बस
हो गया
बहुत
अब
मर जाने दो
इन्तिज़ार हुआ
तेरा
काफी
तू ना आये तो
बस
अब
मर जाने दो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
22 सितंबर 2010
मनोहर थाना गोलीबारी में विरोधाभासी बयान से सरकार की फजीहत
राजस्थान के झालावाड जिले में पिछले दिनों आदिवासी भीलों पर मनोहरथाना में की गयी पुलिस गोलीबारी की ज़िम्मेदारी से बचने के लियें वहां बयान बाज़ी और झुंट बोलने का खेल शुरू हो गया हे , आज वहां भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा आदिवासी नेता बनने निकले डोक्टर किरोड़ीलाल मीना भी जा रहे हे , मनोहर थाना में पुलिस गोली से तीन आदिवासियों की अकाल म़ोत हो गयी हे , लोग कहते हें के आदिवासियों पर गोली चलाए बगेर भी भीड़ को काबू में किया जा सकता था लेकिन बाल बुच्ची के चलते अनावश्यक यह खूनखराबा हुआ हे खुद आई जी राजीव दासोत का कहना हे के ऐ डी एम झालावाड ने गोली चलाने के आदेश किन परिस्थितियों में दिए समझ नहीं पा रहे हें जबकि ऐ डी एम हें के वोह गोली चलाने के आदेश देने की ज़िम्मेदारी लेने को तय्यार ही नहीं हे वोह कहते हें के मेने गोली चलाने के कोई आदेश नहीं दिए अगर बिना ऐ डी एम के आदेश के गोली चलाई गयी हे तो फिर पुलिस द्वारा आदिवासियों की हत्या करने का मुकदमा ऐ डी एम साहब ने क्यूँ दर्ज नहीं करवाया , अब तक इसकी रिपोर्ट वरिष्ट अधिकारीयों खासकर मोके पर गये सम्भागीय आयुक्त को क्यूँ नहीं दी गयी , जब किरोड़ी लाल मीणा इस इलाके में जाना चाहते हें तो गोलीबारी की ज़िम्मेदारी भवानीमंडी थानाधिकारी गोपीचंद मीना पर यहे ज़िम्मेदारी डाली हे के उन्होंने ही खुद बिना किसी मजिस्ट्रेट के आदेश के गोली चलवाई हे इस हिसाब से तो मनोहरथाना गोलीकांड विधिविरुद्ध बिना किसी आदेश के होने से ऐ डी एम झालावाड और भवानीमंडी थानाथिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने और नोकरी से बर्खास्त करने के लियें काफी हे खेर अभी इस मामले में आदिवासियों की मरहम पट्टी और कागजों में हेर फेर का खेल जारी हे लेकिन आज सांसद डोक्टर किरोड़ी और वसुंधरा सिंधिया इस मामले में क्या मांग रखते हें क्या आरोप लगाते हें क्यूंकि सुनते हें के जिन पर गोली चलाने का आरोप हे वोह लोग वसुंधरा और किरोड़ी के खासमखास हे इसलिए आदिवासियों को न्याय दिलवाने के लियें यह लोग क्या शर्त रखते हें देखने की बात हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
खुदा का शुक्र हे जुलुस शांतिपूर्ण निकला
खुदा का शुक्र हे के कोटा में कल देर रात को राजस्थान के सबसे बड़े जुलुस के साथ गणेश जी की प्रतिमा का समापन हुआ , हालांकि कल उद्योगनगर इलाके में एक नेहर में गणेश जी की प्रतिमाएं विसर्जित करते समय वहां बच्चों की म्रत्यु हो जाने से हालत तनावपूर्ण हो गये थे लेकिन कोटा कलेक्टर और दुसरे अधिकारीयों ने इस स्थिति को सम्भाल कर गोताखोरों को भेज कर बच्चों की तलाश शुरू करवा दी , दूसरी बात जुलुस में बार बार अखाड़ों के करतब को लेकर जो देरी हो रही थी उससे भी लोग और पुलिस परेशान थी लेकिन प्रशासन ने इस मामले में भी जुलुस के आयोजकों को समझा बुझा कर तय्यार किया और बस खड़ा का शुक्र हे के कोटा का यह सबसे बढ़ा धार्मिक जुलुस जिसके निकलने के पहले ही यहाँ शहर की साँसें थम जाती हें और सारा जन जीवन अस्त व्यस्त हो जाता हे साथ खेरिय्त के निकल गया और भाई चारा सद्भावना की मिसाल कायम रही इसके लियें कोटा के मंत्री शांति कुमार धारीवाल , कलेक्टर टी रवि कान्त, एस पी , आई जी राजिव दासोत सहित सभी लोग धन्यवाद और भाई के पात्र हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
एक घोंसला बनाया वोह भी खाली रहा
मेने देखा हे
हमारे घर के
एक कोने में
एक चिड़िया ने
चिडे के साथ मिलकर
एक घोंसला
बनाया था
चिड़िया चिडा दोनों
उसमें प्यार से रहते थे
एक दिन
चिड़िया ने अंडे दिए
उसमें से बच्चे निकले
घोंसला आबाद हुआ
घोंसले में से चीं चीं की आवाज़ आने लगी
रोज़ चिड़िया चिड़ा
घोंसले में बच्चों के लियें
खाना लाते
चोंच से चोंच लड़ा कर
बच्चों को खाना खिलाते
कभी खेलते कभी इठलाते
कुछ दिनों बाद
बच्चों के पंख आये
वोह फड फ्डाने लगे
चिड़िया चिडे नें
बच्चों को खाना उड़ना सिखाया
एक दिन बच्चे बड़े हुए
घोंसले से उड़े
ना जाने खान गये
मेने देखा
चिड़िया चिडा फिर अकेले थे
जो घोंसला था आबाद
आज फिर उसमें वीरानी हे
में सोचा यही जीवन चक्र हे
और यही जिंदगी की सच कहानी हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
उठो जागो .....
उठो जागो
सोओं मत
गर्म हवा चल रही हे
न उठे तो बस
सोच लो
बस्तिया जल जायेंगी
इसलियें कहते हें
उठो जागो
गर्म हवाओं का रुख नर्म हवाओं में कर दो
ताके
जलाने ,झुलसाने जो निकली हें
गर्म हवाएं
वही हवाएं नर्म होकर
मखमली रेशम बन जाएँ
इसलियें उठो जागो सोओं मत
फर्ज़ अपना निभाओ
यह देश तुम्हारा हे
इसे हे जरूरत तुम्हारी
इसलियें उठो जागो
फर्ज़ इसके लियें आज तुम अपना निभाओ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
सोओं मत
गर्म हवा चल रही हे
न उठे तो बस
सोच लो
बस्तिया जल जायेंगी
इसलियें कहते हें
उठो जागो
गर्म हवाओं का रुख नर्म हवाओं में कर दो
ताके
जलाने ,झुलसाने जो निकली हें
गर्म हवाएं
वही हवाएं नर्म होकर
मखमली रेशम बन जाएँ
इसलियें उठो जागो सोओं मत
फर्ज़ अपना निभाओ
यह देश तुम्हारा हे
इसे हे जरूरत तुम्हारी
इसलियें उठो जागो
फर्ज़ इसके लियें आज तुम अपना निभाओ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
चाँद और बाल की अजब दास्ताँ हे
चाँद
और बाल की
अजब दास्तान हे
चीज़ एक हे
अलग अलग
नाम से
इनके
लोग हेरान हें
बालों को ही लो
सर पर हें
तो सर के बाल हें
आँखों के उपर हें
तो भंवें कहलायेंगे
यही बाल
आँखों की किनोर पर होंगे
तो बस पलकें कहलायेंगे
बाक़ी इन
बालों के बारे में
आप नीचे उतरते जाइए
खुद ही समझ जायेंगे
अब चाँद जी को लो
बचपन में
लोग कहते हें
के यह
चाँद नहीं
मामू हे
बस बढ़े होते हें
तो फिर यही मामू
बहार मामू बन जाता हे
और महबूब की खूबसूरती की तलाश में
हर खुबसुरत चेहरा
बस चाँद ही चाँद कहलाता हे
दोस्तों चाँद हो चाहे बाल हो
चीज़ एक हें
लेकिन कहीं क्या कभी क्या
कहलाता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
और बाल की
अजब दास्तान हे
चीज़ एक हे
अलग अलग
नाम से
इनके
लोग हेरान हें
बालों को ही लो
सर पर हें
तो सर के बाल हें
आँखों के उपर हें
तो भंवें कहलायेंगे
यही बाल
आँखों की किनोर पर होंगे
तो बस पलकें कहलायेंगे
बाक़ी इन
बालों के बारे में
आप नीचे उतरते जाइए
खुद ही समझ जायेंगे
अब चाँद जी को लो
बचपन में
लोग कहते हें
के यह
चाँद नहीं
मामू हे
बस बढ़े होते हें
तो फिर यही मामू
बहार मामू बन जाता हे
और महबूब की खूबसूरती की तलाश में
हर खुबसुरत चेहरा
बस चाँद ही चाँद कहलाता हे
दोस्तों चाँद हो चाहे बाल हो
चीज़ एक हें
लेकिन कहीं क्या कभी क्या
कहलाता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
इन्तिज़ार
कब तक
करें
अब हम
तेरा
और इन्तिज़ार ,
ना तुम्हारी
चिट्ठी आई
ना
तुम आये
और इन्तिज़ार में
बस तुम्हारे
देखो
म़ोत आ गयी।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
करें
अब हम
तेरा
और इन्तिज़ार ,
ना तुम्हारी
चिट्ठी आई
ना
तुम आये
और इन्तिज़ार में
बस तुम्हारे
देखो
म़ोत आ गयी।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
अदालत क्या करेगी
अदालत अब
कत्ल,दंगे,फसादात
के जुर्म में
सजाए म़ोत
किसके
नाम लिखेगी
जो कातिल हे
इंसानियत का
वोह तो
सफेद पोश बन कर
एकता का
परचम लेकर निकला हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कत्ल,दंगे,फसादात
के जुर्म में
सजाए म़ोत
किसके
नाम लिखेगी
जो कातिल हे
इंसानियत का
वोह तो
सफेद पोश बन कर
एकता का
परचम लेकर निकला हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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