आपका-अख्तर खान

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28 जून 2010

मुख्यमंत्री गहलोत की हरित क्रान्ति मुहीम को कोटा में धक्का

जनाब एक तरफ तो हमारे राजस्थान के मुख्यमंत्री महोदय राजस्थान को हर भरा करने के लियें हरित क्रान्ति की मुहीम चला रहे हें वोह पुराने पेड़ों को बचा कर नये पेड़ लगाने का अभियान छेड़े हुए हें मजेदार बात यह हे के कोटा के ही भरत सिंह पर्यावरण प्रेमी इन दिनों सरकार में पंचायत मंत्री हें आज से १२ वर्ष पूर्व जब कलेक्ट्री चोराहे पर लगे सेकड़ों वर्ष पुराने पेड़ों की जड़ें खोखली करने के लियें उनके आस पास जब पक्की सडकें बनाई गयीं तो हमारे पत्रकार मित्र और सुद्ध पर्यावरण प्रेमी जनाब ब्रजेश जी विजय वर्गीय ने इस पर आपत्ति जताई तब हम लोग जो इस पेड़ के निचे छाए पिटे थे सभी ने उनकी बात अन सुनी कर दी लेकिन आज कलेक्ट्रेट के बाहर हजारों घटनाओं धरने प्रदर्शनों का यह मूक गवाह बना पढ़ जड़ों में पाने नहीं पहुंचने के कारण आंधी के एक मामूली झोंके से गिर गया और इसके गिरने पर अब यह इलाका पेड़ विहीन हो गया हे आज फिर जब मुझे ब्रिजेश वजय वर्गीय ने पुरानी चुप रहने की ग़लती यद् दिलाई तो मुझे कहना पढ़ा के सही यह यह पढ़ मेरी ग़लतियों से गिरा हे अगर में इस पढ़ के लियें लड़ता तो शायद आज यह पढ़ खड़ा चाव और ऑक्सीजन दे रहा होता। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

निजी अस्पताल में लाश गिरवी रख ली

कोटा के एक निजी अस्पताल फोर्तिज़ मोदी जहां आदमी ज़िदा जाए और मरा हुआ वापस आये की कहावत चल रही हे वहां कल एक नरेंद्र सिंह ने अपने बेटे को भर्ती कराया था लेकिन इलाज के दोरान उनकी म्रत्यु हो गयी नरेंद्र सिंह अपने बेटे के इलाज के नाम पर चिकित्सकों को कई लाख रूपये दे चुके थे लेकिन जब नरेंद्र सिंह ने अपने बेटे का शव अस्पताल प्रशासन से माँगा तो अस्पताल प्रशासन ने कसाइयों की तरह से लाखों रूपये लेने के बाद भी ५० हजार का बिल थमा दिया अब मरे हुए बेटे के बिलखते हुए बाप का क्या हाल होगा आप यह समझ सकते हें इतना ही नहीं जब परिजन लाश धुन्धने गये तो चिकित्सकों ने लाश को छुपा दी वोह तो भला हो भाजपा नेता पूर्व महापोर योगेन्द्र खिंची और समर्थकों का जिन्होंने वहां जाकर मोर्चा संभाला और यह शव दिलवाया ताज्जुब इस बात पर हे के यह सब गुंडागर्दी मीडिया की उपस्थिति में चल रही थी लेकिन बड़ा विज्ञापन दाता चिकित्सालय होने की वजह से मीडिया के सभी इग्ग्ज हाथ बांधे खड़े थे और आज जब मीडिया में यह खबर प्रकाशित हुई हे तो अस्प्ताकल का नाम खबर से गायब हे केवल एक निजी चिकित्सालय लिख कर मीडिया ने डरते डरते खबर प्रकाशित की हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अभिभाषक परिषद कोटा में शुद्ध के लियें युद्ध

अभिभाषक परिषद कोटा में इन दिनों जहां सदस्य वकीलों के हक के लियें आर पार की लढाई की जा रही हे वहीं दूसरी तरफ वकीलों के आचरण में सुधार के लियें भी शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ जांच प्रमाणित होने पर कठोर निर्णय लिए जा रहे हें अभिभाषक परिषद कोटा के महा सचिव मनोज पूरी और अध्यक्ष रामस्वरूप शर्मा की जोड़ी इस मामले में दोषी अभिभाषकों को सीधे तिन वर्ष के लियें निष्कासित कर रही हे हाल ही में एक वरिष्ट वकील के खिलाफ अनुशासन हीनता की शिकायत पर उन्हें तीन साल के लियें निष्कासित किया गया हे एक अन्य वकील जो अभिभाषक परिषद में पदाधिकारी भी हें उनके खिलाफ जब रूपये एंठने की शिकायत मिली तो आभिभाशक परिषद ने बिना किसी दबाव के इन जनाब को भी तीन वर्ष के लियें निष्कासित कर दिया तो जनाव अब वकीलों में शुद्ध के लियें युद्ध का यह कार्यक्रम अपना रंग दिखाने लगा हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पाँव कोनसा टूटा ओपरेशन किस पाँव का

कोटा जिले की एक महिला के गिरने से उसका सीधा पैर टूट गया था जिसे दिखाने वोह पहले नजदीकी होस्पिटल में गयी फिर ओपरेशन की जरूरत होने पर उसके परिजन उसे झालावाड सरकारी चिकित्सालय दिखाने ले गये जहां सारी जांच के बाद डोक्टर यादव ने उनके पैर का आपरेशन करने के लियें एक्स रे करवाया और फिर गफलत में डोक्टर यादव ने सीधे पैर का एक्सरे उलटा हो जाने से उलटे पैर का ओपरेशन कर दिया मरीज़ महिला जुबेदा जब बाहर आई तो उसके परिजनों ने देखा के जिस पाँव की हड्डी टूटी हे वोह तो टूटा हुआ हे और दुसरा पैर जो ठीक था उस पर प्लास्टर और पत्तियाँ बंधी हुई हें , यह देख कर मरीज़ के परिजन भडक गये लेकिन डोक्टर साहब का नक्टापन देखिये के उन्हों अपनी ग़लती नहीं मानी और कहा के ऐसा तो होता रहता हे अब सरकारी अस्पताल होने से बेचारी महिला इस मामले में क्षति पूर्ति लेने के लियें उपभोक्ता कोर्ट में भी नहीं जा सकती और सरकार में डीएम नहीं जो ऐसे चिकित्सक को दंडित कर दे वेसे मेडिकल कोंसिल ऑफ़ इंडिया के कानून के तहत तो ऐसे डॉक्टरों की सनद जब्त होना चाहिए लेकिन क्या करे इस देश में अंधेर भी हे और देर भी ई लियें गरीबों को इंसाफ की राह तकना पद्धति हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

छात्र संघ चुनाव की घोषणा से बाहुबलियों को राहत

राजस्थान सहित सभी स्थानों पर २५ अगस्त को छात्र संघ चुनाव की घोसना की गयी हे सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश पर इस घोषणा से बाहुबलियों और राजनितिक पार्टियों के चेहरे पर खुश और तनाव दोनों हें । राजस्थान में १४ सरकारी और ३० गेर सरकारी विश्व विधालय हें जिनके अधीनस्थ सेदों महाविद्यालय आते हें ,इ चुनाव की घोषणा से बाहुबली इस लियें खुश हें के अब छात्रों की वानर सेना को अख्ट्टा कर वोह फिर से राज नेताओं पर अपना दबाव बना सकेंगे जबकि राजनितिक पार्टिया इस लियें खुश हें के अब उनकी छात्र राजनीति की विंग सक्रिय हो जायेगी और ऐ बी वि पि , ऍन एस यु आई अपना अपना काम करने लगेंगी अभी यह इकाइयां ठंडे बसते में बंद हें १६ अगस्त से इन चुनावों की प्रक्रिया प्रारम्भ हो रही हे लेकिन इससे नेता इसलियें दुखी हें के लिंग दोह कमेटी की सिफारिश से चुनाव होंगे जिसमे छात्र संघ अध्यक्ष प्रत्याक्षी की पात्रता उसे नम्बरों के आधार पर टी होगी ऐसे में मनचाहे छात्र को इस्तेमाल कर नेता बनाने की उनकी उम्मीदें पूरी नहीं होगी खेर चुनाव की इस प्रक्रिया के प्रारम्भ होने से एक बार फिर छात्र राजनीति के नाम पर आन्दोलन और च्न्देबाज़ी का शोर शुरू होने वाला हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान की अब बल्ले बल्ले

पश्चिमी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वित्त मंत्री के साथ बैठक में आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत छाए रहे उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज़ में राजस्थान का भूगोल ब्यान कर राजस्थान की ख़ास जरूरतों के लियें केंद्र से सभी मामलों में आर्थिक मदद की मांग कर ली हे गहलोत ने जिस तार्किक अंदाज़ में तथ्य रख कर वित्त मंत्री से मदद की मांग की हे उससे स्पष्ट हे के अब राजस्थान को नये विकास के लियें केंद्र से अतिरिक्त मदद मिलेगी और इसका सारा श्रेय अशोक गेहोत को ही जाता हे ऐसा लगता हे के अब राजस्थान की बल्ले बल्ले ही रहेगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राहुल गांधी का माबाइल मिला

जी हाँ दोस्तों देश के अत्यंत लोकप्रिय राजकुमार राहुल गांधी का मोबाइल चोरी हो गया था एयर पोर्ट से जब इनका मोबाईल घोरी हुआ तो सुरक्षा कर्मी मुसीबत में आ गये लेकिन सी सी कमरों की बदोलत मोबाइल चोरों की पहचान की गयी और अब राहुल गांधी का मोबाइल बरामद हो गया हे कहने को तो यह मामूली सी घटना हे लेकिन यह घटना देश के सरताज राहुल जी के साथ जब घटती हे तो देश को इस मामले में सोचने को मजबूर होना पढ़ेगा के लम्पट सभी जगहों पर पहुंच गये हें ताज्जुब तो इस पर हे के अत्यंत सुरक्षा वाले राहुल गांधी का मोबाइल अगर चोरी होता हे तो उनकी सुरक्षा की क्या ज़िम्मेदारी रह जाती हे कहने को तो उनक मोबाइल बरामद हो गया हे लेकिन यह एक छोटी घटना नहीं इससे देश स्तबद्ध हे और राहुल को अब और अधिक सुरक्षा और सतर्कता की जरूरत हे इसके लियें सुरक्षा एजेंसियों को नया प्लान तय्यार करना चाहिए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोंग्रेस के पंजे की चनाव आयोग को शिकायत

पिछले दिनों कोंग्रेस यानी भारतीय राष्ट्रिय कोंग्रेस के चुनाव चिन्ह पंजे को लेकर भाजपा का रुख आक्रामक रहा भाजपा की चुनाव आयोग से शिकायत हे के पंजा शरीर का अंग हे और इसजीवित व्यक्ति के शरीर का हिस्सा होने के कारण विधि नियमों के तहत चुनाव चिन्ह के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती , दोस्तों वेसे तो चुनाव आयोग के नियमों में किसी भी पार्टी को ऐसा कोई चुनाव चिन्ह जो राष्ट्रीय चिन्ह हो वोह देने पर भी पाबंदी हे जानवरों की तस्वीरों के चुनाव चिन्ह देने पर भी पाबंदी हेलेकिन शरीर के किसी अंग पर पाबंदी कानून में नही लिखी हे इन सब के बावजूद भी देश में बसपा को हाथी शिवसेना को शेर और खुद शिकायत करता भाजपा को राष्ट्रीय पुष्प कमल का फुल चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित हें अब जब यह गेर कानूनी हे तो फिर खुद को इतना चिल्लाने की क्या जरूरत हे वेसे आयोग ने यह भी खा हे के अब तक जो चुनाव चिन्ह आवंटित हो हुके हें उन को वापस नहीं लिया जाएगा लेकिन भविष्य में इस तरह के चुनाव चिन्ह नहीं आवंटित होंगे । सब जानते हें के कोंगरे हो या भाजपा या कोई भी पार्टी हो इनमें आंतरिक लोकतंत्र मर गया हे सभी पारियों के अपने अपने संविधान हें सदस्यता और चुनाव की प्रक्रिया हे लेकिन किसी भी पार्टी ने सार्वजनिक रूप से सदस्य बना कर आम चुनाव की तरत गुप्त नहीं करवाया हे सभी पार्टिया हाई कमान के नाम पर जिला अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक फर्जी चुनावी कार्यवाही करवा कर एक आदमी को अलोकतांत्रिक तरीके से थोप देते हें और ऐसा होने पर ऐसी पारियं की मान्यता चुनाव आयोग में खत्म कर दें का प्रावधान हे लेकिन भाई अब जो भी चुनाव आयोग हे सरकार के प्यादे हें पार्टिया कहती हे के तू मेरी मत कह में तेरी नहीं कहूंगा चोर चोर मोसेरे भाई इसी लियें सब चुप हे और अभी कोई चुनाव आयुक्त टी ऍन शेषन नहीं हे जो इन ग़लतियों पर राजनितिक पारियों को सबक सिखा सके। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लाशों का बर्फ लोग खा रहे हें

कोटा में किसी भी बर्फ फेक्ट्री ने जनता ओ खिलाने वाले बर्फ बनाने का लाइसेंस नहीं लिया हे और कोटा में इंसानों को खिलाने वाले बर्फ का उत्पादन बंद हे फिर भी प्रशासनिक लापरवाही के चलते यहा चुस्की में, पीने का पानी ठंडा करने में, बर्फ का गोला बनाने में , गन्ना और जूज में डालकर ठंडा करने में यही बर्फ काम में लिया जा रहा हे इससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पढ़ रहा हे । एक बर्फ फेक्ट्री वाले से जब हमने पूंछा तो उसें फेक्ट्री के बाहर लिखा बता दिया के यह बर्फ मानव जीवन के लियें घातक हे खाने का बर्फ नहीं हे इस लिखे होने के बावजूद भी लोग इस बर्फ को खाने पीने के कामों के लियें खरीद कर ले जा रहे हें पिछले दिनों एक अख़बार को दिए गये इंटरव्यू में बर्फ फेक्ट्री मालिक ने खा था के हमारा बर्फ केवल लाशो को ठंडा रखने और मछली,मीट को सड़ने से बचाने के लियें काम आता हे इसक अलावा को इस बर्फ को लेता हे तो यह उसकी ज़िम्मेदारी हे हालात यह हे के अस्पताल के मोर्ज्दी का बर्फ भी बाज़ार में खाने पीने के काम के लियें बिक रहा हे अब आप ही बताओ के इन हालातों में भी प्रशासन अगर चुप हो तो फिर क्या अर्थ लगाया जाए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बिजली विभाग की लापरवाही से मोतें

राजस्थान में बिजली विभाग की लापरवाही से दर्जनों मोटे इस एक महीने में हो गयी हें कभी वोल्टेज कम तो कभी ज़्यादा तो कभी बिजली बंद की शिकायतों से आम जनता परेशान हे कोटा जहां बिजली का प्रमुख उत्पादन हे यहाँ बिजली सप्लाई में इतनी लापरवाही श्रम की बात हे जनता आन्दोलन करे तो मुकदमे लगते हें शिकायत करे तो सांच नहीं होती लेकिन यह सच हे के वर्षा के पहले आंधी और बरसात में बिजली व्यवस्था खराब ना हो इस के लियें कोटा में कई करोड़ रूपये मेंटिनेंस के लियें इंजीनियर ठेकेदारों को देते हें और फिर जरा सी हवा या बरसात में बिजली गुल हो जाती हे हालात यह रहते हें के कोटा जेसी जगह पर घंटों बिजली गुल रहने के बाद भी बिजली इंजीनियरों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई हे बिजली के तारों में मनमाने करंट होने से लोग करंट लगने से भी मर रहे हें लेकिन किसी को भी इस मामले में मुलजिम बना कर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी हे जब कोटा जेसी जगह का यह हाल हे तो हम समझ सकते हें के और जगह और गाँव का हाल तो तोबा तोबा ही होगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लीबिया में बंद राजस्थान के मजदूर जल्दी वापस आयेंगे

राजस्थान के निर्दोष १६० मजदूर जो बिना किसी कारण के लीबिया की जेल में बंद हें अब केंद्र सरकार की कोशिश से जल्दी ही जेलों से छुट कर राजस्थान वापस पहुंचने वाले हें राजस्थांन के १६० मजदूरों के परिवार उनकी इस नाजायज़ हिरासत इ तंग थे और उनी रिहाई के लियें वोह सभी के आगे रो रो कर थक गये थे फिर दोसा के सांसद डोक्टर किरोड़ी मीना ने इस मामले में उनकी आवाज़ को केंद्र सरकार तक पहुंचाया और फिर केंद्र सरकार ने लीबिया सरकार से राबता कायम कर इन मजदूरों को रिहा कराने के प्रयास किये जो अब सफल हो गये हें और राजस्थान के १६० परिवारों में बेमोसम दिवाली की त्य्यारियाँ चल रही हें जो इस देश और इस राजस्थान की जनता के लियें ख़ुशी की बात हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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