आपका-अख्तर खान

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05 सितंबर 2010

आज मस्जिदें सजेंगी कब्रिस्तानों में होगी रौशनी

आज विश्व भर के मुसलमान अपने गुनाहों से तोबा और इबादत की बेशकीमती रात में रात भर खुदा से अपने गुनाहों की तोबा कर इबादत करेंगे शबे कद्र यानी इज्जत वाली रत और इसी रात को मुस्लिम धर्म की आयतें जिन्हें बाद में करान मजीद हुआ अवतरित हुआ था मुसलमान मुकम्मल मुसलमान हुआ था उसे खुदाई कानून और हुक्म के जरियेदुनियावी कायदे कानून और हुदा के हुक्म के बारे मन जानकारी हुई थी जिब्रील अलेहस्स्लाम ने इस मोके पर पूरा करान मजीद हुजुर सल्लाल लाहो अलेह व्स्ल्लल्म को सुनाया था , इबादत की इस रात को लोग अपने पूर्वजो को याद करने के लियें कब्रिस्तानों में जाकर दुआ मांगते हें और मस्जिद हो चाहे हो कब्रिस्तान या हो मजार वहां रौशनी लगा कर उस जगह को रोशन करते हें और इस मुकद्दस रात को पूरी रात इबादत करते हें ।
हमारे मुस्लिम कुछ नेताओं ने इस मुकद्दस रात को भी राजनीति से जोड़ दिया हे और राजनीति में लगे मोलवी मोलाना इस रात को किसी भी मजार या कब्रिस्तान में कोई ना कोई कार्यक्रम आयोजित कर अख़बार वालों को बुलाकर फोटो खिचवाते हे और फिर इसकी राजनितिक खबरें बनवा कर उनके साथ कितने मुसलमान हें यह खबरे लेजाकर हाईकमान को बताते हें यह एक अफ्सोसो नाक पहलु हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हथियार पकड़ने गये थे हथियार गुमा बेठे

कोटा के विज्ञानं नगर पुलिस के अधिकारी पिछले दिनों एक सुचना पर झालावाड रोड हथियार पकड़ने के लियें खुद सरकारी पिस्तोल और दस गोलियां मालखाने से इश्यु करा कर ले गये थे और उन्होंने मोके पर जाकर एक जीप को जब्त भी क्या , लेकिन जब तने पर वापस लोटे तो उनके पास पिस्टल तो थी लेकिन पिस्टल में दस राउंड गोलिया गायब थीं अब कोटा के वरिष्ट पुलिस अधिकारी लक्ष्मण गोड इस मामले की जांच कर रहे हें और थानाधिकारी के नाम से इश्यु इस पितोल और कारतूस मामले में ऐ एस आई को बली का बकरा बनाने की तय्यारी चल रही हे । हे ना मजेदार बात हथियार पकड़ने गयी पुलिस खुद का हथियार ही सुरक्षित नहीं रख सकी अब ऐसी उलिस को क्या खे कोई आगे मुठभेड़ का वक्त आ जाता तो क्या होता सब जानते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वसुंधरा की सुरक्षा हटाई अधिकारीयों को पता ही नहीं

राजस्थान पुलिस भी अजीब हे नेताओं को यहाँ सुरक्षा दी जाती हे और बिना किसी सरकारी आदेश के पुलिस महानिरीक्षक और सरकार के मंत्रियों की जानकारी में मामला लाये बगेर उनकी सुरक्षा नेताओं को पूर्व सुचना दिए बगेर अचानक हटा ली जाती हे वोह भी ऐसे बक्त पर जब नेताओं को जान का खतरा बना हुआ हे , जिन नेताओं को पहले किसी ना किसी वजह के चलते सुरक्षा उपलब्ध कराई हे आखिर उनकी सुरक्षा अचानक किन कारणों से किस अधिकारी के आदेश से हटाई गयी इसे कोई स्वीकार करने को तय्यार नहीं हे , राजस्थान के पुलिस महानिदेशक कहते हें के मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं , नेता कहते हें के सुरक्षा हटाने के पहले हेमन सूचित नहीं क्या गया सरकार के अधिक्रत मंत्री कहते हें के मुझे कोई जानकारी नहीं तो क्या यह किसी आतंकवादी का खेल हे जो धोके से सुरक्षा हटाकर किसी नेता की हत्या करना चाहता हे , राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया,डोक्टर किरोड़ीलाल मीणा , भजपा के ओम माथुर की सुरक्षा अचानक हटाने से भाजपा के नेताओं और विपक्ष में हडकम्प मचा हे साथ ही जनता के सामने सरकार के गेर जिम्मेदाराना रवय्ये के मामले में एक सवाल खड़ा हो गया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जोधपुर में डॉक्टरों की हडताल से ६ बच्चों की म़ोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ग्रह जिले में डॉक्टरों की हड़ताल पर हाईकोर्ट की पाबंदी के बाद भी बिना किसी कारण के डोक्टर हडताल पर चले गये और हडताल इतनी बेरहम की ६ नजात शिशु और असंख्य मरीज़ तडपते रहे लेकिन डोक्टर हेवान से इंसान नहीं बने और नतीजा मुख्यमंत्री के गर जिले में ६ नवजात बच्चों की म़ोत का कलंक मुख्यमंत्री के सर मंड गया ।
डॉक्टरों की हडताल एक गम्भीर बात हे और उससे ज़्यादा क्षेत्रीय प्रशासन की ढिलाई हे जो वैकल्पिक व्यवस्था करने में असमर्थ रहती हे हडताल किल भी करत हें लेकिन कोई भी हड़ताल हो पर्दे के पीछे जेल में बंद लोगों को केसे ना केसे छुड़ाने की जुगत में वकील अवश्य लगे रहते हें डॉक्टर्स की तरह मरणासन्न मरीज़ को खुदा के भरोसे कभी भी नहीं छोड़ते , जोधपुर में मासूम बच्चों की अकाल म़ोत सरकार की उस लापरवाही की भी पोल खोलती हे जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट ने एक वर्ष पहले सरकार को डॉक्टरों की हडताल रोकने इससे निपटने और कार्यवाही करने के लियें कानून नियम बनाने के निर्देह दिए तहे लेकिन एक तरफ जहां राजस्थान में स्वेन फ्ल्यू की महामारी हे वही दूसरी तरफ आवश्यक सेवाओं के नियमों के तहत पाबन्द डॉक्टर्स की हडताल अमानवीय और उनकी डिगरिया छिनने के लियें काफी हे जोधपुर की गूंज कोटा में भी सुनाई दी हे और यहाँ के चिकित्सक भी हडताल पर चले गये हें वरिष्ट चिकित्सक आज से हडताल पर जाने की योजना बना रहे हें कोटा में स्वेन फ्ल्यू से अब तक अध दर्जन लोगों की म़ोत हो गयी हे और मोसम के चलते हजारों लोग खांसी ज़ुकाम की चपेट में हे जबकि सेकड़ों लोगों के टेस्ट के बाद स्वाइन फ्ल्यू पोजेटिव आया हे ऐसी विकट परिस्थितियों में चिकित्सकों की हडताल उन्हें जानवर नहीं तो क्या कहने को मजबूर करती हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कीमत आंसुओं की

आंसुओं की कीमत
सिर्फ वही लोग जानेंगे
जो हर वक्त
किसी को
याद रखते हें
दिल के गम
वोह जानेंगे
जो किसी की याद
हमेशां
अपने दिल में
रखेंगे
रिश्ते क्या होते हें
रिश्तों को तो बस
वही निभा पायेंगे
जो किसी को
अपना बनायेंगे।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ब्रिटेन के हुक्मरान टोनी ब्लेर के जूते पढ़े

इराक युद्ध में अमेरिका के जोर्ज बुश के साथ कंधे से कंधा मिला कर अमानवीय कृत्य कर मानव नरसंहार करने वाले ब्रिटेन के तात्कालिक हुक्मरान टोनी ब्लेर को आज अर्जेन्टाइना में जूते चप्पल और अंडे टमाटर कहां पढ़े ,टोनी ब्लेयर जो मानवता के नाम पर कलंक रहे हें और जोर्ज बुश के साथ हिन्दुस्तानी नीतियों के मामले में पकिस्तान को भडका कर भारत पर अपना रोब जताने की कोशिश करते रहे हें उसी ब्लेर पर जब जूते चप्पल और अंडे टमाटर पधर रहे तहे तो विश्व का अमन पसंद तबका इसे देख कर खुशियाँ मना रहा था और खुदा का शुक्र अदा कर रहा था , कहते हें न जेसी करनी वेसी भरनी अभी तो आगे आगे देखिये होता हे क्या। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इंसान के जिस्म में शेतान

जिस्म इंसानी
आत्मा शेतानी
ऐ नक्सली
तुम केसे हिन्दुस्तानी ,
बिना किसी बात के
खून अपने भाइयों का
बहाते हो ,
मां की गोद उजाड़ते हो
तो दूसरी तरफ जवान महिलाओं को
विधवा बनाते हो ,
ऐ नक्सलियों
क्यूँ नाहक
निर्दोषों का खून बहाते हो ,
बात जो तुम्हारी हे
मांग जो तुम्हारी हे
जनता के जरिये
सरकार को क्यूँ नहीं बताते हो
नहीं सुनती गर सरकार तुम्हारी
तो फिर इस लोकतंत्र में
तुम क्यूँ अपना हक नहीं जताते हो
अरे दूसरी पार्टियों के देने से समर्थन
तो यह अच्छा हे
मुख्य धारा में जुड़ जाओ तुम
चुनाव तुम लड़ो
जित कर सरकार बनाओ तुम
फिर क्यूँ तुम अपनी
मांगें नहीं बताते हो
जो ज़िम्मेदार हें
तुम्हारी इस हालत के लियें
सबक उन्हें सिखाना हे
चेहरे उनके देश को दिखाना हे
ऐ नक्सलियों उठों खुद को खुद से मिलाओ
नजर जरा जिन्हें विधवा तुमने किया हे
उनसे आकर मिलाओ
निकल कर फेंक दो
आत्मा तुम्हारे अंदर घुसी राक्षसी
अब तुम भी आम हिन्दुस्तानी बन जाओ
इंसान बनो इंसानियत लाओ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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