आपका-अख्तर खान

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14 सितंबर 2010

यह केसे धर्म प्रेमी हें यारों .....

विश्व के सबसे अधिकतम भाषा और सबसे अधिकतम धर्मों का यह देह सिर्फ मेरा हिन्दुस्तान हें यहाँ हर वर्ग हर भाषा हर धर्म को सम्पूर्ण आज़ादी हे लेकिन फिर भी यहाँ के लोग धर्म के नाम पर अधर्म सडको पर फेला कर न्यूसेंस कारित करते हें और धर्म की आज़ादी को बदनाम करते हें । जी हाँ दूसरों की भावनाएं मर कर बीच सडक में कोई अगर धर्म के नाम पर बकरा काटेगा तो क्या यह अधर्म नहीं हे किसी धर्म के पूजनीय प्रतिबंधित पशु को कोई अपने शोक के लियें खायेगा तो क्या यह अधर्म नहीं हे। इसी तरह से अरबों रूपये खर्च कर कोई विदेश से रूपये लाकर अगर इस देश के लोगो को बहका कर अपने धर्म के प्रचार के नाम पर धर्मांतरण कराएगा तो क्या यह धर्म हे , अगर कोई सडको पर ढोल नगाड़े बजा कर प्रदर्शन के नाम पर दुसरे के धर्म को गली देगा तो क्या यह धर्म हे , अगर कोई धर्म के नाम पर साफ सुथरी सडक पर बीच में गायों को चारा डालेगा उन्हें अख्त्ता कर दुर्घटनाओं का कर्ण बनेगा तो क्या यह धर्म हे अगर नहीं तो फिर यह अधर्म हम और हमारे भाई रोज़ गली मोहल्लों में फेला कर क्यूँ इस धर्म को अपमानित कर रहे हें , ताज्जुब हे हमारे धार्मिक पंडित , मोलाना,पादरी बस चंदे की रसीदें लेकर देश भर में चंदा कर रहे हें और खुद बिना कुछ मेहनत करे लाखों रूपये प्रतिमाह की सुख सुव्दिहायें भोग रहे हें जनता के रुपयों के बल पर खुद तो राजनीति कर रहे हें और धर्म के उपदेशों,निर्देशों के नाम पर प्रत्येक धर्म गुरु खुद के धर्म को खतरे में बता कर धर्मान्धता भड़का रहे हें लेकिन धर्म क्या हे इसका पालन केसे करें कोई नहीं बताता हिन्दू हो चाहे मुस्लिम हो चाहे सीख हो चाहे हो इसाई सभी धर्म का सार एक ही तो हे जो गीता में लिखा हे जो गाँधी जी ने कहा हे, बुरा मत कहो,बुरा मत देखो ,बुरा मत सोचो,बुरा मत करो, सोचो जो पेड़ हुआ हे वोह मरेगा ना किसी को दुखी करो ना खुद दुखी होओं ,जियो और जीने दो , खुश रहो और खुश रहने दो , लेकिन कोन हे दोस्तों ऐसा जो इस देश में इन डरहम की भावनाओं का पालन कर रहा हे कोई नहीं तो फिर हम इस धर्म को कहा ले जा रहे हें क्यूँ धर्म के नाम पर नफरत और हिंसा बाँट कर अधर्म फेला रहे हें हे कोई आई का लाल जो यह बता सके के अगर हम धर्म के लियें श्रद्धा से सर झुका ते हें तो राक्षसी हरकतों के लियें क्यूँ और किसके कहने से अपना सर उठाते हें , कहीं ऐसा तो नहीं के कोर्व,रावण और कई ऐसे असुर राक्षस तहे जिनके कुछ वंशज रह गये हूँ और हम आज उन्हीं की सोच को आगे पढ़ा कर इस मेरे भारत महान को चलनी करना चाह रहे हों , दोस्तों मेरी बातें अन्यथा न लें लेकिन हम जरा अपने सीने पर हाथ रख कर देखें के आखिर क्या वजह हे जो हम धर्म के रक्षक होने की नोटंकी करने के बाद भी सबसे बड़े अधर्मी होने का सुबूत दे रहे हें शायद इस धडकन को हमने महसूस क्या तो इस मेरे भारत महान का महान बने रहने का अस्तित्व बचाया जा सकेगा वरना महाभारत और बर्बादी तो सामने खड़ी ही हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

निरक्षर इज्जत पाते हें ...

अल्लाह
यह केसी सजा हे
अनपढ़ हें
जो लोग
काले गोरखधंधों से
रूपये कमाते हें ,
रूपये कमाकर
यही लोग
शहर में इज्जत
की जगह
पाते हें ,
पढ़े लिखे
बेचारों का क्या
वोह तो
इन बे पढों के यहाँ
नोकरी लगवाने के लियें
चक्कर लगाते हें ,
यह तो
बेचारे पढ़े लिखे हें
इनके रोज़गार तो बस
किताबों में ही
दफन हो जाते हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जाट आरक्षण का हंगामा

हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग को लेकर आन्दोलनकारी जाटों पर पुलिस फायरिंग के बाद खासा हंगामा हो गया हे जाटों ने अपनी मांगों के समर्थन में हरियाणा की कानून व्यवथा को ठप्प कर दिया आन्दोलन ने हिंसा का रूप ले लिया और तोड़फोड़ आगजनी का प्रभाव सरकार और आम जनता पर भी पढ़ा, दो साला पहले राजस्थान में भी गुर्जर आन्दोलन के दोरान यही सब हुआ था और अब यही आन्दोलन हरियाणा में चल गया हे हरियाणा सरकार इस मामले में जाट नेताओं को पटाने में लगी हे लेकिन कमान गेर हरियाणवी लोगों के हाथ में होने से बात नहीं बन प् रही हे , हरियाणा में हल ही में लगी जाट आरक्षण की चिगारी को यद काबू में नहीं किया गया तो केंद्र और हरियाणा सरकार के लियें यह आन्दोलन मुसीबत बन जाएगा , इस मामल में जाट नेताओं को बुलाकर केंद्र और राज्य सरकारों को बात करना ही होगी तब कहीं वहां शान्ति व्यवथा बेठ पाएगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ई वी एम मशीनों ने अब तक के चुनावों को संदिग्ध क्या

देश में चुनावों में मतदान में ई वी एम मशीनों के उपयोग पर फिक्सिंग तकनीक का पर्दाफाश होने से लोकतंत्र को खतरा पैदा हो गया हे देश के सभी राजनितिक दलों ने इस पर आपत्ति जताई हे , हमारे राजस्थान में तो टोक माधोपुर लोकसभा इलाके के नमोनारायण मीना के चुनाव में वोटो की गिनती के वक्त ई वी एम मशीन का ही खेल कम में आया और राजस्थान में पिछली गहलोत सरकार की जित की उम्मीद के बाद भी करारी हार ने ई वी एम मशीनों के लियें शक पैदा क्या हे अब ई वी एम मशीनों के इन संदेहों के चलते देश के लोकतंत्र को बहुत बढ़ा खतरा पैदा हो गया हे और आज तक के होने वाले पुराने चुनावों पर भी खतरा पैदा हो गया हे , वी भी मशीन और आदमी में फर्क तरो होता ही हे मशीन से चमत्कारिक तरीके से जो हाहो वोह अपनी मन मर्जी का उग्र्वाया जा सकता हे यह सभी इंजीनियर वैज्ञानिक जानते हें फिर भी लोकतंत्र के लियें इतना बढा खतरा क्यूँ लिया गया हे समझ में नहीं आता , अमेरिका की नकल का जहाँ तक सवाल हे तो भाई वहां तो हर आदमी इलेक्ट्रोनिक सिस्टम का जानकार हे और वोह चोरी पकड़ने में सक्षम हें यहाँ तो आधी जनता तो साक्षर ही नहीं हे इसे कहते हें कव्वा चले हंस की चाल अपनी चा भी भूल जाए। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भाजपा के मोदी की फजीहत

भाजपा के नरेंद्र मोदी चाहे पार्टी के स्टार प्रचारक हो लेकिन बिहार चुनाव में नितीश कुमार से पार्टी का गठ्बन्धन बनाये रखने के लियें पार्टी मोदी को बार बार राष्ट्रिय स्तर अपमानित करवा रही हे पार्टी के लोग चाहते हें के मोदी बिहार में प्रचार प्रसार करें लेकिन नितीश के डर से भाजपा के वरिष्ठ नेता बाद में माफ़ी मांग कर अपने बयानों से हट रहे हें और यह सब बार बार नरेंद्र मोदी के नाम को लेकर फजीहत हो रही हे गुजरात के नेता का लगातार बिहार की राजनीती के लियें इस तरह का अपमान ना तो पहले कभी हुआ हे और न ही बाद में कभी होगा क्योंकि राजनीति बहुत कुट्टी चीज़ होती हे थोड़े सा फायदे के लियें अपने ही नेता को बार बार बेईज्जत करवाने से भी बाज़ नहीं आती। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में गुण्डा एक्ट का आतंक १५ से

राजस्थान में घोषित गुण्डों को नियंत्रित करने के लियें बनाया गया कानून सुप्रीम कोर्ट द्वारा संवेधानिक मानकर बहाल कर देने के बाद अब पुलिस कर्मियों को इसे लागू करने के लियें पुलिस महानिदेशक हरीश मीना ने आवश्यक निर्देश देकर १५ सितम्बर से इस कानून के तहत गुंडों को प्द्क्दने और उनके खिलाफ कार्यवाही की योजना बनाई हे , कोटा पुलिस को भी इस मामले में निर्देश मिले हें लेकिन जो गुण्डे हें वो तो किसी ना किसी राजनितिक पार्टी से जुड़े हें इसलियें गुण्डा एक्ट की परिभाषा में आने के बाद भी उनके खिलाफ तो चलन पेश नहीं क्या जा सकेगा , अब बेचारी कोटा पुलिस किया करे उसने बिना धनी ढोरी वाले कुछ ऐसे लोगों को सूचि बनाई हे जो पहले कभी गेम्ब्लिंग एक्ट के आरोपी रहे तहे और पचास रूपये का जुर्माना देकर न्यायालय से बुक्त हुए हें बस ऐसे छोटे मोटे लोग जो अब अपराध से कोसो दूर हें उनकी सूचि तय्यार की गयी हे और उन्हें घर से ढूंढने का कम शुरू हो गया हे टेक शब के आएश के तहत दिए गये टार्गेट को पूरा करें और गुण्डों को छोड़ भी दें और गुण्डा एक्ट के तहत कार्यवाही की रस्म अदायगी भी कर दें अगर कोटा शहर के गुण्डों की सूचि पुलिस रिकोर्ड और हिस्ट्री सहित के तहत निष्पक्ष व्यक्ति को देकर कार्यवाही तय्यार करने के लियें दी जाए तो ऐसे ऐसे प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्यवाही पेश हो के सरकार ही हिल जाये लेकिन ऐसी निष्पक्षता कहां हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बेटी के लियें मंत्री जी कानून ही बदल देते हें

जी हाँ दोस्तों अगर कोई केंद्र सरकार में मंत्री हो और उसकी बेटी को नोकरी चाहिए और नियम ऐसे हों के बेटी पात्रता नहीं रखती हो तो हमारे मंत्री जी ऐसे हें के बेटी प्रेम में वोह तुरंत नियुक्ति के कानून बदल देती हें , ऐसा ही एक मामला केन्द्रीय मंत्री क्रष्णा तीरथ का हे जिन्होंने अपनी बेटी को अधिक आयु होने पर भी नियुक्ति देने के लियें योग्यता और आयु सीमा के पात्रता नियम ही बदल दिए हालात यह रहे के जिन लोगों को नियुक्ति नहीं मिली थी उन्होंने अपने लियें न्याय मांगने को लेकर केन्द्रीय सर्विस ट्रिब्यूनल का दरवाज़ा ख्त्ख्ताया और वहां जब विधि नियम और संशोधित नियम पर्श हुए तो ट्रिब्यूनल के जज साहब भी चोंक गये और उन्होंने मंत्री जी के इस पुत्री प्रेम के सपने को हवा करते हुए समस्त नियम और नियुक्तियां विधि विरुद्ध होने से निरस्त कर दी हें , लेकिन भाई पिता तो केन्द्रीय मंत्री हें अभी तो वोह पद से हटेंगे नहीं और फिर वोह बेटी के लियें ना जाने किन लोगों के अधिकारों का हनन कर नोकरी निकल ही लेंगे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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