आपका-अख्तर खान

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25 जून 2010

कोटा की गंदगी को लेकर कलेक्टर खीज गये

कोटा शहर को साफ़ सुथरा रखने के लियें बार बार निर्देश देने पर भी नगर निगम के आधिकारियों ने जब शहर की सफाई के प्रति लगातार लापरवाही दर्शाई और शहर की साफ़ सफाई व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया तो बस कोटा कलेक्टर जनाब टी रविकांत साहब के बात गले तक आ गयी कल कोटा कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक में आखिर कोटा कलेक्टर ने निगम के अधिकारियों से कह ही दिया के अगर आप लोग शहर को साफ़ नहीं रख सकते हें तो मेहरबानी करके निगम के बाय लोज़ यानी निगम कानून में संशोधन करवा ले की नगर निगम का मुख्य कर्तव्य शहर को साफ सुथरा रखना नहीं शहर को गंदा रखना हे ताकि शहर गंदा रहे तो फिर जनता और में खुद आपसे कुछ नहीं कहूंगा यकीन मानिए कोटा कलेक्टर की इस बेबसी पर निगम के अधिकारियों ने कुछ प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की और उनकी बात हवा में उधा दी नतीजा सामने हे के आज फिर कोटा शहर निगम की लापरवाही के चलते गंदगी से अटा पढ़ा हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के वकीलों को शनि लगा फिर भी नतीजा कुछ नहीं

कोटा के वकीलों को शनी लग गया हे और हालात यह हें के कोटा के वकील अपनी मांगें कोटा में हाई कोर्ट की बेंच की स्थापना करने,राजस्व मंडल की डबल बेंच स्थापित करने ,वकीलों को रियायती दर पर भूखंड उपलब्ध कराने, राजस्थान उपभोक्ता फोरम की बेंच स्थापित करने की मांग पर हर शनिवार को हडताल पर रहने लगे हें। वकीलों ने इन मांगों को लेकर विश्व का सबसे बढा वकीलों का आन्दोलन कर विश्व रिकोर्ड बनाया हे और इस आन्दोलन के दोरान खुद मुख्यमंत्री ने इन सभी मांगों को छोटी मांगें मान कर तुरंत पूरा करने का आअश्वास्न दिया था केवल हाई कोर्ट की बेंह की मांग को मुख्यमंत्री ने अपने बूते के बाहर की बात बताई थी लेकिन अब स्थिति संकट में हें मुख्यमंत्री अपने वाडे को भूल गये हें और कोटा के वकील इसवादे को याद दिलाये रखने के लियें प्रत्येक शनिवार सारी अदालतों में हडताल करते हें वोह इस दिन मुख्यमंत्री को याद दिलाने के लियें ज्ञापन भेजते हें लेकिन कोटा के वकीलों को लगे शनी के कारण उनकी मांगे अब तक पूरी नहीं हो रही हें और कोटा के कोंग्रेस से जुड़े जनप्रतिनिधियों में इतना साहस नहीं की मुख्यमंत्री से यह पूंछ लें की क्या हुआ तेरा वादा वोह कसम वोह इरादा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खुद की मोत की खबर क्या सुनी आखिर मरना ही पढ़ा

कितनी अजीब बात हे जो शख्स मरा नहीं उसका म्रत्यु प्रमाण पत्र प्लेटफोर्म पर अंतिम संस्कार करना बता कर बना दिया गया और श्मशान में एक शव डाह के दोरान जब गाज़ियाबाद्के धानसिंह को पता चला की सरकारी रिकोर्ड में तो वोह तीन दिन पहले ही मर चुका हे उसे जब यकीन नहीं आया तो उसने म्रत्यु प्रमाण पत्र देखा जब उसे यकीन आ गया के यह उसी का म्रत्यु पमान पत्र हे जो कुछ दिन पूर्व उसकी म्रत्यु होना बता कर बनवाया गया हे तो आप यकीन मानिए यह जनाब इतने सदमे में आ गये के बस दुसरे दिन ही इन्होने सदमे के तनाव के चलते अपने प्राण त्याग दिए अबेक ही आदमी की सरकारी रिकोर्ड में दो बार म्रत्यु और दो बार अंतिम संस्कार की कहानी बोल रही हे। अख्तर खान अकेलाकोटा राजस्थान

न्यूयार्क में राजस्थान भवन

राजस्थान के ऍन आर आई की संस्था राना की तरफ से न्यूयार्क में राजस्थान भवन बनाने की घोषणा की गयी हे इस शिलान्यास समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जायेंगे , विदित रहे के पहले इसी संस्था ने गृह मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल को सम्मानित किया था कहते हे देश के लोग भी विदेश में जाकर मतलबी हो जाते हें पहले राना के निर्देशों पर कोटा में गेर राजनितिक महापोर को झेल्नाप्धा हे अब खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने लवाजमे के साथ न्यूयार्क जा रहे हें ऐसे में देखते हें के राना संस्था वाले अब राजस्थान में किस गेर राजनितिक की महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति करवाते हें लेकिन ऐसी नियुक्ति कोंग्रेस के लियें खतरनाक साबित हो रही हे क्योंकि जो कोंग्रेसी हे वोह कोंग्रेसी ही रहेगा और गो गेर कोंग्रेसी हे अगर वोह पद पर आया तो उसके संम्पर्क के गेर कोंग्रेस से जुड़े लोगों को ही मदद करते हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

थानेदार को पेड़ से बाँध कर पीटा

राजस्थान के एक गाँव में पिछले दिनों थानेदार द्वारा एक बुज़ुर्ग को पेड़ से बाँध कर पीटने की खबर चर्चा में रही लेकिन कल ठीक इसके खिलाफ घटना घटी , सीकर जिले के लक्ष्मण पुर स्थित बिदास्पुर गाँव में ग्रामीणों ने थानेदार को बुलाया और उन्हें पढ़ से बाँध कर उनकी पिटाई कर डाली । राजस्थान में जनता की इस हरकत को पुलिस ने गम्भीरता से लिया हे और इस मामले में मुकदमा दर्ज कर कई लोगों को गिरफ्तार किया हे लिकिन जब जनता के आदमी को पुलिस थानेदार ने पढ़ से बाँध कर प्रताड़ित किया तब राजस्थान सरकार या पुलिस ने दोषी थानेदार और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई मुकदमा आअज तक भी दर्ज कर थानेदार को गिरफ्तार नहीं किया हे भाई यही फर्क हे अपने और पराये में जनता और शासक में इसी लियें यह भेद भाव पूर्ण की नीति अपनाई गयी हे.अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बिजली भीं तो कर्मचारी को बंधक बनाया

कोटा के आर के पुरम में बिजली नहीं तो वहां को लोगों को जनता ने कमरे में बंद आर बंधक बना दिया कल बिजली विभाग की लापरवाही के चलते आर के पुरम में रात को ९ से १२ बजे तक बिजली बंद रही और जब बिजली विभाग के कर्मचारियों ने जनता की नहीं सुनी तो जनता आक्रोश में आ गयी और जनता ने बिजली विभाग के दफ्तर में बेठे निठल्ले कर्मचारी को कार्यालय में बंद कर टाला लगा दिया बीएस फिर किया था बिजली अधिकारी हरकत में आ गये और दस मिनट में बिजली ठीक कर आर के पुरम को वापस बिली से जगमगा दिया इसे कहते हें के लातों के भुत बातों से नहीं मानते । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मेरे देश को लाश ना समझो यारों

मेरे देश के लोगों को ज़िंदा लाशें समझने वाले राजनीतिज्ञों अब अपनी आँखें खोल लो देश में राजनीति के नाम पर लुट खसोट के जमाने गये अब जवाब दारी के लियें तय्यार रहना होगा , देश में इन दिनों गठ्बन्धन सरकार चलाने की प्रक्रिया हे और सब एक साथ हो कर देश की जनता को लुटने की कोशिशों में लगे रहते हें पहले भाजपा गठ्बन्धन दिखावे के तोर पर लड़ते थे लेकिन फेसले में साथ रहते थे फिर कोंग्रेस गठ्बन्धन में यह अपराध कोमरेडों ने किया पुरे पांच साल सरकार को गालियाँ बकते रहे लेकिन रहे सरकार के साथ अब ममता पंवार हें के सरकार के फ़सलों से खुश नहीं रहने का ढोंग करते हें लेकिन सरकार के साथ रहते हें देश में कोंग्रेस हो निर्दलीय हो भाजपा हो सपा हो जनता दल हो यूनाइटेड हो, माकपा हो भाकपा हो बसपा हो निर्दलीय हो दक्षिण भारतीय पार्टियां हों मनसे हो तनसे हो शिवसेना हो सब देश को फुन्ज्क कर राजनीति का तमाशा देख रही हें सरकार में रहने वाली पार्टियां दिखावे के तोर पर सरकार का विरोध करती हें लेकिन सरकार को किसी भी मुद्दे पर गिराती नहीं हें विपक्ष हे के दिखावे के तोर पर ब्यान बाज़ी करता हे लेकिन ज़िम्मेदारी का आन्दोलन नहीं करता हे जब वोटों की जरूरत पद्धति हे तो यही लोग रपये लेकर या तो बेईमानों के पक्ष में मतदान करते हें या फिर देश के दुश्मनों को फायदा पहुँचाने के लियें वाक् आउट कर जाते हें जिससे गणित में सरकार फिर जीत जाती हे और जनता हार जाती हे अब देश में य्हिऊ सब चल रहा हे यह सभी लोग जनता को ज़िंदा लाश समझ कर कफन चोर बन गये हें लेकिन अब इनके दिन लद गये जनता को ऐसे लोगों को धुल चटाना होगा ताकि देश फिर से गुलाम बनने से बच जाए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अमेरिका के गुलाम मनमोहन से देश को बचाओ

जी हाँ दोस्तों आज की घोषणा से आप सभी लोग मुझ से नाराज़ होंगे लेकिन क्या करूं में मजबूर हूँ जो देखा हे वही लिखूंगा आप मानो या न मानो लेकिन यह सच हे के मनमोहन सिंह प्रधानमन्त्री जी के राजनीति में आने के बाद देश की जनता का जितना खून चूसा गया हे इतना शायद विश्व के किसी भी नेता ने नहीं चूसा हे इसीलियें मनमोहन सिंह जी को देश की जनता का सर्वाधिक खून चूसने वाले नेता का एवार्ड देकर सम्मानित किया जाता हे । कहते हें के गुलाम मानसिकता के लोग गुलाम और शाही मानसिकता के लोग शाही होते हें विश्व बेंक में नोकरी करने वाले एक साधारण से व्यक्ति की गुलामी मानसिकता से कुछ अधिक नहीं हो सकती और विश्व बेंक के कर्मचारी के नाते यह जनाब अमेरिका की गुलाम मानसिकता के किस हद तक गुलाम होने के यह कहने की जरूरत नहीं , सब जानते हें के कोंग्रेस को बर्बाद और खत्म कर देने का सपना लेकर राजनीति में आये नरसिंघा राव ने देश से कोंग्रेस को नष्ट करने के लियें एक टीम बनाई थी और जनाब मनमोहन सिंह जी इन राव साहब की ही खोज थे बस इसी दिन से देश में आर्थिक तंगी आर्थिक अराजकता की स्थिति आने लगी थी और अमेरिका देश में आर्थिक रूप से अपना शासन चलाने लगा था अभी देश में आर्थिक व्यवस्था के नाम पर जनता से जो लुट खसोट हो रही थी वोह कुछ कम नहीं थी लेकिन विश्व भर में तेल को देशों पर अपना कब्जा जमा कर अमेरिका एक तरफ तो पेट्रोल के नाम पर विश्व में लुट खसोट मचा रहा हे तो दूसरी तरफ लड़ाई का डर बता कर हथियार और लडाकू विमान बिकवा रहा हे बस अमेरिका का हुक्म हुआ और देश में मनमोहन जी ने सोनिया राहुल को ग़लत अर्थशास्त्र पड़ा कर पेट्रोल डीजल गेस के नाम पर खरबों रूपये प्रति दिन का खेल खेल लिया मनमोहन ने राहुल और सोनिया को ऐसे वक्त पर ब्लेर्क्मेल किया हे जब कोंग्रेस और खासकर राजीव जी के वक्त की सरकार पर अमेरिका के इशारे पर एद्र्सं को भगाने का मामला चल रहा हे बस मनमोहन ने इसी का फायदा उठा कर अपना खेल खेल लिया हे देश भक्तो की तो हम किया कहें लेकिन खुद कोंग्रेसी सोचें के आखिर वोह जनता के बीच अपना क्या मुंह लेकर जायेंगे , क्या कोंग्रेस अगले चुनाव में अमेरिका की बोतल में बंद एडरसन के भुत और अमेरिका की चोधराहट के इशारे पर पेट्रोल,दिसल , गेस पर बे हिसाब बढाई गयी मूल्य व्रद्धी और जरूरी चीजों की बढ़ी कीमतों के बाद अगला चुनाव जित सकेगी अगर मनमोहन ने कोंग्रेस की सोनिया और राहुल को जनता और पेट्रोल कम्पनियों से मॉल लुट कर कुछ मामलो में सब्सिडी देने के बाद जनता का मन जितने का अर्थ शास्त्र पढाया हे तो बहुत ग़लत हे हम सभी जानते हे के मनमोहन कोंग्रेस को डुबोने के पी वी नर्सिंग्घा राव केअधूरे काम को पूरा करने मेंलगे हुए हें और बस आने वाले चुनाव में आप लोगमेरी इस प्यारी न्यारी कोंग्रेस को राजनितिक हाशिये पर ढूँढ़ते रह जाओगे , मुझे आज यह चिंता सता रही हे के अब में और मेरे भाई किस पार्टी को वोट देंगे क्योंकि भाई हम तो कोंग्रेस के गुलाम वोटर हे अब हमारा क्या होगा फिर सोचता हूँ के देश को बचाने के लियें अगर कोंग्रेस को कुर्बान करना पढ़े तो कोई महंगा सोडा नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बाल हिंसा कानून की पालना

देश आज सभी राज्यों में ओंर किलिंग यानी संरक्षकता में हत्या के रोज़ रोज़ के किस्सों से तंग आ गया हे यहाँ दिल्ली हो चाहे हरियाणा चाहे जयपुर हो या फिर कोई और शहर सभी जगहों पर ओंर किलिंग के अलावा बाल हिंसा चल रही हे यह सब सरकार की अनदेखी के चलते संभव हे क्योंकि इस मामले में जो कानून बने हें अगर उनकी पालना हो तो देश सुधर जाए । दोस्तों देश में इंडियन चिल्ड्रन एक्ट बना हे जिसके तहत प्रत्येक नाबालिग यानी १८ वर्ष से कम आयु का बच्चा या बच्ची जिला जज के निरिक्षण में होते हें वोह तो मान बाप को केवल पालने के लियें ही दिए जाते हें कानून में लिखा हे के ऐसे बच्चों पर हिंसा ना हो इसके लियें बाल आयोग गठित हो , सभी थाना क्षेत्राधिकार में ज्वेनाइल पुलिस यूनिट गठित हो ,जिला बाल समितिया बनाई जाएँ और समाज सेवी संस्थाएं बच्चे कोई उपेक्षित तो नहीं हे या बच्चों पर हिंसा तो नहीं हो रही हे या फिर बच्चों को अपराधी तो नहीं बनाया जा रहा हे वेसे बच्चों को शिक्षा गारंटी कानून के तहत भोजन देकर पढ़ाना भी अनिवार्य हे , ऐसी स्थिति में अगर माता पिता भी बच्चे से अच्छा सुलूक नहीं करते हें उससे भीक मंगवाते हें सिगरेट बीडी मंगवाते हें या फिर उन्हें अपराध क्षेत्र में धकेलते हें या उनकी उपेक्षा से बच्चे खुद अपराध की तरफ बढ़ते हे तो इस मामले में जिला जज को यह अधिकार हे के वोह ऐसे बच्चों को तो माता पिता से अपनी संरक्षकता में ले लेंगे और बच्चे को सरकारी बाल गृह में रख कर पढायेंगे जिसका खर्च सरकार के लियें उठाना अनिवार्य हे इसके अलावा बच्चो को उपेक्षित रखने वाले माता पिता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उन्हें दंडित करने के लियें भी कार्यवाही का प्रावधान हे तो दोस्तों देश में बच्चों के लालन पालन के लियें बना यह कानून अगर ठीक तरह से लागू हो जाए तो बच्चो पर हिंसा के कारण उनका चरित्र बिगड़ने से बच जाएगा और देश का भविष्य आने वाले कल में देश को विश्व भर के नक्शे में निखार देगा लेकिन इन कार्यों के लियें सरकार के पास रुपया नहीं हे सरकार इन कार्यों के लियें जो पैसा भेजती हे उसे मंत्री अधिकारी खुद चट कर जाते हें पुलिस जनता और समाज सेवी संस्थाएं इस मामले में गंभीर नहीं हे यही कारण हे के जिला में जुवेनाइल पुलिस यूनिट नहीं हे तो राज्यों में बाल कल्याण आयोग नहीं हें तो अनेक जगहों पर समितियों का गठन नहीं किया गया हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश में सो कोल्ड आपात काल की स्थिति

देश में आपात काल के वक्त १९७७ में दो तरह की स्थितियां थी एक तरफ तो लोगों का आरोप हे की सरकार की मन मर्जी चलती थी और देश में सरकारी ज़ुल्म की पराकाष्ठा हो गयी थी आपात काल की दूसरी तस्वीर जिसे शायद में या मेरे जेसे गिनती के ही कुछ लोग पसंद कर पायेंगे वोह थी जिसमे देश में अराजकता,लुट पाट, भ्रष्टा चार , जमाखोरी, मिलावटखोरी, व्यापारियों की लुट पाट ,निरंकुश नेताओं की समाज में धार्मिक उन्माद फेलाने की कार्यवाही धर्म के नाम पर अधर्म , जेसी स्थितियां नहीं थीं और जब आपात काल खत्म हुई तो उसी के नतीजे थे के एक तो आज़ादी के दुसरे जश्न का माहोल था और देश में दो रूपये किलो शक्कर, सस्ते चांवल,गेहूं सभी खाद्य पदार्थ सस्ते थे , अभी आज कोटा से प्रकाशित देनिक भास्कर के संपादक लेख सर्वं गर्ग जी ने लिखा हे के देश में सो कोल्ड यानी स्नव्य्म की पैदा की गयी आपात काल की स्थिति हे यहाँ कोई आदमी परिवार सुरक्षित नहीं हे दफ्तरों में मनमानी हे मेने भी इस लेख को पढ़ा हे बात भी ही हे के आज देह में सो कोल्ड यानी खुद जो कर लो व्ही कानून हे और जिसकी लाठी उसी की भेंस की कहावत च्रिओतार्थ हो रही हे अब आप ही बताएं के इस देश में फिर से कानून का राज स्थापित करने के लियें हमारी सरकार को मिलावट खोरों, जमाखोरों, भ्ष्टों के शिकंजे से बाहर केसे निकालें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राष्ट्र मंडल खेल की मशाल देश में

मेज़बान भारत में राष्ट्र मंडल खेल की मशाल पाकिस्तान होती हुई हमारे देश में पहुंच गयी हे आज जब यह मशाल हमारे देश पहुंची तो इसके पहले इस मशाल को लेने गये प्रतिनिधि मंडल के सदस्य सांसद दिग्विजय सिंह का शव हमारे देश में पहुंचा, हमारे देश में पेट्रोल डीजल की कीमतों की व्रद्धी का भुत रहा , देश ने क्रिकेट में एशिया कप जित कर अपना कीर्तिमान बनाया जबकि गढ़ मंत्री पाकिस्तान के लियें रवाना हुए तो प्रधान मंत्री भी जी २० के नाम पर देश से बाहर गये कुल मिला कर २७० देशों का सफर कर लायी गयी दुश्मन देश के रास्ते इस मशाल को देश में मेहमान नवाजी के लियें रखा गया हे यहाँ अक्तूबर में अब खेल होंगे और देश में गरमा गर्म माहोल रहेगा लेकिन इसके पहले सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लियें चिन्तन और मंथन की जबर्दस्त आवश्कता हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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