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17 सितंबर 2010

साईबर केफे के नाम पर सेक्स का खेल

कोटा में कल बंद के दोरान सायबर केफे के नाम पर सेक्स का खेल खेले जाने का भंडा फोड़ हुआ हे , यहाँ कल कोटा बंद के दोरान एक साइबर केफे वाला पहले तो बंद मामले में हुज्जत करता रहा फिर दुकान बंद कर भाग गया , इस साइबर केफे में जब ताला लगा हुआ था तो एक युवक छत से भागने की कोशिश करने लगा बस फिर किया था लोगों को इसमें शक हुआ पुलिस को बुलाया टाला तोडा गया तो पताचला के साइबर केफे में साइबर यानी कम्प्यूटर इंटरनेट नाम की कोई चीज़ नहीं हे वहाँ शराब की बोतलें और अय्याशी के सामान हें इसीस केफे में पुलिस को देख कर एक युवती भागने लगी जिसे महिला पुलिसकर्मियों ने बाद में पकड़ लिया तो जनाब कोटा में निगरानी नहीं होने से साइबर केफे के नाम पर होटलों रेस्टोरेंट में बाहर साइबर केफे के बोर्ड लगा कर यह सब तमाशे चल रहे हें खेर अब आरोपी लडका लडकी तो जेल में हें लेकिन पुलिस को अपनी निगरानी तो बढाना ही होगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अमेरिका की जज न्याय प्रणाली

अमेरिका में कहने को तो कानून हे कहने को वहां संविधान हे लेकिन कुछ कार्यवाहियां ऐसी भी हें जो साम्न्त्वदिता की और इशारा करती हें वहां किसी भी न्यायालय में जज एक बार लग्न के बाद मानसिक स्थिति खराब होने या फिर म्रत्यु होने तक कार्यरत रहता हें । वर्तमान में अमेरिका में १०३ साल के एक जज साहब अपने फेसले सूना रहे हें इसके पहले १०४ साल के जज साहब द्वारा अदालतों में फेसला सुनाने का रिकोर्ड बना चुके हें कहने को तो यह ज साहब स्वस्थ हें लेकिन इन जनाब को कई बार न्यायालय में ही ऑक्सीजन लेना पडती हे , अमेरिका में इस जज प्रणाली से विश्व भर में सवाल उठ खड़े हुए हें , अमेरिका का यह इंसाफ विश्व के गले नहीं उतर रहा हे हमारे एश्व्सियों को तो अमेरिकियों ने समझा दिया के तुम्हारे बूढ़े प्रदुषण के माहोल में रहते हें ,सड़े गले मिलाव्त्युक्त पदार्थ कहते हें इसलियें जल्दी सुर्रा जाते हें लेकिन अमेरिका में पोष्टिक भोजन के चलते यह सब सम्भव हे फिर भी नई पीडी को आने देणा चाहिए और यूँ टिल डेथ यानी म्रत्यु तक कोई नोकरी ठीक बात नहीं हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अजमेर आतंकवादियों की जेल में मोबाईल

जी हाँ दोस्तों हमारे देश की सुरक्षा व्यवस्था बस यही बची हे यहाँ टाडा जेसी जेल में आतंकवादियों पर भी हमारे सुरक्षा कर्मियों की पेनी नजर नहीं हे हालात यह हें के यह आतंकवादी जेल में फाइव स्टार होटलों जेसी सुविधाएं भोग रहे हें , कल अजमेर की टाडा जेल में बंद आतंकवादियों की बेरक की तलाशी ली गयी पहले तो कुछ नहीं मिला जब आतंकवादी अपने अपने मटके साथ ले जाने की जिद पर अड़े तो भांडा फूटा पता हला की इन आतंकवाद के जुर्म में सजा काट रहे केदियों ने मटकों में पोलीथिन में लपेट कर मोबाइल छुपा रखे थे और रोज़ देश विदेश में अपने सम्पर्क बनाये हुए थे अब आप ही बताओ इस मामल में जब जेल अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही की सजा देने की कार्यवाही नहीं होगी तो फिर जेलकर्मियों को सबक केसे मिलेगा यहाँ राजस्थान में हर बार तलाशी एन आतंकवादियों खतरनाक केदिओयों के पास कुछ ना कुछ जरुर मिलता हे लेकिन दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने से यह गड़बड़ियां ज्यादा हो रही हें अब देखते हें इस खतरनाक मामले में जेल प्रशासन क्या कदम उठाता हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तू ही बता

तू ही बता
प्यार का नक्श
जो लिख दिया
मेरे सीने पर तुने
उसे
अब में
मिटाऊं केसे ,
जख्म जो तुने दिए हें
बता कोन हे
उन पर लगाने
वाला मरहम
नाम उसका बता
अपने जख्म
उसे बताऊं केसे ।
जूनून तो
मुझ में
अब भी हे
लेकिन सामने तू हे
तेरे सामने
तूफ़ान उठाऊं केसे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सूरज की रौशनी

सुबह सवेरे
सूरज की
रौशनी की तरह
नई सुबह
की तरह
में
तेरी जिंदगी में
चला आउंगा ,
अँधेरे जो भी पाले हें तुने '
मेरी रौशनी से
उन्हें दूर बहुत दूर
कर जाउंगा
में तो चल दिया था बस
अंधेरा देखा
घर में तेरे
सोचा
जरा रुक लूँ
रौशनी तो करदूं
रोशन होगा
घर जब तेरा
बस फिर में
खुद ही तेरी
जिंदगी
से चला जाउंगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक सच

एक सच
आदमी अकेला आता हे
अकेला जाता हे ,
दुसरा सच
दो लोगों के
मिले बगेर
आदमी नहीं आ सकता
तीसरा सच
चार आदमियों
के कंधे के बगेर
कोई आदमी
जा नहीं सकता ।
आप ही बताओ
सच कोनसा सच हे .......?
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

न्यायधीश भ्रष्ट भी होते हें एक ललकार

न्यायधीशों के खिलाफ भ्रस्टाचार के आरोप लगाने पर न्यायालय आरोप लगाने वाले के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का डंडा लेकर पीछे पढ़ जाती हे और फिर उसकी फजीहत के बाद कोई दुसरा इस मामेल में सच जानकर भी बोलने का साहस नहीं करता , लेकिन दोस्तों इस व्यवस्था जिसे कहावत में चोरी और सीना जोरी कहते हें से जनता तंग आ गयी हे और अब पूर्व कानून मंत्री शांतिभूषण ने अपने लेखक पुत्र अशोक भूषण को बचाने के लियें डंके की चोट पर जो सच कहा हे वोह चोका देने वाला हे , पूर्व कानून मंत्री शती भूषण ने शपथ पत्र देकर कहा के हाँ में कहता हूँ के १६ में से ८ सुप्रीमकोर्ट के जज भ्रष्ट थे उन्होंने कहा के मुझे यह बात खुद न्यायधीशों ने बताई हे पूर्व कानून मंत्री ने तो यहाँ तक कहा की इसकी सुनवाई उन्हें पक्षकार बना कर की जाए और फुल्कोर्ट इसकी सुनवाई करे उन्होंने तो यह तक कहा के अगर इस सच को जनता तक पहुँचने में उन्हें सजा भी होती हे तो वोह सजा भुगतने को तय्यार हें , ध्यान रहे पूर्व कानून मंत्री के पुत्र अशोक भूषण ने पिछले दिनों न्यायधीशों के भ्रष्ट होने के मामले में एक लेख लिखा था जिस मामल में उनके खिलाफ सुप्रीमकोर्ट ने अवमाना याचिका दर्ज की हे , इसी मामले में पुत्र प्रेम में व्यथत होकर एक पिता ने यह खेल खेला हे कहने को चाहे यह निजी मामला हो लेकिन देश के लियें यह एक बहुत बहुत बढा सच हे जब देश में खुद न्यायपालिका अपने अधिनस्थों को भ्रष्ट कहकर नोकरी से निकलती हे ट्रांसफर करती हे सी बी आई से जाँच करवाती हे तो फिर यह क्यूँ नहीं कहा जा सकता के न्यायधीशों में कुछ लोग चोर भी होते हें मुझे राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायालय मामले में भ्रस्टाचार की शिकायत करने वाले हेमराज जेन का मुकदमा याद आ रहा हे उसने राजस्थान और कोटा के जजों की शिकायत की थी हाईकोर्ट ने इस शिकायत को न्यायालय की अवमानना मान ली और हेराज जेन को जवाब देने और माफ़ी मांगने के लियें कहा हाईकोर्ट ने वर बार उससे माफ़ी मांगने की पेशकश की लेकिन उसने इंकार कर दिया मजबूरी में न्यायालय को अपना मान सम्मान बचाने के लियें हेमराज जेन को सजा देणा पढ़ी लेकिन इस एक घटना ने आदरणीय राजस्थान उच्चन्यायालय की आँखें खोल दिन और यहाँ बड़े पैमाने पर न्यायधीशों को नोकरी से हटाकर शुद्धिकरण योजना चलाई जो आज भी चालू हे इन न्यायधीशों में वोह न्यायधीश भी शामिल थे जिनके खिलाफ हेमराज शिकायत लेकर गया था तो दोस्तों इस देशमें कोई भी दूध धुला नहीं हे इसलियें न्यायधीशों में भी सभी इमानदार हें गान्र्न्तियो से नहीं कहा जा सकता यह सब खुद सुप्रीमकोर्ट और विधि मंत्रालय जानता हे फिर अवमानना कानून में संशोधन क्यूँ नहीं होता हे सही शिकायत की जाँच हो अगर शिकायत ग़लत हो तो फिर शिकायत करता के खिलाफ कार्यवाही वाजिब हे लेकिन शिकायत तो सुना नहीं और शिकायत कर्ता को सजा दे दो यह तो इंसाफ नहीं देखों अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री के खुद के बेटे पर आन पढ़ी हे इसलियें इस लड़ाई में वोह दमदारी से कूद गये हें शायद अब कुछ बात बने । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इन्तिज़ार एक रुके हुए फेसले का

देश को वर्षो से रुके हुए फेसले का बेसब्री से इन्तिज़ार हे लेकिन यह इन्तिज़ार केवल इन्तिज़ार नहीं किसी तूफान के पहले की खाओशी हे जी हाँ में बाबरी मस्जिद अयोध्या मामले पर आगामी २४ तारीख को सुनाये जाने वाले फेसले की बात कर रहा हूँ , केंद्र सरकार हो चाहे राज्य सरकारे हों कोंग्रेस हो चाहे भाजपा हो हिन्दू हो चाहे मुसलमान हो सभी इस फेसले के इन्तिज़ार और फ़सल के बाद की स्थिति को लेकर चिंतित और आशंकित हें , लेकिन दोस्तों भारत में एक संविधान हे यहाँ एक सच तो समझना ही होगा जब दो पक्ष लड़ते हें तो एक पक्ष की जित होती हे दूसरा पक्ष अगर हारता हे तो फिर वोह इस मामले में कानूनी रास्ता अपना कर अपील में जाता हे सरकार हिंसा मामले में कार्यवाही करती हे तो दोस्तों इस सच को ह समझे जो होगा वोह होगा फेसला हक में हुआ तो ठीक खिलाफ हुआ तो अपील हो जाएगी इसमें इतना चिंतित और आशंकित होने की जरूरत नहीं हे हमें इस मामले में भी जाती वर्ग के लोगों को यह सच समझाना होगा तब कहीं इस रुके हुए फेसले पर बावेला खड़ा होने से बच सकेगा और खुदा खेर करेगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत नोकरशाहों पर फिर बरसे

राजस्थान के मुख्यमंत्री अपनी ही सरकार के कारिंदे नोकरशाहों पर लेट लतीफी और जनता को परेशान करने के आरोपों को लेकर खूब बरसे ,गहलोत वर्द्धावस्था पेंशन सहित अन्य सुविधाओं के मामले में बोल रहे थे गहलोत ने कल एक कार्यक्रम में कहा के सरकार की पेंशन सहित अन्य कल्याणकारी १२० योजनायें हें लेकिन वोह जनता तक नहीं पहुंच पाती हें उन्हें रिपोर्टों के नाम पर प्रताड़ित किया जाता हे और सारा काम पूरा होने के बाद भी उन्हें अनावश्यक चक्कर लगवाया जाता हे , गहलोत की यह बात तो सही हे लेकिन वही राजीव गाँधी की स्टाइल के देश में चोरी तो हो रही हे लेकिन चोर के खिलाफ क्या कार्यवाही हुई किसी को पता नहीं आज अकेले कोटा में वर्द्धावस्था पेंशन घोटाले के बाद २५ हजार पेंशने बंद कर दी गयी थीं उनमे से हजारों महिलाएं और विकलांग करीब दो वर्षों से कोटा में कलेक्टर से लेकर मंत्री तक चक्कर कट रहे हें लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला हे गहलोत अगर जनता का दर्द समझते हें और जनता को त्वरित नयी दिलाना चाहते हें तो इस काम में लगे लोगों को समयबद्ध कार्यक्रम देकर पाबन्द करें और कलेक्टरों को इसके लियें ज़िम्मेदार बनाएं क्योंकि कलेक्टर ही इस मामले में पंगा लगाते हें कोटा में कमसे कम दस हजार लोग पेंशन का इन्तिज़ार कर रहे हें लेकिन उनके आवेदन पत्रों पर कोई विचार नहीं कर रहां हे गहलोत जी ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को जब तक घर बताने की तय्यारी नही करेंगे तब तक यह सुधरेंगे नहीं और पीड़ितों को न्याय नहीं मिलेगा मंचों पर केवल राजनितिक भाषण देने से तो जनता में सरकार को और मजाक ही बनता हे इसलिए खो तो कुछ कर के भी बताना होगा जब कहीं गहलोत जी गाँधी के रास्ते पर चलने वाले माने जायेंगे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

केन्द्रीय मंत्रियों की बेफिजूल विदेश यात्राओं की जाँच कर उनसे रुपया वसूलें

देश की भोली भाली जनता एक तरफ तो समस्याओं से त्रस्त हे और दूसरी तरफ केबिनेट में बेठे केन्द्रीय मंत्री सरकारी खर्च पर विदेश में सेर सपाटे कर रहे हें , जी हाँ यह आंकड़ा कोई नया नहीं हे हमारे देश के प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह जी ने मंत्रियों के बेफिजूल विदेश जाने पर रोक लगा रखी हे लेकिन फिर भी उनकी अनुमति के बगेर शरद पंवार, सी पी जोशी , ज्योतिराजे सिंधिया, कमलनाथ सहित एक दर्जन से भी अधिक ऐसे मंत्री हें जो बिना किसी देश को फायदा पहुँचाने वाले काम के विदेश गये हें बस उसे सरकारी खर्च पर मजे लेने के लियें सरकारी यात्रा बताया गया हे और मंत्रालय का कोई न कोई कम विदेश में बताया गया हे देश का बच्चा भी जानता हे के भारत की जनता के लियें कोई भी तकनीक जानकारी लेने के लियें मंत्री को करोड़ों रूपये खर्च कर विदेश जाने की जरूरत नहीं हे इंटरनेट पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हें हर देश में हमारे राजदूत और दूतावास उपलब्ध हें जिनसे किसी भी सुचना तकनीक का आदान प्रदान किया जा सकता हे , अब देखना हे के मनमोहन सिंह जी इन अरबों रूपये बे फ़िज़ूल विदेश यात्राओं पर खर्च करने वाले मंत्रियों से यह सरकारी राशी किस तरह से वुल कर जनता के खजाने में जमा कराते हें , लेकिन वोह भी तो बेचारे फंसे हें उनकी तो मंत्रियों के आगे बस तू मेरी मत कह में तेरी नहीं खून वाली कहावत जेसी हालत हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के सांसद ईजयराज स्वस्थ

कोटा लोकसभा से निर्वाचित सांसद कोटा महाराज के सुपुत्र युवराज इजय्राज सिंह अपने घुटने का इलाज कराकर १९ सितम्बर को कोटा पहुंच रहे हें , इजय्राज सिंह पिछले दिनों कोटा में उनके निवस पर पैर फिसलने से गिर गये थे और उनके घुटने में गम्भीर चोट आई थी इसका इलाज वोह दिल्ली में करा रहे थे अब वोह सकुशल हें और कोटा वापसी उनकी १९ को हे । सांसद कोटा के अधिकतम नवयुवक कोंग्रेस के निर्वाचित सांसद हें और लन्दन में पढने के कर्ण हाई तकनीक से उनका साक्षात्कर रहा हे इसलियें वोह कोटा के विकास के बारे में अधिकतम सोचने का प्रयास कर रहे हें लेकिन कोंग्रेस की राजनितिक उठापटक और शिकवे शिकायत का माहोल उन्हें कुछ करने नहीं दे रहा हे अब देखते हें कोटा आने के बाद वोह कोटा के विकास और अधूरी पढ़ी केन्द्रीय योजनाओं को पूरा करने के लियें क्या कुछ करते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा भाजपा की दरार खायी बनी

कोटा भाजपा शहर इकाई में पिछले दिनों भाजपा से सांसद का चुनाव लड़ कर हारने वाले श्यामसुन्दर शर्मा को अध्यक्ष बनाया हे जबकि विधायक ओम बिरला और भवानीसिंह राजावत कई अन्य भाजपा नेताओं सहित हैक्मान के इस फेसले से खुश नही हें इसीलियें भाजपा के गढ़ कोटा में भाजपा के लोगों में ही दरार आ गयी थी और सन्गठन अलग तो सत्ता अलग अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग अलाप रहे थे । कल नगर निगम कोटा की अव्यवस्थाओं को लेकर भाजपा का नगर निगम के बाहर धरना था इस धरने में व्ढ़थ भाजपा नेता और पूर्व महापोर मोहन लाल महावर कुछ बोलना चाहते थे वोह इस मामले में बार बार अवसर चाह रहे थे लेकिन उन्हें जब अवसर नहीं मिला तो वोह नाराज़ होकर अध्यक्ष श्यामसुन्दर शर्मा का उदबोधन सुने बगेर चले गये , मोहन लाल महावर पूर्व महापोर रह चुके थे इस लियें वोह निगम के खिलाफ बहुत कुछ बोलना चाहते थे वोह खुद के कार्यकाल की भी कुछ सफाई देना चाहते थे लेकिन भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष ने उन्हें जान बुझकर लटकाए रखा और बोलने का अवसर नहीं दिया नतीजन उनकी नाराज़गी ने भाजपा में जो दरार थी उसे अब गहरी खायी बना दिया हे और यहा अब भाजपा में धड़े बाज़ी की सियासत शुरू हो गयी हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऐ डी जे भ्रष्टाचार मामले में राजस्थान बंद सफल

राजस्थान न्यायिक सेवा में भ्रस्ताचार की जाँच की मांग को लेकर वकीलों का आज का राजस्थान बंद ऐतिहासिक रहा ,इस बंद को सभी राजनेतिक सन्गठन और समाज सेवी संगठनों ने समर्थन दिया था , राजस्थान में हीं नहीं सारे देश में इन दिनों न्यायिक अधिकारियों की भर्ती पदोन्नति ट्रांसफर में भ्रटाचार की शिकायतें आम हो गयी हें लेकिन इस बार तो ऐ डी जे भर्ती मामले में तो हाईकोर्ट के जजों ने प्रशासनिक स्तर पर हद ही कर दी ,लाखों करोड़ों रूपये लेकर अपात्र लोगों को पास करने के गम्भीर आरोप लग रहे हें वकील इस मामले में सी बी आई से जांच पर दे हें जबकि हाईकोर्ट इससे सुलटने के लियें वकीलों को लुभावने सब्ज़ बाग़ दिखा रही हे लेकिन हाईकोर्ट के बार बार दो कदम पीछे हटने से यह तो स्पष्ट हे के कहीं न आखिन दल में कुछ काला हे शायद इसीलियें हाईकोर्ट के खिलाफ किसी भी राज्य में यह पहला बंद होने के बाद भी बंद ऐतिहासिक रहा हे ऐसे में आप ही बताओं के न्यायिक मामलों का अब क्या सम्मान रह जाएगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लिफाफों के शोकीन बी एस ऍन एल प्रबन्धक धरे गये

राजस्थान के बूंदी जिले में बी एस ऍन एल में प्रबन्धक पद पर तेनात श्रवण कुमार जी को सभी लोगों इ लिआफे लेने का शोक उस वक्त महंगा पढ़ जब उन्हें भ्रस्टाचार निरोधक विभाग की पुलिस ने धर दबोचा अब वोह सफाई देते फिर रहे हें । बी एस ऍन एल प्रबन्धक श्रवण कुमार के खिलाफ शिकायत मिली थी के यह सभी से लिफाफों में रिश्वत की मांग करते हें और इसीलियें इनके पास लिफाफों में रूपये रहते हें भ्रस्ताचार निरोधक पुलिस ने जब बूंदी प्रबन्धक को कोटा आते वक्त शिकायत पर बीच में ही घेर कर रोका और इनके सूटकेस की तलाशी ली तो इनके पास दो दर्जन से भी अधिक अलग अलग लिफाफों में रूपये मिले जो करीब पचास हजार रूपये थे भ्रस्टाचार विभाग की पुलिस ने जब इन जनाब को पूंछा तो पहले तो यह जनाब तेश में आ गये के में तो धार्मिक प्रवर्ती का हूँ इसलियें ऐसा करता हूँ लेकिन जब पुलिस ने सारे तथ्य जुटा कर उन्हें आयना बताया तो फिर वोह धमकी देने लगे के में देश का बहुत बढ़ा वैज्ञानिक हूँ मेने तो ऐ पी जे कलाम के साथ काम किया हे में बेईमानी थोड़े ही कर सकता हूँ यह तो मेरे वेतन के रूपये हें लेकिन तस्दीक करने पर यह बात भी झूंठी साबित हुई इन जनाब के पास कुल पचास लिफाफे बरामद हुए हें और इनकी आय व्यय की जांच चल रही हे देखते हें इन जनाब के लिफाफों में से और क्या क्या निकलता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

डायग्नोसिस सेंटर की अकूत कमाई

डॉक्टरों से अगर सांठ गाँठ हो तो जनता का खून चूस कर डायग्नोसिस सेंटर यानी खून पेशाब वगेरा की जांच करने वाली प्रयोगशालाएं करोड़ों का कारोबार कर सकती हें यह बात कोटा के एक केंद्र की कमाई की जांच के बाद सामने आई हे ।
कोटा में महाराव भीमसिंह अस्पताल के सामने एक लेबोरेट्री के खिलाफ आयकर विभाग ने अपनी टीम से सर्वे करवाया तो सर्वे में सामने आया के कोटा की इस अकेली लेबोरेट्री ने दो करोड़ बावन लाख का अतिरिक्त कारोबार क्या हे और आयकर की भी चोरी की हे जांच में पता चला हे के इस जांच केंद्र द्वारा अपनी कमाई में से ४० फीसदी हिस्सा रेफर करने वाले चिकित्सकों को भी दिया हे , अब हे ना मजेदार बात कोटा की जाँच लेबोरेत्रियाँ चिकित्सक से सांठ गाँठ कर करोड़ो कम रही एन और चिकित्सक भी मजे कर रहे हें जनता चाहे चाहे भाद में । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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