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20 अक्तूबर 2010

खेल ग्राम का भुगतान आखिर रोका

देश के सबसे बढ़े अंतर्राष्ट्रीय खेल में सबसे बढ़े भ्र्स्ताहर के खेल को अब सरकार गम्भीरता से लेने लगी हे । दिल्ली में इस आयोजन के लियें खेल गाँव बनाया गया था लेकिन इस गाँव में अव्यवस्थाओं और भ्रस्ताचार का बोलबाला था इसलियें सरकार ने अब खेल ग्राम बनाने वाली कम्पनी के १८३ करोड़ रूपये का भुगतान रोक लिया हे । अब कोमन वेल्थ गेमों में जिन लोगों ने भी भ्रस्ताचार या अव्यवस्था फेला कर मजे किये हें उनकी खाल खेंचने का कम चल रहा हे लेकिन यह बात भी सही हे के कुछ अधिकारीयों और दूध देने वाले ठेकेदारों को दिल्ली के अख़बार वाले और टी वि चेनल वाले बचाने के प्रयासों में जुट गये हें और यही लोग जो कल अव्यवस्थाओं को उजागर कर रहे थे भुगतान काटने के निर्देशों के बाद इन कम्पनियों ठेकेदारों और अधिकारीयों के पैरोकार हो गये हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में २७० करोड़ रूपये के कामों की नई शुरुआत

कल कोटा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आगमन पर करीब २७० करोड़ रूपये के नये कामों की शुरुआत की गयी ,मुख्यमंत्री का कल कोटा में भव्य स्वागत हुआ लेकिन प्रशासनिक मिस मेनेजमेंट और नेताओं की राजनितिक लड़ाई के चलते इस यात्रा का अनुभव सुखद नहीं रहा , कल मंत्री भरत सिंह की सरकारी कार्यक्रमों में उपेक्षा को लेकर उनके समर्थक और खुद मंत्री नाराज़ थे उन्होंने मुख्यमंत्री की गाड़ी को रोकने का भी प्रयास किया , और विरोध स्वरूप नारेबाजी भी की, मुख्यमंत्री ने विशाल ह्रदय का परिचय देते हुए खुद मंत्री भरत सिंह के पिता श्री जुझार सिंह की तबियत पूंछने भरत सिंह के निवास पर गये लेकिन भरत सिंह जयपुर से अशोक गहलोत के साथ कोटा वापस नहीं लोटे वोह देर रात कोटा लोटे , प्रशासनिक मिस मेनेजमेंट का हल यह था की कई बार व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी आपस में उलझते देखे गये . कल कार्यक्रम में भाजपा के विधायकों ने मंच से कोटा के मंत्रियों की उपेक्षा के मामले में सरकार को काफी खरी खोटी सुनाई लेकिन उसका जवाब शांति कुमार धारीवाल ने बेहतर तरीके से देकर भाजपा विधायकों की बोलती बंद कर दी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

में हंसना सिखाता हूँ

देखो में हूँ
जो रोते हुए
लोगों को
हंसना सिखाता हूँ
क्यूंकि आज
इंसान हे के
हंसना ही भूल गया
और यही वजह हे
के आज
दुनिया में
पाप ही पाप हें
आप सब जानते हें
जो हंसता हे
बस वोह हंसता हे
हंसता हुआ आदमी
कभी पाप नहीं करता
सारे पापों की जद
काम वासना और क्रोध हे
यह हे तो समाज में दुःख और उदासी हे
नहीं तो बस बल्ले ही बल्ले हे
दोस्तों सोचो
अगर हम ऐसा माहोल बनाये
चारों तरफ
हंसती खिलखिलाती
महकाती मुस्कुराहट
ठहाके और हंसी हो
तो जनाब देख लेना
यहाँ पाप का खुद बा खुद
प्रतिशत गिर जाएगा
उदासी और क्रोध
का धुंआ हट जाएगा
तो दोस्तों उठो
समाज और देश
और देश वासियों को
उनकी खोई हुई हंसी
लोटाना ही अपना लक्ष्य बना लो
इस देश इस समाज
की हंसी फिर से लोटा दो मेरे यारों ।
में तुम से कहता हूँ तुम तो सभी की तमन्ना
पूरी करते हो
टूटे हुए तारों ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा मुख्यमंत्री गहलोत जी और मुसीबतें

जी हाँ दोस्तों राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा और मुख्यमंत्री के कोटा आगमन का मुसीबतों और विवादों से चोली दमन का साथ हे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी कोटा में लगातार गहरा रहे बेवजह राजनितिक विवादों से कई सालों से तंग हें और वोह हर बार उत्साह के साथ कोटा आते हें लेकिन कोटा की राजनीती उन्हें हर बार निराश कर वापस लोटती हे लेकिन इन सब हालातों के बावजूद भी मुक्यमंत्री अशोक जी गहलोत का बडप्पन ही कहा जाएगा जो वोह ऐसे छिछोरे राजनीति से जुड़े लोगों को आड़े हाथो नहीं लेते हें और नजर अंदाज़ कर देते हें वेसे कोटा में मामले में खुद मुख्यमंत्री महोदय भी अँधेरे में रहते हें राजनितिक विवादों के बाद भी अधिकारी और राजनेता तू मेरी मत कह में तेरी नहीं कहूँ की तर्ज़ पर मुख्यमंत्री जी से कोटा के बहुत कुछ हालत छुपाते हें और खुद मुख्यमंत्री जी के निजी सोर्स इतने निर्भीक नहीं हे जो उन्हें सच्चाई की जानकारी दें , मुख्यमंत्री जी को अब इन हालातों में बेकाबू होती जा रही कोटा के राजनीति और अधिकारीयों को काबू में करने के लियें कोटा में अपने वफादार नये सोर्स तो तलाशना ही होंगे जो उन्हें कोटा के बारे में निर्भीकता और निष्पक्षता से अपना फीडबेक दे सकें ताकि कोटा पर मुख्यमंत्री जी की लगाम कसी रहे और बेकाबू होकर बेकुफी की हरकतें नहीं हों ।
दोस्तों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके पूर्व कार्यकाल में जब कोटा आये थे तब कोटा के दो मंत्री राम किशन वर्मा और शन्ति कुमार धारीवाल में गुटबाजी के कारण ठनी हुई थी दोनों एक दुसरे को नीचा दिखाने के लियें खुद को महिमा मंडित करवाने के लियें अपने अपने कार्यकर्ताओं से खुद को जिंदाबाद कहलवाते थे और मुख्यमंत्री जी फिर सर पकड़ कर बेठ जाते थे पिछले दिनों कोटा प्रेस क्लब के एक कार्यक्रम में तो मुख्यमंत्री जी के सामने गुटबाजी के चलते रामकिशन जी और धारीवाल जी समर्थकों में खुल कर लात घूंसे और कुर्सियां चली थी शायद खुद मुख्यमंत्री जी इस माहोल को याद कर सिहर जाएँ यह बद्तामिज़ियाँ कोटा में लगातार चल रही थीं के मुख्यमंत्री जी को दोनों गुटों को जयपुर बुला कर सुलह सफाई करवाना पढ़ी ।
कोटा में पूर्व केन्द्रीय मंत्री भुवनेश चतुर्वेदी के कार्यकाल में जब मुख्यमंत्री जी कोंग्रेस के वरिष्ट नेता के नाते वर्तमान विधायक रघु शर्मा के साथ कोटा आये थे तो यहाँ भुवनेश चतुर्वेदी समर्थकों ने उनके सामने सर्किट हाउस में रघु शर्मा के साथ मार पिटाई की थी इसके बाद रिपोर्ट दर्ज हुई और जो लोग इस मारपिटाई में शामिल थे आज वही गहलोत जी की सरकार में सरकारी वकील के पद पर मजे कर रहे हें यह सब गहलोत जी के विशाल ह्रदय का परिचय हे ।
आज कोटा में एक बार फिर अशोक जी गहलोत के आने पर धारीवाल जी मंत्री और भरत सिंह जी मन्त्य्री की गुट बाज़ी खुल कर सामने आ गयी भरत सिंह जी ने तो मर्यादाएं ताक में रख कर मीडिया में बयानबाज़ी भी कर दी और मुख्यमंत्री जी की कोटा यात्रा एक बार फिर तनाव पूर्ण हो गयी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत का बडप्पन ही कहा जाएगा के उन्होंने दोनों धड़ों आपसी समझाईश से काबू में क्या और कोंग्रेस की नाक कटने से बचा ली ।
इन सब हालातों में अब तो आदरणीय मुख्यमंत्री जी और कोटा यात्रा एक दुसरे के साथ विवादों का पर्याय बन गये हें लेकिन वक्त रहते अगर मुख्य मंत्री जी ने कोटा में अपने वफादारों को तलाश कर नये वफादार नहीं बनाये और सूचनाएं एक्त्रिकर्ण में धोखा रहा तो कोटा की राजनीती कभी भी आदरणीय मुख्यमंत्री जी की छवि को धूमिल कर सकती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खो गया मेरा वुजूद

यादों में
अब तुम्हारी
इतनी खो गये हें हम
अपने खुद के वुजूद से भी
कोसों दूर हो गये हें हम
जब जब भी
परेशान क्या
यादों ने तुम्हारी
अपने दिल में
नाम तुम्हारा
लेकर मर गये हें हम।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा मेले में आयोजकों और पार्षदों के मजे ही मजे

कोटा मेले दशहरे की भव्यता राष्ट्रीय मेले दशहरे के स्थान पर शानिय स्तर की भी नहीं बची हे हालत यह हें के पार्षद और आयोजक खुद ही इसमें मेहमान और मेज़बान हें , दो पार्षद तो ऐसे हें जिन्होंने खुद के बेटे और बेटियों के नाम से फर्जी ओर्केस्ता पार्टी बनाकर उन्हें कम दिलवा दिया हे जबकि कई प्रतिभाएं आज भी लाइन में लगी हे इतना ही नहीं कार्यक्रमों में महंगे दाम देकर सस्ते दामों वाले लोगों को बुलाया गया हे जिस कारण से मेले का आकर्षण नहीं बन प् रहा हे अब तो स्थिति यह हो गयी हे के पर्श्दोदं और आयोजकों ने खुद अपने रिश्तेदारों को कार्ड दिए हें बाक़ी आम जनता के जन प्रतिनिधियों को इस मामले में आज तक कोई न्योता नहीं दिया गया हे खुद भाजपा के लोग इससे त्रस्त हे कोंग्रेस का १५ सालों में यह पहला बोर्ड ऐसा हे जहाँ अव्यवस्था में नम्बर वन चल रहा हे पहली बार रावण को डीजल से जलाना पढ़ा हे और रावण के पटाखों को पार्षद लुटकर घर लेजाते देखे गये हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोमन वेल्थ गेम और ८००० करोड़ का घोटाला

देश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गेम खत्म हो गये देश ने अपनी प्रतिभाओं को सम्मान भी दिलवाया हे लेकिन देश के इन खेलों पर जो अरबों रूपये खर्च हुए हें उनमें आज तक भी आठ हजार करोड़ रूपये का हिसाब नहीं मिला हे कल मंत्रियों ने इस मामले में बैठक आयोजित कर इसकी जांच करवा कर खर्च को समायोजित करवाने और अगर भ्रस्ताचार के मामले आते हें तो फिर दोषी लोगों को सजा दिलवाने के लियें घोषणा की गयी हे वेसे इस मामले में जाँच सी बी आई भी कर रही हे और गेम के चलते वक्त तो देश की इज्जत का सवाल था लेकिन अब देश की इस इज्जत में भ्रस्ताचार फेला कर जिसने भी इज्जत धूमिल करने की कोशिश की हे उसे तो देश को किसी भी सुरत में माफ़ नहीं करना चाहिए और सख्त अज सख्त सज़ा देना चाहिए। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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