आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

17 जुलाई 2010

हाँ मेने कहा था क्या किया हे तुमने

हां मेरे माता पिता से
कहा था मेने
मेरे लियें
करा किया हे तुमने
हाँ मेरे माता पिता से
कहा था मेने
पैदा तो सब करते हे
इसीलियें
पालना भी पढ़ा हे तुमने
आज फिर वही
इतिहास दोहराया गया हे
रात को सोते बच्चों के
मूत में भीगे बिस्तर को
जब रोज़ हमने बदला हे
रोते बिलखते बच्चों से
सीना तार तार जब मेरा हुआ हे
जो मेरे माँ बाप ने
किया था मेरे साथ
वही मेने मेरी ओलाद के साथ
किया हे
लेकिन वक्त बदला हे
इतिहास
फिरसे दोहराया गया हे
मेरे अपने बच्चों ने
आज फिर मुझे से वही
कहा हे
जो मेने
मेर माता पिता से कहा था
मेरे लियें
करा किया हे तुमने
में सोचता हूँ
हाँ मेने कहा था ...............?
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यूँ बे सबब लिखे जा रहे हें हम

यूँ बे सबब
ब्लॉग लिखे जा रहे हें हम
लगता हे
सभी ब्लोगर्स को
बोर किये जा रहे हें हम
यूँ बे सबब
ब्लॉग लिखे आ रहे हें हम
देश के जलते हुए
सवालों को
अल्फाजों में उकेरे जा रहे हें
यूँ बे सबब
लिखे जा रहे हें हम
देश के प्रति
यूँ संवेदनशील होकर
यूँ बे सबब लिखने की
सजा खुद को दिए जा रहे हें हम।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुझ से कहा था जरा कम लिखा करो

दोस्तों मेरे एक ब्लोगर मित्र बढ़े भाई ने कुछ दिनों पहले अधिक टिप्पणियाँ प्राप्त करने का एक व्यवहारिक सुझाव दिया था जिसमें कहा गया था के एक दिन में एक लिखो क्योंकि आज लोगों के पास वक्त नहीं हे एक दिन में एक ब्लॉग रहेगा तो लोग उसे पढ़ेंगे और टिप्पणी भी देंगे ज्यादा लिखा तो आपके ब्लॉग कोई नहीं पढ़ आयगा क्योंकि किसी के पास वक्त नहीं हे , जी हाँ दोस्तों मेने उनकी बात मानी और एक दिन में एक लिखा यकीन मानो उलटा सिहा जो भी इखा उस पर मुझे लोगों की टिप्पणियाँ मिलीं और जब खुद बेहतरीन लिखा तो लोगों ने उस पर टिप्पणियाँ देना तो दूर उसे पढ़ा तक नहीं मेरे सलाहकार मित्र की बात सही साबित हुई लेकिन में कुंठाओं से ग्रस्त था में लिखने के लियन बेठा हूँ क्यूँ टिप्पणियों का लालच करूं क्यूँ सोचूं के किसी ने इसे पढ़ा या नहीं बस मा काम लिखना हे सो फिर से मेने लिखना शुरू कर दिया मेरी स्पीड मार्च से अब तक करीब ६६० ब्लॉग लिखने की हो गयी हे यकीन मानो मुझे हिंदी टाइप और ब्लॉग बनाना भी नहीं आता हे बस जूनून हे जो जेसे चर पढ़े इखे जा रहा हूँ , मेरे स्राह्कार मित्र के सुझाव पर मेने एक दिन में एक ब्लॉग लिखना शुरू किया टिप्पणिया प्राप्त की थोड़ी ख़ुशी हुई यकीन बाद में में अपनी नजरों में गिर गया सोचा केवल टिप्पणी के लालच में खुद का स्वभाव मेने बदलना चाहा सो दोस्तों मेने फिर से अपना पुराना स्वभाव प्राप्त किया टिप्पणी मी या ना मिले बस लिखना शुरू कर दिया और बस में लिखे जा रहा हूँ में अपने मुंह मिया मिठ्ठू बन रहा हूँ पिछले दिनों भारत पाक वार्ता पर मेरी जो टिप्पणी थी आज क्रष्णा कुरैशी विवाद से सही साबित हुई मेने कोटा राजस्थान में पटवारियों और रेवेन्यु अधिकारियों द्वारा प्रोपर्टी डीलरों से सांठ गाँठ कर फर्जी रिपोर्टें तय्यार कर करोड़ों के घोटाले इ बात लिखी थी कोटा कलेक्टर ने इस आमले में सभी रेवेन्यु रिकोर्ड का भोतिक सत्यापन करवाया नतीजा सामने आया एक दर्जन से अधिक पतारी निल्बित हें और आज वोह आन्दोलन कर रहे हे मेने लिखा था के पुलिस के थानों के मालखाना का भोतिक सत्यापन हो कोटा में कनवास थाने में मालखाना रिकोर्ड में हेरा फेरी निकली हे , जेलों में मोबाइल की बात लिखी मोबाइल पकड़े गये तो दोस्तों मेरा भोतिक सत्यापन वक्त बता रहा हे इसलियें सोचता हूँ मेरा काम हे लिखना सो लिखता रहूँ जिसे जो सोचना हे सोचता रहे लेकिन आप सभी भैयन का प्रेम मुझे लगातार मिल रहा हे और इसी ऑक्सीजन के भरोसे मेरी गाडी निरंतर चल रही हे , धन्यवाद जय भारत जय हिंद । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा नगर निगम की ओपचारिक हंगामेदार बैठक

कोटा नगर निगम बोर्ड की काफी के बाद विधि विरुद्ध निगम बोर्ड की बैठक कल कोटा में हुई । बैठक में विपक्ष ने खाली कुर्सियां फेंकी,पक्ष ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश और निगम कानून में बुचड खाने बनाने की जो विधिक आवश्यकता हे उस प्रस्ताव को छोड़ कर सभी प्रस्ताव पारित किये गये , दिखावे के तोर पर पार्षदों की समितियां बनाई गयीं यकीन नतीजा जीरो रहा , कुल मिला कर पक्ष विपक्ष की सुनारी लढाई की यह पहली ऐतिहासिक बैठक हे जिसमें जनता के लियें कुछ नहीं खा गया हे उल्ट जनता के विरोध की जितनी नीतिया हें उनका अनुमोदन किया गया हे लेकिन किया करें भाई जनता से दूर रहने वाली रत्ना जी को महापोर जो बनाया हे इसलियें भुगतना तो पढ़ेगा ही। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह मेरे देश का बचपन हे ...

वोह देखो उधर देखो
बीच सडक पर फटेहाल
एक बच्चा जो जमीन में घिसट कर
लोगों से भिक मांग रहा हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे ।
वोह देखो उधर देखो
एक होटल पर मासूम सा बच्चा
मुन्ने से हाथों से जो कढाई रगड़ रहा हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे ।
वोह देखो उधर देखो
एक बच्चा जो डोरी पर चल रहा हे
दुसरा बच्चा जो जमूरा जमूरा कह रहा हे
तीसरा बच्चा जो थाली लेकर
रूपये समेट रहा हे
हां वही मेरे देश का बचपन हे ।
वोह देखो उधर देखो
एक बच्चा जो अखवार बांट रहा हे
दुसरा कार पर कपड़ा मार रहा हे
तीसरा बूंट पोलिश कर रहा हे
हां वही मेरे देश का बचपन हे ।
वोह देखो उधर देखो
एक बच्चा जो खुद के वजन से ज़्यादा
झुका लडखडाता किताबों का
बस्ता लिए चल रहा हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे ।
वोह देखो उधर देखो
कम्पीटीशन की दोड में
कोई डोक्टर,कोई आई आई टी , कोई एम बी ऐ
विदेश में जाने के लियें
जुगत लगा रहा हे
हां वही मेरे देश का बचपन हे
वोह देखो एक बच्चा
जो फटेहाल
अपनी माँ के आंचल में
भूख से बिलख रहा हे
हां वही मेरे देश का बचपन हे ।
वोह देखो उधर देखो
एक शराबी से बीच सडक पर
जो बच्चा स्कुल की फ़ीस मांगने पर
अपने बाप से पिट रहा हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे ।
वोह देखो उधर देखो
हजारों बच्चे जो भूखे प्यासे
कतार में स्कुल मालिकों के कहने पर
कई घंटों से वी आई पी की प्रतीक्षा में खड़े हें
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह मेरे देश का बचपन हे ...

देखो उधर देखो
सडक पर फटे कपड़े नंगे पैर
जो बच्चा गंदगी से अटा पढ़ा
लोगों से कुछ
मांग रहा हे
वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखो
होटल पर अधमरा चार साल का बच्चा
जो बर्तन मांझ
रहा हे
हां वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखो
एक बच्चा जो रस्सी पर चल रहा हे
एक बच्चा जो नीचे
जमूरा जमूरा कर रहा हे
भीड़ के बीच में
जो थाली में पेसे बटोर रहा हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखो
सूट बूट पहने अपने वजन से कई गुना
बस्ता जिसने लटकाया हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखों
आई आई टी , डॉक्टरी पढ़ के
मां बाप और देश से दूर
विदेश जो जा रहा हे
हां वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखो
अस्पताल में , अस्पताल के बाहर
जो बच्चा दूध के इन्तिज़ार में बिलख रहा हे
जो बच्चा
दवा के अभाव में
मर रहा हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखो
माँ के आंचल से लिपटा
जो दूध की आस में सिसक रहा हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे
यहाँ इस बचपन को
पढाने ,सजाने,संवारने के कानून हे
वोह देखो जिनके कल्याण का
करोड़ों का बजट सरकार खा रही हे
वोह देखो




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...