आपका-अख्तर खान

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01 नवंबर 2010

कोल्ड स्टोरेजों में अपराध ही अपराध

देश भर में कानूनी और गेर कानूनी रूप से बनाये गये गोदामों और कोल्ड स्टोरेजों में अपराध ही अपराध हो रहे हें , राजस्थान में कोटा के कोल्ड स्टोरेज हों जयपुर के कोल्ड स्टोरेज हों , हरियाणा ,पंजाब ,दिल्ली,उत्तर प्रदेश , मध्यप्रदेश सहित देश के कहीं भी बने सरकारी और गेर सरकारी कोल स्टोरेज हों सरकारी या गेर सरकारी गोदाम हो सभी जगह मावा हो चाहे हो मटर या फिर कोई भी खाध्य पदार्थ का सामान हो सभी सड़े गले रख कर मिलावट युक्तत और महंगा सामान जनता तक पहुँचाने का काम यह स्टोरेज कर रहे हें सरकार सब जानती हे की इन स्टोरेजों से देश की जनता को जहर बांटा जा रहा हे इन स्टोरेजों में खाध्य पदार्थों को गेर कानूनी तरीके से अख्ट्टा कर क्रत्रिम रूप से मूल्य व्रद्धी करवाई जा रही हे , लेकिन दोस्तों देखो इस सरकार के भरोसे मत रहना यह तो अंधी गूंगी बहरी लूली लंगड़ी सरकार हो गयी हे अंधी इसलियें के इस सरकार की आँख पर मुनाफाखोर व्यापारियों और मिलावटखोरों ने रिश्वत का चश्मा चढ़ा दिया हे , लूली इसलियें की जनता की शिकायतों पर यह कुछ करने में अक्षम हे बहरी इसलियें के सीए जनता का हाहाकार सुनाई नहीं देता लूली इसलियें के यह चल नहीं प् रही हे ।
दोस्तों आप सब जानते हें के अगर देश के सभी सरकारी गेर सरकारी गोदामों और कोल्ड स्टोरेजों को सूचीबद्ध कर अचानक छापामार कार्यवाही की जाए तो एक तो देश को जमा माल बाज़ार में मिल जाए और क्रत्रिम आभाव खत्म होने से खाध्य पदार्थों का बाज़ार मूल्य नियंत्रित हो जाये दुसरे मिलावट युक्त सभी सामान पकड़े जाए और जनता की बल्ले बल्ले हो जाएँ लेकिन भाई यह आपात काल नहीं जब व्यापारियों की हालत खराब थी यह तो व्यापारियों की सरकार हे यहाँ तो जनता की हालत खराब हे अब तो जनता को ही खुद एक गर्म दल बनाकर अपने अपने इलाकों में ऐसे गोदामों और कोल्ड स्टोरेजों की सूचि बनाकर उन्हें लूटना होगा तब कहीं सरकार की ऑंखें खुल सकेंगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पत्नी मेरी क्या क्या

आज देखो
बाल बिखेरे
नहाकर
मेरी पत्नी
पास मेरे आकर
बेठी हे
उसे हे
कम करने वाली
बायीं का इन्तिज़ार
क्योंकि
वोह बन गयी हे
बाईयों की ब्लेकमेलिंग का शिकार
वोह आये
तो सफाई करे
वोह आये तो पोचा लगाये
वोह आये
तो खाना बनाये
में सोचता हूँ
केसे हो गयीं
आजकी बिविया बेकार
पहले यही नारी
जो मेरी मां हुआ करती थी
सुबह सवेरे उठ कर
चक्की पिसा करती थी
दुद्ध गायों का निकाल कर
गोबर उकेरा करती थी
फिर नाश्ता खाना बनाकर
खेतों पर
हल चलाया करती थी
हम जेसे कई बच्चे भी
इसी नारी ने पैदा किये
हमें पला पोसा बढा क्या
हमारी दादी , हमारी फूफी
जो भी था घर में
सभी का इस नारी ने
आदर सम्मान क्या
सोचता हूँ
एक वोह नारी हे
और एक मेरी पत्नी बेचारी हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुबारक हो तुम्हे

एक पेड़ ने
पतझड़ के मोसम में
गिरते हुए
पत्तों को
देख कर
सीधे कुछ लोगों से
यह कहा
मुबारक हो तुम्हे
लो फिर
पतझड़ का मोसम
आ गया
एक एक पत्ता
छोड़ेगा साथ मेरा
तना सिर्फ तन्हा होगा मेरा
लेकिन
सोच लो
हारा नहीं हूँ में
फिर उगेंगी
मुझ में नाज़ुक कोपलें
फिर बनेंगी
यह हरी पत्तिया
फिर ठुठ से बनूंगा
हरा छायादार पेड़ में
मेरी छाया में
बैठेंगे फिर से लोग
मेरी छाया में
सुस्तायेंगे
फिर से लोग
ऐ इंसानों
देखो मुझे देखो
और तुम कुछ तो मुझ से सिखों
बस हारो नहीं
घबराओ नहीं
मोस की तरह
कभी तुम पर भी
पतझड़ आएगा अगर
तो बस समझ लो
फिर से
हरियाली आने वाली हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ऐ समुन्द्र तेरी प्यास

ऐ समुन्द्र
सेकड़ों नदियों को
पीकर भी
बुझती नहीं
तेरी प्यास
तू ही बता
तेरी प्यास क्या हे
ऐ समुन्द्र
ना जाने
कितना खजाना
छुपा हे
तुझ में
फिर भी
तू ही बता
तेरी आस क्या हे
ऐ समुन्द्र
तू ही बता
तेरी प्यास किया हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इराक चर्च में बंधकों की हत्या

इराक को आज़ाद कराने की मुहीम में लगे एक विचारधारा के लोगों ने बगदाद में एक चर्च पर कब्जा कर लिया और इस चर्च में पचास से भी अधिक लोगों को अपना बंधक बना लिया ,इराक में बंचक बनाये गये इन लोगों को बचाने के लियें अमेरिका के सभी विशेष प्रशिक्षित कमांडो, विशेष दस्ते सभी प्रयास करने के बाद भी असफल रहे हें और नतीजन सभी बंधकों को मार डाला गया इराक की यह हर अमेरिका की युद्ध विशेषज्ञता और दक्ष कमांडो के दावों को खोखला साबित करती हे क्योंकि इराक के बागी जो कोई तकनीक नहीं जानते हें कहीं विशेष प्रशिक्षित नहीं हे उनके आगे अरबों रूपये खर्च कर प्रशिक्षित होने वाले कमांडो अगर हार जाएँ तो बस फिर क्या कहना इससे बहतर तो मुम्बई हमले के दोरान हमारे देश के कमांडों ने करतब कर दिखाया था तो ज्नाआअब अमेरिका हो चाहे ब्रिटेन सभी जगह के सिपाही हमारे देश के सिपाहियों की बहादुरी और अक्लमंदी से बहुत पीछे हें बस उनको साहस दिलाने के लियें यहाँ जोर्ज बुश नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुख्यमंत्री गहलोत छापामार कार्यवाही करेंगे

राजथान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में चल रहे पंचायत प्रशिक्ष्ण कार्यक्रमों और ग्रामीण व् शहर के शिविरों में अचानक जहां ही वोह चाहेंगे बिना बताये सीधे पहुंच कर वहां चल रहे कामकाज की समीक्षा करेंगे , गहलोत की इस घोषणा से राजस्थान के सभी ३३ जिलों में प्रशासन फुर्ती में हे और सजग व् सतर्क हो गया हे सब के दिमाग में यही बात हे के कहीं मुख्यमंत्री जी हमारे जिले में अचानक ना आ जाये इसलियें सभी स्थानों पर वर्तमान में तेज़ी से काम चल रहा हे , वेसे मुख्यमंत्री की इस घोषणा को प्रशासनिक अधिकारी गीदड़ भभकी ही मान रहे हें उनका मानना हे के जो गरजते हें वोह बरसते नहीं अगर मुख्यमंत्री जी को यही सब कर अचानक छापा मारना था तो फिर वोह इसकी घोषणा लीक क्यूँ करते बस इसीलियें अधिकारी इस घोषणा को ढकोसला मान रहे हे बात भी ही हे के अगर मुख्यमंत्री इस सुचना को बिना लीक करे चाप मारते तो हो सकता हे शिविरों में कई अनियमितताएं पकड़ में आती जो अब सुधारी जायेंगी खेर जनता को तो सुधार चाहिए फिर वोह चाहे मुख्यमंत्री जी के आने से हो या फिर मुख्यमंत्री जी के अचानक आने की घोषणा से हो । अख्तर खान अकेला कोटा राजथान

अब आलू के पानी से बुझेगी प्यास

बेग्यनैकों ने आलू से ऐसा पानी तय्यार क्या हे जो अब लोगों की घर बेठे प्यास बुझाएगा , कई रेगिस्तानी इलाकों में तेज़ गर्मी में अधिक पानी पीने के बाद भी ओगों की प्यास नहीं बुझती हे इसीलियें अब यह फार्मूला निकाला गया हे , आलू से निकला यह पानी लोगों को सरकरी नलों के माध्यम से ही उपलब्ध हो सकेगा , आलू का पानी कोल्ड ड्रिंक्स से भी बहतर साबित होगा ऐसा ही वैज्ञानिकों का कहना हे और इस मामले में उनकी सभी कोशिशें अंतिम चरणों में हे इस कर्ण शीघ्र ही लोगों को अब आलू का पानी प्यास बुझाने के लियें मिलना शुरू हो जायेगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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