आपका-अख्तर खान

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16 जुलाई 2010

राजस्थान हाईकोर्ट को जजों का इन्तिज़ार

राजस्थान में वर्तमान में ढाई लाख मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लियें नये हाई ओरत जजों की नियुक्ति का इन्तिज़ार काफी लम्बे समय से पूरा नहीं हो पा रहा हे , राजस्थान में कुल ४० जजों के पद स्वीक्रत हें लेकिन इन दिनों यहाँ केवल २३ जज नियुक्त हें और १७ जजों की नियुक्तियों का प्रदेश के पक्षकारों को इंतजार हे , पिछले दिनों ६ माह पूर्व राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट की सहमती से ९ नये जजों को नियुक्त करने के लियें केंद्र सरकार और सुप्रीमकोर्ट नाम भेजे थे लेकिन सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद भी पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश की रिटायर होने और फिर छुट्टियां आ जाने से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी लेकिन जरा सोचो मुकदमों के बढ़ते बोझ के चलते अगर ४ओ की जगह केवल २३ जज होंगे तो काम केसा चल रहा होगा उनमे से भी एक दो तो किसी ना किसी मजबूरी में छुट्टी पर भी रहते होंगे ऐसे में राजस्थान के पक्षकारों के साथ क्या सुलूक हो रहा होगा आप और हम समझ सकते हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान पुलिस में सफाई अभियान

राजस्थान सरकार ने राजस्थान पुलिस में शुद्धिक्र्ण योजना के तहत दागी पुलिस अधिकारियों को घर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया हे , राजस्थान में जिन पुलिसकर्मियों पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने और भ्रस्ताचार बिआनी के इलज़ामात थे उन्हें सरकार ने सूचीबद्ध कर लिया हे और ऐसे पुलिस कर्मियों को जिनमें ऐ एस आई , सी आई,एस आई स्तर के अधिकारी हें उनके पास उन्हें नोकरी से हटाने के लिफ़ाफ़े आना शरू हो गये हें अकेले कोटा में आधा दर्जन सी आई और ऐ एस आई इस चपेट में आ गये हें ताज्जुब तो इस पर हे के पुलिस की इस शुधिक्र्ण योजना के बाद भी राजस्थान पुलिस में सुधार नहीं आया हे और पुलिस कर्मियों की आदतें आज भी वेसी ही बनी हुई हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

केटरीना २६ की लेकिन अधूरी ....?

फिल्म स्टार केटरीना कफ हते हें २६ की हो गयी हें वेसे उनका जन्म प्रमाण पत्र मेने या अख़बार वाओं ने तो नहीं देखा यकीन केटरीना कहती हें तो यकीन कर लेते हे एत्रिना कोण हे में नहीं जानता बस इतना पता हे के हे कोई लडकी जो फाइलों में काम करती हे और सलमान कहां से उसका कोई रिश्ता रहा था में फ़िल्में नहीं देखता यकीन केटरीना के बारे में खबरों में कुछ न कुछ देखने को मिलता रहता हे में फिल्म स्टार सलमान कहां के साथ राजस्थान में जो कुछ हुआ उसके बाद से मेरा उनसे भावनात्मक लगाव हो गया हे और उन्हें में विश्व का सबसे बढा पिता हुआ आशिक और मजबूत हिम्मत वाला मर्द मानता हूँ उन्हें एश्वर्य ने धोका दिया तब सलमान थोड़े टूटे लेकिन संभल गये उन्होंने मजनू या बेजू बावरा जेसा सुलुय्क नहीं किया फिर समान प्यार में केटरीना की वजह से टूटे फिर गिरफ्तार हुए फिर छुते फिर गिरफ्तार हुए फिर छुते यह सिलसिला कई बार चला लेकिन खुदा की कुदरत देखो के समान ने ना तो दाढ़ी बढाई न आत्महत्या की और न ही खुद को कमजोर साबित किया बस यही हिम्मत सलमान की भा गयी और में सलमान को देश का ही नहीं विश्व का सबसे नाकाम आशिक और सब्र,बर्दाश्त करने वाला पुरुष मानने लगा हूँ सलमान को में पढ़ता हूँ इसीलियें मजबूरी में बीच में कोई केटरीना भी आ गयी हे कल पता चला के वोह २६ साल की हो गयी मीडिया सलमान से उनकी दोस्ती फिर झगड़े की कहानी बढा चढा कर पेश कर रहा हे लेकिन जहां तक में समझता हूँ सलमान पर ऐसी लाखों केटरीना भी नाराज़ हों तो उसे कोई फर्क नहीं पढ़ता वोह दिल से सोचता हे और प्यार नफरत दोनों दिल से करता हे सो केटरीना जी जन्म दिन मुबारक हो । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उपराष्ट्र पति की हत्या की साज़िश और सरकार खामोश

देश में कुछ राष्ट्रविरोधी लोगों द्वारा देश के उपराष्ट्रप्ति की खुलेआम हत्या की साजिशें रची जा रही हों इस हत्या की साज़िश और प्लान की वीडियों रेकोर्डिंग हो जिसे सार्वजनिक करने पर टी वी चेनल के दफ्तर में जाकर तोड़ फोड़ की जाती हो अब इन सब सबूतों के बाद भी सरकार हे के हाथ पर हाथ धरे चुप चाप बेठी रहती हे , आप ही बताइए के देश में उपराष्ट्रप्ति हामिद अंसारी की हत्या की साज़िश किन वजह से क्या हालात पैदा करने के लिएँ की जाना थी इसकी जांच के बाद इससे जुड़े लोगों तक पुलिस अभी को क्यूँ नहीं पहुंची कहां गयी हमारे देश की एंटी टेरेरिस्ट पुलिस कहां गयी हमारी सी बी आई पुलिस कहां गयी हमारी मिलेट्री इंटेलीजेंसी क्या सरकार के ग्रह मंत्री प्रधानंत्री और सुरक्षा कर्मी इस बारे में कुछ बतायेंगे या फिर सरकार की निगाह में हामिद अंसारी उपराष्ट्र पति की जान की कोई अहमियत नहीं हे इस कारण वोह चुप बेठी हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्रप्या इसे जरुर पढ़ें ! २२ जुलाई को राष्ट्रीय ध्वज दिवस बनाएं

दोस्तों आपको जो पहले से पता हे और जिसे देश भूल गया हे एक बार फिर में आपको बताने की गुस्ताखी कर रहा हूँ अच्छा लगे तो शाबाशी देना बुरा लगे तो गाली लेकिन भाई कुछ ना कुछ जरुर देना , अगर कुछ ना देस सको तो जो लिखा हे उसे आम जनता तक तो महरबानी करके जरुर पहुंचा देना। आपको याद हे के २२ जुलाई १९४७ को देश के राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे के प्रारूप को संविधान सभा में स्वीक्रति मिली थी और इसी लियें देश में हर वर्ष २२ जुलाई को राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाने का संकल्प हे जिसे स्कूलों,संस्थाओं ,राजनेतिक प्रार्टियों , खुद न्यायिक और अभिभाषक संस्थाओं में नहीं मनाया जाता हे सब जानते हे के हमारा देश १५ अगस्त को आज़ाद हुआ हमारा एक झंडा हे जो तिरंगा हे लेकिन इसका सम्मान क्या हे अहमियत किया हे नियम कायदे कानून किया हे किसी आम आदमी को पता नहीं हे जिसके लियें में सो फीसदी और कुछ कुछ आप भी ज़िम्मेदार हें। दोस्तों २२ जुलाई १९४७ को तिरंगे का प्रारूप डोक्टर राधाकृष्ण ने संविधान सभा के समक्ष पेश किया जिसका सर्वसम्मती से अनुमोदन कर इसे देश भर में लागू कर दिया गया तिरंगे की परिकल्पना में भगवा सेफ्रों कलर , सफेद और हरा कलर जिसके बीच में २४ तीलियों में अशोक्च्क्र हे । सेफ्रों रंग देश की एकता अखंडता विकास के प्रति समर्पण को इंगित करता हे सफेद रंग देश भर में रौशनी उजाला सत्य की राह पर चलने का मार्गदर्शन देता हे हरा रंग प्रथ्वी से जुड़ाव और हरे पेड़ों से लगाव की सिख देता हे राष्ट्रीय ध्वज के मध्य अशोक्च्क्र धर्म और सत्य की राह पर चलने की सिख देता ह जबकि २४ तीलियों का चक्र विकास के चक्र को हमेशा चलते रहना इंगित करता हे । दोस्तों तिरंगा स्कूलों,भवनों, कारों,जहाजों,ह्वैझाजों पर केसे लगाया जाएगा ध्वज कितना बढा होगा इसका कानून बना हे राष्ट्रीय ध्वज के कपड़े,बनियान,और किसी भी विज्ञापन या उत्पादन में इसका इस्तेमाल नहीं होगा इसका सभी देश वासी सम्मान करेंगे। इसे रोकने के लियें देश में प्र्वेंष्ण ऑफ़ नेशनल ओंर एक्ट १९७१,एम्ब्लेम्स एंड नेम्स प्रवेंष्ण ऑफ़ इमप्रोपर यूज़ एक्ट १९५०, और ध्वज संहिता २००२ बनी हे जिसके उल्न्न्घं पर दंड का प्रावधान हे ,नई संशोधित ध्वज संहिता देश में २६ जनवरी २००२ को लागू की गयी , राष्ट्रीय ध्वज गणतन्त्र दिवस, स्वतन्त्रता दिवस, गांधी जयंती और राष्ट्रीय सप्ताह जो ६ से १३ अप्रेल तक देश भर में जलिया वाला नरसंहार की याद में मनाया जाता हे तब इसे फेह्राने की छुट हे लेकिन विधि नियमों की पाबंदी के साथ , दोस्तों कहने को तो कानून बहुत लम्बा हे लेकिन आप देखते होंगे आज ध्वज को नियमों के खिलाफ कभी विज्ञापनों में तो कभी किसी कम्पनी या व्यापारी के प्रचार में खूब इस्तेमाल किया जाता हे साथ हे बच्चों को विधि विरुद्ध बनी प्लास्टिक की झंडियाँ पकड़ा कर स्कूलों में बुलाया जाता हे जो देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हे इसी लियें वर्ष में केवल एक दिन ध्वज संहिता के प्रति ध्वज दिवस पर २२ जुलाई को सभी स्थानों पर सरकार और गेर सरकारी संगठन ,निजी स्कुल संस्थान , राजनेतिक पार्टियां, निजी और सरकारी स्कुल कार्यक्रम आयोजित कर ध्वज संहिता और कानून के प्रति जनता और बच्चों को जागरूक करें साक्षर करें तो देश में जाने अनजाने में होने वाल ध्वज के अपमान को रोका जा सकता हे और देश के बिगड़े लोगों में राष्ट्रीयता को भावना का विकास हो सकता हे , बोलो दोस्तों इस काम में मेरी मदद करोगे अगर हाँ तो धन्यवान अगर ना तो धन्यवाद और अगर तटस्थता तो धन्यवाद। जय रास्ट्रीय ध्वज दिवस , जय भारत , जय हिंद , जय जवान जय किसान ,मुझे इतना लम्बा झेलने के लियें शुक्रिया । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आर एस एस या उग्रवाद

आज तक टी वी खबर चेनल के सहयोगी हेडलाइन ने उग्र हिन्दुवाद पर स्टिंग ओपरेशन कर जनता को किया दिखाया बस कथित हिन्दुवाद के ठेकेदार भाजपा के समर्थक पार्टी के नाते दार आर एस एस के सदस्यों के पेट में दर्द हो गया और इस बद ह्ज़मी में वोह अपना आपा खो बेठे उन्होंने चेनल पर जाकर खूब तोड़ फोड़ और कर्मचारियों से मारपिटाई की आर एस एस का यह पुराना हथकंडा हे उनका समर्थन करो तो हिन्दू हें विरोध में बोलों तो वोह हिन्दू से हिन्दू होने का हक भी छीन लेते हें इधर अगर आर एस एस के इशारे पर चलें तो धर्म निरपेक्ष पार्टी हें नहीं तो मुस्लिम परस्त देश को बांटने वाली पार्टी का प्रमाण पत्र मिल जाता हे इसी तरह से इसी तरह आर एस एस के विचार का समर्थन करो तो राष्ट्रवादी हो नहीं तो फिर देश के गद्दारों की सूचि में आपका नाम शामिल हो जाता हे ,इसी तरह से अगर आप ने आर एस एस के पक्ष की खबरें दी तो आप राष्ट्रवादी मीडिया हो नहीं तो देश को तोड़ने में लगने वाले लोगों के आप सरगना हो बस आज तक के सहयोगी चेनल ने हिन्दू उग्रवादियों के चेहरे से नकाब किया हटाया सभी समर्थक आज तक के दफ्तर में जा पहुंचे और कई घंटों तक तोड़फोड़ ,नारेबाजी, मारपिटाई की इन सब बातों को लोकल पुलिस और प्रशासन ने नजर अंदाज़ किया हे और कोई कारगर कार्यवाही नहीं की हे यह आर एस एस के लियें रास्ट्रीय शर्म की बात हे , सीधी सी बात हे के अगर किसी खबर से आर एस अस सहमत नहीं थी तो वोह देश के कानूनी दायरे में चेनल के विरुद्ध मुकदमा कर सकती थी इतना ही नहीं पीड़ित लोग वृष्ट पत्रकारों और प्रबंधकों से शिकायत कर खंडन करवा सकते थे लेकिन यहाँ तो आर एस एस और हिजबुल मुजाहिदीन में कोई फर्क नहीं हे और अब बहुत हो गया आर एस एस का शुद्धिक्र्ण करने के लियें इसमें शामिल आपराधिक तत्वों को ढूंढ़ कर निकालना होगा और दंडित करवाना होगा इसके लियें अब देश के मीडिया को निडर होकर कुछ सोचना होगा वेसे सब जानते हें के अधिकतम मीडिया पर इन इनों आर एस एस का कब्जा हे देखते हें इस मामले में प्रेस कोंसिल,लोकल पुलिस ,नेता ,सरकार और मीडिया से जुड़े लोग किया एक्शन लेते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फास्ट ट्रेक कोर्टों की उम्र बढ़ाई

देश भर में मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लियें तरित मामला निस्तारण अदालतों का गठन कर १५६२ फास्ट ट्रेक कोर्ट खोली गयी थीं और इसके बाद देश भर में जब इन कोर्टों ने काम शुरू किया तो कुछ अच्छे तो कुछ बुरे नतीजे सामें आये , फास्ट ट्रेक कोर्ट गठन के पीछे सरकार की तो अच्छी नियत थी लेकिन हाईकोर्ट प्रशासन और सरकार के बीच तालमेल और विधिक निगरानी नहीं होने से कई स्थानों पर नतीजे सही नहीं रहे , जल्दी मुकदमों का निस्तारण अच्छी बात हे लेकिन मुकदमों के निस्तारण में यदि गुणवत्ता नहीं हो तो फिर न्याय का कुछ मजा नहीं रहता उलटे मजाक बन जाता हे , फास्ट ट्रेक कोर्ट में सभी मुकदमें सेशन ट्रायल के सुने जाते हें जिसमें म्रत्यु दंड तक देने का प्रावधान हे फिर भी इन अदालतों में जज नहीं बलके मजिस्ट्रेट यानी मुख्य या अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों के स्तर के अधिकारियों को तदर्थ नियुक्त किया हे अब सब जानते हें एक मजिस्ट्रेट लेवल के आदमी से जज के स्तर के फेसले की उम्मीद करें तो क्या यह इन लोगों के साथ इन्साफ होगा उनका अनुभव उनका अध्ययन तो मजिस्ट्रेट प्रकरण निस्तारण का हे फिर अचानक फास्ट ट्रेक का काम मिलने से जब उनके सामने म्रत्यु दंड जेसे प्रकरणों की सुनवाई आती हे तो उनका क्या हाल होगा और न्यायिक परिणाम किया होंगे सोचने की बात हे हाल ही में राजस्थान में आर एच जे एस यानि अतिरिक्त जिला जज की लिखित परीक्षाएं हुईं जिसमें राजस्थान के कई फास्ट ट्रेक जजों ने परीक्षा देकर सब को चोंका दिया हे के जिन्हें जज समझा जाता रहा हे वोह मूल तो मजिस्ट्रेट हें और विधिक प्रमोशन के लियें उन्हें अभी कई प्रक्रियाओं से गुजरना हे तो जनाब फास्ट ट्रेक कोर्ट और एक मूल रूप से अनुभवी जज के फेसले और सुनवाई का स्तर आप खुद देखे तो बात साफ़ हो जायेगी हारा मानना हे फास्ट ट्रेक कोर्ट खोलना सही हे लेकिन इन में पीठासीन अधिकारी अगर जज लेवल के लोगों को बिठाया जाए तो फेसलों की गुणवत्ता से देश में मुकदमों का बोझ काफी कम होगा । हाल ही में फास्ट ट्रेक कोर्ट का समय खत्म होने जा रहा था जो केंद्र सरकार ने बढा कर मार्च २०११ तक कर दिया हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ओरंगजेब का बेटा केसे कह दिया

भाजपा के नितिन गडकरी की अपने वाणी पर विराम नहीं हें और वोह लगातार अपनी हरकत अपनी विचारधारा के मुताबिक उलपटांग ब्यान बाज़ी में लगे हें गडकरी जो लोग पार्टी ने बेकार समझ के निकाले थे उन्हें पार्टी में वापस लाकर सोच लिया हे के उन्होंने पार्टी मजबूत कर दी हे लेकिन उनकी बद्तामिज़ियाँ बेहूदगियां हद से ज़्यादा बढ़ गयी हें कल उन्होंने कोंग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह को जब ओरंगजेब की ओलाद कहा तो उनके भाई लक्ष्मण सिंह जो भाजपा के सिपहसालार हें भडक गये और भाई दिग्विजय को ओरंगजेब की ओआद कहने पर कह बेठे के अगर वोह लोगों के बाप गिनाने लगेंगे तो सब चोकड़ी भूल जायेंगे बस फिर किया था गडकरी जी और समर्थकों ने लक्ष्मण सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया अब एक भाई कोंग्रेस और दुसरा भाजपा में हे तो क्या वोह एक दुसरे के बाप के लियें गैयाँ सुन सकेंगे नहीं ना लेकिन यह बात गडकरी जी नहीं समझ रहे हें उन्होंने राजपूतों को अपने खिलाफ कर लिया हे और लक्ष्मण सिंह जो भाजपा में मध्यप्रदेश के स्तम्भ थे उन्हें नाराज़ कर पार्टी को कमजोर ही किया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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