आपका-अख्तर खान

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21 अक्तूबर 2010

ना कोई अमीर न कोई गरीब

दुनिया में
ना कोई
अमीर हे
ना कोई गरीब
बस यह तो
आपसी समझ का
फेर हे
जब हम अपने से
छोटे को देखते हें
तब सभी लोग
हमें गरीब नजर आते हें
जब हम खुद से
ज्यादा सम्पन्न को देखते हें
तो बस
हम खुद को गरीब
पाते हें
तो दोस्तों
अगर हमें
अमीरी की जिंदगी जीना हे
तो बस अपनों से गरीबों को देखें
खुद बा खुद अपना जीवन
अमीरी का और सुखद हो जाएगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पुलिस शहीद दिवस मनाया

राजस्थान में कल पुलिस शहीद दिवस मनाया गया लेकिन राजस्थान में पुलिस नियमों के तहत समितियों का गठन नहीं होने से कोई भी कारवाही पूरी नहीं हो सकी हे यहाँ राजस्थान में पुलिस अधिनियम में पुलिस कल्याण कोष , पुलिस आयोग,निगरानी समिति सहित कई समितियों के गठन का प्रावधान हे जिसमे सम्बन्धित लोगों की नियुक्ति का प्रावधान हे यह सब प्रावधान इसलियें रखे गये हें ताकि पुलिस पर अंकुश और निगरानी के साथ साथ पुलिस कर्मियों के कल्याण की भी व्यवस्था हो सके , लेकिन राज्य सरकार इस मामले में जरा भी गम्भीर नहीं हे , हालत यह हे के हाल ही में राजस्थान सरकार ने उप निरीक्षक से निरीक्षक पद के लियें जो विभागीय परीक्षा २४ तारीख को करवाने का एलान क्या हे उसके प्रश्न पत्र और सिलेबस में नया पुलिस अधिनियम जोड़ा नहीं गया हे यानी जो पुलिस अधिनियम अभी कम में लिया जा रहा हे उस मामले में निरीक्षक भर्ती परीक्षा में कोई सवाल नहीं पूंचा जाएगा और जो पुराना पुलिस कानून हटा दिया गया हे उसके बारे में सवाल पूंछे जायेंगे । वेसे भी राजस्था पुलिस का तो कहना क्या यहाँ ताना अधिकारी ,फिर उप अधीक्षक फिर पुलिस अधीक्षक फिर आई जी रेंज और फिर पुलिस महानिदेशक महोदय थानों के रिकोर्ड और कार्यवाही का निरिक्षण करते हें लेकिन अपराध नियन्त्रण और अपराधियों का रिकोर्ड संधारण करने के मामले में जो पुलिस नियम राजस्थान १९६५ के बने हें उनके तहत कोई कार्यवाही नहीं होती और अधिकारी इस लापरवाही को लगातार अनदेखी करते रहे हें नतीजा यह हे के पुलिस कर्मी अदालतों में झुंट बोल कर अपराधियों के मामले में गलत अपराध सूचि न्यायालयों में पेश कर रहे हें और इसी कर्ण पुलिस पर से जनता का भरोसा उठता जा रहा हे , हो सकता हे कभी कोई कानूनी तोर पर कार्यवाही करने वाला न्यायिक बुद्धि रखने वाले जज साहब पुलिस की इस चोरी को पकड़ लें और अगर ऐसा हुआ तो पुलिस के सभी अधिकारीयों के लेने के देने पढ़ सकते हें लेकिन ऐसा दीन कब आयेगा इसका सभी का इन्तिज़ार हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के अनियमित शिक्षक तबादलों की जाँच शुरू

राजस्थान में विधि विरुद्ध मनमाने और पिछली तारीखों में फर्जीवाड़ा कर किये गये तबादलों की जाँच अधिकारीयों ने शुरू कर दी हे । पिछले दिनों सरकारी शिक्षकों के तबादलों के मामले में काफी बावेला हुआ था और कल एक पंचायत समिति के बैठक में तो शिक्षकों ने कुर्सी युद्ध छेड़ दिया , इस मामले में पिछले दिनों पंचायत मंत्री भरत सिंह के की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जब यह तथ्य सामने आये तो सभी शिक्षक तबादलों की जांच के आदेश दिए गये , अब शिक्षक तबादलों की जाँच मूल ट्रांसफर प्रार्थना पत्र ,आदेश,डिस्पेच रजिस्टर, संशोधन सूचि सभी रिकोर्ड राज्य सरकार द्वारा नियुक्त जाँच अधिकारी ने तलब क्या हे और अब जाँच के बाद अगर अनियमितता पायी गयी तो फिर शिक्षा अधिकारीयों और तबादले करवाने वालों की खेर नहीं होगी खेर देखते हें क्या होता हे। अख्तर कहां अकेला कोटा राजस्थान

पाली कलेक्ट्रेट कुर्क करने का आदेश

राजस्थान के पाली जिले के कलेक्ट्रेट चेम्बर को स्थानीय न्यायालय ने कुर्क करने के आदेश दिए हें , पाली में रेलवे की मदद से बनाये जाने वाले ओवर ब्रिज के मामले में काफी समय से अदालत ने कार्यवाही के आदेश दे रखे थे लेकिन कलत्र और रेलवे प्रशासन ने इस मामले में कुछ प्रगति नहीं की और आदेश की पलना नहीं की । बस इसी आदेश की अवमाना करने और आदेश की पालना करवाने के मामले में न्यायालय ने आदेश दिया के कलेक्टर के चेम्बर को कुर्क क्या जाए इस सुचना के मिलते ही कलेक्टर के चेम्बर पर ताला लगा दिया गया और फिर कुर्की करने गये अमीन ने न्यायालय में ताला तोड़ कर कार्यवाही करने की न्यायालय की स्वीक्रति मांगी हे । कलेक्टर का इस मामले में कहना हे की उन्हें न्यायालय के इन आदेशों की जानकारी नहीं हे कितनी अजीब बात हे एक केंद्र और राज्यसरकार का प्रतिनिधि जिसके पास अरबों रूपये वेतन पाने वाले कर्मचारी हे विधि विभाग हे और वोह अगर यह खे के उन्हें यह नहीं मालूम के आदेश क्या हे तो फिर या तो कलेक्टर नोकरी छोड़ देना चाहिए या फिर विधि विभाग से जुड़े बाबुओं को बर्खास्त कर देना चाहिए जो कर्तव्य होने पर भी न्यायालय के आदेशों का रिकोर्ड स्न्धार्ण नहीं करते । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान की पुलिस कई सालों बाद जागी

राजस्थान पर आत्निकी हमले की योजना बनती रही और राजस्थान पुलिस सोती रही और यह सब सरकारी मेहमानों के साथ मिल बाँट कर बातें होती रहीं इस गहरे राज़ के खुलने के बाद भी राजस्थान सरकार ने अब तक किसिस भी अधिकारी को निलम्बित कर जाँच शुरू नहीं की हे ।
राजस्थान की अजमेर जेल में बंद केदी जो आतंकवाद फेलाने के मामले में बंद था जिस पर कड़ी निगरानी रखना राजस्थान सरकार और राजस्थान पुलिस जेल अधिकारीयों की पहली ज़िम्मेदारी थी लेकिन इसी केदी जलील अंसारी ने अजमेर जेल में बंद रहकर ऐसा चक्कर चलाया के इसे सरकार के जेल कर्मी मोबाइल से लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराते रहे नतीजा यह रहा के यह आतंकवादी देश के दुश्मन सभी आतंककारियों से लगातार मोबाईल पर सम्पर्क में बना रहा इसमें खूंखार आतंकवादी उम्र जो लश्कर का दायाँ हाथ हे वोह भी शामिल था जिसकी राजस्थान में सीरियल ब्लास्ट करने की कोशिश थी इस मामले में यहाँ एंटी टेरिरिस्ट स्क्व्येद के अधिकारी इसकी जाँच कर रहे हें इस पुलिस ने आतंकवादी तो गिरफ्तार कर लियें हें जेल से फोन होने की जांच कर ली हे लेकिन इन फोन दिलवाने वालों में कोन शामिल थे कोंसे जेल अधिकारी इसमें शामिल रहे हें और राजस्थान सरकार के जेल मंत्री इस मामले में अब तक इस्तीफा क्यूँ नहीं दे रहे हें वेसे तो जो देश का कानून हे उसकी परिभाषा में ऐसे आतंकवादियों के मददगार जेल अधिकारी, जेल कर्मी , पुल्लिस कर्मी और जेल मंत्री आतंकवाद कानून के तहत अपराधी बनना चाहिए यही कानून हे लेकिन चर्चा हे के कानून को दो तरह से इतेमाल क्या जाता हे अगर यही जेल कर्मी और मंत्री जी आतंक वादियों के धर्म से जुड़े होते तो बस आज वोह भी मुलजिम होते लेकिन वोह जो इनकी मदद कर रहे थे दुसरे धर्म के हें इसलियें उनके कानूनी रूप से अपराधी होने पर भी उन पर अब तक न तो भाजपा ने ना शिवसेना ने और न ही पुलिस ने कोई ऊँगली उठायी हे वेसे तो नेतिकता के नाम पर जेल मंत्री को इस्तीफा देना हीचाहिए और जेलर जेल में होना चाहिए लेकिन भाई क्या करें यहाँ अपराधी कानून से नहीं बलके राजनीति से बनाये जाते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुझे सब स्वीकार हे

यूँ क्यूँ बेकार
करते हो तुम
मेरी मनुहार ,
बस यूँ ही तेरी हर
बात हे
मुझे स्वीकार ,
मेरे होंटों पर
रखी थीं
जब उंगलियाँ
तुमने
तभी मेने समझ लिया था
के तुम्हे
हो गया हे
मुझ से प्यार ,
बात तेरी प्यार की
मां तो लूँ में मगर
देख ले
सामने खड़ा हे
सारा बेरहम संसार ,
लाकह सोचता हूँ
अब तो छोड़ दूँ
नाम लेना तेरा
लेकिन कमबख्त
अब कहां हे मेरा
इस मामले में
मेरे दिल पर इख्तियार
बस अब तो हे प्यार ही प्यार
और इसमें
हे तेरा ही इन्तिज़ार ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सुखी रहने का फार्मूला

इस दुःख भरी दुनिया में
सुखी रहने का एक
अनमोल फार्मूला हे
बोलो इसे अपने जीवन में
आज़माओगे
और इसे आजमाकर
बेहिसाब सुकून
अपनी जिंदगी में पाओगे ,
आज जो कुछ भी तुम्हारे पास हे
बस जीवन में इसी का तुम आनन्द लो
यही तुम्हारी जीने की आस हे
जो नहीं हे तुम्हारे पास
परेशान क्यूँ हो तुम
लगाकर उसे पाने की आस।
आपके पास जेब में
नब्बे रूपये हें
तो आप इन रुपयों का
भरपूर आनन्द लो
इन रुपयों में दस रूपये बढाकर
इन्हें सो रूपये करने के खेल में मत पढो
और केवल दस रूपये के लियें ना भाग्य को कोसो
न ही खुद से दुःख करों
दोस्तों सच यही हे
सो कभी पुरे नहीं होते
और जिंदगी के लियें
नब्बे रूपये भी कम नहीं होते
इसलियें दोस्तों
आकांक्षा में नहीं जो वर्त्तमान हे
उसमें जियें खुद बा खुद
सुख तुम्हारा गुलाम हो जाएगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्रान्ति की तलवार उठाओ यारों

आपने समाज में
सुधार के मामले में
जो कुछ भी देखा हे
क्या इसमें
शान्ति के संदेश से
सुधर सम्भव हे
नहीं ना ।
तो फिर उठो
इस समाज को
सूधारने के लियें
क्रांति की
तलवर उठा लो यारों ,
आप जानते हें
दुनिया में
शांति क्रांति से ही सम्भव हुई हे
और आज
देश में समाज में
हरित क्रान्ति की तो बहुत जरुररत हे
इंसान को इंसानियत का पथ पढाने के लियें
सामाजिक क्रांति की जरूरत हे ,
मुर्दा इंसानों में जान फूंकने के लियें
मानवाधिकार क्रान्ति की जरूरत हे
सोच लो सब लोग
आज अग्रत हम इस क्रान्ति में चुक करते हें
तो समझ लो मानव और मानवता देश और समाज
सब खतरे में हे । और हम आप ही इसके लियें ज़िम्मेदार रहेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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