आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

01 अगस्त 2010

चूहे की नेकर और हाथी


एक तालाब में
हाथी डूब पानी में
नहा रहा था
अचानक एक चूहा
गुस्से में
चिल्लाता हुआ आया
बोला , हाथी के बच्चे
नहाता क्या हे
बाहर निकल
हाथी चूहे के इस रवय्ये को देख
अचम्भित हुआ
वोह बोला क्या बात हे
चूहे ने फिर गुस्से में कहा
पहले बाहर आ फिर बताउंगा
हाथी बेचारा डूब पानी से बाहर आने लगा
कमर तक डूब पानी में आया
तो चूहे ने फिर कहा
और बाहर निकल
हाथी जब घुटनों तक पानी में बाहर आया
तो चूहा बोला चल चल जा कोई बात नहीं
चूहे की इस बात पर हाथी चिल्लाया
पूंछा , जब कोई बात नहं थी
तो फिर पानी से बहर क्यूँ निकाला
चूहा बोला
मेरी नेकर खो गयी हें
मेने सोचा कहीं तू मेरी नेकर
पहन कर तो नहीं नहा रहा
अब बाहर निकलने पर
भरोसा हो गया हे
तुने मेरी नेकर नहीं पहन रखी हे
इसलियें बस अब जा वापस नहा
मजे कर कोई बात नहीं
मेरा गुस्सा ठंडा हो गया हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुंशी प्रेम चंद

दोस्तों में जिस मुंशी जी की बात कर रहा हूँ वोह किसी दफ्तर में या वकील के यहाँ मुंशी का काम करने वाले नहीं थे वोह तो समाज का लेखा जोखा लिखने वाले जीवंत लेखक मुंशी थे , मुंशी प्रेमचन्द जिन्होंने साहित्य को नई विधा दी साहित्य में समाज की बुराइयों का विश्लेष्ण कर उसे समाज के सामने रखा और बुराइयों के खिलाफ एक ऐसा आन्दोलन छेड़ा जो एक समाजवाद का आन्दोलन कहलाया , समाज में छुपी बुराइयां जिनके खिलाफ किसी ने आवाज़ उठाने का साहस नहीं किया उस का चित्रं मुंशी प्रेमचन्द ने अपनी कहानियों में निर्भीकता से किया और इसी कारण उस डोर में अनेक जागीरदार लोग मुंशी प्रेमचन्द से घबरा गये थे , एक ऐसे जीवंत लेखक गरीबी की आवाज़ कुरीतियों में सुधार जिनकी धडकन थी आज चाहे हमारे बीच नहीं हो लेकिन उनकी लेखनी उनके विचार आज भी हमे चरों तरफ हें उन्होए बरसों पहले जो लिखा वोह आज भी समाज में कहीं ना कहीं प्रभावशाली तरीके से दिख रहा हे ऐसा लगता हे के प्रेमचन्द ने सब कुछ आज ही आज के हालातों की अक्कासी की हे , दोस्तों आज हम ऐसे जीवंत लेखक को जब तलाशने निकलते हें तो ना जाने क्यूँ कोसों लम्बा सफर करने के बाद भी ऐसी शख्सियत नहीं मिल पाती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोमन वेल्थ में जग हंसाई

कोमन वेल्थ गेम की त्य्यारियों के मामले में मणि शंकर अय्यर केन्द्रीय मंत्री की दुआएं काम आ रही हें और खेल की त्य्यारियां अव्यवस्था,घोटाले और निरंकुशता की भेंट चढ़ रही हें , खेल की तय्यारी में ८० करोड़ रूपये खर्च कर जो स्टेडियम बनाया गया वोह हल्की बारिश में ही चुने लगा वहां पानी भर गया और लोगों का कहना हे के देश के ८० करोड़ रूपये पानी में भ गये , खेल के निर्माण की गुणवत्ता के प्रमाणपत्र जो लिए वोह फर्जी पाए गये इतना ही नहीं वहां फ़िज़ूल खर्ची की तो हद ही हो गयी इस मामले में जब दिल्ली की मुख्यमंत्री जी से सवाल किया तो वोह पत्रकारों पर बिफर पढ़ीं और प्रेस कोंफ्रेस बिना किसी सवाल का जवाब दिए छोड़ कर चली गयीं अब खेकी त्य्यारियों में ही जब करोड़ों के घोटाले हें तो आयोजन का घोटाला तो अरबों मन पहुंचेगा और फिर मणि शंकर अय्यर की बात श साबित होती दिख रही हे अभी तक इस मामले में ना तो किसी को निलम्बित किया गया हे और ना ही भ्रष्ट आचरण के लियें कार्यवाही कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज कर कोई अनूठा उदाहरन पेश किया गया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महिला पर पुलिस थप्पड़ की गूंज

कोटा के महावीर नगर थाने के सी आई रणविजय सिंह ने फरियाद लेकर गयी एक महिला शिमला मेहरा के गाल पर जमकर थप्पड़ जड दिया बस फिर किया था महिला भी सी आई के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर त्रिया हट पर अड़ गयी वोह चाहती थी के सी आई या तो माफ़ी मांगे या फिर वोह भी उस सी आई के थप्पड़ मारेगी महिला के समर्थन में अनेक महिलाएं आ खड़ी हुईं पहले तो पुलस के वरिष्ट अधिकारियों ने मामला दबाने की कोशिश की फिर जब पुलिस के खिलाफ विरोध बढने लगा तो महिला से सी आई के खिलाफ लिखित शिकायत ली गयी और जांच का नाटक किया जा रहा हे वेसे जिस ठाणे को सी आई के खिलाफ जांच हे उसे उस थाने से हटाए बगेर अगर जांच होती हे तो जांच प्रभावित होगी सब जानत हें । कोटा में इन दिनों लोगों पर हमल करने और झुंटा फंसाने के मामले बहुत बढ़ गये हें लें अभी फिलहाल ऐसे निरंकुश पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने से उनके होसले और बुलंद हो रहे हें देखते हें इस महिला पर पुलिस थप्पड़ की गूंज कहां तक जाती हे या फिर अबला की आवाज़ बन र दब कर रह जाती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...