आपका-अख्तर खान

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20 जून 2010

कोटा के पिकनिक स्थल निगरानी में

वर्षा की दस्तक को देख कर कोटा के खतरनाक पिकनिक स्थल पर मोजमस्ती मनाने वालोंकी जान की हिफाजत के लियें कोटा प्रशासन गम्भीर हो गया हे और उसने ऐसे खतरनाक पिकनिक स्पोटों की पहचान कर सूचीबद्ध करना प्रारम्भ कर इया हे ध्यान रहे हाडोती में कोटा चम्बल तट पर बसे होने से यहाँ बारिश में चम्बल उफान पर होती हे और पहाड़ियों में पानी बस इसी खूबसूरती में लोग मोजमस्ती करने पिकनिक मनाने जाते हें लेकिन कभी पानी में डूबने से तो कभी दीवार गिरने से तो कभी अचानक पानी आजाने से

आज विश्व का सबसे बढा दिन

दोस्तों भोगोलिक द्रष्टि से देश का आज सबसे बढा दिन २१ जून हे इस दिन अधिकतम सूरज बाहर रहेगा और दिन की रौशनी ज़्यादा वक्त तक चमकेगी यह तो भूगोल की बात हे लेकिन हमारे देश में गोर्व्शाली इतिहास होने के बाद भी हमें याद नहीं आता के देश आज़ाद होने के बाद आज़ादी के अलावा कोई ऐसा अविस्मरनीय दिन हो जिसे हम देश के लिए गोरवशाली बढा दिन कह सकें हाँ इसके विपरीत देश में हर वर्ष हर महीने हर दिन ऐसी घटनाएँ जरुर हुई हें जो राष्ट्रीय शर्म की श्रेणी में आती हें और ऐसे में कईबार हम सोचते हें के यह सभी राष्ट्रीय शर्म के दिन जब हमारी नजरें झुकती हे विश्व का सबसे छोटा दिन हो जाए और हम अँधेरे में अपना मुंह छुपा लें लेकिन यह सब आम आदमी की सोच हे हमारे नेताओं को तो इस शर्म से कुछ फर्क नहीं पढ़ता क्योंकिवोह तो बेशर्म होगये हें ना जनाब। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एडरसन मामले में हसीन सपने

देश में सबसे ज़्यादा मोतों का ज़िम्मेदार देश के नेताओं द्वारा भगाया गया आरोपी एडरसन को अब देश में वापस लेन के मामले में सरकार सपने देख रही हे और जनता को गुमराह करने के लियें ऐसे सपने दिखा रही हे , सरकार का एडरसन को देश में प्रत्यर्पण करने की बात मुंगेरीलाल के उस हसीन सपने की तरह हे जिसे कोई कभी पूरा नहीं कर सका हे । केंद्र सरकार और संबंधित लोगों को इस मामले में सच जनता के सामने रखना चाहिए जब हेडली को गंभीर आरोपों के बाद नहीं लाया जा सका तो फिर दोस्तों एद्रसन को देश केसे लायेगा और वोह देश जहां दिल्ल्ली में आज भी व्ही पार्टी वही लोग हें जिन्होंने एडरसन को अपनी मदद से भगाया था और जो सरकार के नेता बाथरूम करने भी अमेरिका से पूंछ कर जाते हें आप ही खुद बताओ किया एडरसन को देश में लाने की घोषणा जनता के साथ धोका नहीं हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान बेंक मामले में हडताल

आइसिआइसि आई द्वारा राजस्थान बेंक के विलय के प्रस्ताव के खिलाफ आज राजस्थान बेंक के समर्थन में सभी बेंकों की हडताल हे राजस्थान बेंक के कर्मचारी डूबती हुई कम्पनी आई सी आई सी आई जिस पर बेंकिंग नियमों के उलंग्घन के सेकड़ो गम्भीर आरोप हे ऐसे में जब आई सी आई सी आई की व्यवसायिक गतिविधियाँ और सर्विस नियम कर्मचारियों के साथ व्यवहार ठीक न्हिः हो तो केसे दुसरे बेंक के कर्मचारी नियमों के विपरीत बेंक के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकते हें इस मामले में देश को देश के नेताओं को पहल करना चाहिए नहीं तो देश में वित्तीय अराजकता की स्थिति पैदा होने की पूरी संभावनाएं प्रबल हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दिल्ली की गे पार्टियों में राजनेता भी शामिल

दोस्तों दिल्ली में इन दिनों गे पार्टियां यानी पुरुषों के साथ सेक्स करने के कारोबार में वहां के सफेदपोश और नेता भी शामिल हें यह तो सब जानते हें के गे पार्टी जिसे दूसरी भाषा में होमोसेक्स,स्म्लेंगिगता भी कहते हे इसका कारोबार अनेक जगह पर ज़ोरों पर हे लेकिन दिल्ली ही ऐसी घ हे जहां पुरुष पुरुष की और महिलाओं की किराए पर हवस को शांत करता हे इन पार्टियों में एक पुरुष सभी पुरुषों की भूक शांत करता हे जबकि कुछ जगहों पर महिलाये किराए पर आदमियों को बुला कर अपनी भूक शांत करती हें इसके लियें पुरुषों को मोती रकम मिलती हे ऐसे में शोकिन प्रभावशाली लोग फिर अपने पसंद के पुरुषों से जोर जबरदस्ती भी करते हें अभी हाल ही में जनेश्वर हत्याकांड के पीछे नंदा परिवार का यही सच सामने आया हे , दोस्तों सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशन शिप के रिश्तों को जो मान्यता दी हे उससे तो ऐसे कारोबार की चढ़ बनी हे लेकिन सब जानते हें के कुदरत के खिलाफ जो चलेगा उसे भुगतने को तय्यार रहना होगा वेसे इस मामले को अप्राक्र्तिक मैथुन भी खा जाता हे इन सब हालातों में दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार को योजना बना कर ऐसे मामले में कार्यवाही करना चाहिए वरना हमारी पीडिया दर पीदियाँ इस हवस के खेल में पढ़ कर देश को बर्बाद कर देंगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पंचायत मंत्री भरतसिंह ने जल संरक्ष्ण मामले में जनप्रतिनिधियों को ज़िम्मेदार माना

राजस्थान में पंचायत राज मंत्री भरत सिंह ने आज उनके पैत्रिक गाँव कुन्दनपुर में आयोजित एक समारोह में साफ़ तोर पर कहा के राजस्थान में जनप्रतिनिधि जल संरक्ष्ण मामले में गेर ज़िम्मेदार हें और उनके कारण ही यहाँ पानी की दिक्कतें आ रही हें उन्होंने कहा के अगर जन प्रतिनिधि कुन्दनपुर की तर्ज़ पर पानी का संरक्ष्ण करना सीख लें और इस संरक्षण की शुरुआत कर दें तो राजस्थान में पानी का स्टोर होने से पानी का समस्या का समाधान हो जाएगा । भरत सिंह जी मंत्री हें इसलिए अफसरों यानी नोकरशाहों के कहने में आकर जनप्रतिनिधियों को इसके लियें ज़िम्मेदार बता सकते हें लेकिन यह सच तो छोटा बच्चा भी जानता हे के जनप्रतिनिधियों की हेसियत नोकरशाहों ने राजस्थान में च्प्दासी से भी बुरी बना रखी हे यहाँ के नोकरशाहों ने यूनियन बना कर विशेष प्रशिक्ष्ण लिया हे और वोह सब एक मंत्री और अख़बार वालों को पटाते हें और फिर बस यह अधिकारी सारी मर्यादाएं भूल कर मनमानी कर चोर बाजारी करते हें और जनप्रतिनिधि के हस्तक्षेप करने पर उसे आँखें दिखाते हें इतना ही नहीं मंत्री से उन जनप्रतिनिधियों की शिकायतें कर उन्ही सरे आम मंत्रियों से डांट भी पडवाते हें इसके खिलाफ अगर जनप्रतिनिधि नोकरशाहों की शिकायत करें तो उनकी कोई सुनवाई नहीं होती उलटे उन्हें मंत्री जी द्वारा चमचा गिरी से भी महरूम कर दिया जाता हे तो दोस्तों राजस्थान के नोकरशाहों का तो खुला नारा हे जंगल के शेर यानी इलाके के मंत्री को कब्जे में कर लो फिर जंगल पर यानी जिलों की योजनाओं पर उनका ही नंगा मनमाना राज रहेगा बस यही निति राजस्थान के विकास और न्याय को दीमक की तरह चाट रहा हे ऐसे में भाई दुआ करो के राजस्थान की मंत्रियों और नोकरशाहों की इस नीति के चलते राजस्थान की तो बस खुदा ही खेर करे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

९० बी ने किया प्रोपर्टी डीलर्स,अधिकारियों और नेताओं को मालामाल

जी हाँ जनाब राजस्थान में ९० बी ने अधिकतम प्रोपर्टी डीलर्स,नेताओं और अहिकाआरियों को मालामाल कर दिया हे जनाब ९० बी कोई लोटरी का नम्बर नही यह तो राजस्थान के राजस्व कानून की एक धारा हे जिसमें खेती की जमीन का स्वरूप बदलने पर पाबंदी हे और इसी धारा के नाम पर भाजपा और कोंग्रेस के कार्यकाल में शहरों के विस्तार के नाम पर प्रोपर्टी डीलरों नेअधिकारियों ,नेताओं से सांठ गांठ कर कृषकों से सस्ते दामों में खेती की जमीन खरीद कर उमने अवेध कोलोनी काट कर लोगों को प्लाट बना कर बेच दिए कानून हे के किसी भी खेती की जमीन का यूज़ लेनद बदलने पर यह जमीन राजसात हो जाती हे पटवारी तहसीलदार कलेक्टर इसके लिए ज़िम्मेदार हे लेकिन प्रोपर्टी डीलरों के इतने होसले बुलंद रहे के उन्होंने नेताओं,मंत्रियों और स्वायत शासी संस्थाओं के अधिकारियों ,प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर इस गेर कानूनी काम को क्क्नुनी अमली जामा पहना दिया और हर जिले में अरबों रूपये यानी राज्य में खरबों रूपये के वारे न्यारे कर लिए आज भी आफी क्रषि भूमि पर प्लाट कटे पढ़े हें और इस जमीन को सरकार ने जप्त कर कोई कार्यवाही नहीं की हे खेर भ्रष्टाचार सब जगह हे इसलियें सरकार ने भी अपना काम किया लेकिन इस कार्यवाही से राजस्व कानून की जो मंशा क्र्श्कों की जमीन बचाने और गाँव में हरियाली बनाये रखने की जो मंशा थी उसे धक्का लगा हे और आज हालात यह हे के शहरों के पास कोई भी हरियाली का साधन नहीं हे प्रदुषण के इस माहोल में पर्यावरण की इस हत्या से शहर गर्मी से झुलस रहे हें और लोग लू के थपेड़ों से मर रहे हें थोड़ी वर्षा के बा मोसमी बिमारी के अलावा इस कमी से नई बीमारियों के जन्म लेने की पूरी संभावना हे अब आप ही देखिये एक धारा ९० बी ने किस तरह से राजस्थान के कुछ लोगों को खरबपति बना दिया हे अगर पिछले १५ वर्षों में सभी स्वाय्त्शास्न विभागों और जिले के सम्बन्धित अधिकारियों की ९० बी के मामले निपटाने की जांच हो और जिन पर ९० बी की कार्यवाही होना चाहिए उन पर कार्यवाही नहीं होने की जांच हो तो राजस्थान के कई मंत्री क्रषि भूमि के खातेदार और अधिकारी लोग जेल की सींखचों के पीछे बंद रहें लेकिन भाई किस की जुर्रत हे जो कोई ऐसी हिम्मत कर दोषियों को सजा दिलवाएगा।

नितीश की विशवास यात्रा में अविश्वास

बिहार में राजनितिक ड्रामा अब चरम सीमा पर हे भाजपा और नितीश कुमार की पार्टी जदयू में अब वोटों की राजनीति के चलते अपने अपने वोट बचाने के लियें जनता को भ्रमित करने के लियें राजनितिक ड्रामा हो गया हे इस ड्रामे की मी जुली कुश्ती क्या गुल खिलाएगी यह तो वक्त ही बताएगा नितीश कुमार ने बिहार को गुजरात के मिले रूपये वापस लोटा दिए और फिर कोंग्रेस लालू भाजपा इस मसले पर नितीश के खिलाफ खड़े हो गये आज जब नितीश को भाजपा के नेताओं के साथ मिलकर विशवास यात्रा निकालना थी नितीश तो पहुंच गये लेकिन भाजपा के सुशिल मोदी ने उन्हें अंगूठा दिखा दिया इससे नितीश घबरा गये हें और वोह गठ्बन्धन को बचाने के चक्कर में तरकीबें ढूंढ़ रहे हें नितीश के सामने झारखंड में भाजपा के खेल का खुला उदाहरण हे इसलियें वोह इस कार्यवाही के संकेत को हल्के में नही ले रहे हे देखते हें आब आगे क्या होता हे मिलते हें थोदेस से ब्रेक के बाद ब्रेक यानी ठहराव से मतलब नहीं ब्रेक यानी टूटन से मतलब हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुसलमानों की एकता मेंडक तोलने से भी खतरनाक

कोटा हो राजस्थान हो चाहे भारत ऑफ़ चाहे विश्व हो एक बात सभी मुसलमानों में समान सी हे के इन्हें एक करना मेंडक तोलने से भी खतरनाक हे बात साफ़ हे सभी के मसले अलग विचार अलग नेता अलग चाहत अलग और दिमाग अलग हें जब जब भी मुसलमान एक साथ बेठ कर मसलों को बात कर टी करने की बात करते हें तब तब बाहर के लोग घबरा कर उनसे जिदे कठपुतली मुसलमानों को ऐसी मीटिंगे बिगाड़ने के लियें योजना बद्ध तरीके से फुन्व्हाते हे कुछ हें जिनके लियें कोम के मसाइल बड़ी बात नहीं उन्हें तो बीएस अपने आक़ा की ख़ुशी चाहिए फिर चाहे उन्हें अपने भाई की गर्दन पर ही छूरी क्यों ना रखना पढ़े राजस्थान के उपेक्षित मुसलमानों की नगरी कोटा में आज २० जून को सभी मुलमान भाई राजनीति की उपेक्षा के खिलाफ कोटा नगर विकास न्यास के पद पर आम मुसलमानों में से किसी को पद देने की बात की मांग को लेकर जंगली शाह बाबा परिसर में जमा हुए थे बैठक साफ़ सुथरे तरीके से हल रही थी यकीन अचानक एक चमचे वक्ता ने अपने नेता का गुणगान करना शुरू कर दिया बीएस फिर दुसरे नेता ने एतराज़ किया और हो गयी सर फुटव्वल शुरू एक ने पहले माइक तोड़े फिर बेनर फाड़े तू तदाक धक्का मुक्की शोरशराबा शुरू हो गया दो गुट एक दुसरे के खून के प्यासे हो गये इसी बीच खुदा ने रहमत बरसाई और मुसलमान फिर एक दुसरे से माफ़ी मांग कर वापस अपने मसलों पर चर्चा करने लगे कुछ वक्त पहले जहां महाभारत थी वहां अचानक प्यार मोहब्बत एक दुसरे से माफ़ी मांगने का माहो देखकर नेताओं द्वारा फुट डालो राज करो की तर्ज़ पर जिन समाज कंटकों को भेजा था वोह चुप चाप खिसक लिए तो जनाब मुलमानों को एक करना मेंडक तोलने से भी ख्त्र्तनाक मुश्किल काम हे यह कटु सत्य हे लेकिन इससे भी बढासच हे के जब मुसलमान या कोई भी समाज कोम एक होती हे तो फिर इसी तरह से भडकाने वाले नेता और उनके समाज कंटक गली नाप लेते हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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