आपका-अख्तर खान

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12 अक्तूबर 2010

आज देश के लियें ख़ुशी और गोरव का दिन हे

आज मेरे भारत देश और देशवासियों के लियें ख़ुशी और गोरव का दिन हे , एक तरफ तो कोमन वेल्थ गेम में मेरे इस देश के खिलाडी धडाधड मेडल पर मेडल जीत कर कीर्तिमान बना रहे हें , दूसरी तरफ मेरे इस देश ने विश्व की संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा समिति पर कब्जा कर लिया हे वेसे तो यह कब्जा अस्थायी हे लेकिन इश्वर से हमारी प्राथना अगर हुई तो यह स्थायी भी हो जायेगी , सब जानते हें वर्ष १९९२ में यह जीत भारत को मिली थी लेकिन इसके पहले भारत को जापान ने चुनाव में हर दिया था और जापान ही एशिया का प्रतिनिधित्व करने वा देश बना था । अब फिर से हुए चुनाव में भारत ने अपनी ताकत आजमाई और १९१ में से १८७ वोट हासिल कर विश्व और संयुक्त राष्ट्र संघ में अपना सिक्का जमा दिया ।अब भारत ऐसा देश हे जो पुरे विश्व और संयुक्त राष्ट्र संघ की तरफ से एशिया में प्रतिनिधित्व करेंगा तो भाई हे ना ख़ुशी की बात तो फिर नाचों गाओ ख़ुशी से आज मुबारक हो बधाई हो । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

में प्रार्थना करता हूँ

में जनता हूँ यह सच हे
सतयुग ही था वोह
जब राम और रावण हुआ करते थे
में यह भी जानता हूँ
यह कलियुग हे
यहाँ राम रावण नहीं होते
यहाँ हिटलर जी लोग हें
जो रावण हें
यहाँ गाँधी जेसे लोग हें
जो इस युग के राम हें
में अब बस खुदा से
यही प्रार्थना करता हूँ
बस दुनिया में
रोज़ एक आदमी
ऐसा पैदा हो
जिसमे राम,क्रष्ण,पैगम्बर मोहम्मद , बुद्ध ,यीशु,महावीर ,गुरुनानक जेसा
प्रताप हो , उनकी जेसी सोच हो
कुछ लोग ऐसे हों जिनेम
कुंद कुंद, शंकराचार्य,कबीर जेसी आत्मा हो
बस तभी मेरे इस देश का
उद्धार हो सकेगा।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

संकल्प ही तो महान हे

चट्टान लोहे से कमजोर हे
इसीलियें तो लोहा
चट्टान को तोड़ता हे ,
लोहा आग से कमजोर हे
इसीलियें तो आग
लोहे को पिघला देती हे
आग पानी से कमजोर हे
इसीलियें तो पानी से
आग बुझ जाती हे ,
पानी हवा से भी कमजोर हे
इसीलियें तो हवा की आंधी
पानी को बहा ले जाती हे
लेकिन यह सब संकल्प के आगे
कमजोर और बहुत कमजोर हें
संकल्प को ना तो चट्टान दबा सकती हे
न लोहा इसे तोड़ सकता हे
आग इसे न जला सकती हे न पिघला सकती हे
पानी इसे बहा नहीं सकता
हवा संकल्प को छु नहीं सकती
फिर ऐ संकल्प वालों
तुम क्यूँ घबराते हो
क्यूँ लक्ष्य को नहीं जाते हो
बस उठो
मेरे देश को महान साबित करने के लियें
इसे भ्रस्ताचार,बेईमानी.साम्प्रदायिकता।
भुखमरी, गरीबी, अराजकता , आतंकवाद
से बचाने का संकल्प लो
और वोह कर दिखाओ जो हमारे पुरखों ने इस देश को
सोने की चिडया बना कर करके दिखाया था। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आमदनी दस फीसदी तो महगाई अट्ठारह फीसदी

देश में मनमोहन सिंह के बिगड़े अर्थशास्त्र ने आर्थिक रूप से देश को गर्क में डाल दिया हे , एक सर्वेक्षण के अनुसार हमारे देश में पहली बार ऐसा हुआ हे के हमारे देश की आमदनी बढने का ओसत दस फीसदी के लगभग हे जबकि महंगाई का ग्राफ १८ प्रतिशत बढ़ा हे , अब इस व्यवस्था से तो आमदनी अठन्नी और खर्च एक रुपया की ही कहावत चरितार्थ हुई हे ताज्जुब इस बात पर हे के यहे सब किसी अंगूठा टेक राजनीतिग्य के कार्यकाल में नहीं बल्कि उस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुआ हे जो विश्व बेंक में नोकर रहे हें और फिर खुद को बहुत विशेषग्य अर्थशास्त्री मानते हें ,देश की जनता इस अराजकता भरी महंगाई व्रद्धी से दरी शमी हे और अब घर घर खर्च के मामले में विवाद पैदा हो गये हें हर घर में खर्चों को लेकर घरेलू हिंसा होने लगी हे कुल मिलाकर इस आर्थिक अराजकता को अगर वक्त रहते नहीं रोका गया और इस असंतुलन को नियंत्रित नहीं क्या गया तो देश में हिंसा, लुट और अराजकता के जो हालत बनेंगे उसे कोई भी सरकार नहीं रोक पायेगी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मानवता सस्ती हुई केवल दस रूपये के लियें हत्या हुई

इस क्रूर समाज में जीवन का कोई मोल नहीं हे केवल दस रूपये के चंदा विवाद में ऐ को व्यक्ति को अपनी जान से हाथ धोना पढ़ा हे । राजस्थान के कोटा सम्भाग में झालावाड जिले के एक चोराहे पर कल जब सभी मजदूर अध्त्ते हुए तब कुछ मजदूरों की टोली ने नवरात्रा के नाम पर दस रूपये का चंदा माँगा एक मजदूर ने चंदे के लियें दस रूपये देने से चंदा टोली को इंकार कर दिया , बस फिर क्या था चंदा टोली के लोग आवेश में आगये और उन्होंने चंदा देने से इंकार करने वाले मजदूर तेजकरण को पकड़ कर बेरहमी से लातों घूसों से पीटना शुरू कर दिया यह ज़ालिम लोग इस तेजकरण मजदूर को जब तक पीटते रहे तब तक उसने पनी सांसे नहीं छोड़ दिन और फिर यह लोग इस मजदूर को मरा हुआ छोड़ कर भाग गये । झालावाड की यह घटना पुरे समाज और मानवता को कलंकित कर देने वाली हे वेसे तो राजस्थान में चंदाखोरी के मामल में विवाद आम बात हे लेकिन केवल दस रूपये के खातिर आज एक व्यकित की जान लेना मानवता पर ललकार हे। खेर झालावाड पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अपराधियों की तलाश शुरू कर दी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लोग अब मुर्दों को भी नहीं छोड़ रहे

कोटा में इन दिनों मुर्दों का कारबार चल गया हे हालत यह हे के श्मशान हो चाहे हो बच्चों का कब्रिस्तान दोनों अब सुरक्षित नहीं बचे हें पहले कोटा के रामपुरा के श्मशान में जले हुए मुर्दों की अस्थिया चोरी करने का सिलसिला चला था और फिर अब केशवपुरा मुक्तिधाम में अचानक ५ बच्चों के दफनाये गये शव गायब हो गये हें , कोटा की जनता मुर्दों की इस चोरी से बहुत आहत हें लेकिन कोटा प्रशासन इसे गम्भीरता से नहीं ले रहा हे । कल जब एक परिवार को अपने बच्चे की कब्र खुदी हुई दिखी तो उन्होंने जब जानकारी ली तो पता चला के उसके शव को गायब कर दिया गया हे इसके बाद एक के बाद एक कुल ५ बच्चों के शव गायब होने की खबर मिली हे । कोटा के कुछ वार्ड पार्षदों ने इसे गम्भीरता से लिया हे और यु आई टी के इस मुक्तिधाम में सुरक्षा की मांग की हे यहाँ आगामी २० तारीख को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आना हे इसीलियें इस मामले को दबाने का प्रयास क्या जा रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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