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06 सितंबर 2010

पंवार के बाद अब मनमोहन सिंह कहते हें मुफ्त गेहूं नहीं देंगे

देश में गोदामों में अरबों रूपये का गेहूं सड रहा हे , लगातार गेहूं सड़ने की घटना पर सरकारी कुप्रबंध के चलते आखिर सुप्रीम कोर्ट को इस मामले की समीक्षा कर सरकार को निर्देश देना पढ़े के गोदामों में गेहूं सडाओ मत बलके गरीबों में मुफ्त बाँट दो , सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से गरीब बहुत खुश थे और इस इन्तिज़ार में थे के उन्हें कमसे कम कुछ दिन तो मुफ्त गेहूं मिल जाएगा लेकिन क्रषि मंत्री शरद पंवार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां ही नहीं उडायीं बल्की सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनकार कर दिया बस इस बयान को सुनकर सुनकर सुप्रीमकोर्ट का गुस्सा वाजिब था सुप्रीम कोर्ट ने दो तुक शब्दों में पंवार से कहा के यह कोई निर्देश नहीं बलके पालना करने के लीयें आदेश हे सुप्रीमकोर्ट की इस सख्त लताड़ से एक बार तो शरद पंवार की घिग्गी बंध गयी क्यूंकि देश के गोदामों में रखा अनाज अगर सडाया नहीं जाता हे और गरीबों में मुफ्त बांटा जाता हे तो देश में अनाज की खपत कम होने से अनाज के मूल्य कम होने की पूरी सम्भावना थी और इससे जनता को फायदा और व्यापारियों और कालाबाजारियो को भयंककर नुकसान था , बस इसी लियें शरद पंवार घबरा गये लेकिन अब उनके इस घोटाले में प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह खुल कर सामने आ गये हें मनमोहन सिंह नहीं चाहते के अनाज गरीबों में बांटे वोह कहते हें के अनाज गोदामों में सड जाये लेकिन गरीबों के पास मुफ्त नहीं जाये क्योंकि एक अर्थशास्त्री होने के नाते वोह खूब जानते हें के अरबों रूपये का अनाज अगर मुफ्त में बाजारों में चला गया तो देश में अचानक खाद्य पदार्थों के मूल्य कम हो जायेंगे और व्यापारियों को अरबों रूपये का गोदामों में पढ़ा अनाज कोडियों के दाम बेचना पढ़ेगा मनमोहन ने शायद व्यापारियों से पूर्व समझोता कर रखा हे इसी लियें वोह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी खुलेआम मानने से इनकार करते हुए ऐसे आदेशों को अमर्यादित तरीके से ललकार रहे हें और ख रहे हें के सुप्रीम कोर्ट को नीतिगत निर्णयों में दखल नहीं देना चाहिए में पुन्चता हूँ क्या देश के अनाज को गोदामों में सड़ा कर फेक देना सरकार का नीतिगत निर्णय हे अगर नहीं तो फिर इस आदेश को मानने में क्या बुराई हे , सुप्रीम कोर्ट के आदेश नहीं मानने के मामले में अब मनमोहन ने विश्व हिन्दू परिषद की बराबरी कर ली हे अयोध्या मामले में भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद अदालत का आदेश मानने से इनकार करते हें तो हमारे मनमोहन जी गेंहूँ सड़ने से पहले ही गरीबों को बाटने का आदेश मानने से इंकार करते हें वाह भाई वाह मनमोहन जी देश के दुसरे मामलों में आपने लाखों कामों को जो गरीबों के हित में हे अदालतों के आदेश का बहाना बनाकर अटका रखा हे एक मुफ्त गेहूं बांटने का आदेश आपके चहेते व्यापारियों को नुकसान पहुंचा रहे हें तो आप सुप्रीम कोर्ट को ललकारने लगे हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नक्सलियों ने तीनों बंधक छोड़े शुक्र हे खुदा का

बिहार में अपह्रत तिन पुलिस कर्मी आज नक्सली गिरफ्त से रिहा हो गये उन्हें सुरक्षित रिहा देख कर सभी लोगों ने राहत की साँस ली हे कल नितीश ने इस मामले में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और उसमें बंधकों को चुदवाने पर आम सहमती बनी थी । एक बधक की नक्सलियों ने बेरहमी से हत्या कर अपना संदेश रिहा किये गये बाक़ी तीनों बंधकों की भी हत्या कर देने के मामले में भी छोड़ा था,बंधकों की रिहाई त्योहारों के इस मोके पर ख़ुशी की बात हे इस मामले में खुदा का जितना भी शुक्र अदा करें वोह कम हे लेकिन बंधों की नाटकीय रिहाई देश के लोगों के गले नहीं उतर रही हे आखिर जो नक्सली अपने साथियों की रिहाई की मांग को लेकर खफा तहे और उन्होंने गुस्से में अपह्रत जवानों में से एक की निर्मम हत्या कर दी फिर सर्वदलीय बैठक के बाद आखिर ऐसा कोनसा जादू हो गया के चुनाव आचार संहिता लगने के एक दिन पहले खतरनाक नक्सली बड़े प्यार से अपह्रत तीनों पुलिस कर्मियों को सुरक्षित छोड़ देते हें बस इसी मामले को लेकर आज देश असमंजस में हे और इन सवालों के जवाब तलाश रहा हे लेकिन ख़ुशी इस बात की हे के बंधक सुरक्षित लोट आये हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बिहार में चुनाव की घोषणा

देश के सबसे खतरे वाला राज्य माने जाने वाले बिहार में चुनाव की घोषणा होने से सभी पार्टियाँ जोड़ तोड़ में लग गयी हें , बिहर की २४३ विधानसभा सीटों के लियें इस बार कुल ६ चरणों में पुरे डेड माह में चुनाव होंगे , इस दोरान राज्य की कानून व्यवस्था देखते हुए वहां चुनाव आयोग सुरक्षा के कड़े प्रबंध करने के मुड में हे बिहार में आज से ही चुनाव आचार संहिता लग गयी हे , चुनाव की घोषणा के बाद नितीश और भाजपा गठ्बन्धन अपनी पुरानी लड़ाई को भुला कर फिर से नई पारी खेलने की कोशिश में लगा हे जबकि कोंग्रेस अपनी अकेले की ताकत के बल पर लालू और पासवान गठ्बन्धन का खेल बिगाड़ने के मुड में हे बिहार में इस बार सबसे ज्यादा नक्सली मुद्दा छाया रहेगा और अगर सितम्बर में अयोध्या का फेसला आ जाता हे तो फिर भाजपा एक बार फिर इस नाम पर वोटों की राजनीति करने के मुड में हे कुल मिला कर इस बार कोंग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने से नितीश भाजपा गठ्बन्धन को फायदा तो होगा लेकिन फिर भी लालू और पासवान गठ्बन्धन से उनकी कड़ी टक्कर हे वहां हिंसा की घटनाओं की पूर्व सूचनाएं होने से कानून व्यवस्था को लेकर चुनाव आयोग प्रूर्ण रूप से चोकस हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

घर से निकलते ही आवारा जानवर और गड्डे मिल गये

कोटा में पहले भाजपा का महापोर था
में और मेरी तरह कई लोग
घर से
इसलियें नहीं निकलते तहे
क्यूंकि
भाजपा बोर्ड में शहर की सडकें खुदी थीं
सडको पर आवारा जानवरों का उत्पात था
चुनाव हुए हमने मेंहनत की
कोंग्रेस की दिल्ली जयपुर की सरकार देख कर
कोटा में भी कोंग्रेस की माह्पोर हो
इसलियें कड़ी से कड़ी जोड़ने के लियें मेहनत की
हमारी मेहनत रंग लायी कड़ी से कड़ी जुड़ गयी और महापोर कोंग्रेस की बन गयीं
फिर कड़ी से कड़ी जुडी
कोटा के मंत्री जी को स्वायत्त शासन यानि शहरी विकास मंत्रालय मिल गया
में बहुत खुश हुआ
सोचा चलो अबतो कड़ी से कड़ी जुड़ गयी हे
मंत्री भी अपने सरकर भी अपनी महापोर भी अपनी
अब तो शहर इ सफाई सड़के सब चका चक होंगी
दोस्तों में बाहर निकला मोटर साइकल ली
और सडक पर चल दिया
पहले तो एक नाली पर पत्थर ना था वहां धम से गिरा
फिर उठा आगे गंदगी का ढेर था उसमें मोटर साइकल का पहिया फिसल गया
फिर उठा थोडा चलता खड्डे में मोटर साइकल सहित गिर गया
टूटी मोटर साइकल बिगड़ी शक्ल लेकर में डरा सहमा
घर की तरफ मुडा सोचा घर चलो
बस फिर क्या था दो लावारिस गायें लडती हुई आयीं
मेंने बचने की कोशिश की लेकिन वोह मुझसे टकराई
में फिर गिरा धडाम से एक गएँ मुझे कुचलती हुई निकल गयी
में कराहता रहा चिलाता रहा
चेहरे और बदन पर ज़ख्म ही ज़ख्म थे
मोटर साइकल टूटी थी
में चुप छाप उठा और घर चल दिया
में सोचता के कहीं लोग नगर निगम की लाईट में मेरी यह दुर्दशा ना देख लें
सो में कपट छुपता जाने की सोचने लगा लेकिन भला हो नगर निगम का
जो मेरी लुटी पिटी हालत लोग ना देख सकें इसलियें नगर निगम की लाइटें
हमेशां की तरह बंद मिली मेने तसल्ली की सोचा
चलो मुझे इस हालत में
भाजपा के नेताओं ने तो नहीं देखा
नहीं तो बताओ में उन्हें
कड़ी से कड़ी जोड़ने और शहर सुधारने की डींगें मारने का क्या जवाब देता
मेने दिल ही दिल नगर निगम की महापोर को धन्यवाद दिया
सोचा चलो हमेशां की तरह रत की रोड लाइटें बंद थीं
वरना लोग मुझे इस हालत में देखते तो
मेरी सरकार की दरिंदगी के चलते
में तो शर्म से ही मर जाता
सोचा चलो जान बची लाखों पाए
लोट के बुद्धू घर को ए।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रघु शर्मा ने भरत सिंह को फिर मानसिक रोगी बताया

कोंग्रेस में विधायक रघु शर्मा और राजस्थान सरकार में मंत्री भरत सिंह के बीच वाक् युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा हे कभी अशोक गहलोत के खासम खास रहे रघु शर्मा अब अशोक गहलोत की आँख की किरकिरी बन गये हें इसलियें रघु शर्मा को खुद की उपस्थिति का एहसास कराने के लियें कुछ ना कुछ जतन करना पढ़ता हे इसी क्रम के चलते हाल ही में विधानसभा में कोंग्रेस विधायक रघु शर्मा ने मंत्री भरत सिंह को मानसिक रोगी बताते हुए इनका इलाज डोक्टर से कराने की सलाह दी थी भरत सिंह उस वक्त तो खामोश रहे लेकिन कल शिक्षक दिव के अवसर पर उन्होंने अपनी भडास निकालते हुए कहा के आज के शिक्षक सही नेतिक शिक्षा नहीं दे रहे हें और इसीलियें ऐसी शिक्षा के चलते लोग मेरे खिलाफ इस तरह का बयान दे रहे हें मंत्री भरत सिंह के इस बयान से रघु शर्मा और भडक गये हें और उन्होंने कल फिर आपा खोते हुए कह डाला के में सही कहा था क्यूँ की मेने भरत सिंह के लियें जो कहा था विधानसभा में कहा था वहां उन्होंने जवाब नहीं दिया और बाहर आज बयान दे रहे हें इसलिए भरत सिंह का मानसिक इलाज जरूरी हो गया हे इस मामले में सी पी जोशी ने पिछले दिनों एक रोजा आफ्टर कार्यक्रम में इस बयानबाज़ी को गभीरता से लेकर इसे गलत बताते हुए ऐसी बयाना बजी से बचने की सलाह दी थी लेकिन देखों कोंग्रेस के अध्यक्ष की बात ना तो भरत सिंह मानते हें ना ही विधायक रघु शर्मा उनकी कोई बात को तवज्जो देते हें इसीलियें सार्वजनिक रूप से इस तरह की बयानबाज़ी की जा रही हे जिससे अनुशासन टूट रहा हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोंग्रेस के जवाहर जेन का निधन

राजस्थान के कोंग्रेस में पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष और वरिष्ट कोंग्रेसी नेता जवाहर जेन का कल एक सडक दुर्घटना में घायल होने के बाद कोटा में निधन हो गया । उनके निधन पर राजस्थान के गृह मंत्री और कोटा जिला कोंग्रेस के अध्यक्ष शांति कुमार धारीवाल ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर अफ़सोस जताया । जवाहर जेन पूर्व केन्द्रीय मंत्री भुवनेश चतुवेदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकियों में से रहे हें उन्होंने कोंग्रेस सन्गठन का काम बड़ी इमानदारी से क्या हे , आज कोंग्रेस को उनका योगदान हमेशां यद् रहेगा लेकिन अफ़सोस इस बात पर हे के उनके निधन पर मुख्यमंत्री कार्यालय से अफ़सोस का संदेश भी नहीं आ पाया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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