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02 अक्तूबर 2010

आखिर चेचट थाना बदलना ही पढ़ा

कोटा के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यक्षेत्र चेचट में थाने के एक कमरे में महिला पुलिस कर्मी के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या के बाद उपजे तनाव की स्थिति को आखिर चेचट थाने के सभी सिपाहियों को हटाने की मांग मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप कर पूरी कर दी हे जबकि खुद भाजपा नेता श्रीमती वसुंधरा ने भी पीड़ित परिवार के घर जाकर सांत्वना देते हुए थाने में इस तरह की राक्षसी घटना को बहुत गम्भीर और शर्मनाक बताया , वसुंधरा ने कहा के आखिर थाने में ऐसी खतरनाक घटना के बाद भी सरकार ऐसे थानाधिकारी और पुलिसकर्मियों को किन कारणों से बचना चाह रही थी और ऐसे कोनसे कारण थे की ग्रामीणों द्वारों वाजिब मांग करने पर भी उन पर लाठियां बरसाई जा रही थीं , खेर आखिर ग्रामीणों की मांग पुरे थाने को हटाने की सरकारों को पूरी ही करना पढ़ी और इसकी जाँच खुद अतरिक्त पुलिस महानिदेशक कर रहे हें जिन्होंने कल थानाधिकारी के बयान भी रिकोर्ड किये , सुनते हें के जाँच का नाटक कर थाने के अन्य लोगों को क्लीन चिट दी जायेगी लेकिन खुदा के घर देर हे अंधेर नहीं बकरे की मांग कब तक खेर मनाएगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में शिक्षकों की भर्ती होगी

अकाल से जूझ रहे राजस्थान में अच्छी वर्षा के बाद अब खुशहाली के आसार हें यहाँ अब विकास कार्यों की भरमार हे जबकि नोक्रियों की भर्ती के प्रति भी सरकार गम्भीर होने लगी हे , राजस्थान सरकार ने कल वर्षों से खाली पढ़े शिक्षकों के करीब १८००० पदों पर सीधी भर्ती का एलान क्या हे , राजथान में कई स्कुल ऐसे हें जहां या तो छात्र नहीं हें और जहां छात्र हें वहां शिक्षक नहीं हे यहाँ सर्व शिक्षा अभियान , मदरसा शिक्षा और सभी तरह की शिक्षा के लियें अभी शिक्षकों की काफी कमी हे , सरकार की इस घोषणा से हजारों हजार बी एड और एस टी सी छात्रों के चेहरे खिल उठे हें और अब वोह इस तय्यारी में हे के कब सरकार नोकरियों के आवेदन मांगे और बेरोजगार इसके लियें आवेदन कर भर्ती की लाइन में लगें , राजस्थान में अभी और बहुत सारे पदों की भर्तिया भी होना बाक़ी हे खेर अभी तो सरकार ने जब राजनितिक नियुक्तिया कर भर्ती की प्रक्रिया ही नहीं अपनाई हे तो शायद इसके लियें तो और इन्तिज़ार करना ही होगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोमन वेल्थ की हेल्थ का उद्घाटन आज

भारत देश की विवादास्पद मेजबानी के चलते और हजारों हजार अव्यवस्था और भ्रस्टाचार के आरोपों के चलते आज आखिर कोमन वेल्थ गेम की शुरुआत का दिन आ ही गया इश्वर करे देश के सम्मान मान प्रतिष्टा और मर्यादा के लियें यह खेल शानातिपूर्ण तरीके से हो जाएँ और इन खेलों में देश के खिलाड़ी अपनी जीत का झंडा गाड़ें ऐसी ही खुदा से दुआ हे ।
करीब २८ वर्र्ष बाद देश को मिली इस मेजबानी से विश्व के और दुसरे देशों को नाराज़गी हे इसलियें उन्होंने हमारे देश को बदनाम करने के लियें कोई कसर नहीं छोड़ी हे दूसरी तरफ खुद हमारे देश के भ्रस्ताचार और अव्यवस्था के चलते यह खेल और खेल की तय्यरियाँ काफी बदनाम हुई हे डम्पिंग टेस्ट में हमारे खिलाड़ी फेल हुए हें लेकिन जो भी हुआ अब सुखद दिन हे आज हम विश्व के खेलों की मेजबानी कर रहे हें यह हमारे लियें गोरव की बात हे खुदा करे विश्व में हमारी मेजबानी और खिलाडियों के खेल की साख बने और सम्मान बना रहे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दान ऐसा लाभदायक नहीं

अश्रद्धया हुर्त तपस्तप्त क्रत च यत;
असदित्युच्यते पार्थ न च तत्प्रेत्य नो इह ।
श्री गीता के १७ वें अध्याय के २८वेन श्लोक में भगवान ने कहा हे
हे अर्जुन
बिना श्रद्धा के किया हुआ हवन
दिया हुआ दान
तपा हुआ तप
और जो कुछ भी किया हुआ शुभ कर्म हे
वेह समस्त असत
इस प्रकार कहा जाता हे
इसलिए वोह न तो इस लोक में लाभदायक हे
और ना मरने के बाद ही ।
संकलन अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुरान में नमाज़ की दावत

कुरान मजीद में ७०० बार नमाज़ की दावत दी गयी हे ।
बीवी आयशा रज़ी अने सबसे पहले कुरान की आयतों को गिना।
कुरान में सुरः अल बकर सबसे बढ़ी आयत हे
सुरः अल कोसर सबसे छोटी सुरत हे ।
कुरान को पूरी तरह से अवतरित होने में २२ साल ५ माह १४ दिन लगे।
कुरान में अल्लाह का नाम २५८४ बार हे ।
दुनिया में कुरान १०३ भाषाओं में हे ।
कुरान में चार मस्जिदों का नाम हे ।
मस्जिदुल हसन , मस्जिदुल जिर्राह , मस्जिदुल नबवी। मस्जिदुल अक्सा, कुल चार मस्जिदें हें
कुरान में किसिस भी दुसरे धर्म या फिर उसके मने जाने वाले भगवान को बुरा कहने के लियें मनाही हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तन्हाई की याद

याद
किसे कहते हें
जो तन्हाई में
चोरी चुपके आये
वोह याद
नहीं होती,
याद तो
वोह होती हे
जो भरी महफिल में
बेठे हों हम
घिरे हों लोगों से
और फिर ऐसी आये
के बस तन्हा
और तन्हा
कर जाए ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऐ पत्थर तुम क्या हो

ऐ पत्थर तुम क्या हो
क्यूँ ऐसा लगता हे
के तुम्हारा अस्तित्व नहीं हे
फिर सोचता हूँ पत्थर दिल पत्थर दिल महबूब
बहुत सूना हे , मिल का पत्थर जो लोगों का हमसफर साथी होता हे
कहीं तुम वोह पत्थर तो नहीं
फिर सोचा नहीं नहीं
तुम तो वोह पत्थर हो
जो एक मन्दिर में पूजा के लियें रखा जाता हे
फिर सोचा एक पत्थर तो मजनू को भी पढ़ा था
फिर सोचा नहीं वोह पत्थर भी नहीं कहीं तुम
शीशे के घरों में फेके जाने वाले पत्थर तो नहीं
फिर सोचता हूँ नहीं तुम तो जुलूसों पर दंगा भडकाने के लियें फेके जाने वाले पत्थर हो
सोचता हूँ तुम मन्दिर में तराश कर रखे जाने वाले पत्थर ही हो फिर सोचता हूँ तुम लोगों को छत घर देने वाले पत्थर हो जो कोई भी तुम पत्थर हो बस मेरे महबूब पत्थर से कम सख्त पत्थर हो। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वेश्य के स्वाभाविक कर्म

क्र्शिगोर्क्ष्यवानिज्य्म वेश्यक्र्म स्वभावजम ।
परिचर्यात्मक कर्म शुद्र्स्यापी स्वभावजम ॥
खेती, गोपालन और क्रय विक्रय रूप सत्य व्यवहार यह वेश्य के स्वाभाविक कर्म हें तथा सब वर्णों की सेवा करना शुद्र का भी स्वाभाविक कर्म हे।
अध्याय १८ के श्लोक ४४ में कहा गया हे के वस्तुओं के खरीदने और बेचने में तोल,नाप,और गिनती आदि में कम देना अथवा अधिक लेना एवं वस्तुओं को बदल कर या एक वस्तु में दूसरी खराब वस्तु मिलाकर देना दाम ठहरा कर अधिक दाम लेना झुंट कपट चोरी और जबरदस्ती से अथवा किसी भी तरह से किसी के हक को मारना गलत हे कुल मिला कर दोष रहित जो सत्यता पूर्वक पवित्र वस्तुओं का व्यापर हे उसका नाम सत्य व्यवहार हे । दोस्तों यही बात मुस्लिम पवित्र ग्रन्थ कुरान के माध्यम से भी इश्वर ने कही हे लेकिन कितने हिन्दू और कितने मुसलमान ऐसे हे जो बड़ी बड़ी दादी रख कर और बड़े बड़े तिलक टिके लगाकर अल्लाह और भगवान के प्रति आस्था दिखाते हें और फिर खुदा इश्वर के इस आदेश के खिलाफ लुत्ट्स मचाते हें तो बताओं क्या यह अधर्म नहीं क्या ऐसे अधर्मियों का नाश हमारा दायित्व नहीं अगर हाँ तो फिर लग जाओ आज से ही मुन्ना भाई। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भक्तों का पुनर्जन्म नहीं होता

यान्ति देवव्रता देवान्पित्र्न्यान्ति पित्र्वर्त्ता;
भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति म्ध्याजिनोपी मम ।
देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हें पितरों को प्राप्त होने वाले पितरों को प्राप्त होते हें भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते हें,और मेरा पूजन करने वाले भक्त मुझको ही प्राप्त होते हें इसलियें मेरे भक्तों का पुनर्जन्म नहीं होता । अध्याय ९ श्लोक २५ , संकलन ... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अंदाज़े प्यार जुदा हे

अनाजे प्यार भी
आपका
एक खुबसुरत अदा हे,
जिसको भी क्या
प्यार आपने
बस वही
आप पर फ़िदा हे
दिल में
बसी हे
एक
प्यारी सी तस्वीर आपकी
फिर
केसे कहूँ
के आप
हमसे जुदा हें।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जन्नत आठ तरह की

दोस्तों जिस जन्नत के लियें लोग इस जीवन में कुर्बानियां देते हे वोह जन्नत एक नहीं बलके आठ तरह की हे जन्नत में आदमियों को सेविका के रूप में हूरें मिलेंगी जबकि ओरतों को गिल्मान मीलेंगे । पहली जन्नत जन्नतुल मावा, दूसरी जन्न्नत जन्नतुल नईम, तीसरी जन्नत जन्नतुल आदम,चोथी जन्नत जन्नतुल फिरदोस,पांचवीं जन्नत जन्नतुल दारुल इस्लाम , छटी जन्नत जन्नतुल दारुल खुल्द हे सातवीं जन्नत जन्नतुल दारुल करार, आठवीं जन्नत दारुल जमाल हे ,
तो दोस्तों हे ना मजेदार बात खुदा के घर में जन्नत भी किसिम किसिम की हे अब सोचो हम और आप कहां किस जन्नत में जायेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बहुत उदास हे कोई .....

बहुत उड़ा हूँ में
तेरे जाने के बाद
हो सके तो
प्लीज़
लोट के आओ
किसी ना किसी
बहाने के साथ ,
तू लाख खफा सही
मगर एक बार
इधर तो देख
कोई हे
जो टूट गया हे
शीशे की तरह
तेरे
रूठ जाने के साथ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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