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14 अक्तूबर 2010

मेरे देश के केसे अभद्र हें यह शाही इमाम

दोस्तों मेरे देश के शाही इमाम किस हद दर्जे की गिरावट का काम करते हें इसकी बानगी आप खुद ही देख लीजियें , कल लखनऊ में इन जनाब ने पत्रकारों को बुलाया और पत्रकार वार्ता के दोरान जब एक अख़बार दास्तान ऐ अवध के पत्रकार वाहिद चिश्ती ने अयोध्या मामले के फेसले पर आम राय से निर्णय हो जाने पर उसे मानने के बारे में सवाल क्या तो यह सवाल इन जनाब को इतना चुभ गया के इन्होने उस पत्रकार को बुरा भला कहा और बाहर निकल जाने के लियें कहा यहाँ तक के उस पर वोह उसे पीटने के लियें दोड़े उनका कहना था के यह पत्रकार कोंग्रेस का एजेंट हे और कोंग्रेस ने ही जजों पर दबाव बनाकर भावनाओं के आधार तथ्यों और विधि को झुटला कर यह फेसला करवाया हे ।
शाही इमाम साहब के दिल में फेसले और अयोध्या मसले को लेकर जो विचार हें यह उनके निजी हो सकते हें इनका सम्मान भी सबको करना चाहिए लेकिन इस्लाम की शिक्ष दीक्षा लियें यह इमाम जो कथित रूप से शाही इमाम खे जाते हें जबकि हमारे देश में ऐसा कोई पद ही नहीं हे जब शाही लोग नही रहे लोकतंत्र आ गया तो फिर केसा शाही इमाम यह तो खुद का महिमा मंडन हे खेर इस्लाम के जानकार जो दूसरों को सब्र और गुस्से पर काबू पाने के साथ साथ दूसरों से अखलाक से पेश आने की इस्लामिक हिदायतें देते हें उनके सिरमोर अगर ऐसा करें तो क्या वोह उस मजहब के सिरमोर कहलाने का हक रखते हें , शाही इमाम की यह बदतमीजी इस्लाम के निर्देशों और नियमों के विप्त्रित हे उनके द्वारा की गयी हरकत तो आम मुसलमानों को भी करने की इजाजत नहीं हे फिर अगर उन्होंने इस अहम मुकाम पर रहते यह सिरफिरी हरकत की हे तो पहले तो उन्हें तोबा करना चाहिए फिर जिन पत्रकार का उन्होंने अपमान क्या उनसे निजी तोर पर सार्वजनिक माफ़ी मांगना चाहिए और फिर खुद ही इस अहम पद शाही इमाम से हट जाना चाहिए , क्यूँ मेने जो कहा हे वोह सही यह या गलत आप लोग क्या सोचते हें क्रप्या मार्गदर्शन करें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा की सडकों पर विधि विरुद्ध तरीके से बेहिसाब पेवन्द लगाये

कोटा की सडकें जो भाजपा के ललितकिशोर जी के मंत्रित्व काल में हेमा मालिनी के गलों की तरह चिकनी चुपड़ी थीं वोह आज ओम पूरी के गालों से भी बदतर हें , कोटा की कई मुख्य सडकें तो ऐसी हें जहां मिटटी में से सडक को ढूँढना पढ़ता हें । पिछले दिनों कोटा के मंत्री जिनके पास स्वायत शासन विभाग भी हे उन्होंने जब शहर का भ्रमण क्या तो उन्हें अपनी सरकार और सरकार के कारिंदों की कारगुजारी पर इतनी शर्म आई के उन्होंने कई इंजिनीयर्स को निलम्बित कर दिया , इंजीनियर्स भी कम प्रभावशाली नहीं थे उन्होंने अपना जुगाड़ मंत्री जी से लगाया २४ घंटे में भाल हुए और जिन सडकों की मरम्मत और निर्माण की लापरवाही में उन्हें मंत्री जी ने निलम्बित किया था उन सडकों के गड्डे भरने के लियें इन इंजीनियर साहब को ही प्रभारी बना दिया गया आप यकीन मानिए कोटा की सडकों को पेबन्द लगाकर मरम्मत करने के नाम पर एक करोड़ छियासी लाख रूपये का खर्चा कर दिया गया हे लेकिन सडकें हें के वेसी की वेसी टूटी फूटी पढ़ी हें । हालत यह हे के यहाँ आम जनता को दुपहिये वाहनों पर चलने में दिक्कतें हो रही हें किया लोगों को सर्वाइकल और डिस्क स्लिप की शिकायतें हो गयी हें लेकिन कोटा के अधिकारी मंत्री हें के मानते ही नहीं । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा बस स्टेंड कोटा के नाम पर धब्बा

जी हाँ दोस्तों हमारा कोटा शहर राजस्थान का ही नहीं देश भर का सबसे बढा शेक्षणिक नगर हे यहाँ देश भर के लोग आते जाते हें लेकिन यहाँ का बस स्टेंड तोबा तोबा बस इस शहर के चेहरे पर चाँद के धब्बों की तरह हे , कई बार कई अधिकारीयों ने य्हना व्यवस्था सूधारने की कोशिश की लेकिन सब बेकार रहा हे करीब दस सालों से इस बस स्टेंड को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाना प्रस्तावित हे लेकिन यहाँ राजनितिक विरोधाभास और प्रोपर्टी डीलरों के दबाव के चलते इस मामले में फेसला नहीं हो पा रहा हे । कल यहाँ रोडवेज़ के महा प्रबन्धक मनजीत सिंह जब कोटा आये तो वोह यहाँ बस स्टेंड की इस अव्यवस्था को देख कर चीख पढ़े और हालत सूधारने के तुरंत निर्देश दिए लेकिन सरकार इस बस स्टेंड पर कोई राशि खर्च नहीं करना चाहती हे एक तो यह बस स्टेंड बीच शहर में रास्ट्रीय राजमार्ग की पुलिया पर सघन यातायात इलाके में हे दुसरे यहाँ की हालत बहुत खराब बनी हुई हे लेकिन कई मंत्री आये कई मंत्री चले गये कई मुख्यमंत्री आये और कई चले गये वायदे इस बस सस्टेंड को आधुनिकी कर्ण करने के खूब किये गये लेकिन नतीजा सिफर यानि शून्य ही रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सोने चांदी के भाव असमान पर

देश की गलत आर्थिक नीतियों के चलते और पूंजीपतियों व्यापारियों को छुट मिलने के कारण देश में सोना चांदी आम आदमी से दूर जाता जा रहा हे और देश में एक अराजकता की स्थिति पैदा होने की सम्भावना बढ़ गयी हे , देश में सोना २० हजार रूपये टोला चांदी तीस हजार रूपये किलो होने के कारण यहाँ आम आदमी तो इसके बारे में सोच भी नहीं प् रहा हे जबकि व्यापारी और धनाड्य लोग सोने और चांदी का स्टोक पर स्टोक करते जा रहे हें जिससे सोने और चांदी के क्रत्रिम भाव बढाये जा रहे हें , सरकार इस मामले में हाथ पर हाथ धरे बेठी हे सब जानते हें के सोना चांदी हर अमीर गरीब की शादी की शान हे चाहे थोडा हो चाहे ज्यादा हो लेकिएँ यह दोनों धातुओं के जेवर होना ही चाहिए लेकिन अब यह धातुएं आम गरीब से दूर की जाने लगी हें , देश में इस व्यवस्था से निपटने के लियें सरकार ने पहले ही गोल्ड कंट्रोल अधिनियम बना रखा हे जिसमे सोने की कीमतों और स्टोक को केसे नियंत्रित क्या जाएगा इसके स्पष्ट प्रावधान अंकित हें लेकिन सरकार हे के जिस कानून से जमाखोरों , व्यापारियों और कालाबाजारियों भ्रष्टा चारीयों को तकलीफ होती हो वोह कानून हमारे इस देश में लागु ही नहीं करना चाहती और यही वजह रही हे के सोना और चान्दी हमारे देश में क्रत्रिम तरह से व्यापारियों द्वारा सरकार सांठ गांठ कर आम जनता से दूर क्या जा रहा हे आज हर घर में लाखों करोड़ों और अरबों रुपोये का सोना चांदी का स्टोक भरा पढ़ा हे लेकिन सरकार इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर रही हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा मेले दशहरे का शुभारम्भ आज

कोटा का ऐतिहासिक मेला दशहरा आज से शुरू होगा , कोटा मेले दशहरे का उदघाटन अब तक सुबह सवेरे होने की परम्परा रही हे लेकिन अब यह परम्परा तोड़ कर पहली बार मेले का उदघाटन शाम को होगा , आज इस आयोजन की मुख्य अतिथि पुरानी फिल्म स्टार ज़ीनत अमान होंगी । कोटा के इस मेले दशहरे में हर साल करीब तीस लाख से भी अधिक लोग आते हें । इस बार शाम को मेले दशहरे का उदघाटन होने से आज शाम से ही मेले में रोनक बढ़ जायेगी और सेर सपाटे के साथ बिक्री शुरू रहेगी , कोटा की महापोर सहित कोटा के सभी कोंग्रेस के नेता इस मेले दशहरे को कामयाब बनाने में जुट गये हें । आप सभी ब्लोगर्स का भी इस मेले दशहरे में स्वागत हे आइये हम आपका पलक पावने बीछा कर इन्तिज़ार कर रहे हें देखोगे तो मजा आ जाएगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खेल खत्म लेकिन पैसा नहीं होगा हजम

भारत की गोरवशाली मेजबानी में विश्व के सबसे बड़े खेल कोम्न्वेल्थ गेम भारत में सुरक्षित तरीके और मन सम्मान के साथ सम्पन्न हो गये कल इन गेमों का शांतिपूर्ण समापं भी हो गया अब उन्नीसवां कोमन वेल्थ गेम २०१४ में होगा , भारत ने इस गेम में अन्तराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति और कुख्याति दोनों ही पायी हे यहाँ भारत के कई खिलाड़ी डम्पिंग टेस्ट में फेल हुए फिर भी भारत ने १०१ पदक जीत कर रिकोर्ड कायम किया हे , जो देश वासियों को प्रफुल्लित कर देने के लियें काफी हे , कल जब रंगारंग खेलों का समापन हो रहा था तो देश दिल्ली से खड़ा होकर सोच रहा था के इस खेल में देश ने क्या खोया और क्या पाया कहीं ऐसा नहीं तो नहीं के खेल खत्म और पैसा हजम हो गया हो लेकिन अंतरात्मा की जो आवाज़ हे वोह कहती हे के कोमन वेल्थ गेम में जो तबाही,जो भ्रस्टाचार और जो अव्यवस्थाएं हुई हें वोह अब एक एक कर परतें खुलेंगी क्योंकि अभी पहली प्राथमिकता विदेशियों के सामने देश के मां सम्मान को बरकरार रखना मेजबानी बेहतर से बेहतर हो इसका ध्यान रखना था लेकिन अब भ्रस्टाचार विभाग इस मामले में कमसे कम अधिकारीयों को चेन से नहीं बेठने देगा। क्योंकि सबने देखा हे गेम की आलोचना करने वाले सभी मिडिया कर्मी एक दम इग्याप्न के टुकड़े डलने के बाद केसे खामोश हो गये थे और तारीफों के पुल बंधने लग गये थे इसलियें फिलहाल मिडिया तो फिल गुड पर हे लेकिन बाक़ी लोगों का तो क्या कहना अव्यवस्थाएं और भ्रस्टाचार तो सर चढ़ कर बोलेगा ही । इसलियें ख सकते हें के खेल तो खत्म हो गया हे लेकिन जिन लोगों ने भी अवेध पैसा इन खेलों में कमाया हे उनका पैसा हजम नहीं होगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मच्छर और आदमी

एक फिल्म में
फिल्म स्टार
नाना पाटेकर ने कहा था
एक मच्छर , एक मच्छर
आदमी को हिजड़ा बना देता हे
शायद उसने सच कहा था
शायद उसने गलत कहा था
लेकिन सच तो यह हे
मनुष्य मच्छर से
ज्यादा खतरनाक हे
मच्छर और मनुष्य में
एक तासीर हे
मच्छर भी काटता हे
आदमी भी काटता हे
मच्छर खून पीने के लियें काटता हे
तो मनुष्य पीड़ियों की पीडीयान
खा जाता हे
मच्छर मच्छर को कभी नहीं काटता हे
और आदमी हे के केवल आदमी को ही काटता हे
मनुष्य के मनुष्य को
सदियों से काटता आ रहा हे
जाती ,भाषा,मजहब के नाम पर
आपस में एक दुसरे को
एक दुसरे से
बांटता आ रहा हे
जरा सोचो मनुष्य तुम में और मच्छर में फर्क हे
तुम अम्रत पुत्र हो
एक दुसरे को काटो नहीं
एक दुसरे को डाटो नहीं
एक दुसरे को प्यार और अमृत बांटो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पुण्य और पाप

पुण्य और पाप में
एक दिन
छोटे बढ़े का
युद्ध हो गया
पुण्य कहे में बढा
पाप कहे में शक्तिशाली
पुण्य पाप से बोला
तेरा क्या बढा तो में हूँ
क्योंकि दुनिया
सिर्फ मुझे और मुझे ही
चाहती हे ,
पाप बोला हां हां
बहुत गलत फ़हमी में हो
पुण्य जी यह लोकतंत्र हे
यहाँ जिसके चाहने वाले ज्यादा
जीत उसी की होती हे
इसलियें दुनिया में
मुझ पाप को करने वाले ज्यादा
तो संख्या बल मेरे साथ हे
तुम तो पुण्य हो
या तो अकेले हो
या फिर
गिनती के लोग
तुम्हारे साथ हें
तो दोस्तों पुण्य पाप के सामने
अकेला सिर्फ अकेला हे
इसलियें आओ उठों
और पुण्य करो
एक इस जन्म के लियें
और एक उस जन्म के लियें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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