आपका-अख्तर खान

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15 अक्तूबर 2010

मिटटी की तरह बन

ऐ भाई
तू जानता हे
आखिर में
तुझे
मिटटी में
मिल जाना हे
फिर तू ही सोच
क्या तुझे
मिटटी की तरह
विनम्र नहीं होना चाहिए
तुझे पता हे
तेरी काया
मिटटी से कुछ
अधिक नहीं हे
सोच ले
अगर तुझ में
मिटटी जेसी
विनम्रता नहीं
तो फिर
तू यह
याद रख
तू भी जल्दी मिटेगा
और इसी मिटटी
में मिल जायेगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा rajsthan

दिलों के बीच प्यार लाइए

उठो दिलों के बीच
जितना हो सके
प्यार लाइए ,
बताओ तुम दो दिलों के बीच
तुम दरार
क्यूँ लाइए ,
जो मारकाट ,नफरत के डर से
जीना भूल बेठे हे
उठो उन्हें जगाओ
उनमें ख़ुशी
और भाईचारे के झंकार लाइए ,
यह आज़ादी केसी
जहां महंगाई हे
भ्रस्ताचार हे
डर हे खोफ हे
सुख चेन हे गायब
उठो जिंदगी दो उन्हें
एकता कायम करो
हिन्दुस्तानियों
हिन्दुस्तान के लियें
जीने का अधिकार लाइए।
देखो खत्म हो रहा हे
प्यार इस दुनिया से
उठो जरा उठो
इस दुनिया में
फिर से प्यार लाइए ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शब्द की गागर

भावना की ताल पर
शब्द की गागर भर
प्रेम का पानी लाना हे
प्रतिष्टा के मोह की दलदल पर
इतरा कर फिसल नहीं जाना हे
पयजल जो चाहे जो पिए
विज्ञापन के नशे में
ऐसा मुझे इसे
जहर नहीं बनाना हे
मेरे छंदों को
और कोई प्यास का
प्रतीक नहीं बनाना हे
इन्हें तो हर
अधर पर बिखरी
प्यास को मिटने में
स्वयम ही मिट जाना हे ।
प्रोफेसर प्रेम मोहन लखोटिया
संकलन करता अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा दशहरे का उदघाटन ,रावण दहन कल

कोटा के मेले दशहरे का कल फिल्म स्टार ज़ीनत अमान ने आकर उदघाटन किया और इस उदघाटन समारोह में उम्मीद से ज़्यादा लोग उमड़ पड़े , वेसे कोटा मेले दशहरे का उदघाटन आज तक सुबह के समय मुहर्त पर आशा पाला मन्दिर पर पूजा से शुरू होता रहा हे लेकिन इस बार यह अनोखी परम्परा नई आधुनिक मेर साहिबा रत्ना जी जेन ने शुरू की हे । ज़ीनत अमान को भी इस उदघाटन समारोह में बुलाने का उनका ही विचार था इस आउट डेटेड फिल्म स्टार को कोटा बुलाने के लियें १५ मिनट के डेढ़ लाख रूपये और आने जाने का हवाई जहाज़ का टिकिट इन्हें दिया गया हे , पन्द्रह मिनट के डेढ़ लाख यानी दस हजार रूपये प्रति मिनट के इन साहिबा को मेयर साहिबा ने दिए हें ऐसे ही दुसरे महंगे कार्यक्रमों में बन्दर बाँट हुई हे अब देख लो कोटा मेले दशहरे में आयोजकों के तो मजे ही मजे हें । इधर कल कोटा में रावण दहन का कार्यक्रम भी होगा , पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कोटा में अपरान्ह विधिवत सवारी के साथ रावण दहन होगा और फिर इसी के साथ दशहरे का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सोचो धर्म क्या हे ..........

सोचो
धर्म क्या हे
धर्म कोई पगड़ी नहीं
जो मन्दिर में जाने पर
पहना जाये ,
और घर या दूकान पर आयें
तो इस धर्म की पगड़ी को
सर से उतार लें
धर्म कोई टोपी नहीं
जो मस्जिद में जाओ
तो पहन ली
और बाहर आये तो उतार दी
सोचो धर्म क्या हे और धर्म
कहां हे
धर्म तो तुम्हारे अंदर हे
इसे जांचो , इसे परखो
और फिर इसे अंतर्मन से अपनाओ
तुम , तुम्हारा घर , तुम्हारा परिवार
तुम्हारा समाज , तुम्हारा देश
बस इसी फार्मूले से सुधर जाएगा ।
क्या तुम मेरे साथ मिलकर
इस समाज , इस देश को सुधारोगे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फर्जी प्रमाण पत्रों से दूसरों का हक मारा

शेक्षणिक नगरी कोटा से इंजीनियरिंग में कम नम्बर आने पर भी एडमिशन के लियें दो लडकों ने फर्जी मूलनिवासी प्रमाण पत्र बनवाकर एडमिशन लिया हे । पिछले दिनों कोटा में दो लडके एक रामस्वरूप मीणा दुसरा विनोद मीणा जो मूल रूप से सवाई माधोपुर के रहने वाले हें उन्होंने पहले तो मध्य प्रदेश श्योपुर में जाकर रहना शुरू क्या लेकिन वहन मीणा जाती अन्य पिछड़ा वर्ग में आती हे और राजस्थान में यही मीणा जाती अनुसूचित जन जाती में आती हे बस इसीलियें इन बच्चों ने खुद का जुगाड़ लगाकर कोटा का मूलनिवासी प्रमाण पत्र बनवाया मूल निवासी [प्रमाण पत्र जिसमें जो ओरिजनल मूल निवासी हे उसे इस प्रमाण पत्र को बनवाने में पसीने आ जाते हें दस साल का शेक्षणिक रिकोर्ड माँगा जाता हे पिता और सभी लोगों का रिकोर्ड जांच कर यह प्रमाण पत्र बनाया जाता हे लेकिन इन लडकों का पर्भाव्शाली लोगों से ताल्ल्लुक था इसलियें इनका प्रमाण पत्र तुरंत बिना किसी जाँच के फर्जी दस्तावेजों की कुत्र्चना कर बनवा लिया गया , एडमिशन के बाद किसी पीड़ित लडके ने अज्ञात नाम से इस मामले में कलेक्टर को लिखित शिकायत की और फिर इस मामले में जब जांच हुई तो चोंकाने वाले तथ्य यह सामने आये के जो पटर इन छात्रों ने बताये थे वोह सभी फर्जी थे जो दस्तावेज इन्होने पेश किये वोह भी फर्जी निकले अब प्रशासन इन छात्रों के प्रभावशाली परिवार से ताल्ल्लुक होने के कारण इनके खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने में थोडा हिचकिचा रहा हे लेकिन आखिर कब तक कोई इन लोगों को बचा पायेगा क्योंकि जिसका हक इन्होने मारा हे वोह तो किसी भी सुरत में इन्हें छोड़ने वाला नहीं हे हे ना मजेदार बात एक फर्जी प्रमाण पत्र ने इन बच्चों की जिंदगी ही बदल दी थी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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