आपका-अख्तर खान

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30 अगस्त 2010

ओबामा के मुसलमान मामले में सफाई

अमेरिका में भारत की गंदगी घुस गयी हे और साम्प्रदायिकता का वायरस अब ओबामा जो वहां के नव निर्वाचित राष्ट्रपति हें उनके लियें मुसीबत बना हुआ हे , अमेरिका चुनावों में मुसलमानों से जोर्ज बुश की नफरत एक मुद्दा था और इसी मुद्दे का फायदा उठाकर ओबामा ने अपने चुनाव में राजनीति की उसने नुष से नाराज़ मुसलमानों और समर्थक मतदाताओं के वोट बटोरने के लियें पहले खुद को एक मुसलमान की सन्तान बताया बुश के खिलाफ मुसलमानों के गुस्से का उन्होंने फायदा उठा कर खुद को मुसलमान बताने के बाद खूब वोट बटोरे और आखिर अमेरिका के राष्ट्रपति बन गये लेकिन जीत की इ राजनीति के चलते ओबामा जब क्रिश्चयन स दूर हो गये और खच्चर यानी मुस्लिम क्रिश्चियन की मिलावट कहे जाने लगे तो अब वोह खुद के चुनावी कथन के मेरी माँ मुसलमान थी से दूर भाग रहे हें और बोखला कर कल मिडिया के सामने ख बेठे के की में अपने गले में अपना जन्म प्रमाण पत्र लगा कर घुमु , ओबामा की यह खीज यह साबित करती हे के मुसलमान कहकर वोट बटोरना और जीतना उन्हें कितना भरी पढ़ा हे ओबामा इस मुद्दे पर जीत कर भी हार गये हें लेकिन अब भारत में चल रही हिन्दू मुस्लिम तुश्तिक्र्ण को निति अमेरिका तक में पहुंच गयी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सलाउद्दीन राजस्थान के मुख्य सचिव

राजस्थान में वृष्ट आई ऐ एस अधिकारी सलाउद्दीन को मुख्य सचिव बनाया गया हे इनके नाम को लेकर काफी भ्रांतियां चल रही थीं क्यूंकि यह राजस्थान में सबसे वरिष्ट आई ऐ एस अधिकारी हें इसके पहले भी इनका हक इन्हें नहीं दिया गया था , इस बार भी सरकार सलाउद्दीन के नाम से किनारा करना चाहती थी लेकिन वरिष्टता के चलते उसके लियें ज़िंदा मक्खी निगलना मुश्किल था और दिखावे के तोर पर अनमने मन से सरकार को सलाउद्दीन को मुख्य सचिव पद पर ताजपोशी करना पढ़ी सलाउद्दीन राजस्थान के तेज़ तर्रार प्रशासनिक बुद्धि वाले इमानदार अधिकारियों में गिने जाते हें और उनक कम करने का अद्नाज़ निराला हे बस इसीलियें वोह सरकार के लियें मुसीबत खड़ी कर सकते हें सलाउद्दीन ना तो डरते हें , ना दबते हें और नाही बेईमानी करते हें वोह वो करते हें जो जनहित में ठीक होता हे अब ऐसे में जब वोह राजस्थान सरकार से नहीं दबेंगे तो फिर सरकार की मनमानी पर अंकुश लगने की सम्भावना हे सलाउद्दीन की नियुक्ति वेसे तो राजस्थान के हित में शुभ संकेत हे लेकिन क्या राजस्थान के न्त्री और नेता उनकी इस नियुक्ति को पचा पायेंगे यह वक्त बताएगा , फ़िलहाल तो कोंग्रेस का वही अल्पसंख्यक तुश्तिक्र्ण का अलाप जो नियुक्ति एक वर्ष पूर्व हो जाना चाहिए थी उस नियुक्ति को एक वर्ष बाद अत्यंत वरिष्टता का आधार मन कर की गयी फिर भी कोंग्रेस का यह एहसान के हमने मुसलमान को इस पद पर लगाया हे भाई काबलियत के आधार पर एक अधिकारी की नियुक्ति का हिन्दू या मुसलमान होने से क्या मतलब लेकिन बेचारे कोंग्रेस के नेता तो बस आम मुसलमानों को बेवकूफ बनाने की कोशिशों में जुट जाते हें बस यही देश के तुश्तिक्र्ण और मुसलमानों की काबलियत पर कुताराघात की साज़िश हे जिससे हिन्दू समाज,मुसलमान समाज और देश सभी दुखी हं कोंगर्स को अपनी यह आदत अब तो बदलना होगी वरना हिन्दू मुसलमान भाई खुद ऐसे हालत बना देंगे के कोंग्रेस को अब यह राग अलापना बंद करना पढ़ेगा। अख्तर खान अकेला कोट राजस्थान

निगम में पार्षदों ने गंदगी फेंकी आवारा जानवर घुसाए

नगर निगम कोटा में निरंतर फेल रही गंदगी और आवारा जानवरों से त्रस्त निर्दलीय वार्ड पार्षदों ने एक जुट होकर निगम बोर्ड कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करते हुए महापोर के कमरे में कचरा डाल दिया ,सडकों के आवारा जानवर अख्टते कर घुसा दिए ,कोटा में कोंग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने शहर में सफाई व्यवस्था और सडक नाली निर्माण के मामले में कोई कारगर कदम नहीं उठाये हें हालत यह हे के सडकों पर घूम रहे आवारा जानवरों को नियंत्रित करने के लियें कोटा कलेक्टर ,पंचायत मंत्री भरत सिंह और ना जाने कितने अधिकरी कह चुके हें लेकिन निगम महापोर और प्रशासन के कान में जून ही नहीं रेंग रही हे बस कोंग्रेस और भाजपा पार्षदों की इसीस मिली जुली कुश्ती से तंग आकर निर्दलीय पार्षदों को अख्ट्टा होकर जनहित में यह आवाज़ उठा कर शहर की समस्या की तरफ प्रशासन और अख़बार वालों का ध्यान खेंचने के लियें यह आन्दोलन करना पढ़ा हे लेकिन इस आन्दोलन के बावजूद भी शहर की सडकों से आवारा मवेशी नहीं हटाए गये हें ना ही गंदगी साफ़ की गयी हे शहर में इसी कर्ण स्विं फ्लू और दूसरी बीमारियाँ फेल रही हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बूंदी गरददा बांध में १४३ करोड़ खत्म

राजस्थान में बूंदी जिले में पिछले दिनों १५ अगत को लोकार्पण के कुछ दिनों बाद ही थोड़ा सा बरिश का पानी आजाने से ग्ररदा बांध टूट कर बिखर गया और बूंदी के किसान जो इस बांध से अपनी खुशहाली चाहते थे उनकी फसले तबाह और बर्बाद हो गयी , इस बांध के टूटने के कारणों की जांच कोटा के सम्भागीय आयुक्त पी एल अग्रवाल ने की और उन्होंने १४३ करोड़ रूपये से बनाये गये इस बांध के टूटने के लियें इंजीनियर्स और ठेकेदार को पूर्ण रूप से दोषी माना हे , आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट राजस्थान सरकार को भेज दी हे लेकिन ताज्जुब हे के राजस्थान सरकार ने भ्रष्ट बे ईमान और निकम्मे इंजीनियर्स अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ ना तो कोई फोजदारी मुकदमा दर्ज करवाया हे और नाही उन के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की हे । सरकार की इस ढीलपोल निति से लगता हे के सरकार कहीं न कहीं इन अधिकारीयों स मिली हुई हे और जिन लोगों के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए उन्हें सरकार सीने से लगाये बेठी हे कोंग्रेस भाजपा को और भाजपा कोंग्रेस को दोषी बता कर इस समस्या से फ़ुटबाल खेल रही हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आप तो पागल नहीं हे


अमेरिका को
रिसर्च के लियें
कुछ भारतीय
पागलों की जरूरत थी ।
अमेरिका ने मनमोहन जी से सम्पर्क किया
मनमोहन जी बहुत खुश हुए
बोले भाई
इस काम के लियें तो
में और मेरा मंत्रिमंडल ही ठीक हे
खेर मनमोहन जी के साथ छांट कर
सभी मंत्रियों को विशेष विमान से
दिल्ली हवाई अड्डे से
अमेरिका के लियें रवाना किया ,
थोड़ी देर बाद
हवाई जहाज़ हवा में जब डगमगाने लगा
तो पायलेट ने आकर देखा
सभी मंत्री
लोकसभा की तरह
जूतम पैजार में लगे थे और इसी उहापोह में
हवाई जहाज़ बार बार हिल रहा था
हलते हवाई जहाज़ से
दुर्घटना का खतरा देख
पायलेट ने मनमोहन जी को चुप बता देख कहा
मनमोहन जी आप तो समझदार हें
इन्हें समझाएं
हवाई जहाज़ में लोकसभा का हंगामा चला
तो हवाई जहाज़ गिर जाएगा और कोई नहीं बचेगा
खामोश बेठे मनमोहन जी उठे
उन्होंने इशारे से पायलेट को
सब कुछ ठीक करने का आश्वासन दिया
थोड़ी देर में पायलेट फिर
कोक्पिट से विमान में आया
हवाई जहाज़ में खामोशी थी
हंगामा बंद था
एक सीट पर मनमोहन जी खामोश बेठे थे
पायलेट ने कहा
मनमोहन जी आपने अच्चा करा सबको समझा दिया
वरना लोकसभा हवाई जहाज़ में चलती तो
हवाई जहाज़ क्रेश हो जाता और सब मारे जाते
पायलेट ने पूंछा
मनमोहन जी आपने यह सब ठीक करने के लियें
किया जादू किया
शांत स्वभाव से मनमोहन जी उठे
और पायलेट से कहा
भाई मेने सभी को समझाया
और दरवाज़ा खोल कर कहां
हवाई जहाज़ लोकसभा लगाने की जगह नहीं हे
अगर यही सब करना हे तो बाहर जाकर करो
बस सबने दरवाज़ा खोला
और एक एक करके बाहर चले गये
अब हवाई जहाज़ में शान्ति हें ना
पायलेट ने सोचा
मनमोहन जी काश ऐसी शांति
आपके भारत देश में भी हो जाए
और भारत बर्बाद होने से बच जाए।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बुझा दिए टिमटिमाते चिराग

बुझा दिए मेने
रात के अँधेरे में
टीम टिमाते चिराग
झील मिलाते अँधेरे में
यादें उनकी नहीं होती थीं ताज़ा
इसीलियें कर दिया अँधेरा मेने ।
सुबह हुई तो
मेरे दिल ने यह कहा
हसीन यादों की शमा
फिर से जला डालो
दफन हें मेरे सिने में
यादें आज भी उनकी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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