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04 सितंबर 2010

ठाकरे ने कोंग्रेस को सोनिया का पान का ठेला बताया , खुद ने खुद के गिरेबान में नहीं झाँका

सोनिया गाँधी के चोथी बार कोंग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर शिवसेना के बाल ठाकरे के पेट में दर्द होने लगा हे और इसका नतीजा यह रहा के इन जनाब ने अपने खुद के समाचार पत्र सामना में कोंग्रेस को सोनिया गाँधी की चाय का ठा बताया हे सामना में ठाकरे ने लिखा हे के कोंग्रेस की चाय का ठेला पहले तो नेहरु फिर इंदिरा और फिर राजीव गाँधी ने चलाया हे और अब १२ साल से सोनिया गांधी चला रही हें । अब हम शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे की बात करते हें ठाकरे जो खुद को सत्यवादी,राष्ट्रवादी,न्यायवादी,सिद्धांतवादी कहते हें वोह शिवसेना जब से बनी हे उसके सुप्रीमों बने हें शिवसेना में पदों की लड़ाई के मामले में पुत्र मोह के चलते उन्होंने शिवसेना को अपने खून से सींचने वाले राज ठाकरे को बाहर का रास्ता दिखा दिया जिन्हें आखिर में मनसे पार्टी बनाना पढ़ी , भाई अगर शिवसेना सुप्रीमों में जरा भी नेतिकता होती तो वोह जनाब पहले शिवसेना के प्रबन्धन के बारे में खुद के गिरेबान में झांक कर देखते और फिर खुद की पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र ठीक करते फिर कहीं उन्हें कोंग्रेस और कोंग्रेस की विरासत अध्यक्षता पर टिप्पणी करने का अधिकार था लेकिन भाई ठाकरे हो चाहे सोनिया नेतिकता कहाँ हे ताज्जुब तो यह हे के सामना की इस खबर को दुसरे अखबारों ने बढ़े चटखारे ले लेकर छापी हे जबकि उन्हें भी शिवसेना को गिरेबान में झाँकने की सलाह देना चाहिए थी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भाजपा राजस्थान प्रवक्ता भवानी सिंह का जन्म दिन

राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव रहे भाजपा विधायक भवानी सिंह का आज जन्म दिन हे वोह भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता भी हें आज से तिन साल पहले इसी जन्म दिन को उनके सत्ता में रहने के दोरान उनके बरसाती मेंडक समर्थकों ने इस दिन को उत्सव के रूप में मनाया था । हजारों की तादाद में भीड़ को अखाट्टी कर जब तक सूरज चाँद रहेगा भवानी सिंह राजावत तेरा नाम रहेगा लेकिन आज वोह सत्ता में नहीं हे वोह लम्बी खतरनाक बिमारी से इलाज करा कर भी लोटे हें लेकिन उनके समर्थक डूबता जहाज़ से जेसे चूहे कूद कर भागते हें ऐसे एक एक कर भाग गये हें उनके पास आज केवल गिनती के लोग ही हें जिन्होंने राजावत के जन्म दिन को हजारों की भीड़,शोरशराबा और उत्सव से घटा कर केवल अकबार के बधाई संदेश तक ही सिमित कर दिया हे हे ना वक्त वक्त की बात सत्ता और सत्ता से नीचे उतरने के बाद भीड़ में कितनी कमी आ जाती हे यह देखने की बात हे कल जो लोग भवेन की जयजयकार कर रहे तहे आज ही लोग धारीवाल मंत्रीजी के इशारे पर जान देने को तय्यार बेठे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भाजपा अध्यक्ष गडकरी का मुस्लिम प्रेम

भाजपा के गडकरी जो मुस्लिमों के वोट बटोरने के नाम पर कोंग्रेस के खिलाफ तुष्टिकरण का आरोप लगाते रहे हें आज उनको संघ की कट्टरता त्याग कर खुद पार्टी के दस प्रतिशत बढने की मुहीम में उस्ल्मानों की तारीफ में कसीदे पढना पढ़े हें गडकरी ने रायपुर में आयोजित एक सभा में कहा के भाजपा मुस्लिम विरोधी नहीं हे लेकिन कोंग्रेस ने मुसलमानों को केवल ठगा हे इतने वर्ष के कोंग्रेस के शासन में कोंग्रेस ने मुसलमानों को केवल कबाड़ी,मिस्त्री ही बनाया हे ,गडकरी ने उदाहरण दिया के मेरा निजी स्कुल हे जिसमे से अब तक ६००० मुस्लिम छात्र छात्राएं इंजीनियर बन चुके हें , गडकरी का भाजपा के दस प्रतिशत वोट बढाने की मुहीम के दोरान उपजा मुस्लिम प्रेम कोई नई बात नहीं हे मुस्लिम तो वोट बेंक हे कभी भाजपा तो कभी कोंग्रेस तो कभी सपा जो भी हो वोट लेती हे और फिर मुलिमों को ५ साल के लियें सत्ता में आने के बाद हर पार्टी उन्हें खूंटी पर टांक देती हें , गडकरी का अचानक भडका मुस्लिम प्रेम कहीं पार्टी के कट्टर पंथियों के चलते उनके लियें नई म्सिब्तें खड़ी नहीं कर दे यह तो वक्त ही बताएगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बूंदी ऐ डी जे की पिटाई किसी ने नहीं बचाया

बूंदी में अपर जिला जज के पद पर कार्यरत अनवर को बूंदी से कोटा आते वक्त दो युवकों ने सीट के माले में झगड़ा कर पीट दिया इतना ही नहीं उन्हें बस से बाहर भी फेकने का प्रयास किया बूंदी से कोटा का सफर करीब ४५ मिनट का हे इस सफर में लगातार झगड़ा होता रहा और असंवेदनशील समाज में से बीच बचाव के लियें ना तो कोई सवारी बोली और न ही ड्राइवर कन्डक्टर ने इस मामल में कोई बीच बचाव की पहल की ,अपर जिला जज से मारपिटाई करने वाले तो बस से उतर कर ओटो में बेठ कर भाग ही गये तहे लेकिन वोह तो जज साहब की सूझ बुझ ने दिमाग लगाया और वोह भी साथ ही उतर गये उन्होंने तूर्ण पुलिस को खुद का परिचय देकर सुचना दी और पुलिसकर्मी की मोटर साइकल पर उसका पीछा क्या आखिर दोनों शरारती लडके पकड़ में आ गये अब दोनों लडके जेल की हवा खा रहे हें दोस्तों इस घटना एन कहने को तो साधारण मारपिटाई का अमले हे लेकिन समाज की कायरता का नंगा स्चुरी भरी बस में इस तरह की हरकते करीब ४५ मिनट तक होती रहीं और किसी भी सवारी ड्राइवर कंडक्टर कोई बीच बचाव नहीं क्या इस मामले में सवारियां तो खेर नेतिकता की दोषी हें लेकिन ड्राइवर और कन्डक्टर के खिलाफ भी इस मामले में कार्यवाही होना चाहिए क्योंकि उन्होंने खुद का कृत्य नहीं निभाया हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मत झाँक दूसरों के घरों में

दूसरों के घरों में
झाँकने से
तुझे हासिल
क्या होगा
मत झाँक
दूसरों के घरों में
झांकना हे
तो झाँक
तेरे खुद के
गिरेबान में
खुद बा खुद
तू अपनी
नजरों से
गिर जाएगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मेरा सब कुछ अच्छा हे

मेरा हर दिन
तेरी हर रात से
अच्छा हे ,
मेरा हर गीत
तेरे हर जज्बात
से अच्छा हे
तू दुल्हन बनी हे
मगर
तेरी डोली से
आज
मेरा जनाज़ा
अच्छा हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कभी महसूस तो कर

खामोश रहकर
हम तेरी
महफ़िल में
बस तेरे लियें
ही तो रहते थे
तुझे किया
तू तो बस बेखबर हे
हमारे आने से
खुदा करे
तुझे भी
महसूस हो कभी
किसी की अनदेखी
महफिल में उसे बुलाकर
करने पर
खुद के दिल को
क्या तकलीफ देती हे।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा से जयपुर बस का सफर

वोह और में
घर से साथ निकले
वोह सस्ते किराए में
जयपुर जाने के लियें
डीलक्स प्राइवेट बस में बेठे
बस नई ,खुबसुरत,वातानुकूलित थी
बस किराया मात्र १५० रूपये
में ठहरा जिद्दी हिन्दुस्तानी
सोचा चलो सरकार की कमाई करे जाए
सो प्राइवेट बस छोड़ कर
बस स्टेंड चल दिया
वहां एक टूटी फूटी बस खड़ी थी
नाम राजस्थान परिवहन डीलक्स लिखा था
टिकिट की खिड़की पर जब में गया
तो मुझसे डीलक्स सेवा हे
इसलियें २५० रुए मांगे
मेने सोचा चलो छोड़ो
प्राइवेट में १५० सरकार में २५० हे तो क्या हुआ
हम तो जिद्दी हिंद्स्तानी हें
इसलियें सरकार की कमाई करानी हे
बस चली खटर खटर
खिड़कियाँ दरवाजे हिल रहे थे
ड्राइवर जनाब बस को गड्डों में कूदा रहे थे
स्पीड ब्रेकर हो चाहे हो नाला
बस उस पर सर्कस की तरह उछाल रहे थे
खुदा खुदा करके जब पहुंचे हम जयपुर
तो वोह जनाब मेरी हालत पर मुस्कुरा रहे थे
वोह १५० रूपये में जयपुर पहुंचे
लेकिन पुरे के पुरे फ्रेश थे
में दो घंटे बाद पहुंचा
लेकिन मेरी हालत ऐसी थी
मानो मेरे साथ किसी ने बलात्कार किया हो
सोचा ऐसी की तेसी ऐसे जिद्दी हिन्दुस्तानी की
रोडवेज़ ना सुधरेगी ना इसकी बसें सुधरेंगी
में भी सो रुपुये किराया बचाऊंगा
आराम और ठाठ से वापस प्राइवेट बस में जाऊँगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पूर्व केन्द्रीय मंत्री भुवनेश चतुर्वेदी को कोटा अभिभाषक परिषद से निकाला

कोटा से कई बार विधायक और राज्यसभा में सदस्य रहे वरिष्ट कोंग्रेसी ,वरिष्ट पत्रकार और पूर्व केन्द्रीय मंत्री भुवनेश चतुर्वेदी को आज कोटा अभिभाषक परिषद से तीन साल के लियें निलम्बित कर दिया हे , भुवनेश चतुर्वेदी पर आरोप हे के उन्होंने अभिभाषक परिषद के महासचिव मनोजपुरी के साथ अकारण ही अभद्रता की और उन्हें अपशब्द कहे ।
भुवनेश चतुर्वेदी कोंग्रेस सरकार में नर्सिंग्घा राव सरकार में प्रधानमन्त्री कार्यालय में राज्य मंत्री थे और राजस्थान ही नहीं देश की राजनीति में वोह विशेष अहमियत रखते हें कोटा अभिभाषक परिषद में वोह करीब ५२ वर्ष से सदस्य रहे हें वोह किसी भी पद पर रहे हों लेकिन कोटा बार में वोह लगातार सदस्य के रूप में उपस्थित रहे हें , उनके सांसद कार्यकाल में उनके सांसद कोष से कोटा अभिभाषक परिषद में न्यायालय के भवन , जन सुविधाएं , और अभिभाषक परिषद का पुस्तकालय भवन बनाया गया हे इसके अलावा कोटा बार में अनेक बार वी वी आई पी को वोह लेकर आये हें कोटा अभिभाषक परिषद ने उन्हें निकालने के पहले साधारण सभा के पूर्व निर्णय अनुसार कारण बताओ नोटिस भी नहीं दिया हे , भुवनेश चतुर्वेदी पिछले दिनों रोज़ की तरह कोटा अभिभाषक परिषद में उपस्थित थे लेकिन एक मामले को लेकर उनकी महासचिव मनोजपुरी से गरमा गर्मी हो गयी मनोज पूरी ने पदाधिकारी होने के नाते उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने उनके हाथ में हमेशां रहने वाला डंडा जब मनोजपुरी की तरफ किया तो यह उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ आज इस मामले को अभिभाषक परिषद की कार्यकारिणी में रखा गया जहां किसी भी पदाधिकारी के साथ अभद्रता को गम्भीरता से लिया और कहा गया की आरोपी चाहे कितना ही बढा हो उसके खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए और बस फिर सर्वसम्मती से भुवनेश चतुर्वेदी को कोटा अभिभाषक परिषद से तीन साल के लियें निलम्बित करने का निर्णय लिया गया कोटा के वकीलों का यह अब तक का ऐतिहासिक कठोर निर्णय हे इसके पूर्व कोटा अभिभाषक के पुर अध्यक्ष रमेश कुशवाह और पूर्व उपाध्यक्ष को कोट अभिभाष परिषद से तीन वर्षों के लियें निष्कासित कर दिया गया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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