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05 जून 2010

नरेगा कर्मियों को खुदाई में जेवर मिले

राजस्थान में जयपुर जी के तीतरी गावों में नरेगा कर्मियों को खुदाई करते वक्त जमीन में धंसा एक मटका दिखा जिसे निकालना चाहा तो वोह टूट गया और जब उसमें रखे सामान निकाले तो वोह खुबसुरत जेवर थे जेवरों का पुलिस को बुला कर तोल किया गया तो वोह तीन किलो चार सो ग्राम का वजन निकला पुलिस ने इन जेवरों को फर्द बना कर जब्त कर लिया हे अब यह पता किया जा रहा हे के यह जेवर कोंसी धातु के बने हुए हें इस मामले में पुरातत्व विभाग खोज बिन करेगा राजस्थान की धरती पर जमीन में अभी भी कई स्थानों में सोना गढा हे जयपुर के जयगढ़ के खजाने का किस्सा तो जग ज़ाहिर हे अब देखना हे इस मिले जेवर में से नरेगा मजदूरों को नियम के तहत कितना हिस्सा मिलता हे। अख्तर खा अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में शिक्षकों का समानीकरण

राजस्थान में शिक्षकों के समानीकरण की राजनीति एक बार फिर गर्माने लगी हे राजस्थान में सरकार ने एक दर्जन से भी अधिक बार समानीकरण की सूचियाँ तय्यार की हें लेकिन आरोपों के बाद सभी सूचियों को निरस्त कर दिया गया हे अब इस बार फिर से समानीकरण की सूचियाँ तय्यार की गयी हे शिक्षकों का कहना हे की इस तय्यार सूची में इस बार भी नियमों का कम और राजनीति का ज़्यादा ध्यान रखा गया हे शिक्षकों का कहना हे के वोह इस गेर कानूनी समानीकरण के खिलाफ अदालत का दरवाज़ा खट खटाएंगे वेसे भी समानीकरण की सूचिया नियम विरुद्ध बनी हें यह तो साबित हे जिन इस्कुलों से मास्टर मास्टरनियों को अधिशेष होने की बझ से हटाने की बात खी हे उन स्कूलों में ही पद रिक्त बता कर दुसरे मास्टरों की नियुक्ति की बात की गयी हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुस्लिम बस्ती को फिर महापोर ने उपेक्षित किया

कोटा नगर निगम की महापोर ने कोंग्रेस पर लगे उन आरोपों को सच कर दिखाया जिसमें कोटा के मुस्लिम कोंग्रेस सरकार पर मुस्लिम बस्तियों में सुविधाएं देने के मामले में पक्षपात का आरोप लगाते हें , कोटा में कल नगर निगम की महापोर वर्षा से बचाव के लियें नालो की सफाई करवाने के लियें लवाजमे को लेकर निकली थीं उनके साथ कोंग्रेस के पार्षद शरीफ पठान भी थे लेकिन जेसे ही मुस्लिम बस्ती वक्फ नगर की सरहद आई महापोर ठहर गयीं और उन्होंने इस बस्ती के नाले को साफ़ करने से निगम कर्मियों को तुरंत रोक दिया उनका कहना था के यह बस्ती नगर निगम की ज़िम्मेदारी नहीं हे इसके लियें नगर विकास न्यास ज़िम्मेदार हे जबकि नगर विकास न्यास नें हाल ही में इस बस्ती को नगर निगम को ट्रांसफर कर देने के दस्तावेज न्यायालयों में भी पेश किये हें अब आप देखिये जहां मुस्लिम कोंग्रेसी पार्षद हो और मुस्लिम वोटों के बल पर जितने वाली महापोर हो वहां मुस्लिम बस्ती के साथ ऐसी उपेक्षा तोबा तोबा अगर कोंग्रेस महापोर का मुस्लिम बतियों के साथ ऐसा व्यवहार हे और मुस्लिम पार्षद की चुप्पी ऐसी हे तो भाई इससे तो घेर कोंग्रेसी लोग ही अच्छे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में फिर से जुर्माने की जिद

कोटा में पहले पुलिसकर्मियों ने हेलमेट के नाम पर अवेध चोथ वसूली की जिद पकड़ी फिर जब आई जी राजीव दासोत ने अवेध चोथ वसूली करते पुलिस के चोर पकड़े तो उन्होंने इसे अव्यवहारिक मान कर कोटा पुईस को जनता को परेशान कर चालानी पुलिस बनने से रोकने के फरमान जारी किये आई जी के इस फरमान से कुछ पुलिसकर्मी और कुछ अखबार वाले जिनकी इस बन्दरबांट में लूट थी भुत परेशान हुए लेकिन आई जी दासोत ने जनहित में किसी की भी नहीं सुनी अखबार वाले अवेध चोथवसुली में हिस्सेदारी की पोल खुलने के डर से खामोश हो गये लेकिन पिछले दिनों राजस्थान के ग्रह मंत्री की मोजुदगी में एक अदने पुलिस अधिकारी को उनके कान भरने का मोका मिला फिर हेलमेट चालान की बात उठी ग्रह मंत्री ने फिर अखबार और अदने पुलिस अधिकारी के दबाव में आकर निर्देश जारी किये लेकिन भला हो आई जी दासोत का जो उन्होंने साफ़ शब्दों में कह दिया की वोह कोटा की पुलिस को केवल चालान पुलिस नही बनने देंगे आई जी की इस दहाड़ से पुलिस अधिकारी तो शं गये लेकिन अब फिर उन्होंने वाहन चेकिंग और फिर भारी जुर्माने का इरादा बनाया हे कोटा एसपी के इस एलान से अवेध चोथ वसूली करनेवाले पुलिस कर्मी और उनके हिस्सेदार अखबार वालों के चेहरे पर रोनक लोट आई हे लेकिन आम जनता के चेहरे अवेध चोथ वसूली और पुलिस की लूटपाट के डर से सफेद पढ़ गये हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा नगर न्यास का ५०४ करोड़ का बजट

राजस्थान में कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कोटा नगर विकास न्यास में कल कोटा की विकास योजनाओं के मामले में ५०४ करोड़ का बजट पारित किया गया हे राजस्थान में नगर विकास न्यास के अध्यक्ष पद पर राजनितिक व्यक्ति बेथ कर सेवा करता हे लेकिन कोंग्रेस को कोटा में इस पद के लियां उपयुक्त कोंग्रेसी नहीं मिल रहा हे और इसी लियें यह पद जनता के प्रतिनिधि के स्थान पर अफसरशाही प्रणाली के तहत कोटा कलेक्टर के पास हे कोटा कलेक्टर जहां कार्यालय में बिना इजाजत परिंदा भी पर नही मार सकता कलेक्ट्रेट जो चारों तरफ से पुलिस की सुरक्षा के घेरे में हे दर्जनों इन्कुवयारी के बाद कलेक्टर की इच्छा पर ही होता हे के वोह जनता से मिलेंगे या नहीं जी हाँ ऐसे कलेक्टर के पास ही जनता के काम करने वाले विबाग नगर विकास न्यास के अध्यक्ष का चार्ज हे हाल ही में न्यास नें जो बजट पारित किया उस पर स्थानीय मंत्री का पूरा हस्तक्षेप रहा हे यही कारण रहा हे के न्यास का बजट विकासवादी हे बजट में सोंदर्य,विकास और निर्माण कार्यों के सेकड़ों सपने दिखाए हें देखना हे के इनकी क्रियान्विति अब जनप्रतिनिधि को इस पद पर बेठा की जाती हे या फिर रिमोट से सरकारी प्रतिनिधि के माध्यम से ही जनभावना के साथ खिलवाड़ होता हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बेंक ऑफ़ राजस्थान में हंगामा हे बरपा

बेंक ऑफ़ राजस्थान को आई सी आई में विलय की घोषणा के बाद राजस्थान बेंक कर्मियों का विरोध हे के थमने का ही नाम नही ले रहा हे हालात यह हें के राजस्थान बेंक के कर्मचारी हडताल पर हें और प्रबन्धन उमकी सुनवाई नही कर रहा हे बात साफ़ हे इसमें देश के बढ़े मंत्रालयों को आई सी आई को खुली शेह हे के वोह राजस्थान बेंक कर्मियों का जेसा शोषण करना चाहें कर ले, लेकिन इस कार्यवाही से देश में अराजकता की स्थिति पैदा हो गयी हे राष्ट्र को रोज़ करोड़ों के व्यापार का नुकसान हो रहा हे और बेंक के खातेदारों में असुरक्षा का भाव पनपने लगा हे वेसे भी आई सी आई की साख राजस्थान बेंक के मुकाबले में जनता के सामने नगण्य हे अब देखते हें की इस मामले में तमाशबीन बनी सरकार आई सी आई के फीलगुड फेक्टर से कब तक खामोश रह कर सच को दबाती हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुंबई की होस्टेज नेगोशियेटर परेशान हें

आतंकवादियों के चंगुल से बंधक बने लोगों को छुडवाने की विशेष ट्रेनिंग लेकर आई मुंबई की इंस्पेक्टर होस्टेज इन दिनों परेशान हें सुनते हें के इंस्पेक्टर जब स्कोत्लेंड से विशेष प्रशिक्ष्ण लेकर लोटी तो उन्हें बधाइयां तो बहूत दी गयीं लेकिन सरकार के किसी भी अधिकारी या मंत्री नें उन्हें अपनी प्रतिभा को और निखारने के लियें स्कोत्लेंड जेसी सुविधाएं नहीं दिन स्कोत्लेंड की सुविधाएं तो दुरत भारतीय सुविधाएं भी उनसे छीन ली गयी हें बिना दफ्तर बिना साधन के यह महिला इंस्पेक्टर अब अपनी ट्रेनिंग प्रमाणपत्र को सिने से लगा कर रो रही हें अब आप सोचिये लाखों रूपये खर्च कर आतंकवाद के हमलों से त्रस्त इस देश में विशेष दक्ष लोगों के साथ उपेक्षा का यह हाल हे तो फिर हम आतंकवाद से किस तरह से लढ़ कर जीत पायेंगे सोचने की बात हे वेसे पुरुष मंत्रियों और पुरुष अधिकारियों को शायद एक महिला द्वारा यह कमाल करना अखर रहा हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

श्री श्री रविशंकर के हमलावर पकड़े गये

बेंगलोर में अज्ञात व्यक्ति द्वारा गोली चलाने से श्री श्री रविशंकर बाबा के एक भक्त घायल हो गये थे रविशंकर ने स्पष्ट आरोप लगाया था की गोली उनकी हत्या के इरादे से चलाई गयी थी इस पर पुलिस अधिकारी और रविशंकर में म्त्ब्भेद भी चला था आज पुलिस नें पड़ोसी फारम हाउस के मालिक को लाइसेंसी रिवोव्र सहित गिरफ्तार कर घोषणा की हे की गोली जान बुझ कर नहीं बलकर कुत्ते भगाने के लियें चलाई थी लेकिन आश्रम के भक्त के ग़लती से लग गयी अब भला आजकल कुत्ते भगाने के लियें भी कोई रेवोल्व्र से गोली चलाता हे लेकिन यह भी सच हे की कोई रविशंकर जेसे बाबा को मारने का इरादा भी नहीं रखता हे अब बाबा का हास्यास्पद से आरोप और पुलिस के कुत्ते पर गोली चलाने की मजाकिया कहानी ने मामला और पेचीदा बना दिया हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आनन्द,अश्क और नरेंद्र राज्यसभा में

राजस्थान से राज्यसभा उम्मीदवारों की कोंग्रेस ने घोषणा कर दी हे कोंग्रेस ने नरेंद्र बुढानिया, अश्क अली टाक, आनन्द शर्मा को उम्मीदवार बनाया हे जबकि भाजपा ने वी पी सिंह को उम्मीदवार घोषित किया हे राजस्थान में २०० सदस्यों वाली विधानसभा में सदस्यों की संख्या निर्दलियों पर टिकी हे और इसीलियें अब भाजपा खरीद फरोख्त के रास्ते तलाश कर एक और उम्मीदवार का नाम घोषित कर चोंका सकती हे अगर ऐसा होता हे तो राजनीति के गलियारों में वसुंधरा के शक्ति परिक्षण एक नया दोर शुरू हो जाएगा भाजपा में उम्मीदवार चयन में वसुंधरा की चली हे जबकि कोंग्रेस में अशोक गहलोत नें फिर अपनी ताकत का एहसास दिलाया हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पर्यावरण प्रेमी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री पर्यावरण प्रेमी हें यह तो उनके पढ़ लगाओ नारे से सब जानते हें लेकिन इसे साबित करने के लियें आज विश्व पर्यावरण दिवस पर सुभ ६ बजे जयपुर में रेली निकालने के समय पहुंच कर सबको चोंका दिया गहलोत के इस कारनामे से पर्यावरण प्रेमी काफी उत्साहित हें जबकि लेट लतीफ अफसर सुभ बुलाने की मजबूरी से परेशान दिखे , गहलोत राजस्थान को हरा भरा रखना चाहते हें लेकिन अफसर और कर्मचारी हें के गहलोत के सपने चकनाचूर करने में लगे हुए हें पहले तो संभाग स्तर पर पर्यावरण समितियां गठित कर उनकी बैठकें बुलाई जाती थीं फिर उनकी जवाबदारी और अधिकारियों का कर्तव्य निर्धारण होता था लेकिन गहलोत के इस कार्यकाल में आज तक पर्यावरण संरक्ष्ण के लियें समितियों के गठन का कानूनी प्रावधान होने पर भी समितियों का गठन नहीं किया गया हे खुद वन पर्यावरण मंत्री इस मामले में चुप्पी साधे बेठे हें यही वजह हे के जंगलों में वन विभाग द्वारा जानवरों के लियें पानी की व्यवस्था नहीं करने से हजारों जानवर बेमोत मारे गये हें खुद मुख्यमंत्री जी के इलाके जोधपुर में हिरणों के मरने के बाद उन्हें रेट में गाध कर वन विभाग ने अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली लेकिन वन विभाग ने मरने वाले जानवरों को बचाने के लियें कोई योजना तय्यार नहीं की हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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