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24 सितंबर 2010

कोमन वेल्थ में भ्रस्टाचार और अव्यवस्था कोमन हे

दिल्ली में आयोजित कोमन वेल्थ गेमों की त्य्यारियों और मेजबानी के मामले में एक बात कोमन हे यहाँ सर्वत्र अव्यवस्था और भ्रष्टाचार हे , कहते हें के भारत ने कोमन वेल्थ गेम की मेजबानी के लियें अंतराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को करोड़ों डोलर की रिश्वत दी हे आखिर इस मेजबानी के लियें रिश्वत देने के पिहे क्या ओचित्य था यह तो खुद प्रधानमन्त्री जी ही जाने लेकिन खुद प्रधानमन्त्री जी ने अब तो साफ़ तोर पर मान लिया हे के उनके मंत्री और सभी नेता इस नाम पर खुल कर भ्रस्टाचार फेला रहे हें और इसीलियें आज देश कोमन वेल्थ गेम के मामले को लेकर चल रहे प्रबन्धन और भ्रस्ताचार को लेकर विश्व स्तर पर बदनाम हो रहा हे एक तरफ जनता दुखी अरबों रुपयों की बर्बादी और नतीजे के नाम पर कुछ नहीं हाँ यह बात दूसरी हे के अफसर और मंत्रियों के इस गेम के नाम पर मजे हो रहे हें लेकिन जनता और देश को तो इससे कुछ भी मिलने वाला नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा कलेक्टर ने ली अस्पताल के डॉक्टरों की क्लास

कोटा में सरकारी चिकित्सालयों के बिगड़े हालात की लगातार मिल रही शिकायतों की जांच के लियें कल कोटा कलेक्टर टी रविकांत खुद महाराव भीमसिंह अस्पताल निरिक्षण के लियें जा पहुंचे वहां फेल रही गंदगी अस्त व्यस्त व्यवस्था देख कर कलेक्टर खुद चीख पढ़े , निरिक्षण के दोरान एक महिला नर्स तो टेबल पर टाँगे लम्बी कर किताब पडती मिली जबकि एक डोक्टर साहब आराम कर रहे थे एक डोक्टर अपनी टेबल तक मोटरसाइकल लेकर आ गये थे ,कलेक्टर ने दवाइयों के मामले में मरीजों के साथ फेलाए जा रही अव्यवस्था और जांच के नाम पर कमिशन खोरी को देखा इस पर कलेक्टर ने वहां उपस्थित डॉक्टरों को खूब लताड़ पिलाई , कलेक्टर ने मरीजों को ठीक तरह से देखने और मुफ्त दवाईयें देने के मामले में भी निर्देश दियें डॉक्टरों को कहा गया के चिकित्सालय में जल्दी व्यवस्था केसे सुधारी जाए इस मामले में शीघ्र एक कार्य योजना तय्यार कर लागू की जाए , कलेक्टर ने जब सो से भी अधिक डॉक्टरों की उस्थिति में पूंछा के कोन कोन अस्पताल में सही व्यवस्था चाहता हे तो वहां उपस्थित सो डॉक्टरों में से केवल पांच डॉक्टरों ने ही अपने हाथ खड़े किये , खेर राजस्थान में मुख्यमंत्री ने जब अस्पताल किअव्यव्स्था और डॉक्टरों के रवय्ये के बारे में टिप्पणी की थी तब डॉक्टरों को बुरा लगा था लेकिन अब कोटा में तो कलेक्टर ने हाथ कंगन को आरसी किया डॉक्टरों को रंगे हाथों पकड़ लिया हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह जख्म केसे केसे

यह जख्म
जो तुने
मुझे दिए हें
देख में इसे
हर रोज़
अपने साथ
लिए फिरता हूँ
सोचता हूँ
जख्म पर आयें वोह
और नमक मिर्च छिडकें
जो जलन लगे इस जख्म में
बस यही तो उनकी याद रहेगी
और इसी से मेरी जिंदगी
आबाद रहेगी।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मेरा मुल्क तूफ़ान की जद में हे

मेरा मुल्क
तुफाने बला की जद में हे
मेरे नेताओं
के बिस्तरों पर
आराम के लियें
मसनद हें ,
मदारी का जो
दिखाते थे
सडकों पर तमाशा
देख लो
जनता का मजाक
आज वही आदमी
संसद में हे ,
हिन्दू मुस्लिम
एकता की बातें
क्या और क्यूँ करते हें
एक की आस्था
कलश में तो दुसरे की आस्था गुम्ब में हे ,
देख लो
फिर से लगती हे
खतरे में
मेरे वतन की आबरू
फिर से बढी
साजिश
मेरे इस वतन की
किसी सरहद पे हे,
नेताओं के यह वायदे
यह दिखावे ,यह भाषण
आखिर
मेरे इस देश में
किस मकसद से हें।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऐ मेरे देश के लीडरों

ऐ मेरे देश के
लीडरों
दिल बहलाने को
यह झुंटे और सच्चे
बयाना रहने दो ,
बस हो गया बहुत
अब बंद
अपनी जुबां
रहने दो ,
राजनीति और धर्म के नाम पर
मेरी बस्तियों को
उजाड़ने वालों
बस हो चुका बहुत
अब मेरी
उजाड़ बस्तियों के
निशाँ तो रहने दो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हाँ में भी हिन्दुस्तानी हूँ


देखो तुम अमीर हो

अपना पेट भर लोगे

सोचो जरा

में भी

हिन्दुस्तानी हूँ

दिन मेने भूख में काटी

रात को देखे रोटी के सपने

रोटी के लियें

में अगर

चोरी भी कर लूँ

तो तुम क्या कर लोगे ।

सुनो मेरी भी सुनो

हाँ में भी हिन्दुस्तानी हूँ

जो कुत्ते तुम्हारे हें

देखो वोह बिस्किट खाते हें

तुम्हे प्यारे हें

तुम्हारे कुत्ते

इसीलियें तुम उन्हें महंगे खाने खिलाकर

उनका पेट भर लोगे

बच्चे मेरे हें

मुझे मजदूरी नहीं मिली हे

भूख से तडपते बच्चे बिलखते हें रोते हें

ऐसे में

में अगर

तुम्हें लुट भी लूँ

तो तुम क्या कर लोगे

यह देश तुम्हारा हे मेरा हे

मुझ गरीब के लियें जो बनी थी योजनायें

उन्हीं में से तो

बजट में गडबडी कर

भरे हें घर तुमने अपने

शिकायत की मेने मंत्रियों से

फिर भी कुछ ना बिगड़ा तुम्हारा

जो पैसा था

कहां हम तक पहुंचा हमारा

ऐसे में

में अगर

तुम से मेरा हक छीन लूँ

तो तुम क्या कर लोगे ।

प्रधान मंत्री हो चाहे हो मुख्यमंत्री

सभी तो कहते हें

अमीरों जो हे तुम्हारे पास

सब कुछ

हिस्सा हे हमारा

वोह सरकार में बेठ कर भी तो

सिर्फ तुम्हारी सच्चाई कहते हें

अकेले में हमारी शिकायतें

सुनने के नाम पर

तुम्हारे साथ बेठ कर कोफ़ी पीते हें

ऐसे में

तुमसे अपना सब कुछ लेने के लियें

हम अगर कोहराम भी मचा दें

तो तुम हमारा क्या कर लोगे।

अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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