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13 अक्तूबर 2010

राजस्थान में हज यात्रियों की दुर्गति

राजस्थान में हज यात्रियों की फ्लाइटें शुरू हो गयी हें लेकिन एयरपोर्ट पर हज यात्रियों के लियें राजस्थान हज कमेटी के जो प्रबंध हें वोह ना काफी हे फ्लाइटें लगातार देरी से उड़ रही हे वहां खाने पीने का कोई इन्तिज़ाम नहीं हे । राजस्थान में दो वर्षों से राजस्थान हज अधिनियम के प्रावधानों के तहत अल्पसंख्यकों की उपेक्षा और राजनितिक इच्छा शक्ति की कमी के चलते राज्य हज कमेटी का गठन कर अध्यक्ष नियुक्त नहीं क्या गया हे और सारी व्यवस्था एक जनप्रतिनिधि के स्थान पर अधिकारीयों के हाथों में हे बस इसीलियें यह सारी गड़बड़ियाँ हो रही हें । पिछले दो दिनों से लगातार हज पर जाने वाले यात्रियों को जो परेशानियाँ हो रही हें उसे तो राजस्थान सरकार की राजस्थान में ही नही बलके पुरे देश में थू थू हो रही हे , राजस्थान सरकार के पास इस का भी जवाब नहीं हे के आखिर उसने किन कारणों से विधिक प्रावधानों का उल्न्न्घं कर अब तक राज्य हज कमेटी में अध्यक्ष को बिठा कर व्यवस्था उसके हवाले नहीं की आखिर किन कारणों से सरकार यह सभी कम खुद अपने जरिये अपने हथियार अधिकारीयों से करवाना चाहती हे । खेर कुल मिलाकर राज्थाना में हाजियों की इतनी अव्यवस्था तो पहले कभी देखने को नहीं मिली हे , सरकार को पिछली गलतियों को सुधारना चाहिए और इस अव्यवस्था की मूल जद क्या हे पता लगाकर सभी व्यवस्थाएं सुधारना चाहियें क्योंकि कोंग्रेसी मुस्लिम नेता तो बस चाशनी खाने में लगे हें और सरकार के इस इन्तिज़ार में तलवे चाट रहे हें के कब उन्हें कोई पद मिल जाए और जिन्हें पद मिल गये हें उन्हें तो अब मुसलमानों से कोई वास्ता ही नहीं रहा हे और यही नेता ऐसे हें जिनकी वजह से कोंग्रेस गलत फहमी में हे और कोंग्रेस को यही लोग पाताल में ले जायेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हमारी संस्क्रती भूखों को खाना देने की रही हे

आप सभी जानते हें
भूख लगती हे
तो खाना प्रक्रति हे
भूख अगर ना लगे
फिर अगर कोई खाए
तो यह विक्रति हे
खुद भूखा रहे
और दुसरे भूखे को
अपना खाना खिला दे
तो यह हमारी संस्क्रती हे
विक्रति में जीना
राक्षसी स्वभाव हे
प्रक्रति में जीना
सज्जन स्वभाव हे
संस्क्रती में तुम अगर जिए
तो मानव स्वभाव हे
हमरे देश की संस्क्रती
खिलाकर खाने की हे
जो खिलाकर खाता हे
आप जानते हें
वोह हमेशा खिलखिलाता हे
तो दोस्तों
थोड़ा खुद को बदलो
हर रोज़ खिलाकर खाओ
और हर रोज़ खिलखिलाओ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शिक्षकों के तबादलों पर बवाल

राजस्थान में त्रतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर अचानक बवाल मच गया हे ,हालत यह हे के कल जयपुर में पंचायत मंत्री भरत सिंह ने जब जिला प्रमुखों की बैठक ली तो वहां सभी प्रमुखों ने पंचायतों को शिक्षा देने के पूर्व शिक्षा मंत्री द्वारा मनमाने तबादले कर तबादलों पर रोक की कार्यवाही का घोर विरोध क्या , इस मामले में जब सभी के एक ही स्वर देखे तो मंत्री भरत सिंह ने इसे गम्भीरता से लेते हुए इस मामले की जनाच के निर्देश देते हुए दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए ।
विदित रहे के राजस्थान में पिछले दिनों शिक्षकों के मामले में तबादलों को लेकर काफी हंगामा हुआ था मंत्री इन्द्रजीत मालवीय ने कहा के अब शिक्षकों को दूरदराज़ से उनके घरों के पास लाना चाहिए ताकि अल्प आय में वोह अपने परिजनों के साथ गुज़ारा कर सकें , मंत्री भरत सिंह के इस मामले में सखन निर्देशों के बाद कुछ जिला शिक्षा अधिकारियों पर गाज गिरना तय हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मानवता ही हे सबसे बढ़ी

किसी के पास
पॉकेट की हीट हे
तो किसी के पास
जाकिट की हीट हे
किसी के पास
सोने की हीट हे
तो किसी के पास
बाहुबली की हीट हे
मेरे पास
नाटो
बाहुबली हे
ना ही पाकिट हे
नाही जोकिट हे
क्योंकि यह सब तो
मेरे लियें बेकार हें
बस फिर भी
जो कुछ भी हे मेरे पास
वोह इन सबसे तो
बहुत बहुत सुपरहिट हे
मेरे पास मानवता हे
और यह बस
आज के इस युग में
एक दम फिट हे
क्योंकि सोना
जोकिट,लोकिट तो 'आज सभी के पास हें
नहीं हे तो बस
मानवता ही
लोगों के पास नहीं हे
और आज के बाज़ार में
जिसकी जरूरत ज्यादा हे
और आपूर्ति कम हे
वोह मानवता हे
इसीलियें यह कीमती होने से
सुपरहिट यानी सुपरहिट हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ललित मोदी के खिलाफ ४७० करोड़ का घोटाला

बी सी सी आई के पूर्व करता धर्ता ललित मोदी के खिलाफ क्रिकेट घोटाले का विश्व में सबसे बड़े घोटाले का मामला सामने आया हे , दक्षिणी भारत में ललित मोदी के खिलाफ अधिक्रत रूप से एक एफ आई आर दर्ज कराई गयी हे जिसमे ललित मोदी के खिलाफ ४७० करोड़ रूपये के घोटाले के आरोप लगाये गये हें यह घोटाला उन्होंने सुरक्षा और अतिथि के नाम पर क्या हे , ललित मोदी के खिलाफ क्रिकेट बोर्ड पहले ही कठोर निर्णय ले चुका हे , ललित मोदी इन सभी मामलों से खुद को बचाने के लियें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक चले गये हें लेकिन कहीं से भी उन्हें राहत नहीं मिली हे हालत यह हें के मोदी के अपने भी उनसे मुंह मोड़ने लगे हें । खेर अब रिपोर्ट अधिक्रत रूप से लिखाई गयी हे इसलियें कोई न कोई तो नतीजा निकलेगा ही इसीलियें कहते हें के बुरे काम का बुरा नतीजा होता हे बड़े बूढ़े कहते हें के जब आपके पास ताकतर हो तो आसमां पर देख कर अकड कर ना चलो नीचे ज़मीं पर देख कर चलो ताके कल यही ज़मीं तुम्हारे काम आये लेकिन ललित मोदी ने राजथान की मुक्यमंत्री वसुंधरा का साथ मिलने के बाद खुद को साडी ताकतों से उपर मान लिया था और आज इसीलियें परेशानी में उनके अपने भी साथ छोड़ कर भाग गये हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नगर निगम कोटा की पत्रकारवार्ता में नारेबाजी

कोटा नगर निगम की मेला दशहरा मेले की त्य्यारियों की जानकारी देने के मामले में हमेशां की तरह से बुलाई गयी परम्परागत पत्रकार वार्ता में आज छोटे मंझोले और साप्ताहिक पाक्षिक समाचार पत्रों के पत्रकारों सम्पादकों ने उमकी उपेक्षा का आरोप लगा कर नारेबाजी की । कोटा में ऐतिहासिक मेला दशहरे के आयोजन के पहले नगर पालिका और नगर परिषद कार्यकाल से ही देनिक और प्रमुख साप्ताहिक पाक्षिक समाचार पत्रों के सम्पादकों को बुलाने की परम्परा रही हे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और बस इसी बात से पत्रकर खफा हो गये , पत्रकार वार्ता में छोटे मंझोले समाचार पत्रों के मालिकों ने विरोध प्रदर्शन क्या इस विरोध प्रदर्शन के बाद पत्रकारवार्ता में बेठे देनिक कोटा ब्यूरों के मालिक कय्यूम अली और वरिष्ट पत्रकार हरिमोहन शर्मा जो वर्तमान में प्रेस क्लब के सचिव दुबारा चुने गये हें वोह बाहर आ गये और उनके साथ ही निरीक्षक देनिक समाचार के प्रतिनिधि भी बाहर आ गये प्रेस क्लब के सचिव हरिमोहन शर्मा ने इस मामले में छोटे मंझोले समाचार पत्रों का समर्थन क्या और उनकी उपेक्षा का विरोध किया , शोर सुन कर प्रेस क्लब के अध्यक्ष भी पत्रकार वार्ता से बाहर आ गये और उन्होंने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास क्या लेकिन इसी बीच महापोर श्रीमती रत्ना जेन की तल्ख टिप्पणी के बाद मामला गर्म गया और महापोर भी गर्म हो गयीं कुल मिला कर कोटा में छोटे मंझोले समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व नहीं होने से यहाँ इन पत्रों की उपेक्षा लगातार प्रशासनिक स्तर पर की जाती रही हे लेकिन अब प्रेस क्लब में उनका नेत्रत्व आ जाने से शायद ऐसा सम्भव नहीं हो सके और प्रशासन पत्रकारों के बीच टकराव की स्थित बन जाए , खेर देखें आगे क्या होता हे , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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