आपका-अख्तर खान

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24 जून 2010

वोह तो केवल कीड़े मकोड़े ही खाती हे ...?

लन्दन में एक होलीवूड स्टार सलमा हायक से जब एक पत्रकार ने उनकी खूबसूरती का राज़ पुइंचा तो उन्होंने हंस कर कहा के वोह कीड़े मकोड़े खाती हें और इसीलियें सुंदर दिखती हें होलीवुड स्टार की इस बात पर मुझे हमारे देश के नेताओं के मोटे मोटे गाल और उन पर चढ़ रही लाली की याद आ गयी और में सोचने लगा के खुबसुरत दिखने वाली लन्दन की सलमा फिल्म स्टार चाहे कीड़े मकोड़े खाती हों या नहीं लेकिन हमारे देश में मोटे मोटे लाली छाए गालों वाले सभी नेता इन्सान को कीड़ा मकोड़ा समझते हें और फिर उनका शोषण कर खून चूस कर मजे लेते हें शायद इसी कारण उनके गाल मोटे मोटे और लाल लाल हें चाहे उनकी उम्र कब्र में पाँव लटकाए हो लेकिन बीएस इंसान के खून से वोह मजे कर रहे हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एम्स के चिकित्सक का चिकित्सा लाइसेंस जब्त करो

दिल्ली के सबसे बड़े चिकित्सालय एम्स में एक एच आई वी रोगी महिला बिमारी हालत में बेद पर तडपती रहे और डाक्टर उसे छुएँ तक नहीं उसका इलाज नहीं करें तो यह चिकित्सा परिचालन नियम २००२ काखुला उल्न्न्घं हे सब जानते हें के कल दिल्ली के एम्स में आगरा की नीना बघेल के साथ चिकित्सकों ने केसा सुलूक किया हे यह कहने को तो चिकित्सा हें लेकिन इनका बर्ताव जानवरों से भी बुरा हो गया हे ऐसे चिकित्सकों की दोक्त्री करने का लाइसेंस जो मेडिकल कोंसिल ऑफ़ इंडिया से इन्हें दिया गया हे शिकायत कर जब्त करवा देना चाहिये ताकि भविष्य में इस तरह का जानवरों जेसा सुलूक यह लोग किसी दुसरे मरीज़ के साथ नहीं कर सकें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दासवानी डेंटल कोलेज की गुंडा गर्दी

कोटा में चल रहे निजी कोलेज दासवानी डेंटल कोलेज में सवा लाख फ़ीस लेने पर भी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करने वालापने आप में एक अनूठा कोलेज दासवानी कोलेज में अगर कोई सुविधाओं के मामले में शिकायत करता हे तो उसे बाहर के गुंडे बुलाकर डराया धमकाया जाता हे कल कोटा में इसी मामले में कोलेज के सेकड़ों छात्रों ने कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया और फिर आखिर में प्रशासन ने डेंटल कोलेज के मालिक को बुला कर इस मामले के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए जिस पर उन्होंने दस जुलाई तक का वक्त माँगा हे , हे ना मजेदार बात पहले छात्र गुंडागर्दी करते थे अब छात्रों पर प्रबंधकों की गुंडा गर्दी हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कहां हे मानवाधिकार आयोग और प्रशासन

राजस्थान के टोंक जिले में प्रशासन हे या नहीं कुछ कह नहीं सकते और यहाँ राज्य मानवाधिकार आयोग का अंकुश भी प्रशासन पर नहीं हे यही वजह हे के जिले के अलीगढ़ के खोह्लिया इलाके के गाँव वरुन्नद्ध्न में ४० वर्षीय निमलाल गुर्जर को विक्षिप्त हो जाने पर जंजीरों से जकड़ कर रखा गया हे इसकी खबरें रोज़ अखबारों में प्रकाशित हो रही हें आज फिर पंजाब केसरी में इसे प्रमुख खबर बनाया गया हे यहाँ पंच,सरपंच,ग्राम सेवक, पटवारी, तहसीलदार , थानेदार, प्रधान, प्रमुख बी डी औ , कलक्टर, विधायक सहित अनेक जन प्रतिनिधि हें लेकिन किसी ने इस मामले में कोई कारगर चिकित्सकीय कदम नहीं उठाया हे वेसे भी भारतीय पागलपन अधिनियम के मामले में सुप्रीम कोर्ट और फिर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने विशेष दिशा निर्देश जारी कर रखे हें ऐसे में पंजाब केसरी में प्रकाशित इस नंगे सच के बाद क्या कलेक्टर क्या प्रशासन क्या जनप्रतिनिधि और क्या मानवाधिकार आयोग सब बेकार से ल्ग्तेहें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के मंत्री बाबूलाल फिर आरोपों के घेरे में

राजस्थान के खाध्य मंत्री बाबूलाल नागर एक बार फिर नरेगा भ्रस्ताचार मामले में आरोपों के के घेरे में हें उन पर अआरोप हे के उन्होए उनकी पत्नी के नाप से जयपुर स्थित एक फ़ार्म हाउस के पास ४० फिट छोड़ी सडक नरेगा मजदूरों से गेर कानूनी तरीके से अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर बनवाई हे जिसका फायदा जनता को नही केवल अकेले मंत्री जी के फारम हाउस को पहुंचेगा , बाबूलाल कहने को तो सेवादल कोंग्रेस के हें जहां भ्रष्टाचार कभी सेंध नहीं लगा सकता लेकिन जबसे बाबूलाल मंत्री बने हें कभी डायरी घोटाला कभी वेयर हाउस में शराब स्टोर कभी देरी अधिकारियों से बदतमीजी मामले में सुर्ख़ियों में रहे हें मंत्री नागर की वजह से अशोक गहलोत सरकार की बार बार किरकिरी हो रही हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा का चम्बल पुल फिर खतरे में

कोटा बूंदी बीएस स्टेंड के पास बना चम्बल का छोटा पुल मरम्मत के दोरान पिल्ल्र्में जोड़ लगाने से कमजोर हो गया हे और यह भविषमें लोगो की जान के लियें खतरनाक हो सकता हे इंजीनियर रवि जेन ने इस मामले को जब गेराई से देखा और तकनीकी सभी खामियों को अधिकारियों को बताना चाहा तो किसी भी अधिकारी ने इनकी बात पर ध्यान नहीं दिया , लेकिन यह सच हे के कोई भी पुल या पिल्लर पहले ही नाप कर बनाया जाता हे फिर अगर जल्दबाजी में नाप छोटा बढा हो जाए तो उस पिल्लर पर अलग से पेबन्द लगा कर उसे काम चलाऊ नहीं बनाया जा सकता लेकिन कोटा के इंजीनियरों ने इस पुलियाके मामले में पेबन्द वाले पिल्लर ही लगाये हें और बस यही इस पुल के लियें खतरनाक हे कोटा में इस पुल से रोज़ मर्रा करीब दस हजार लोग आवा जाही करते हें जिनकी जान इस लापरवाही के चलते खतरे में बनी हुई हे प्रशासन को चेताया गया हे लेकिन कोई निर्णय नहीं निकला हे भाइयों आप भी इस सच को ऐसी जगह पहुँचाने में मेरी मदद करें ताकि सरकार की आंखें खुल जाएँ और एक बड़ा हादसा होने से बच जाए। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्रिकेट में भारत का सर उंचा हुआ

भारत में क्रिकेट भ्रष्टाचार के नाम पर जब विश्व भर में किरकिरी हो रही ही तब नाडोल में एशिया क्रिकेट कप में भारतीय खिलाड़ियों ने श्रीलंका के टाइगर क्रिकेटरों को धो कर रख दिया और फिर एशिया कप का ताज अपने सर बाँध लिया हे देश के क्रिकेट के इतिहास में काफी वक्त बाद खुशियों के यह दिन आये हे इस जित से हमारे क्रिकेटर्स ने अपनी खोई हुई प्रतिष्टा को वापस स्थापित किया हे आज हमारे देश में इस मामले में जश्न का माहोल हे लेकिन दूसरी तरफ बी सी सी आई के झगड़े और चरम सीमा पर पहुंच गये हें जुलाई में होने वाली साधारण सभा में क्या निर्णय हो इसकी त्य्यारिया अभी से शुरू हो गयी हें विश्व भी सोचता होगा इतने झगड़े और राजनितिक भ्रष्टाचार के बाद भी क्रिएट का ताज भारत के पास केसे पहुंचा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मां की चिता को बेटियों ने मुखाग्नि दी

राजस्थान में कोटा संभाग के बारां जिले में कल दो बहनों ने विधि विधान के विपरीत अपनी मां की चिता को मुखाग्नि दी , कल अध्यापिका आराधना और वकील साधना की मां का देहांत हो गया दोनों बहनों ने समाज के खोखले निति नियमों को ताक में रख कर अपनी मां की चिता सजाई और अंतिम यात्रा में बारां के सभी लोगों की उपस्थिति में अपनी मां की चिता को अग्नि देकर यह साबित कर दिया की मुक्ति का द्वार बेटों से ही नहीं बलके बेटियों से भिखुल सकता हे बेटियों के इस साहसिक कदम की सर्वत्र सराहना हो रही हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जसवंत की घर वापसी भाजपा के लियें खतरनाक

सांसद जसवंत सिंह की भाजपा में घर वापसी राजस्थान में फिर से गुटबाजी को पनपा कर भाजपा के लियें खतरा पैदा कर सकता हे , जसवंत सिंह जो पहले कभी कोटा चित्तोड़ से लोकसभा चुनाव जीते थे और अपने इलाके में मात्र १७ बार पुरे कार्यकाल में आये थे बाद में चुनाव हारने के बाद भाजपा हाई कमान की मेहरबानी से राज्यसभा में जाते रहे हें इन्होने ९ माह पूर्व अपनी किताब में जब जिन्ना की तारीफ़ लिखी तो भाजपा में भूचाल आ गया और इन्हें पार्टी से बे आबरू करके निकाला गया कोटा प्रवास के दोरान इनके पुराने अपने भी इनका साथ छोड़ गये और यह एक कार्यक्रम में अकेले खड़े रहे । जिन्ना की तारीफ़ करने के बाद भाजपा ने जसवंत को पार्टी से निकाल दिया और फिर आज तक भी जसवंत को अपने किये पर पछतावा नहीं हे जसवंत ने तो इस मामे में पहले भी माफ़ी मांगने से इनकार किया था और आज तक भी भाजपा से माफ़ी नहीं मांगी हे इधर भाजपा के राजनाथ सिंह जो जसवंत के इस रवय्ये से आग बबूला थे वोह अभी भी उनर नाराज़ हे ऐसे में जसवंत यदि बिना माफ़ी मांगे भाजपा में आये हें तो इससे भाजपा की किरकिरी हुई हे क्योंकि या तो भाजपा ने जसवंत की जिन्ना भक्ति को मान्यता दे दी हे इसीलियें बिना माफ़ी के उन्हें वापस पार्टी में ले लिया हे और या फिर गडकरी राजनाथ का मुंह जसवंत को पार्टी में लेकर चिढाना चाहते हो कारण कुछ भी हो लेकिन यह सच हे के जसवंत की वापसी भाजपा को भविष्य के लियें इस तरह से ठीक नहीं हे और फिर राजस्थान में वसुंधरा ने जसवंत के बगेर जो सलवा दिखाया हे उसके बाद तो इनके आने से राजस्थान और हाडोती कोटा की राजनीति में भी भूचाल आने की सम्भावना हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जसवंत की घर वापसी भाजपा के लियें खतरनाक

सांसद जसवंत सिंह की भाजपा में घर वापसी राजस्थान में फिर से गुटबाजी को पनपा कर भाजपा के लियें खतरा पैदा कर सकता हे , जसवंत सिंह jo pehle kbhi kota chittod से

मादक पदार्थों की रोकथाम की जाग्रति का सप्ताह

कोटा में मादक पदार्थों की रोकथाम की जाग्रति के लियें मनाया जा रहा जाग्रति सप्ताह केवल अधिकारियों की ओपचारिकता बन कर रह गया हे कोटा जो देश की स्मेक,चरस,अफीम की सबसे बड़ी मंडी हे यहाँ से रोज़ चोरी छिपे करोड़ों की स्मेक दुसरे राज्यों में तस्करों द्वारा पुलिस की आँखों में धुल झोंक कर भेजी जा रही हे कोटा सम्भाग में करीब ५००० से भी अधिक स्मेक और अन्य नशे के आदतन हें जिनमे से सेकड़ों लोग पुलिस के लियें सर दर्द बने हें वोह अपनी भूक मिटाने के लियें छीना झपटी चोरी लुट पाट करते हें हमारे देश में मादक पदार्थों की रोकथाम और इसके आदतन लोगों के इलाज के लियें कल्याणकारी नियम बनाये गये हें खुद अदालतों को ऐसे आदेश देने के अधिकार दिए गये हें कोटा पुलिस आज २०० से भी अधिक ऐसे स्मेक्चियों को जानती हे जो स्मेक के बगेर एक पल नहीं रह सकते पुलिस ने उन्हें किसी ना कसी कानून में पकड़ा तो हे लेकिन उदार बन कर अदालत से आदेश प्राप्त कर उनका इलाज कराने के लियें उन्हें नशा मुक्ति वार्ड में भर्ती नहीं कराया हें राज्य या फिर केंद्र ने प्रावधान होने पर भी इस मामले में कमेटियां नहीं बनाई हे कोटा में एक किलो स्मेक का भाव एक लाख रूपये का हे जिसमें तस्कर ५ किलो तक कुत्ते मारने का पौडर मिला कर इसे छोटी छोटी पुडिया बना कर ग्राहकों को बहते हें पुलिस छोटे ग्राहकों को तो पकड़ लेती हे लेकिन बड़े तस्करों के गिरेबान तक उसका हाथ नहीं पहुंच सका हे पिछले दिनों शेहर काजी अनवार अहमद ने कोटा के स्मेक्चियों के जेल से छुटने पर उन्हें सुधरने का अवसर दें के लियें उन्हें सब्जी बेचने या फल फ्रूट बेचने का ठेला लगाने के लियें आर्थिक मदद दी थी लेकिन यह निति सरकार की मदद के बगेर कामयाब नहीं हो सकी , स्मेक्ची बताते हें के नशे में वोह पागल हो जाते हें उनका पेट दर्द से फटने लगता हे और वोह जब तक नशा ना मिले अपना सर पटकते रहते हें ऐसे ही वक्त पर अपराध मास्टर इनकी कमजोरी का फायदा उठा कर इनसे बढ़े अपराध करवा लेते हें । केंद्र और राज्य सरकार इस मामले में बने कल्याणकारी नियमों को लागु करने के लियें निर्धारित समितियों का गठन कर यदि आर्थिक मदद दे और पुलिस कर्मी स्मेक्चियों को पकड़ कर अदालत से आदेश प्राप्त कर उन्हें नशामुक्ति केंद्र में भर्ती करवाएं तो कोटा के कई घर बर्बाद होने से बच सकते हें क्योंकि स्मेक के आदतन की आयु अधिकतम ५ से १० वर्ष ही होती हे। अब देखते हें केंद और राज्य सरकार को आप लोग मेरे सुझाव को उन तक पहुंचा कर कुछ कार गर कदम उठवा कर कोटा और राजस्थान के इस नारकीय जीवन के बोझ तले जी रहे लोगों को मुक्ति दिलाने में मेरी मदद करते हो या नहीं। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

निर्दलीय सांसद दिग्विजय सिंह को श्रद्धांजली

बांका से निर्दलीय सांसद दिग्विजय सिंह की आज लन्दन में अचानक ब्रेन हेमरेज होने से मोत हो गयी सांसद दिग्विजय सिंह का अपने क्षेत्र में समर्पण सेवा का सुबूत यही हे के वोह अपने क्षेत्र से निर्दलीय सांसद थे पहले कभी संयुक्त दलों में रहे सांसद जी अपने क्षेत्र के विकास के लियें समर्पित जागरूक और सेवा भावी थे आज अहंक उनके निधन से उनके क्षेत्र में जनसेवा की राजनीति का अध्याय खत्म सा हो गया लगता हे क्योंकि ऐसे लोग अब कहां हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजनीति के भाई साहब केसे केसे

दोस्तों हमारे पडोस में एक जनाब रहते हें वोह चुनाव के पहले से ही उठते बैठते सोते चलते फिरते अपने राजनितिक भाई साहब नेता जी के ही गुण गान करते रहते हें जब भी नेताजी बाहर से आयें आंधी हो चाहे तूफ़ान हो सर्दी हो चाहे गर्मी हो घर में कोई मेहमान हो या माँ बाप बेटे पत्नी बीमार हो लेकिन उनके लियें दवा वगेरा चाहे नहीं लाये बीएस नेता जी को स्टेशन पर लाने और लेजाने का काम वोह जरुर करते रहे हें वोह मोहल्ले में नेताजी से उनकी वफादारी और नेताजी की उन पर मेहरबानी के किस्से सभी को सुनाते थे चुनाव की घोषणा हुई उन्होंने मुझे भी नेताजी से मिलाया मेने देस्खा जो भी नेताजी से मिलता उसे वोह पुरानी जान पहचान का हवाला देते और अपना मोबाइल नोम्ब्र यह कहते हुए जरुर देते के आप मुझे जिताव मेरे हाथ मजबूत करो में अगर जित गया और मंत्री बन गया तो बीएस आप का कोई भी काम एक फोन पर ही कर दिया करूंगा । आप यकीन मानिए नेता जी की यह अदा लोगों को पसंद आई और जनता ने जी जान से लग कर नेता जी को जीता दिया नेता जी सरकार में मंत्री बन गये भीड़ में घंटों इन्तिज़ार के बाद हमारे पड़ोसी जो नेताजी का गुणगान करते थे उन्होंने उन्हें माला पहनाई , फिर समस्याओं और शिकायतों का दूर हुआ लोग नेताजी द्वारा दिए गये नम्बर पर उन्हें फोन करते साहब बाथरूम में हें मीटिंग में हें इसकी आवाज़ के अलावा कुछ दूसरी आवाज़ सुनाई नहीं देती जो लोग नेताजी के चुनाव में दुश्मन थे अंदर से भितरघात कर रहे थे उनके जीतते ही नेताजी के चमचा नम्बर वन हो गये हमारे पड़ोसी जिन्होंने गरीबी के हालत में भी कुर्बानियां देकर नेता जी के लियें काम किया आज भी वोह नेताजी को लेने छोड़ने ट्रेन पर जाते हें लेकिन भीड़ में वोह सबसे पीछे नजर आते हें बीएस बेचारे नेताजी के दर्शन कर के ही धनी हो रहे हें सरकार को दो साल हो गये लेकिन हमारे पड़ोसी साहब हें के घर फूंक तमाशा राजनीति के भाई साहब का इसलियें देख रहे हें के शायद नेताजी मेहरबान हो जाएँ और उनकी राजनीति में पहचान बन जाए वोह यह सब सोच रहे थे के उन्होंने एक पढ़े लिखे काबिल बूढ़े से राजनितिक पार्टी के समर्पित व्यक्ति को देखा जिसने अपना जीवन नेताजी और पार्टी के लियें हवन कर दिया लेकिन बीएस वोह सन्गठन में आने जाने के ही नाम के रह गये हें उन्हें देख कर हमारे पड़ोसी भाई साहब की आँखों में खुद का भविष्य देख कर आंसू आ गये तो जनाब ऐसे हें हमारे पड़ोसी जनाब के राजनितिक भाई साहब। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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