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05 अक्तूबर 2010

सरकारी भवन की छत गिरने से डोक्टर की म़ोत

राजथान के सिरोही जिले में अस्पताल में कार्यरत डोक्टर राजेन्द्र अरोरा के सरकारी आवस के मकान की छत गिर जाने के कारण कल अस्पताल परिसर में ही उनकी अकाल म़ोत हो गयी ,सरकार इस ज़िम्मेदारी से बचने के लियें कह रही हे की सरकार ने जिस भवन में डोक्टर रहते थे उसे पहले ही जर्जर घोषित कर दिया था , सवल हे के जब सरकार ने भवन को जर्जर घोषित क्या तो फिर चिकित्सक को उसमें रहने क्यूँ दिया जा रहा था इसके लियें तो कोई अधिकारी जुर ज़िम्मेदार मन जन चाहिए , लेकिन राजस्थान में सरकारी इमारतें रख रखाव के आभाव और ठेकेदारों से कमिशन बाज़ी के चलते आज भी जर्जर स्थिति में हे और दुर्घटना का निमन्त्रण दे रही हे अब सरकार को इस घटना से सबक लेकर राजस्थान की सभी सरकारी इमारतों का भोतिक सत्यापन करवाना चाहिए ताकि भविष्य में होने वाली किसी बढ़ी दुर्घटना को पहले ही रोका जा सके क्यूंकि सावधान हटी दुर्घटना घटी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कलेक्टर और एसपी कोंफ्रेंस में मंत्रियों ने की खिचाई

कलेक्टर और एसपी कोंफ्रेंस में कल कलेक्टरों और एस पी की मुख्यन्त्रियों सहित सभी मंत्रियों ने जम कर खिंचाई की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो कलेक्टरों को जिले की सडकें दिवाली के पहले सूधारने के निर्देश जारी किये जबकि गृह मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सीधा आरोप जड़ा के कलेक्टर मंत्रियों की नहीं सुनते और जनता की भी सुनवाई नहीं करते उनका कहना था के अगर कलेक्टर वक्त रहते जनता की सुनवाई कर लें तो फिर जनता की आधी से अधिक समस्या का समाधान हो जाएगा और धरने प्रदर्शन से बचा जा सकेगा एक मंत्री प्रसादीलाल मीणा ने भी कलेक्टरों के खिलाफ खूब खरी खोटी सुनाई । खुद मुख्यमंत्री ने कोटा ग्रामीण इलाके के चेचट थाने में महिला सिपाही के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या के मामले को गम्भीरता से लिया और इस मामले में दी जी पुलिस को तलब क्या हे । इसे प्रदेश की गम्भीर घटना माना गया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुशर्रफ ने आखिर जहर उगल ही दिया

पाकिस्तान के भगोड़े पूर्व राष्ट्रपति जनरल मुशर्रफ जिसने अटल बिहारी के प्रधानमन्त्री कार्यकाल में हिदुस्तान में आकर कई बार शान्ति का पाठ पढाया था आखिर कल अपना जहर उगल ही दिया मुशर्रफ ने साफ़ साफ़ शब्दों में स्वीकार क्या हे के उन्होंने भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लियें पकिस्तान में आतंकी तय्यार किये थे यह घटना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत द्वारा चलाए जा रह उस अभियान का समर्थन करती हे जिसमें भारत पाकिस्तान को आंतकी देश घोषित करने मी मांग कर रहा हे वेसे भी भारतीय कानून के तहत अब मुशर्रफ भी यहन अपराधी बन गये हें उनके खिलाफ भारतीय कानून के तहत भारत के खिलाफ युद्ध लड़ने और इसको प्रोत्साहित करने का मुकदमा चलाना चाहिए साथ ही अब भारत को अमेरिका से दो तुक शब्दों में नाता तोड़ कर पकिस्तान पर हमला बोल देना चाहिए और वहां के सभी आतंकी ठिकानों को नष्ट कर देना चाहिए ,अब देखना यह हे के अमेरिका से इजाजत लेकर मल मूत्र त्यागने वाले प्रधानमन्त्री जी इतनी बढ़ी घटना की स्वीकारोक्ति के बाद भरत की सुरक्षा के लियें और आत्मस्वाभिमान के लियें अकिस्तान के खिलाफ क्या कार्यवाही करते हें या फिर देश को यूँ ही आतंकवादियों के हवाले छोड़ देते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सास और बहु

सास हो या बहु
उसके सफलतम
रिश्ते के पीछे
बस दो ही चीजें हें
उनके होंटों पर हंसी
उनके होंटों पर चुप्पी
समस्या,तनाव को
मुस्कुराहट से सुलझाना
एक दुसरे की
कडवाहट को भूल जाना
बस यही हे
एक फार्मूला
साँसों और बहुओं
तुम भी चाहो
तो इसी फार्मूले को अपना कर
अपने अपने घर को
स्वर्ग बना जाना
ताके
मेरे इस देश के
बाप ,बेटों और दामादों को
कोई न बना सके बेगाना ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बुजुर्गों की जिंदगी में झांको

बुजुर्गों की
जिंदगी में
जरा झांक कर तो देखो
इनके चेहरे की झुर्रियां
हजार अनुभव सिखाती हें ,
इनके कपकपाते हाथ
डगमगाती गर्दन,थके हारे कदम
मुरझाया चेहरा
अपने अंदर सिमटी एक
कहानी कहता हे
इन बुजुर्गों से सीख लो
जो कुछ शुभ करना हे
आज ही कर लो
क्यूंकि कल आपके सामने खड़ा हे
सोच लो बचपन के बाद बुढापा
उगते सूरज और डूबता सूरज की
हकीकत खानी कहता हे
इसलियें उठो जवानों उठो
इसके पहले के तुम भी बुढा जाओ
मेरे इस देश के लियें
खुद अपने लियें
अपने बच्चों देशवासियों के लियें
कुछ अच्छा सा तो कर ही जाओ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राक्षसों को सोने दो

साम्प्रदायिकता के
राक्षसों को सोने दो
इन्हें जागने मत देना,
देश की एकता
सुख शांति के लियें
उसका सोये रहना ही अच्छा हे ,
आप सब जानते हें
जब तक वोह सोता रहेगा
तब तक यह देश
अत्याचार,लूटमार अनाचार से बचेगा
सदभाव और एकता को
सोने मत देना
आप को पता हे
यह जब तक जागते रहेंगे
तब तक शेतान ताकते रहेंगे
इसलियें में कहता हूँ
जो कुछ दिखाया हे पिछले दिनों
आप और देश के निवासियों ने
बस उसी भाव को
नेताओं के लियें
जूते हाथ में लेकर
आजीवन बनाये रखना ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान हाईकोर्ट ने की सरकारी वकीलों की खिंचाई

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मुकदमें की सुनवाई के दोरान सरकारी वकीलों को लापरवाह मन हे हाईकोर्ट की टिप्पणी हे के अदालतों में सरकारी वकील टाइम पर य्प्स्थित नहीं होते हें और जब उपस्थित हो भी जाते हें तो उनके पास पत्रावलियां नहीं होती हे या फिर वोह पेरवी के लियें तय्यार नहीं होते हें । राजथान हाईकोर्ट की यह बात शत प्रतिशत सही हे , हम जिला लेवल से हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट लेवल तक अगर सरकारी सुवाई का तरीका देखें तो बहुत ही हास्यास्पद सा तरीका हे पहले तो इन पदों पर राजनितिक नियुक्तियां होती हे इसलियें यह टी हे के इन्साफ प्रभावित होता हे दुसरे जिन वकीलों को सरकार की पेरवी के लियें नियुक्त किया जाता हे उनका मेहनताना ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर होता हे , जिला लेल पर सरकारी वकील को ८ हजार रूपये प्रतिमाह मिलते हें जबकि दूसरों को सात हजार रूपये प्रतिमाह मिलते हें जो एक चपड़ासी से भी बहुत कम हे आप देखिये की छोटी अदालत में जहां केवल आपराधिक प्रकरणों की सुनवाई क्या जाना हे वोह भी छोटी प्रक्रति के मामलों की सुनवाई क्या जाना हे वहां सरकार जिन्हें स्थायी नियुक्ति देती हे उनको पहले तो सिविल काम नहीं करना पढ़ता और वोह सरकारी कर्मचारी की हेसियत से सारी सुख सुविधाएं भोगते हें साथ ही यह लोग ४० से ६० हजार रूपये प्रतिमाह वेतन और हटने पर इससे आधी पेंशन पाते हें जबकि इन बेचारों को जो मिलता हे वोह तो कपड़े धोने और पेट्रोल को खर्च में भी पूरा नहीं होता अब इन नियुक्त सरकारी वकीलों से हम अच्छे और गुणवत्ता वाले कामा की उम्मीद भी केसे कर सकते हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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