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11 अक्तूबर 2010

कर्नाटक में भाजपा ने कर दिया नाटक

कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या हुई हे या कर्नाटक विधानसभा में लोकतंत्र विश्वासमत का नाटक हुआ हे यह तो कानूनी बात हे लेकिन वहां भाजपा ने कानून कायदे ताक में रख कर १६ विधायकों की स्पीकर के माध्यम से सदस्यता खत्म करवा दी और फिर विश्वास मत हांसिल कर लिया , कर्नाटक के ल्राज्य्पल ने विधि नियमों का हवाला देकर पहले ही ऐसा नहीं करने के लियें स्पीकर को सलाह दी थी लेकिन स्पीकर ने राज्यपाल की बात नजर अंदाज़ कर दी । अब कर्नाटक के राज्यपाल ने इस व्यवस्था के खिलाफ वहन राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिस की हे लेकिन भाजपा कोंग्रेस की लोकतंत्र में नयेह लुका छिपी अब बहुत हुई यहाँ कम होना चाहिए । अकह्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अंधविश्वास की भूखी म़ोत

जमीन का मामला अलाहाबाद कोर्ट में चल रहा हो और पीड़ित परिवार इन्साफ की तलाश में एक बाबा के कहने में आकर अजमेर शरीफ की दरगाह में अपने हक में फेसला होने के इन्तिज़ार में भूखा प्यासा तडप रहा हो तो उसे अन्धविश्वास नहीं तो क्या कहेंगे इस अंध विश्वास ने अजमेर में एक ही परिवार के तीन लोगों की जान लेली जबकि इस परिवार के नो जने अभी भी जिंदगी और म़ोत के बीच में झूल रहे हें ।
अलाहाबाद का एक परिवार जमीन के विवाद के मामल में दुखी था और इस परिवार के मुस्तुफा को अजमेर यात्रा के दोरान एक बाबा मिले जिन्होंने उस पुरे परिवार को जमीन का मामला उनके हक में होने का आश्वासन दिलाया और इसके लियें इस पुरे परिवार के १२ सदस्यों को फेसला होने तक भूखा प्यासा रहने के लियें कहा गया , बस फिर क्या था मुस्तुफा का परिवार बिना खाने पीने के अजमेर की दरगाह पर पढ़ गया और उनकी तबियत भूख प्यास से दिन बी दिन बिगडती चली गयी लेकिन वोह टस से मस नहीं हुए , कल; जन्नती दरवाजे के पास जब उस परिवार के तीन लोगों की म़ोत हो गयी तब जाकर अजमेर और दरगाह प्रशासन हरकत में आया तुरंत बाज़ी परिवार के लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जब परिवार से पूंछा गया अंध विश्वास की भूख हडताल का यह सच सामने आया । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लेट लतीफ शिक्षकों की अब खेर नहीं

कोटा में स्कूलों में दरी से जाने वाले शिक्षकों की अब खेर नहीं हे , स्कूलों में लगातार शिक्षकों की अनुपस्थिति की शिकायतों पर कोटा कलेक्टर ने ओचक निरिक्षण के मामले में एक टीम का गठन क्या जिसने पहले दिन करीब तीन सो शिक्षकों को स्कुल से अनुपस्थित पाया इसमें से कई शिक्षक तो ऐसे निकले जो सरकारी स्कुल टाइम र अपने खुद के या किसी रिश्तेदार के निजी स्कुल में पढाते मिले ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की सिफारिश की गयी ।
कोटा कलेक्टर टी रविकांत ने इस मामले में जनता से भी अपील की हे के अब वोह खुद ऐसे शिक्षकों की पहचान कर प्रशासन को बताये , एक अनुमान के मुताबिक एक दिन में तीन सो शिक्षकों की अनुपस्थिति के बाद वेतन उठाने के मामल में सरकार को लाखों का नुकसान हे , कोटा कलक्टर की इस कार्यवाही से जहाँ ग्रामीणों और स्कुल के अभिभावकों को राहत मिली हे वहीं शिक्षकों और शिक्षक संघो में भगदड़ मच गयी हे , लेकिन इतनी सख्ती के बाद भी शिक्षक हे के सुधरने का नाम नहीं ले रहे हें जो शिक्षक वक्त पर जाते हें वोह वक्त पर ही जा रहे हें उन्हें कोई पुरस्कार नहीं और जो लेट लतीफ हें और ऐसे लेट लतीफ जो जानबूझ कर बिना किसी मजबूरी के आदतन लेट लतीफ हें उनके खिलाफ तो कार्यवाही होना ही चहिये ताकि एक उदाहरण बन सके । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खुद को सुधारो सब कुछ सुधर जाएगा

आह लोग दूसरों को
सूधारने की बात करते हें
में अकेला हूँ जो
खुद को सूधारने की बात करता हूँ
में जान गया हूँ
खुद में सुधार ही
समाज और राष्ट्र के सुधार की नीव हे,
दूसरों को सूधारने का प्रयास
दूसरों के सुधरने का इन्तिज़ार
सबसे बढ़ी अराजकता हे
सबसे बढ़ी मुर्खता हे
और यही मुर्खता
आज देश, घर ,परिवार
और समाज में हो रही हे
हर आदमी खुद को छोड़
दुसरे को बदलने की
कोशिशों में जुटा हे
और यही जिद
इस देश, समाज और विश्व में
टकराव और अराजकता का
मूल कारण हे ,
तुम जानलो
कई जीवन गुज़ारने के बाद भी
तुम दूसरों के स्वभाव को
नहीं बदल सकते,
इसलियें थोड़ा समझो
थोडा सा बस खुद को बदल लो
बस जेसा तुम
चाहते हो
समाज,देश और हालत वेसे ही बदल जायेंगे
और तुम जहां रहते हो
वोह जगह खुद बा खुद
स्वर्ग बन जाएगी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रिश्वत खोरी पर सुप्रीमकोर्ट की फटकार

देश के हर कोने में हर विभाग में खुलेआम भ्रष्टाचार की शिकायतों से आहत सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जबर्दस्त लताड़ पिलाई हे सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा हे के रिश्वतखोरों को बचना ही हे अगर तो फिर कानून बनाकर रिश्वतखोरी को मन्यता दे दी जाये ताके लोगों को यह पता रहे के किस काम के लियें उन्हें कितनी रिश्वत देना होगी , सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को यह लताड़ भ्रस्टाचार के मामले में एक अपील की सुनवाई के दोरान लगाई। सुप्रीम कोर्ट में भ्रस्टाचार के एक मामले में अपील के दोरान अधिकारी को सज़ा दिलाने में सरकार की मिलीभगत की पोल खुलने के बाद यह लताड़ पिलाई ,
सरकार के पास इतना बड़ा महकमा होने के बाद भी सरकार विभागों में भ्रस्टाचार पर अंकुश लगाने में असफल रही हे और आज स्थिति यह हो गयी हे के हर विभाग को भ्रष्टाचार की दीमक चाटने में लगी हे । सरकार ने भ्र्ह्ताचार रोकने के लियें जो कानून बनाया हे उस दो प्रष्ट के कानून में विशेष न्यायालय में जज स्तर के अधिकारी द्वारा सुनवाई की व्यवस्था हे लेकिन आरोपी को थाने पर ही जमानत पर छोड़ने का प्रावधान रखा गया हे इतना ही नहीं कितना ही भ्रष्ट अधिकारी हो अगर सरकार नहीं चाहे तो प्राइवेट व्यक्ति को इस मामले में एफ आई आर दर्ज करने का अधिकार नहीं हे अगर एफ आई आर दर्ज भी हो जाये तो सरकार जब तक अनुमति नहीं देगी तब तक भ्रस्टाचार के मामले में चलन पेश नहीं किये जाने का प्रावधान हे आज भी राजस्थान सहित सभी राज्यों में हजारों भ्रष्टाचार के ऐसे मामले हें जो सरकारी अनुमति के इन्तिज़ार में लम्बित पढ़े हें और कार्यवाही नहीं हो रही हे अब देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था की इस तल्ख कडवी टिप्पणी के बाद भी अगर सरकार को शर्म नहीं आती हे तो आप और में क्या कर सकते हें .......? अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सरकारी वाहनों का दुरूपयोग रोकने के आदेश जारी

राजस्थान सरकार ने सरकारी वाहनों का दुरूपयोग करने के मामले में निर्देश जारी किये हें सरकार के निर्देशों में कहा गया हे के कोई भी अधिकारी दफ्तर से सरकारी वाहन में घर न तो जाएगा और ना ही घर से सरकारी वाहन में आयेगा आदेशों में कहा गया हे के अगर ऐसा क्या गया तो ऐसे सभी अधिकारियों को अपनी जेब से वाहन उपयोग का किराया जमा करना पढ़ेगा , अभी तक राजस्थान में सभी अधिकारी वाहनों का मनमाना दुरूपयोग करते रहे हें इतना ही नहीं नगर निगम और दुसरे विभागों के अध्यक्ष तो सरकारी वाहनों को बेरहमी से इस्तेमाल करने में जुटे हें और इनको रोकने के लियें सरकार को अलग से जत्था भी बनाना पढ़ेगा क्योंकि वाहन दुरूपयोग की अनेक अधिकारियों के खिलाफ लखों की वसूली की ओडिट रिपोर्ट बनी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुशर्रफ के सर पर एक अरब का इनाम

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना अध्यक्ष जिसने भारत के खिलाफ आतंकवादी पैदा करने की बात स्वीकारी थी आज उसी की हत्या कर उसका सर लेकर आने वाले को एक व्यक्ति द्वारा एक अरब रूपये के इनाम की घोषणा की गयी हे , मुशर्रफ जो लोकतंत्र ,अमन , ईमान के हत्यारे रहे हें और आज भी वोह भारत और पाकिस्तान की सुरक्षा के लियें सर दर्द बने हुए हें , इस्लामाबाद में एक व्यक्ति की हत्या करने पर उसके पुत्र ने मुशर्रफ के सर पर एक अरब रूपये का इनाम घोषित क्या हे मुशर्रफ की इस इनाम के मामले में खुद की ही कोई चाल हो सकती हे शायद वोह ऐसा करके अपनी सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत करवाना चाहते हों लेकिन यह सच हे के मुशर्रफ की जो हरकते रही हें उससे तो इन जनाब की म़ोत विषय की सुख शांति खत्म करने वाले राक्षसों के लियें सबक होना चाहिए और शायद कुदरत ऐसा ही करके भी दिखाएगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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