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27 अक्तूबर 2010

कोटा में आई आई टी का केंद्र फिर नहीं

देश भर में आई आई टी और जे इ इ की परीक्षाओं में हजारों हजार छात्रों के चयन की तय्यारी करवाने वाले कोचिंग गुरुओं के इस कोटा शहर में इस बार फिर मानव संसाधन मंत्रालय ने आई आई टी ओ जे इ इ इ के परीक्षा केंद्र नहीं दिए हें , ना इन्दाफी की हद देखिये के कोटा में करीब एक लाख छात्र इन परीक्षाओं की तय्यरियाँ कर रहे हें लेकिन छात्र यहाँ परीक्षाओं की तय्यारी तो कर सकते हे बस आयु आई टी और जे इ इ के इम्तिहान कोटा में नहीं दे सकते उन्हें इम्तिहान देने के लियें जयपुर और दूसरी दूर दराज़ जगहों पर जाना पढ़ेगा। केंद्र और राजस्थान सरकार की सांठ गाँठ से पहले कोटा से स्वीक्रत शुदा आई आई टी का कोलेज जोधपुर गया और अब लगातार दो वर्षों से कोटा में इन केन्द्रों के स्थापित नहीं होने से लाखों बच्चे और उनके अभिभावक परेशान हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शिक्षक भर्ती में महासंग्राम

राजस्थान में शिक्षक भर्ती में शिक्षा विभाग और पंचायत विभाग में अधिकारों को लेकर महा संग्राम शुरू हो गया हे , हाल ही में पिछले दिनों राजस्थान सरकार ने तिर्तिय श्रेणी शिक्षक भर्ती का सारा कम ज़िलाप्रिश्दों के जरिये किया जाना तय किया था और इस घोषणा के बाद से ही पंचायत मंत्री भरत सिंह भर्ती की त्यारियों की कार्यवाही में जुट गये थे लेकिन अचानक शिक्षा विभाग ने भी इस में अपनी तंग अदा दी हे और शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल ने अलग से कार्यवाही शुरू कर दी हे , बस इसीलियें दोनों मंत्रालयों में अब ठन गयी हे पिछले दिनों सरकार के इन विभागों में ट्रासफर को लेकर महासंग्राम छिड़ा था और शिक्षा मंत्री एक लम्बी सूचि निकल कर विदेश चले गये थे , फिर पंचायत मंत्री भरत सिंह ने इस मामले में अधिकारियों की क्लास ली और अब अधिकारीयों के खिलाफ जाँच चल रही हे अगर इन दोनों विभागों की लड़ाई थमी नहीं तो फिर शायद एंड वाले कल में सरकार के अधिकारी भी दो खेमे में बंट जायेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दिल का मोल क्या दीजिये

दिल का मोल क्या हे
क्यों पूंछते हें आप
ऐसा मुझ से
दिल का कोई मोल नहीं
यह तो बस अनमोल हे
दिल मेरा नहीं
यह तो बस अब फक्त
आपकी चीज़ हे
जब चाहे ले जाइयेगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह राष्ट्रभक्ति की केसी परिभाषा हे

दोस्तों मेरे इस देश में
एक सन्गठन ऐसा हे
जो सो कोल्ड
यानि खुद की निगाह में
राष्ट्र भक्त सन्गठन हे
बाक़ी दुसरे सभी लोग
उसकी निगाह में
गद्दार हें
लेकिन दोस्तों
आप जानते हें
जो मिलावट करते हें
जो देश में दंगा करते हें
जो गाँधी की हत्या करते हें
जो मुनाफाखोरी करते हें
जो सरकारी दफ्तरों में हराम खोरी करते हें
जो मुफ्त का चंदा लेकर
बिना कुछ कम करे जनता के चंदे से मजे करते हें
जो लोग इस देश के कानून अदालत के फेसले संविधान को
नहीं मानने की बात करते हें
जो लोग इस देश की आन बान शान
तिरंगे का रंग बदलने की बात करते हें
जो लोग राष्ट्रिय गान को कम दुसरे गान को
सम्मान देते हें
जो लोग कम तोलते हें
जो लोग अतिक्रमण करते हें
जो लोग न्युसेंसं करते हें
जो लोग कानून तोड़ कर हिंसा भड़काते हें
जो लोग देश में आतंकवादी गतिविधियों में
रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद नही चिल्लाते हें
जो लोग हवाला करते हें
जो लोग जनता से चंदा करके
जनता को चंदे का हिसाब नहीं देते
क्या ऐसे लोग राष्ट्र भक्त हो सकते हें
अगर नहीं तो फिर
राष्ट्र भक्त सन्गठन ऐसे लोगों का खुल कर
विरोध क्यूँ नहीं करता
और अगर राष्ट्र भक्त ऐसे होते हें
ऐसे लोग खुद को राष्ट्रभक्त कहते हें
तो मुझे गर्व हे के में राष्ट्रभक्त नहीं हूँ
में तो बस एक आम हिदुस्तानी हूँ
जिसके जुगाड़ जिसकी निगरानी के कारण
ऐसे कथित राष्ट्रभक्तों से
मेरा देश टूटने लुटने से बचा हुआ हे
बोलो आप क्या कहते हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अधमरा तडपता समाज

यह अधमरा
तडपता ज़िंदा समाज
ना मुर्दा हे
ना ज़िंदा हे
में इसे
ना दफना सकता हूँ
ना जला सकता हूँ
बस इस समाज में
साँस ही सांस हे
लेकिन
में चाहता हूँ
यह समाज या तो
पूरी तरह से मर जाये
ताकि हम दुसरा नया
जिंदा समाज बना सकें
या फिर यह समाज
खुद ज़ोंदा हो जाए
ताकि हम इस समाज से
देश को बचा सकें
आप क्या सोचते हें
प्लीज़ बताओं ना।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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