आपका-अख्तर खान

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16 सितंबर 2010

मुझे बताओ तो जरा ....


मुझे बताओ तो जरा
आदमी आदमी से
कतराते क्यूँ हो
हर तरफ
म़ोत ही म़ोत
सिसकते लोग क्यूँ हो ,
मुझे बताओ तो जरा ,
भ्रस्टाचार,मारकाट ,बेईमानी,
आज हर तरफ
यह कलंक
क्यूँ लगाते हो
मुझे बताओ तो जरा,
धर्म और हमारे पुरखों ने
सिखाये थे
भाई चारा, सद्भावना के
कुछ आदर्श
उन्हें आज भुलाते क्यूँ हो
मुझे बताओ तो जरा,
कुर्सी की दोड में
आज खून बहाते हो
देश की एकता अखंडता को
दांव पर लगते हो
जय चंदों का
यह इतिहास
दोहराते क्यूँ हो
मुझे बताओ तो जरा ,
एक हम ही हे
पागल
आज के जहां में देखो
लोग हम से
पूंछते हें
क्यों तलाशते हो
खुशनुमा मंजर
रौशनी के लियें
चिराग जलाते क्यूँ हों ,
देखना दोस्तों
एक दिन
चारों तरफ
होगी खुश हाली और रौशनी
यह हालात तो
आते हें जाते हें
इन हालातों से तुम
घबराते क्यूँ हो।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुछ बात तो होगी


कुछ बात
तो होगी
वरना
ऐसा तो नहीं
मुमकिन
के वोह
यूँ ही
खफा होगा
कुछ बात
जरुर
ऐसी हुई होगी
कुछ तुमने
जरुर
कहा होगा
वरना वोह
यूँ
बेवफा कहां होगा।
जुदाई का
हर पल हर क्षण
मेरे लियें
अब कयामत हे
सोचता हूँ
कुछ उनको भी
बिछड़ने का
एहसास
तो हुआ होगा।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऐ डी जे घोटाला मामले के खिलाफ राजस्थान बंद १७ को

राजस्थान में अपर जिला जज परीक्षा घोटाला मामले में जांच की मांग और परीक्षाएं निरस्त कर दुबारा परीक्षाएं करवाने की मांग को लेकर वकीलों का आन्दोलन चरम सीमा पर हे , इसी क्रम में कल वकीलों ने राजस्थान बंद का आह्वान क्या हे वेसे तो राजस्थान में कल रामदेवरा जयंती की छुट्टी हे केवल केन्द्रीय बोर्ड से सम्बन्धित स्कुल बंद करवाना हें और केंद्र सरकार के कार्यालयों पर नजर रखना हे लेकिन राजस्थान में बाज़ार बंद कराने के मामले को लेकर भी हंगामा होगा यहाँ कोलेज चुनाव के बाद वानर सेना भी वकीलों के समर्थन में हे , खुद भाजपा की राष्ट्रिय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया ने भी व्किओं की हडताल को समर्थन क्या हे इस कारण भी बंद ऐतिहासिक होने की सम्भावना हे इस दोरान कोटा सहित राजस्थान भर में वकीलों ने अपनी अणि टीमें गठित कर दी हें लेकिन फिर भी समझदार वकील यही दुआ कर रहे हें के बंद शांतिपूर्ण सफल रहे नहीं तो मामला और उलझ जाएगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश की समस्याओं के निराक्र्नक्र्ता राजा का गलत चयन

देश की समस्याओं के निराकरणकर्ता राजा का ग़लत चयन

देश में आज भुखमरी,गरीबी,आतंकवाद,आन्तरिक असुरक्षा और हिंसा, घोटालों , मिलावट सहित हजारों ऐसी समस्याएं हे जिनके लियें कागजों पर तो विचार हो रहा हे लेकिन कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आये हे आज कश्मीर हो चाहे नक्सली समस्या हो महंगाई हो चाहे भ्रस्टाचार हो उससे निपटने का सरकार और सरकार के उपर बेठी सरकार का जो बेढंगा ढंग हे उसे देख कर मुझे एक किस्सा याद आता हे इस किस्से को मेहरबानी करके पढ़े और खुद अपना अर्थ निकाल कर सच्चाई की तह तक पहुंचे क्योंकि में आगे इस किस्से के अलावा कुछ नहीं लिखूंगा ।
दोस्तों एक बार जंगल में एक शेर को जंगल के राजा के पद से हटाने के लियें जंगल के सभी जानवरों ने यूनियन बना ली और शेर से कहा के भाई लोकतान्त्रिक तरीका अपनाओ जंगल के जानवर आपको नहीं चाहते इसलिए इस पद के लियें चुनाव कराओ। शेर ने कहा ठीक हे चुनाव करालो जंगल के जानवर बहुत खुश हुए और उन्होंने मदारी के इशारे पर नाचने वाले बन्दर को चुनाव में खड़ा कर दिया शेर ने भी इस पद के लियें फ़ार्म भरा लेकिन उसका फ़ार्म ख़ारिज हो गया जंगल के जानवरों ने मदारी के इशारे पर शेर के स्थान पर बन्दर जी को जंगल का राजा निर्विरोध निर्वाचित कर दिया बस फिर किया था बन्दर जी नये राजा के रूप में मदारी जी के इशारे पर नाचने लगे उछल कूद करने लगे ,लेकिन इधर शेर के राजा पद से हटते ही जंगल में सुरे इलाके के शेर घुस गये और रोज़ जानवरों को मरने लगे असुरक्षित परेशान जानवर नये राजा बन्दर जी के पास गये पहले तो वोह कहते रहे हाँ हम कुछ कर रहे हें लेकिन जब रोज़ जानवर मरने लगे तो बस फिर जंगल के जानवरों ने नये राजा बन्दर जी का घेराव कर डाला राजा बन्दर जी डर गये और शेर के पस लड़ने जा पहुंचे शेर जी ने बन्दर जी राजा को देखा और मुस्कुराया उसने एक दो फिर तीन जंगल के जानवरों को मार कर खाया तब जानवर और नाराज़ हुए नाराज़गी देख बेचारे राजा बन्दर जी कभी इस डाली पर तो कभी उस डाली पर कूदने लगे कभी खी खी कर शेर पर चीखने भी लगे लेकिन शेर मुस्कुराये और एक जानवर मार दे ,इस पर जगल के जानवर राजा बन्दर को नचाने वाले मदारी जी के पास पहुंचे मदारी जी ने जानवरों की बात सुनकर कहा भाई क्या करें अब बेचारे राजा बन्दर से जो भी बन पढ़ रहा हे वोह कर तो रहा हे उसकी कोशिशों में कोन सी कमी हे बस द्सोतों राजा बन्दर जी कोशिशें करते रहे और रोज़ शेर जी जानवर खाते रहे , बस में इतना ही कहूँगा बाक़ी तो आप लोगों को ही समझना होगा और देश को बचाने के लियें कुछ करना होगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

संत आसाराम का सच बाप रे बाप

संत आसाराम का सच बाप रे बाप

देश के ही नहीं विश्व के सुप्रसिद्ध संत आशाराम जो आज खरबपति हें इनके पास खुद के हवाई जहाज़ हर शहर में अरबों खरबों की जमीन आश्रम हें लाखों भक्त इन के एक इशारे पर जान देने को तय्यार हें लेकिन आज तक के सहायक चेनल तेज़ चेनल ने जो अंदर की गंदगी अंदर का सच बयान क्या हे उससे देश को साधू संतों और भक्तों के बारे में एक नया निरिक्षण कानून बनाने के बारे में सोचना होगा ।
चेनल ने अपने स्टिंग ओपरेशन में संत बाबू आसाराम जी को कथित रूप से अपराधी महिला को पनाह देने उसे पुलिस से किस तरह से बच कर रहा जाये इसकी सलाह देते हुए बताया हे यह नंगा सच जिसमे बाबू आसाराम खुद अपराधी महिला को बचाने की जुगत में आश्रम में भक्त बना कर रखने की बात करते हें और इस महिला के डरने पर उसे मुख्यमंत्री तक के आश्रम में माथा टेकने की बात कहकर उसे हिम्मत दिलाते हें तो फिर इस देश में कानून नाम की चीज़ , चरित्र नाम की चीज़ क्या बच जाती हे , ऐसी बात नहीं हे के देश में अपराधियों को पनाह देने वाले संत आसाराम पहले अकेले संत हें सर्वाधिक प्रभावशाली संत चन्द्र स्वामी उर्फ़ नेमीचंद और कई संत जेल काट चुके हें लेकिन कुछ दम हे आसाराम में जो लाख आरोपों के बाद भी सरकार इनका कुछ नहीं बिगड़ सकी हे यह अकेले संत हें जो कानून और देश की सरकार अपनी मुट्ठी में रखते हें जो चाहते हें सो करते हें और पुलिस कानून हे के इनका मुंह तकता रहता हे ।
हाल ही में स्टिंग ओपरेशन में अपराधियों को संरक्ष्ण देने के सच के बाद केंद्र सरकार को विशेष टीम बना कर आश्रम में रह रहे सभी भक्तों के नाम पते ले कर उनकी सकुनत की तस्दीक उनके स्थायी पते से करना जरूरी हे क्योंकि इन हालातों में संत आसाराम जी के सभी आश्रमों में कहीं ना कहीं सेकड़ों ऐसे अपराधी होंगे जो छुपे बेठे होंगे क्या पता बढ़े अपराधी भी इस तलाशी में हाथ लग जाएँ , इन हालातों में अकेले संत आसाराम के आश्रमों की तलाशी और भोत्की सत्यापन ही क्यूँ बलके अब तो सरकार इस मामले में कानून बनाये और देश के सभी मदरसों दारुल उलूम ,मन्दिर,मठ,मस्जिद,आश्रमों में रह रहे सभी भक्तों की स्थायी रिहायशी की तलाश कर उनका भोतिक सत्यापन करें चाहे मोलवी हो चाहे मोलाना चाहे संत हो चाहे साधू हो चाहे पंडित हो चाहे पादरी हो चाहे हो ग्रन्थि सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों और आश्रमों की अब तलाशी कर भोतिक सत्यापन करने उनका लेखा जोखा चेक करने का वक्त आ गया हे , इस आमले में सभी धर्म के लोगों को चाहे वोह साधू हो चाहे संत हो चाहे पादरी हो चाहे ग्रन्थि हो सभी को इस जाँच का और इस सम्बन्ध में कानून का स्वागत करना चाहिए क्योंकि जब आशाराम जेसे लोग देश में गद्दारों को पनाह देने की बात करते हें तो फिर क्या पता दाउद,ओसामा जेसे ख्त्रंक अपराधी और दुसरे आतंकवादी छोटे मोटे देश के अपराधी इन आश्रमों ,मदरसों वगेराह में ही पनाह लिए बेठे हों इस मामले में राष्ट्र हित में और राष्ट्रिय सुरक्षा के लियें इस कार्याही को तो लागू आज से ही कर देना चाहिए क्या इस नियम को बनवाने और लागु करवाने के लियें केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लियें आप मेरी मदद करेंगे अगर हाँ तो प्लीज़ मेरी मदद मिरी आवाज़ में आवाज़ मिलाकर किसी भी माध्यम से पत्र या लेखन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाएं और आजतक के स्टिंग ओपरेशन के इस पहलु की भी जाँच करवाएं के जब स्टिंग ओपरेशन जून में किया गया था तो इसके प्रसारण को अब तक क्यूँ रोक रखा था कहीं कोई खिचड़ी तो नहीं पकाई जा रही थी वरना तो इतनी गम्भीरत बात जनता और सरकार तक जून में ही पहुंच जाना चाहिए थी इससे भी दल में कुछ काला लगता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आदरणीय साथियों मेरी दो पोस्ट जरुर पढ़ें

आदरणीय साथियों मेरी आपसे एक कर जोडकर प्रार्थना हे में एक गलती कर बेठा हूँ ब्लॉग पोस्टिंग की तकनीक नहीं जान्ने के कारण मेने मेरी दो महत्वपूर्ण दिल की गहराई से लिखी गयी शुद्ध हिन्दुस्तानी पोस्टें गलत तरीके से पोस्ट की हें जो पिछड़ गयी हें और पुरानी जगह पर लग गयी हें लेकिन दोस्तों मेंरी निम्न शीर्षक वाली दो पोस्टें अवश्य रूप से पढ़ कर मेरी होसला अफजाई करें।
पोस्ट नम्बर एक ...........देश की समस्याओं के निराकरण करता राजा का चयन ग़लत ।
पोस्ट नम्बर दो .............संत आसाराम का सच बाब रे बाप ।
क्र्प्यां इन दोनों ताज़ी पोस्टों को जो आज की तारीख में तो पोस्ट हुई हें लेकिन गलती से तिन चार प्सोतों के नीचे लग गयी हें जो शायद आप लोग पढ़ ना सकें इसलियें मेहरबानी करके इन प्सोतों को जरुर पढ़ कर अनुग्रहित करें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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