग देखे सच तो यह हे अखबारी संपादन काल में जो साहित्य में धुन्धता था उससे भी बेहतरीन साहित्य मुझे ब्लोगर्स के साथ मिला बहन काव्य मंजूषा की मधुर कोकिला आवाज़ खुबसुरत अलफ़ाज़ शीरीं की तरह लगे तो बहन फिरदोस के लफ्ज़ मेरी दुनिया से अजीब लेकिन सच लगे खुश दीप जी , ललित डोट कोम का मिल्न देखते बनता हे तो जलजला भाई ने तो आकर धूम मचा दी जागो हिन्दू अपनी धुन में मस्त रहे तो सलीम भाई का स्वदेश में ब्लॉग लेखन का अंदाज़ दी को छूने वाला रहा दिनेश राय जी द्विवेदी का तो कहना ही किया अदालत ब्लॉग पर ही खोल कर रख दी जबकि भडास भाई ने तो दिल के सभी चाले साफ़ साफ़ अंदाज़ में फोड़ कर रख दिए लेकिन कुछ गंदगी कुछ शोर कुछ इर्शिया से में आहत हुआ ब्लॉग पर पहली बार मेने वर्ड वार वर्ड यानी दुनिया वार यानी युद्ध वर्ड यानी शब्द वार यानी युद्ध यानी शब्द युद्ध मेने पहली बार ब्लॉग पर देखा दोस्तों मेने २५ वर्षों तक दादागिरी वाली पत्रकारिता की हे जबकि पुराने इलाके में रहने के कारण रोजमर्रा चाकू मारने थोड़ी सी बात पर मां बहन एक करने और हत्या तक करने वालों के बीच में रहने और फिर २० साल की आपराधिक लोगो की वकालत के अनुभव में मुझे इतने घटिया अलफ़ाज़,गंदे विचार ,लफ्फाजी देखने को नही मिली जो मेने ब्लॉग की दुनिया में देखी हे कहते हें एक मछली सारे तालाब को गंदा करती हे लेकिन तालाब में तो बहुत गंदी मछलियाँ हे दोस्तों लेकिन कुछ खुशनुमा लोग हें जो इतनी गंदगी के बाद भी इस ब्लोगर्स की दुनिया को महका रहे हें ब्लोगर्स जूनियर सीनियर महिला पुरुष हिन्दू मुसलमान बाप बेटे में बंट कर रह गये लेकिन ब्लोगर बनने की कोशिश किसी नें नहीं की , दोस्तों एक शरीर की तरह ब्लोगर्स में कुछ ब्लॉग शीर्ष पर रहने से माथा बन गये हें तो कुछ खुबसुरत जुल्फों की तरह संवर रहे हें कुछ हें के हाथो की तरह ताकत दे रहे हें तो कुछ पेरों की तरह भागने को मजबूर कर रहे हें कुछ ब्लॉग तो दिल की धडकन हें तो कुछ ब्लॉग फेफड़ों में साँसें भर रहे हें कुछ ब्लॉग नाक में सुगंध देते हें तो कुछ कानों मीठी आवाज़ सुनाते हें हाँ कुछ ब्लॉग हें जो पेट में मरोड़ भी करते हें लेकिन दोस्तों वोह मरोड़ यादो गंदी हवा बन कर बाहर निकल जाती हे या फिर सुभ लेट्रिन बन कर बह जाती हे तो दोस्तों गंदगी ज्यादा देर नहीं रहती या तो उढ़ जाती या फिर बह जाती हे तो फिर ऐसी गंदगी के लियें क्यूँ हम अपना मुद खराब करे तो मेरे अच्छे अच्छे प्यारे प्यारे ब्लोगर भाइयों बहनों दोस्तों बुजुर्गों प्लीज़ आपस में गले मिलो खुशियाँ बांटो। अपनापन बांटो अच्छा लिखो अच्छा पढो और सब मिलकर बुराई और बुरा लिखने वाले का प्रतिकार करो तो आओ फिर से हम ब्लोगर्स की दुनिया के हेवानों को भगा कर ब्लोगर्स की दुनिया हेवन यानी जन्नत बनाएं जहां बीएस अच्छी सिख और प्यार ही प्यार हो क्यूँ बहुत हो गयी ना मेरी बकवास अच्छा अब में चलता हूँ फिर ज़िंदा रहने तक बोर करता रहूंगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...