आपका-अख्तर खान

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11 अगस्त 2010

मेरे अँधेरे कहां गये

यह सुबह की चकाचोंध
फिर कहां से आई
रात के घटाटोप
खुशनुमा अँधेरे कहा हें
इस चकाचोंध में
यादें उनकी सपने उनके
ना जाने कहां खो गये
रात थी तो आस थी
वोह नहीं तो सपनों में
उनकी याद थी
यह सुबह उजालों की चकाचोंध
कहाँ से आई
रात के अंधेरों का मेरा सुकून
बेचेनी ,करवटें और यादें उनकी
यही तो थी कमाई
जीवन भर की मेरी
वोह इस उजाले में
न जाने कहां कहां गयी
यारों यह सुबह का उजाला
तुम लेलो
मुझे मेरी रात
रात का अँधेरा
वोह बेचेनी , वोह करवटें
वोह सपने वोह मीठी यादें
फिर से लोटा दो
उजाले तुम लेलो
अन्देरे मुझे सम्भला दो .........
००००० अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पेट्रोल सब्सिडी मामले में केंद्र सरकार झूंठी

पेट्रोल सब्सिडी खत्म कर देश में पेट्रोल के दाम बढा कर आर्थिक अराजकता पैदा करने वाली केंद्र सरकार की सब्सिडी देने से घाटे की दलील झूंठी साबित हुई हे , देश में आर्थिक आंकड़े बताते हें के देश में वित्तीय स्न्साधान्न से १२६ करोड़ का अधिक फायदा हुआ हे जबकि पेट्रोल सब्सिडी पर इससे ३० प्रतिशत राशि ही कम अति थी और यह राशि बहुत कम थी सरकार को इस राशी की सब्सिडी देने में कोई आर्थिक नुकसान नहीं था , अब जब सरकार की वित्त व्यवस्था की यह पोल खुल गई हे तो सरकार अगल बगल झाँक रही हे लेकिन नकटी सरकार का ना तो जनता के दुःख से कोई लेना देना और ना ही यह सरकार जनता को कभी खुश चाहती हे यह तो खुद और खुद की पार्टी के नेताओं को ही मजे करवा रही हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में ग्यारह क्विंटल नकली मावा पकड़ा

कोटा में लगातार मावे की मिलावट की शिकायतें आम हें गत वर्ष कोटा में एक गोदाम से करोड़ों का मिलावटी जनता के स्वास्थ्य के लियें हानिकारक मावा पकड़ा गया था लेकिन सरकार और कोटा जिला प्रशासन इस मामले में किसी भी व्यापारी का कुच्छ बिगाड़ नहीं सकी हे हद तो यह हे के सरकार आज तक यह पता नहीं लगा पायी हे के यह मावा किस व्यापारी ने गोअं कोल्ड स्टोरेज में रखवाया था , सरकार की इसी कार्यवाही के चलते मावा व्यापारियों के होसले बुलंद हो गये हें और हालात यह हे के क्विंटल से नकली इलाव्त युक्त ज़हरीला मावा खुलेआम बहा जा रहा हे कोटा में कल फिर रसद विभाग ने ग्यारह क्विंटल मावा जब्त किया हे लेकिन उसमें जान बुझ कर खाद्य अपमिश्रण कानून के नियमों की पालना नहीं की गयी हे शायद इस नकली मावे मामले में भी सकार कानूनी कमी छोड़ कर व्यापारियों को मदद पहुंचाना चाहती हो लेकिन यह सच हे के कोटा में लाखों लोग इस मिलावट युक्त खान पान के सामानों से बीमार पढ़े हुए हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बिल्डर्स पर सरकार का शिकंजा

देश में सरकारी और गेर सरकारी क्रषि भूमि पर बिल्डिंग बेचने वाले बिल्डर्स के खिलाफ अब केंद्र ने कड़ा रुख किया हे और इसे रोकने के लियें सरकार ने कानून बनाने की पहल की हे, सरकार ने बिल्डर्स को पाबन्द करने के लियें प्रस्तावित कानून मन बिना विधिक मान्यता कोलोनी बनाकर बेचने पर पाबंदी लगा दी हे साथ ही उल्न्न्घन पर बिल्डर्स को तिन साल तक के कारावास से दंडित करने का प्रावधान रखा गया हे , विदित रहे के देश में इन दिनों बिल्डर्स जनता को ठगने के लियें विधि विरुद्ध मकान बना कर सस्ते दामों में बेचकर ठग रहे हे , सरकार की इस कार्यवाही से चाहे पिल्द्र्स पर पाबंदी लगे लेकिन देश में गरीबों के मकान का सपना फिर कभी पूरा नहीं हो सकेगा क्यूंकि सरकार ने इस मामले में आज तक को वेक्लिक योजना तय्यार नहीं की हे और बिल्डर्स पर सख्ती से नियमों की पालना के नाम पर जब उनसे अवेध चोथ वसूली भी होगी तो ज़ाहिर हे मकान महंगे हो जायेंगे और फिर गरीब की मकान खरीद्दते वक्त कमर ही टूट जायेगी , सरकार को इस मामले में भी निति बनाने की जरूरत हे ताकि गरीबों को उना हक भी मिल सके । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अर्जुन ने कहा राजीव की हत्या का राव को था पता

कभी सोनिया गांधी को विदेशी चिड़िया कहकर कोंग्रेस छोडकर तिवारी कोंग्रेस बनाने वाले अर्जुन सिंह ने अपने मंत्री पद से हटने के बाद कहा हे के पूर्व प्रधानमन्त्री नर सिंघा राव को राजीव की हत्या के बारे में पूर्व जानकारी थी यह सनसनी खेज़ खुलासा अर्जुन सिंह ने अपनी एक किताब में किया हे इस खुलासे से देश हिल गया हे ,अर्जुन ने एदारण को पकड़ना और तात्कालिक गृहमंत्री के रूप में नर सिंग्घा राव द्वारा एडरसन को छोड़ने का दबाव बनाने की बात भी स्वीकार की हे , ताज्जुब तो यह हे के राजीव गांधी की हत्या मामले में महत्वपूर्ण गवाह नर्सिंग्घा राव के साथ अर्जुन सिंह बहुत रहे हें और मनमोहन चिदंबरम उनकी नाक के के बाल रहे हें तो सभी राजीव गांधी की हत्या की साज़िश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो सकते हें वेसे इस मामले में सी बी आई को नये सिरे से जांच करना शुरू हो गयी हे तब कहीं देश में चल रही पोल पट्टी का राज़ साफ़ हो सकेगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुसाफिर तेरी मंजिल कहां हे

एक मुसाफिर
ट्रेन में सफर कर रहा था
टिकिट चेकर के आते ही
मुसाफिर ने टिकिट की तलाश शुरू की
कभी अटेची में तो कभी जेबों में
इधर उधर टिकिट की तलाश पर भी
जब टिकिट नहीं मिला
तो टिकिट चेकर ने कहा
छोड़ो भाई
आप सम्भ्रान्त दीखते हे
मान लेते हें आपके पास टिकिट हे
लेकिन नोजवान तो गुस्सा गया
बोला में तुम्हें टिकिट
तुम्हें दिखाने के लियें नहीं ढूंढता हूँ
टिकिट तो में इसलियें ढूंढ़ रहा हूँ
के मुझे यह तो पता लगे
के मुझे जाना कहाँ हे।
ट्रेन में बेठे दुसरे मुसाफिर
सोचने लगे के आज नोजवान का क्या भरोसा
उन्हें अपनी मंजिल का ही पता नहीं
और सफर पर सफर किये जा रहे हें सोचते हें
शायद इसीलियें मेरा भारत महान हो । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

स्वाइन फ्लू के साथ राजस्थान में बीमारियों की दस्तक

राजस्थान में चिकित्सा विभाग की अग्रिम बचाव कार्यवाही में ढिलाई के चलते जोधपुर जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गढ़ जिला हे स्वाइन फ्लू की चपेट में हे और वहां एक व्यक्ति की इस बिमारी के चलते अकाल मोत भी हो गयी हे , राजस्थान में मुख्य मंत्री अशोक गहलोत लगातार चिकित्सा विभाग को स्वाइन फ्लू और मोसमी बीमारियों से निपटने के निदेश दे रहे हें लेकिन विभाग के निकम्मे पन की हद यह हे के उसने सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर इस मामले में कोई कारगर कार्यवाही नहीं की हे आज कोटा सहित राजस्थान भर के चिकित्सालय,डिस्पेंसरियां इस दिशा में कोई काम नहीं कर रही हें इसीलियें राजस्थान में एडवांस प्लानिंग नहीं होने से जनता बीमारियों की चपेट में हे और स्वाइन फ्लू का जिन फिर से राजस्थान में आ जाने से जनता दुखी हो गयी हे लेकिन डोक्टर और प्रशासन इस मामले में गम्भीर नहीं हे हात यह हें के मुख्यमंत्री जी की बात नहीं मानने वाले मंत्री,अधिकारीयों और चिकित्सकों के खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं होने से उनके होसले बुलंद हो गये हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा चम्बल पुल हादसे की रिपोर्ट पेश

कोटा में पिछले दिनों चम्बल पुल हादसे के लियें कोन ज़िम्मेदार हे इस मामले में सरकार की तरफ से बनाई गयी समिति ना काफी लम्बे अरसे के बाद विभिन्न बिन्दुओं पर जांच कर अपनी जांच रिपोर्ट दी हे , करीब चार बक्सों में भरे गये इस रिपोर्ट के तकनीकी दस्तावेज देख कर सरकार हेरान हे और इस रिपोर्ट को २४० पेज की बनाई गयी हे लोगों का मानना हे के इस रिपोर्ट में कहीं ना कहीं दाल में काला हे इसीलियें पहले तो रिपोर्ट देने में देरी की जांच आराम से की गयी और अब जो रिपोर्ट दी हे वोह खुद समिति ने सार्वजनिक नहीं की केवल सम्बन्धित विभाग के सामने पेश कर दी इस रिपोर्ट के प्रति कोटा की जनता में चाहे जितना उत्साह हो लेकिन मीडिया और सम्बन्धित आरोपियों में इसके प्रति उत्साह इसलियें नहीं लगता के शायद उन्हें नतीजा पहले से ही हे जो कहावत वही धाक के तिन पांत की तर्ज़ पर हे अब देखना हे के इस रिपोर्ट के बाद हेंगिंग ब्रिज मामले में गिरफ्तार और फरार लोगों पर क्या असर पढ़ेगा देखने की बात हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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