आपका-अख्तर खान

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27 जुलाई 2010

राजस्थान में पुलिस की बल्ले बल्ले

राजस्थान में छुट पुट अपराधियों से अवेध चोट वसूली का प्रमुख हथियार गुंडा एक्ट राजस्थान है कोर्ट ने अस्न्वेधानिक घोषित कर दिया था जिसके बा पुलिस कर्मियों की चोथ वसूली पर रोक लगी थी लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस को उलट दिया हे और कहा हे के राजस्थान गुंडा एक्ट १९७५ की धारा ३ अस्न्वेधानिक नहीं हे इस आदेश के बाद राजस्थान के पुलिस कर्मियों की बल्ले बल्ले हे और वोह अब नये शिकार फांसने की कोशिशों में जुट गये हें , विदित रहे की गुंडा एक्ट कानून में दो या दो से अधिक मामलों में दोषी अपराधी के खिलाफ इस कानून के तहत कार्यवाही की जाती हे और फिर उसे जिला मजिस्ट्रेट तड़ी पार यानी ६ माह तक दुसरे शहर में जाकर रहे और थाने पर हाजरी देने के लियें कहता हे जहां दुसरे शहर में उस तड़ीपार व्यक्ति के पास रोज़गार रहने और खाने की व्यवस्था नहीं होती हे और जबरन किसी को दूसरी जगह रखना ठीक नहीं हे इसी कारण इसे अस्न्वेधानिक घोषित किया था इस आदेश मामलों में थानाधिकारियों के खिलाफ कई अवेध चोथ वसूलियों की शिकायतें मिलती रही थीं । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अनाज पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

देश में सरकारी अधिकारियों और नेताओं ने काम करना बंद कर दिया हे हालात यह हें के देश इनकी कारगुजारियों से रसातल की तरफ जा रहा हे और यही कारण रहा हे के अब सुप्रीमकोर्ट को देश के प्रशानिक मामलों में दखल देकर आवश्यक निर्देश देना पढ़ रहे हें , देश में पुरे देश का ६५ हजार टन अनाज जब सरकारी गोदामों में सड़ा और इसकी खबरें सार्वजनिक हुईं तो कल सुप्रि कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए पाबन्द किया हे के अनाज सड़ने से अच्छा हे के इसे गरीबों में बांटा जाए सुप्रिम कोर्ट ने अपने निर्देशों में अनाज के भंडारण और वितरण पर भी सवाल उठाते हुए इस पर गम्भीर तिप्प्निया की हे लेकिन सरकार तो सरकार हे उसके कान पर जून रेंगेगी तब ना। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मनी शंकर अय्यर फिर कोंग्रेस निर्णयों के खिलाफ बोले

कोंग्रेस के वरिष्ट नेता और केन्द्रीय मंत्री मणिशंकर कुछ बोलेन और वोह कोंग्रेस या कोंग्रेस के निर्णय के खिलाफ ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता कल मणिशंकर इस मामले में अपनी पुरानी आदत से बाज़ नहीं आये कोमन वेल्थ गेम्स की त्य्यारियों में बारिश के कारण आ रही बाधाओं के बारे में जब मणिशंकर से सवाल किया तो उन्होंने सीधा जवाब दिया में बहुत खुस हूँ के कोमन वेल्थ के गेम्स की त्य्यारियों में बाधा आ रही हे अगर और दिक्कत आयेगी और गेम्स नहीं होंगे तो मुझे सबसे ज़्यादा ख़ुशी होगी उनका तर्क हे के इस गेम्स के प्रबन्धन पर देश के ३५ह्ज़ार करोड़ रूपये पानी में भये जा रहे हें अगर यह गेम्स हुए तो फिर अशियाद और दुसरे गेम्स की मेजबानी भी भारत को मिलेगी जबकि देश का यह रुपया गरीबों के विकास के लियें खर्च होना चाहिए अब मणिशंकर अय्यर को कोन समझाये के एक वर्ष के उनके खुद के खर्चों की ओदित हो तो वोह खुद ही अपने हमाम में नंगे हो जायेंगे ऐसे में कोंग्रेस हाई कमान के निर्णय के खिलाफ अगर वोह बोलते हें तो सोनिया,मनमोहन,शिलादिक्षित और पुरे देश की तोहीन होती हे लेकिन भाई क्या करें कुछ लोग हाई कमान की ऐसी नसें दबा कर रखते हें के वोह खुला नंगा खेल भी खेलें तो हाई कमान उनसे दबा रहने के कारण उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करता और कोंग्रेस में मणिशंकर चिदम्बरम जेसे ऐसे कई लोग हें जिनसे पार्टी के नेता ब्लेकमेल हो रहे हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महंगाई पर बहस से सरकार क्यूँ घबरा रही हे

देश में लोसभा में विपक्ष एक जुट होकर महंगाई पर बहस करना चाहता हे लेकिन सत्ता पार्टी हे के विपक्ष की इस जनता से जुडी मांग को मान ही नहीं रही हे हालात यह हें के विपक्ष को अपनी वाजिब मांग मनवाने के लियें हंगामा करना पढ़ रहा हे देश में कोंग्रेस ने सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम फाइनेंस एक्ट के खिलाफ बजट स्तर से अलग हट कर लोकसभा में डिस्कस कियें बगेर बढाये हें और अगर महंगाई ज्यादा क्यूँ हुई इसको कम केसे किया जा सकता हे इस मामले में वाद विवाद के लियें विपक्ष लोकतांत्रिक तरीके से बहस चाहता हे तो जनहित में बुरा किया हे इस लोकतंत्र के लियें इससे बुरी बात किया होगी के पहले तो विधि विरुद्ध प्रक्रिया अपना कर दाम बढा दो और फिर जब संसद में बहस करना चाहे तो पोल पट्टी ना खुले इसके लियें लोकतांत्रिक तरीके से सुझाव प्रक्रिया को भी पूरी नहीं होने दो आप बताइए जब संसद में और दुसरे मामलों में बहस होगी तो फिर इस मुद्दे से सरकार क्यूँ भाग रही हे अगर विपक्ष इस बहस में हिस्सा लेना चाहता हे तो क्या बुराई हे सरकार को अधि से अधिक सदन की कार्यवाही एक दिन दो दिन ही तो बढाना पढ़ सकती हे तो फिर संसद की कार्यवाही जनहित में बढाने में क्या एतराज़ हे लेकिन भाई यहाँ गांधी की कोंग्रेस हे अब पहले के गांधी और आज के गांधी में फर्क हे इसलियें लोकतंत्र का खुलेआम गला घोंटा जा रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आज शबे बरात हे

आज शबे बरात का मुस्लिमों के लियें महत्वपूर्ण त्यौहार हे जेसे हिन्दू भाइयों में श्राद्ध का त्यौहार होता हे वेसे ही मुस्लिमों में भी परलोक सिधार गयी आत्माओं की ख़ुशी के लियें उनके मन पसंद व्यंजन हलवे के रूप में बनाये जाते हें लेकिन मेरे बचपन से आज तक मेने इस त्यौहार के रूप में परिवर्तन देखा हे , दोस्तों मेरी दादी के वक्त हमारे घर में खुद दादी सुबह से काम शुरू कर हलवे बनाती थीं और कमसे कम पचास तरह के व्यंजन मिठाईयों हलवे बनाकर बांटती भी थी और खिलाती भी थी ,फिर कमान हमारी अम्मी के हाथ में आई यकीन मानिए दादी तक तो कुछ ठीक चला लेकिन दादी की स्वर्गवास के बाद इस शबे बरात के त्यौहार पर हमारी अम्मी ने व्यंजन और हलवों की संख्या घटा दी केवल दस बारह व्यंजन और हलवे बनने लगे लेकिन अब तो हद हो गयी मेरी शादी हो गयी बच्चे भी हो गये और अब जनाब आप को यकीन नहीं होगा यह त्यौहार इस त्यौहार के व्यंजन हलवे सब सिम्त कर रह गये हालात यह हें के केवल तीन चार तरह के ही हलवे और मिष्ठान पर सब्र करना पढ़ रहा हे हमारे पडोस में तो हालत और भी बुरी हे वहां बाज़ार से हलवे और मिठाई मंगवा कर फातिहा लगाई जाती हे तो दोस्तों यह त्योहारों में पीड़ियों का बदलाव केवल शबेबरात में ही नहीं देश के हर समाज हर वर्ग हर धर्म से जुड़े लोगों में देखने को मिल जाता हे , खेर अब हम शबेबरात की बात करें तो जनाब यह रात श्राद्ध की फातिहा का दिन और एक दुसरे से परस्पर हलवे मिष्ठान बाँट कर खाने खिलाने का दिन तो होता ही हे साथ ही यह रात इबादत की भी होती हे इस दिन कहते हें के मुसलमानों के साल भर के खानपान और काम काज का लेखा जोखा तय्यार होता हे इतना ही नहीं इस दिन मुस्लिम महिला बच्चे बढ़े सभी लोग रात भर इबादत करते हें खुदा से दुआ मांगते हें इस दिन खुदा जिससे खुश होता हे उसे आसमान में तारों के बीच से निकलती घोड़ों पर निकलने वाली बारात दिखा देता हे लेकिएँ कहते हें के किसी के सर पर चांदनी की परछाईं के चलते सर पर जुदा जेसा निकला अगर दिख जाए तो समझा जाता हे की इसी वर्ष इसकी म्रत्यु निश्चित हे और इसीलियें कई लोग डर के मारे छत पर नहीं जाते हें बहर तक चांदनी रात में नहीं निकलते हें कहते हें के इस रात खुदा सातवें आसमान से नीचे पहले आसमान पर आ जाता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पूना में कोंग्रेस कार्यकर्ताओं ने तो ग़जब ही कर दिया

महाराष्ट्र में पूना की कोंग्रेस इकाई के चुनाव के लियें बुलाई गयी मीटिंग में पूर्व विधायक की कार्यकताओं ने जो पिटाई की हे उसे आज पुरे देश ने देखा हे और इस लाइव पिटाई टेलीकास्ट से कोंग्रेस की संस्क्रती , कोंग्रेस की राष्ट्रीय और प्रदेश जिला अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह लग गया हे साथ ही कोंग्रेस कार्यकर्ता गांधी के समर्थक होने पर भी हिंसक हें इससे गांधीवादियों का सर शर्म से झुक गया हे देश भर में आज पूना कोंग्रेस चुनाव की मीटिंग में आज जो कुछ हुआ उसने देश का दिल दहला दिया हे और कोंग्रेस हाई कमान को इस मामले में गंभीर कार्यवाही कर देश को इसका जवाब देना चाहिए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आखिर बाल बांका हो ही गया

एक ट्रेन में
बिना टिकिट यात्रा करते
एक युवक पकड़ा गया
टी टी ने जब माँगा जुर्माना
तो युवक आन्न्खों में आंसू लाकर फफक गया
टी टी को युवक पर तरस आया
उसने युवक को पास बुलाया
सर पर हाथ लगाया
और जोर से
सर का एक बाल खेंच लिया
युवक थोड़ा चिल्लाया
लेकिन जब टी टी ने खा के अब जाओ
तो नवयुवक बहुत इठलाया
ट्रेन के डिब्बे में बेठे लोगों ने
टी टी से बिना टिकिट पकड़े गये युवक को
सर से बाल उखाड़ कर
छोड़ने का राज़ पूंछा
टी टी ने कहा
भाइयों जमाना खराब हे
में अगर उस नवयुवक को यूँ ही
छोड़ देता
तो वोह सबसे जाकर पता हे किया कहता
में बगेर टिकिट पकड़ा गया
टी टी ने मेरा कोनसा बाल बांका कर दिया
सो दोस्तों नवयुवक अब कमसे कम
किसी से यह डायलोग तो नहीं कहेगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आई टी आई का पेपर आउट

राजस्थान में आई आई टी का पेपर आउट हो गया हे वोह तिन दिन पहले ही अखबार के दफ्तरों में पहुंच गया लेकिन इस मामले में प्रशासन और विभागीय अधिकारी इसको मानने को तय्यार नहीं हें , कोटा में भी आई टी आई के पेपर खुले आम बीके हें और फिर दुसरे दिन दिए गये प्रश्न पत्र में हू बहू पेपर देख कर छात्र और अध्यापक सकते में आ गये , पेपर लीक होने के इस मामले को अगर संबंधित अधिकारी पहले ही गम्भीरता से ले लेते तो आज यह नोबत नहीं आती अब छात्रों का भविष्य संकट में हो गया हे , अब देखो ना अखबार टी वी पेपर लीक होने की घोषणा करता हे लेकिन सरकार हे के मानती ही नहीं । अख्तर खान अकेला कोटा राजथान

अब दामाद को जलाने लगे

आज तक आपने सूना होगा के दहेज़ के लालची भेड़ियों ने दहेज़ की मांग पूरी नहीं होने पर बहुओं को जला दिया हे लेकिन अब राजस्थान में दामाद को जीना जलाने की घटनाएँ हुई हें राजस्थान के जोधपुर संभाग में बाड़मेर के रामाद गाँव में अक दामाद एहमद खान अपनी पत्नी को लेने ससुराल गया लेकिन ससुराल वालों ने पत्नी को तो नहीं भेजा उलटा पेट्रोल डालकर उसे ज़िंदा जला दिया बेचारे दामाद जी ज़िंदा जलते हुए तेज़ी से भागे लेकिन कामयाब नहीं हुए अब दामाद जी अस्पताल में जिंदगी और मोत के बीच झूल रहे हें , तो जनाब यह कलियुग हे यहाँ अब बहुएँ नहीं दामाद भी जिंदा जलाए जाने लगे हें हारे भारत में बहु जलाने का तो कानून हे लेकिन बेचारी सरकार ने दामाद जलाने के मामले में तो अभी तक कानून ही नहीं बनाया हे ना ही कोई विशिष्ट धरा आई पी सी में बनाई गयी हे लेकिन अब पतियों और दामादों की रक्षा के लियें कानून बनाने और आई पी सी में संशोधन की आवश्यकता बढ़ गयी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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