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06 अक्तूबर 2010

मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों ने की पुलिस की खिंचाई

राजस्थान के पुलिस अधीक्षकों की कोंफेंस में पुलिस की कार्यवाही से राजस्थान सरकार खुद दुखी हे और इसीलियें सरकार में बेठे मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक ने इनकी खिंचाई कर डाली । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डी जी पुलिस की खिंचाई करते हुए कोटा ग्रामीण पुलिस इलाके में चेचट थाने का मामला उठाते हुए इसे शर्मनाक बताया और पुलिस को सुधर की चेतावनी दी , इसी बीच एक मंत्री अमीन खान ने हत्या को दुर्घटना में बदलने के मामले में गम्भीर टिप्पणी की जबकि खुद गृह मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने कहा के राजस्थान के थाने प्रोपर्टी डीलरों के कार्यालय बन गये हें यहाँ खूब प्रोपर्टी डीलिंग हो रही हे एक संसदीय सचिब ने भी इस पर गम्भीर टिप्पणी की अब देखिये जब मुख्यमंत्री गृहमंत्री और दुसरे मंत्री ही राजस्थान पुलिस से संतुष्ट नहीं हे तो बेचारी जनता का क्या हाल होगा आप सोच सकते हें यह सब सरकार की लापरवाही से हो रहा हे अगर पुलिस नियम और कानून के तहत समितियों का गठन हो जाए तो साडी मुसीबत ही दूर हो जाएगी लेकिन ऐसा हो नहीं रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सिपाही ने हेड को गोली मारी

कोटा पुलिस रेंज में पुलिस की पुलिस पर हिंसा की कार्यवाही थमने का नाम नहीं ले रही हे , कल बारां जिले की पुलिस लाइन में एक सिपाही रामचरन की द्युति लगाने के मामले में वोह हेड कोनिसतेबल नरेंद्र मालव से इतना खफा हुआ की उसने पुलिस लाइन में ही अपनी सरकारी बंदूक उठायी और हेड नरेंद्र मालव पर निशाना साध कर गोली मार दी , इस गोली बारी में नरेंद्र मालव के पेट में गोली लगी हे और वोह जिंदगी और म़ोत के बीच कोटा अस्पताल में संघर्ष कर रहा हे । यह वाकया उस वक्त हुआ जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थानों में हिंसा के मामले में डी जी राजस्थान और एसपी की कोंफ्रेंस में अपना भाषण पिला रहे थे। कोटा में पहले ग्रामीण पुलिस लाइन, फिर शहर पुलिस लाइन और फिर चेचट थाने में पुलिस का पुलिस पर अपराध हुआ हे जिससे पुलिस की नजरें शर्म से झुक गयी हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शिक्षकों के तबादलों पर स्थगन

राजस्थान में त्रतीय श्रेणी के शिक्षकों के तबादलों पर एक माह के लियें राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी हे , हाईकोर्ट ने कहा हे के जो अध्यापक जहां हे वहीं रहेगा और एक महीने के अंदर अगर सर्विस त्राव्ब्युन्ल इस मामले में कोई आदेश नहीं देता हे तो फिर उसे वहीं कार्यभार ग्रहण करना पढ़ेगा जहाँ उसका ट्रांसफर हुआ हे , राजस्थान में हर साल शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर काफी हंगामा होता हे और इसीलियें अब मामले अदालतों में पहुंचने लगे हें वेसे तो ट्रासफर के मामले में सरकार ने कोई नियम नहीं बनाये हें लेकिन निति बनाई हे जिसका कोई मोल नहीं हे उस्क्सी पलना कोई नहीं करता हे पहले समानीकरण और फिर राज्यादेश के साथ शिक्षकों के होने वाले तबादलों से शिक्षक दुखी हें । वेसे इन सब अनियमित मनमाने तबादलों पर आज तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट यह कहती रहीहे के यह प्रशासनिक मामले हे और ट्रांसफर ट्रांसफर हे यह कोई सजा नहीं हे इसलियें इस मामले में कोई दखलंदाजी नहीं की जती हे लेकिन अब वक्त आ गया हे के इस व्यवस्था पर अंकुश लगाया जाए ताकि अराजकता की स्थिति खत्म हो। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फ़्रांस से कोटा लोटी महापोर को तमाशा दिखा

कोटा से फ़्रांस गयीं महापोर जब कोटा की खूबसूरती और व्यवस्था के बारे में डींगें हांक कर जब वापस कोटा लोटी तो कोटा की हालत देख कर वो रो पढ़ीं , उनके जाने स आने तक नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारीयों ने कोटा की सडकें न तो मरम्मत की और न ही साफ़ सफाई ही की गयी कोटा में राष्ट्रीय मेला दशहरा सर पर हे और मेला स्थल पर अतिक्रमण और गंदगी के ढेर आते पढ़े हें , हालत यह हें के महापोर की अनुपस्थिति में महंगे कलाकारों के कार्यक्रम अधिकारीयों ने ही तय कर लिए ।
महापोर रत्ना जेन ने फ्रांस में जाकर कोटा के प्रयत्न को बढ़ावा देने के लियें कोटा साडी और कोटा के प्रयत्न स्थलों का बखान किया इससे कोटा के मामले में फ्रंस्वासी प्रभावित भी हुए , लेकिएँ जब महापोर जी कोटा आयीं और यहाँ की दुर्गति देखी तो बस वोह नाचते हुए उस खुबसुरत मोर की तरह गंदगी के मामले में पेरों को एख कर रोने वाले मोर की तर्ज़ पर रोने लगीं और फिर उन्होंने पार्षदों और निगम कर्मियों की क्लास ले डाली। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भूखे को रोटी दो तो जाने

एक मन्दिर में
भगवान की मूर्ति पर
प्रसाद चढाने वालों
एक मस्जिद में
अल्लाह हो अकबर
की आवाज़ लगाने वालों
ना तुम धर्मात्मा हो
तुम्हारे अंदर जीवात्मा हे
तुम हो भूखे
खाने बेठो थाली परोस कर
इसी बीच
पड़ोसी तुम्हारा भूखा हे
यह जानकर अपना खाना उसे खिलाओ
धर्म का यह
सिद्धांत लागु कर
दिखाओ तो जाने । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आज का यह केसा इंसान

देख मेरे भगवान
आज का यह केसा इंसान
भूख इतनी बढ़ी हे इस इंसान की
आदर्श और नेतिकता खाने लगा हे यह इंसान
संस्क्रती भुलाकर
हेवान बन गया हे यह इन्सान
तू ही बता हम क्या करें
ऐ मेरे भगवान
कंद मूल खाकर गुजर बसर करता था
बेचारा जब जंगली था इंसान
थोड़ा समझदार हुआ तो बस
अनाज खाने लगा यह इंसान
देखो अब जब सभ्य हुआ हे इंसान
तो इधर देखो उधर देखो जिधर देखो
सभ्यता , इंसानियत को खाने लगा हे यह इंसान
हालत इतनी बदली हे अब मेरे भगवान
रोटी छोड़ कभी चारा कभी रुपया खाता हे यहे इंसान
तो कभी आदमियों का ही लहू पीता हे यह इन्सान
पेट उपये से नहीं रोटी से भरता हे
अब तो इतना भी नहीं हे इसे ध्यान
ऐ मेरे भगवान यह केसा हो गया इन्सान
इससे तो आज भी बहुत अच्छा हे हेवान
यह केसा हो गया इंसान ...................?
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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