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27 सितंबर 2010

वन्य जीव सप्ताह १ अक्तूबर से

वन्य जीव संरक्ष्ण अधिनियम के प्रावधानों के तहत देश भर में वन्य जीवों और सम्पदा को संरक्षित करने के लियें वन विभाग की और से वन्य जीव संरक्ष्ण सप्ताह १ से ७ अक्तूबर तक पुरे देश में मनाये जाने के रस्म निभाई जाएगी इस पर करोड़ों करोड़ का बजट खर्च होगा लेकिन देश में इस सप्ताह से वन्य जिव और सम्पदा को कितना संरक्ष्ण मिल पायेगा यह देखने के बात हे सरकार इस सप्ताह की खुद समीक्षा करे इसके खर्च और किये जाने वाले कार्यक्रमों की मोनिटरिंग करे तब कहीं इस मामले में यह सप्ताह जन हित और राष्ट्र हित में सार्थक हो सकेगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मोहर थाना मामले में झालावाड बंद आज

राजस्थान के मनोहर थाना जिला झालावाड कस्वे में २० सितम्बर को हुए भील और पुलिस संघर्ष के मामले में विश्व हिन्दू परिषद ने आज झालावाड बंद का आह्वान किया हे जबकि म्होह्र थाना लगातार बंद चल रहा हे , पिछले दिनों वहां एक भील लडकी के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को पकड़ा था इसके बाद से मधयप्रदेश सीमा पर के भील वहां योजनाबद्ध तरीके से अख्त्ते हुए और उन्होंने वहां मुस्लिम परिवारों को सूचीबद्ध कर निशाना बनाने की योजना बनाई इसकी भनक जब मुसलमानों को लगी तो एक दिन पहले १९ तारीख को उन्होंने इसकी लिखित सुचना मनोहरथाना के उप जिला मजिस्ट्रेट को देकर भीलों और कट्टर पंथियों द्वारा हमला करने की योजना बनाने के तथ्य देते हुए सुरक्षा की मांग की इस सुचना के बाद भी झालावाड प्रशासन नहीं जागा और नतीजा सभी भिओं ने अवेध हथियार लेकर अवेध समूह बनाया बस्तियों पर जाकर हमले किये अल्पसंख्यकों की दुकाने मकान जलाए फसलें नष्ट कर दिन और जब पुलिस ने बीच बचाव करने का प्रयास क्या तो उस पर भी हमला बोल दिया नतीजन पुलिस को गोली चलाना पढ़ी और वहां तीन लोगों की म़ोत हो गयी , इस मामले में पुलिस दोषी क्त्त्रप्न्थियों को नहीं पकड़े और वहां से मुसलमानों के खिलाफ दर्ज मामलों में कार्यवाही हो बस इसी मांग को लेकर झालावाड में बंद का आयोजन किया गया हे इस मामले में समझाइश से लेकर उत्पातियों के खिलाफ उन्हें नामजद कर कार्यवाही करने दोषी लोगों की धरपकड करने और कट्टर पंथियों के विधिविरुद्ध कार्यों को रोकने में झालावाड प्रशासन लापरवाह रहा हे ऐसे में पुर सुचना होने के बाद भी जब झालावाड प्रशासन सम्भावित कार्यवाही को रोकने में असमर्थ रहा हो तब वहन के किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होना ताज्जुब की बात हे वहां के लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिला कर बाज़ार नहीं खुलवाना और दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करना इस सरकार के लियें और भी शर्म की बात हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फरियादी की चोट कितनी गहरी हे केसे पता लगे

राजस्थान के दो दिग्गज मंत्रियों के समर्थकों में मारपिटाई क्या हुई के बारां और कोटा के डोक्टर व् पुलिस परेशनी में फंस गयी ,फरियादी पक्ष जो पिटा हे वोह गृह मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल के समर्थक हें जबके अभीयुक्त लोग सार्वजनिक निर्माण मंत्री प्रमोद जेन भाया के कट्टर समर्थक हें , भाया चाहते हें के उनके समर्थकों के खिलाफ साधारण मारपीट का मामला दर्ज हो और मामले खत्म हो जाए जबकि धारीवाल समर्थक कहते हें के मामला जानलेवा हमले का हे चोट तलवार की हे इसलिए प्राणघातक हमले यानी ३०७ आई पी सी में मुकदमा दर्ज होना चाहिए बस इसी बात को लेकर पुलिस और डोक्टर परेशान हें वेसे कोटा की पुलिस बिना किसी चोट के प्राणघातक हमले का मुकदमा दर्ज करने में एक्सपर्ट हे और हजारों लोगों को प्रकरण ३०७ का नहीं होने पर भी यहाँ की पुलिस ने जेल भेजा हे लकिन जब मामला मंत्री समर्थकों का आया हे तो प्रभावशाली लोगों के खिलाफ मुकदमा कमजोर धाराओं में दर्ज हो इसकी गलिय तलाशी जा रही हें जबकि दुसरा पक्ष जो फरियादी हें वोह भी पहले बारा और फिर कोटा अपनी चोटों की रिपोर्ट डॉक्टरों को दिखा चूका हे लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात हें खेर इस विवाद से डॉक्टरों के मेडिकल मुआयने में साधारण और गम्भीर चोटों का लिखने पर धाराएं किस तरह बदल जाती हें और इस में डोक्टर किस तरह भ्रष्टाचार करते हें तथा पुलिस किस तरह मामूली से मामले को प्राणघातक हमला जिसमे उम्र केद की सजा हे का बना देती हे और केसे गम्भीर मामले को भी केवल ३२३ का यानी केवल ६ माह की सजा वाला बना देती हे की पोल खुल कर रह गयी हे और इस मामले में कितना भ्रस्ताचार चल रहा होगा जाँच का विषय हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रिश्ते हुए जख्म

तेरी यादों के
रिश्ते हुए जख्मों को
चाँद की चांदनी से धोया हे ,
तू मिली नहीं
मुझे इस जिंदगी में
फिर भी कमबख्त दिल हे
बस तेरी और तेरी ही चाहत में
देखो उम्र भर रोया हे ,
तेरी याद में
देख ले
आज बंद
हो गयी हें आँखें मेरी
लोग सोचते हें
थक गया हे आदमी
इसीलियें बेचारा चेन की नींद सोया हे
बस एक वही तो अब बचे हें
जो यह सच जानते हें
के उन्होंने उनकी ही गलतियों से
एक चाहने वाला खोया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक दुसरे से कतराने लगे हें

बरसों से रुका हे
मन्दिर मस्जिद का फेसला
आज जब फेसले की खबर आई हे
इधर देखो उधर देखो
आदमी ही आदमी से कतराने लगे हें
इधर हो चाहे उधर
चारों तरफ फिर से
दंगे फसादात के
बादल मंडराने लगे हें ,
नफरत ,साम्प्रदायिकता
इस देश के लियें
बस अब कलंक हो गया हे
इसीलियें इस देश में
अमन ,सुकून के हालत
डगमगाने लगे हें
नेता हो चाहे हों धर्म गुरु
जिसे देखों यह सब
कुर्सी की दोद में
खून की कीमत
बस भुलाने लगे हें
और देश से नहीं रहा हे
इन लोगों को जरा भी प्यार
इसीलियें तो
यह सभी लोग
फर्ज़ अपना भुला कर
जयचंदों का इतिहास
दोहराने लगे हें
हमारा क्या
हम तो निकले हें
इंसानियत की तलाश में
इसीलियें बस एक तरफ
खड़े होकर
खामोशी से
एकता , अखंडता, प्यार और सद्भाव के
चिराग जलाने लगे हें ,
देखो दोस्तों इधर देखो ,उधर देखों
चारों तरफ से अमन के परवाने दीवाने लोग
इस देश को फिर से बचाने आने लगे हें ॥ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा हज प्रशिक्षण शिविर आयोजकों से मंत्री धारीवाल नाराज़ हुए

राजस्थान के गृह मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल आज जब मुख्य अतिथि के रूप में हज पशिक्षण शिविर में गये तो वहां लगो उनके स्वागत को उमड़ पढ़े और हालात यह हुए के आयोजक शांति कुमार धारीवाल के आगे हाजियों को भूल गये , हाजियों की यह दुर्गति देख धारीवाल ने मंच से शिविर के आयोजकों को लताड़ पिलाई उन्होंने कहा के आखिर हाजियों का इस्तकबाल करना चाहिए लेकिन आप सब लोग मेरे इस्तकबाल में व्यस्त रहे उन्होंने कहा यह केसा स्वागत , मुझे हाजियों का इस्तकबाल करना चाहिए तुम्हे हाजियों का इस्तकबाल करना चाहिए लेकिन इन्हें भुला कर तुम लोग मेरे स्वागत में लगे हो उन्होंने कहा यह गलत बात हे , धारीवाल ने आयोजकों को चेताया के भविष्य में यह गलती दोहराई नहीं जाए , आयोजकों ने जब धारीवाल का यह उपदेश सूना तो वोह एक एक कर खिसकने लगे हालत यह रहे के वहां पहुंचे कई हाजियों के टिके भी वक्त पर नहीं लगाये गये और सब एक दुसरे का मुंह तकते रहे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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