आपका-अख्तर खान

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04 अगस्त 2010

महंगाई से केंद्र ने पल्ला झाड़ा

दोस्तों आज़ादी से आज तक किया आपने इतनी बेशर्म ,बेहया, सरकार देखी हे जो अपने किये पर पछताने के बदले दूसरों को दोषी ठहराती फिरे लेकिन यह बदनसीबी हमारे नसीब में थी हमने ऐसी मुख पर कालिख पुती सरकार देखी हे जो सारे पाप करने के बाद भी खुद को साफ़ सुथरा समझती हे, महंगाई के मामले में बहस के दोरान केंद्र सरकार ने महंगाई क्यूँ भी इसके पीछे मूल कर्ण किया हें इसे कम करने और रोकने के लियें किया कदम उठाना चाहियें इस पर तो बहस नहीं की इस पर अपना निर्णय नहीं दिया लेकिन सीधे बस एक बात के महंगाई का केंद्र सरकार से किया लेना देना यह तो राज्यसरकारों की भी ज़िम्मेदारी हे अजीब हास्यास्पद जवाब हे दोस्तों लगता हे केंद्र सरकार के जानकारों ने देश का संविधान नहीं पढ़ा हे और यही वजह रही हे के वोह संसद में शपथ लेकर जनता को गुमराह करने वाली कार्यवाही कर रहे हें जो देश के संविधान और शपथ अधिनियम का कहा उल्न्न्घन हे लेकिन जब सरकार सेटिंग की हो और विरोधियों की सरकार के साथ मिली जुली कुश्ती हो तो फिर इस देश और देश के गरीबों का क्या हो सकता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वित्तीय संस्थानों से वित्तन्त्री भी दुखी

देश में सरकार ने वित्तीय संस्थाओं को इतना सर चढा लिया हे के यह संस्थाएं लोगों को ठगने के लियें अपने लुभावने जाल फेलाने से बाज़ नहीं आ रही हें अब तो इनकी हिम्मत इतनी हे के वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी को चलती हुई संसद में फोन करके होम लोन देने की बात करते हें देश के सबसे अमीर आदमी अम्बानी को होम लोन देने की बात करते हें , वित्तमंत्री को फोन पर संसद में लोन देने की इस घटना ने देश का शर्म सर से झुका दिया हे पहली बात तो संसद में जब महत्वपूर्ण बहस हो रही हे तो फिर मोबाइल फोन वहां नहीं होना चाहिए दूसरी बात अगर किसी का फोन वहां आया भी था तो महत्वपूर्ण बहस छोड़ कर वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी को फोन अटेंड नहीं करना चाहिए था , और फोन अटेंड कर लिया था तो जिस कपनी से फोन आया हे उस कम्पनी के खिलाफ संसद में कार्यवाही की घोषणा करना चाहिए थी , दोस्तों आज सरकार द्वारा छुट देने पर ही वित्त कम्पनिया लुट खसोट कर रही हें और आम आदमी अआतं हत्या के दोर से गुजर रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शाह मामले में सी बी आई को गुजरात की पटखनी

गुजरात के पूर्व गृह मंत्री और सोहराबुद्दीन मामले में अभियुक्त बनाये गये शाह को सी बी आई रिमांड नहीं मिलने पर सी बी आई ने मुंह की खायी हे सी बी आई प्रकरण को गुजरात से बाहर सुनवाई के लियें ले जाना चाहती थी लेकिन गुजरात के दबाव में सी बी आई घबरा गयी हे क्योंकि पिछले इनों एक माओवादी की सुनवाई मणिपुर से दिल्ली सी बी आई ने माननीय सुप्रीमकोर्ट से आदेश लेकर करवाई हे तो फिर इस मामले में उसे क्या दिक्कत थी , सी बी आई की गिरफ्तारी के बाद गुजरात पुलिस का सी बी आई को नॉन कोपरेशन को भी गम्भीरता से नहीं लिया गया हे इतना ही नही सी बी आई ने शाह को जानत मिल जाये इस लियें रिमांड नहीं लिया और फिर जब शाह की जमानत की अर्जी लगी तब दिखावा मात्र करते हुए रिमांड माँगा गया सी बी ई और गुजरात सरकार इस मामले में कुछ भी खे लेकिन यह पब्लिक हे सब जानती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सोहराबुद्दीन के बाद अब दारासिंह

राजस्थान में फर्जी मुठभेड़ मामले में सोहराबुद्दीन के बाद अब दारासिंह उर्फ़ दारिया की फर्जी मुठभेड़ का जिन भाजपा नेता और भाजपा नेताओं के चमचे पुलिस अधिकारियों को सताने लगा हे राजस्थान पुलिस फर्जी सोहराबुदीन मुठभेड़ में लोगों से रूपये लेकर सोहराबुद्दीन की हत्या करने के मामले में जेल में हें कुछ ऐसा ही मामला सी बी आई को जयपुर दारा सिंह मुठभेड़ में देखने को मिला हे वेसे अभी सी बी आई ने दारिया जहां का रहने वाला था और जहां जयपुर में उसकी मुटभेड हुई हे उन लोगों के ही ब्यान लिए हें और इन बयानों से कहीं ना कहीं डाल में काला नजर आ रहा हे सब जानते हें के इस मुठभेड़ के बाद जो अधिकारी या सी आई इसमें शामिल थे या गवाह थे उन्हें सरकार ने ख़ास जगह पर पोस्टिंग देकर और अतिरिक्त सुविधाएँ देकर नवाज़ा हे खेर राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री जी ने तो इस मामले में तो पहले ही जांच का आश्वासन दिया था वेसे राजनितिक ह्त्क्षेप के बाद लोगों को झुन्था फसाने की घटनाएँ तो आम हें लेकिन अब मुठभेड़ें राजस्थान पुलिस और खादी को दागदार कर रही हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आज सुबह सवेरे


आज सुबह सवेरे
चिड़ियें चहकाती हें
हवाएं बर्फाती हें
हसीन वादियों में देखों
आज फिर उनकी याद सताती हे
आज सुबह सवेरे
फिर याद उनकी आती हे ,
वोह गर्म साँसें ,वोह नर्म होंट
वोह कटीली अदाएं ,
हम पर मर मिटने का उनका शोक
आज फिर देखों
याद उनकी आती हे
काश पहले की तरह
आज सुबह सवेरे
मुझे फिर वोह मिल जाएँ
आयें और सीने से मेरे
हमेशां की तरह लिपट जाएँ
बस आज सुबह सवेरे
याद उनकी फिर आती हे
जब वोह नहीं आते
तो दिल मेरा
सूरज की तरह
डूब जाता हे आँखें मेरी नम हो जाती हें
लेकिन ,
राज़ उनसे मेरे बिछड़ने का
ज़ाहिर ना हो लोगों पर
इसीलियें अपने आंसुओं को
हम लहू समझ कर पी जाते हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खुदा सा लगा


झालावाड राजस्थान के जनाब राजेन्द्र तिवारी जी ने
अपनी रचना खुदा सा लगा में कहा हे .........
वोह समन्दर पाकर भी प्यासा लगा
दुनिया में बढा ही रुआंसा लगा ।
मुद्दतों में जिस शोहरत को हांसिल किया
वक्त खोने में उसको जरा सा लगा।
मोसम सा आलम बदल सा गया
दरमियाँ दिलों के कुन्हासा सा लगा ।
मुसीबत में वोह गुदगुदा के गया
आदमी सीरत में खड़ा सा लगा
अपनों ने जख्मों के तोहफे दिए
बेगानों से मिलके मजा सा लगा ।
सजदे में उसके थीं नुरानियां
दुआओं में असर भी खुदा सा लगा
गर्दिशों में जो हमसाया लगा
खुशियों में मेरी क्यूँ खफा सा लगा ।

प्रस्तुत करता अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बहुत हें ऐसे लोग


बहुत हें ऐसे लोग
जो बस
खुद के दुखों के
गीत गाते हें ।
ईद हो
होली हो चाहे दिवाली
हमेशां
बस और बस
मातम हे मनाते हें ।
कह दो उनसे
आज दुनिया उन्हीं के
इशारे पर नाचती देखी
जो परवाह
किसी की नहीं करते
और वक्त आने पर
जलती चिताओं पर भी बेठ कर
वीणा हें बजाते ।
कह दो उनसे आज
दुनिया उन्हीं की हे
जो मोत के आगोश में भी
खुशियों की फोलादी
सेज हें सजाते ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इस जहां में .....


इस जहां में
खुलूस और प्यार से
पुकारे एक दुसरे को कोई
बस
ऐसे लोगों की
अब मुझे तलाश हे ।
राह का पत्थर
समझ कर ठुकराए
कोई मुझे
आज बस मुझे
ऐसे आदमी की
तलाश हे ।
गुमसुम लोगों को
हंसाये
रोते हुए लोगों
के आंसू जो पोंछे
बस आज भी
मुझे
ऐसे लोगों की तलाश हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जिंदगी होसले वालों के साथ आ

जिंदगी
उधर किया देखती हे
पस्त होसले वाले तुझे
किया जियेंगे ।
इधर आ
हम होसले वाले हें
तुझे हम गुजारेंगे ..............
दोस्तों यह निराशावादी लोग जो पल भर की परेशानी को जिंदगी भर की परेशानी समझ कर आत्महत्या करने लगते हें उन से प्रेरित होकर लिखा गया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पोलीथिन चलेगा केरी बेग नहीं

राजस्थान में पोलीथिन बंद का कानून लागू किया गया हे चार दिन से पुरे राजस्थान का प्रशासनिक अमला यहाँ पोलीथिन का उपयोग बन करने में अपनी शक्ति लगाये हुए हें उलन्न्घन पर कठोर दंड और जुर्माने का प्रावधान रखा गया हे , लेकिन यहाँ के व्यापारियों ने भी सरकारी आदेशों को धता बता कर कान इधर से पकड़ो या उधर से बात एक ही हे वाली कहावत चरितार्थ कर दी हे राजस्थान में पोलीथिन केरी बेग पर पाबंदी लगाई गयी हे तो व्यापारियों ने पोलीथिन से हेंडिल और पकड़ने का पोलीथिन हिस्सा निकल दिया हे अब जब पकड़ने वाला हिस्सा यानी केरी करने वाला हिस्सा ही नहीं रहेगा तो फिर यह पोलीथिन केरी बेग नहीं कहलायेगा और इसे डोरे से बांध कर देने पर कोई कानून का उल्न्न्घन नहीं हे हे ना मजेदार बात चीज़ वही हेंडिल हे तो पाबंदी हेंडल हटा दिया तो पाबंदी खत्म क्या आपको यह कानून व्यवहारिक लगता हे या फिर कोई तुगलक की जिद का तुगलकी कानून क्रप्या आपकी राय का इन्तिज़ार करूंगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भोपाल जेसे सागर के लियें कोटा की टीम अहमदाबाद रवाना

दोस्तों एक अजीब खबर हे कोटा में एक किशोर सागर हे जिसे सा करने के लियें १९७५ से आज तक कई हजार अर्ब रूपये खर्च हो चुके हें लेकिन बेचारा किशोर आगर कुमुदनी और गंदगी से पहले जेसा ही भरा हे , अब इस बार नगर विकास न्यास ने शहर के बीचोंबीच बने इस किशोर सागर की सुध ली हे और इसके बीच में बने जग मन्दिर का लुत्फ़ भी जनता तक पहुँचाने की कोशिश करना शुरू की हे कोटा के सारे अधिकारियों ने एक साथ मिलकर यह निर्णय लिया की किशोरसागर को भोपाल के टाल की तरह सुंदर बनाया जाएगा जब यह प्रस्ताव पास हुआ तो यह भी तय किया गया के भोपाल की तरह किशोर सागर को केसे बनाएं इसके लियें कुछ अधिकारी इस का अध्ययन करेंगे , लेकिन दोस्तों मजेदार बात यह हे के भोपाल जेसा ताल किशोर सागर को बनाने के लियें कोटा के अधिकारी भोपाल नहीं गये हें कोटा के अधिकारी भोपाल जेसे ताल को बनाने के लियें भोपाल नहीं गये वोह तो सरकारी खर्च पर केवल अहमदाबाद गये हें हे ना मजेदार बात भोपाल की जानकारी लेने के लियें कोटा के अधिकारी भोपाल नहीं अहमदाबाद जाकर जानकारी लेंगे इसके पहले भी निगम के अधिकारी कोटा की सुरत बदलने सुरत गये थे कुल मिला कर योजना कही की भी हो कोटा के अधिकारियों को गुजरात से प्यार हो गया हे इसीलियें वोह बार बार किसी न किसी बहाने गुजरात जा रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तालेडा बूंदी नदी और १५ सिसकती जानें

कोटा संभाग के बूंदी जिले के तालेडा कस्बे में नदी में अचानक उफान आ जाने से नदी के बीचो बीच बने मन्दिर पर दर्शन करने गये १५ लोगों की जान आफत में आ गयी वहां श्रद्धालु पहले तो खूब आराम से रास्ते चलकर गये लेकिन थोड़ी देर में जेसे ही पानी का बहाव बढा तो मन्दिर के छाओं तरफ पानी ही पाने हो गया और चारों तरफ समुन्द्र की तरह ल्ह्र्हाता पानी देख कर यह लोग सकते में आ गये आखिर खबर मीडिया के पास पहुची और फिर खबर जिला प्रशासन के पास पहुंची इस मामले में बूंदी प्रशासन आपदा राहत कार्यों में सुस्त नजर आया और पानी कम करने का इन्तिज़ार करता रहा इस बीच में यदि मन्दिर का भवन क्ष्तिक्र्स्त हो जाता तो वहां फंसे लोगों की जान जा सकती थी पुलिस को वहां आपदा राहत के तहत मोटर बोट, नावें और हेइकोप्त्र की तत्काल व्यवस्था कर उनकी जान बचाना चाहिए थी लेकिन केवल भाग्य भरोसे उन्हें छोड़ देना पशासन के लियें अच्छी बात नहीं रही वोह तो इश्वर ने १५ लोगों और उनके परिजनों की सुन ली जो कुछ देर बाद पाने कम हुआ और वोह लोग सुरक्षित निकल आये वरना इन सभी लोगों को तो मोत नजदीक से दिख रही थी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सास के इलाज के लियें रूपये मांगे तो रुपयों के साथ जल गयी

राजस्थान में एक बहु जो जयपुर में रहती थीं उस सुमन कंवर से पति किशोर सिंह ने सास के इलाज के लियें पांच सो रूपये क्या मांग लिए पुरे परिवार पर आफत आ गयी ,कल जब किशोर सिंह ने अपनी पत्नी सुमन कंवर से मान के इलाज के लियें रूपये मांगे तो बात बात में बात इतनी बढ़ गयी के बहु सुमन कंवर ने सम्पत्ति के कागजात जो उसके खुद के नाम थे और करीब पांच लाख रूपये नकद बिस्तर पर बिछाए और उस पर लेट कर खुद के आग लगा ली सूरज कंवर की रुप्येओं के साथ आत्म डाह का यह अनूठा मामला देख कर पुलिस और आम जनता भोचक्की हे फिलहाल जयपुर पुलिस ने इस अनूठे मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी हे लेकिन इस अजीब आत्मदाह के पीछे क्या सच हे इस मामले में पुलिस क्या कुछ कर पाती हे यह तो वक्त ही बताएगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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